ई-मेल लेखन in hindi class 9

  1. Laghu Katha Lekhan
  2. RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र
  3. email lekhan कैसे करें cbse class 10, 9 Email writing in hindi
  4. जानिए ईमेल कैसे लिखें
  5. email lekhan कैसे करें cbse class 10, 9 Email writing in hindi
  6. Laghu Katha Lekhan
  7. जानिए ईमेल कैसे लिखें
  8. RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र
  9. RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र
  10. जानिए ईमेल कैसे लिखें


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Laghu Katha Lekhan

Story Writing in Hindi– इस लेख में हम आपको 10वीं कक्षा के लेखन कौशल के विषय ‘कहानी लेखन (लघु कथा लेखन)’ के बारे में बता रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपकी‘कहानी लेखन (लघु कथा लेखन)’ सम्बंधित सभी कठिनाइयों को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा। भारत में विभिन्न प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं में कहानी लेखन (लघु कथा लेखन) एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता हैं। कहानी लेखन का विषय क्या हो और हमें किसी टॉपिक या विषय पर यदि कुछ लिखना हो तो हम किस प्रकार से कहानी लेखन का कार्य कर सकते हैं इसके लिए कुछ उदाहरणों से सिखने का प्रयास कर सकते हैं– जैसे लालची राजा, सच्चा लकड़हारा, दया का शुभ फल, पिता और पुत्र, मित्र की सलाह, मक्खी का लोभ, मेल की शक्ति, सच्ची जित, मूर्खराज, खरगोश और मेढक, बादशाह और माली, नेकी का बदला, उपकार का बदला, लालची बन्दर आदि। ‘कहानी लेखन (लघु कथा लेखन)’ कहानी-लेखन की परिभाषा– Story Writing in Hindi जीवन की किसी एक घटना के रोचक वर्णन को‘कहानी’ कहते हैं। कहानी सुनने, पढ़ने और लिखने की एक लम्बी परम्परा हर देश में रही है; क्योंकि यह सबके लिए मनोरंजक होती है। बच्चों को कहानी सुनने का बहुत चाव होता है। दादी और नानी की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। इन कहानियों का उद्देश्य मुख्यतः मनोरंजन होता है किन्तु इनसे कुछ-न-कुछ शिक्षा भी मिलती है। कहानी लिखना एक कला है। हर कहानी-लेखक अपने ढंग से कहानी लिखकर उसमें विशेषता पैदा कर देता है। वह अपनी कल्पना और वर्णन-शक्ति से कहानी के कथानक, पात्र या वातावरण को प्रभावशाली बना देता है। लेखक की भाषा-शैली पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है कि कहानी कितनी अच्छी लिखी गई है। कहानी-लेखन के प्रकार – Types of Story Writing in Hindi आकार की दृष्टि से ये कहानियाँ दोनों...

RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र

The questions presented in the RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र-लेखन सामाजिक प्राणी होने से मनुष्य को अपने सम्बन्धियों, मित्रों, पारिवारिकजनों तथा विभिन्न अधिकारियों को पत्र लिखने की आवश्यकता पड़ती है। पत्र-लेखन एक कला है। यह विचार-विनिमय का अच्छा, सरल और सस्ता साधन है। यद्यपि आजकल दूरभाष, तार, ई-मेल, इंटरनेट, मोबाइल फोन आदि के द्वारा भी विभिन्न सूचनाओं एवं समाचारों का आदान-प्रदान सरलता से किया जाता है। फिर भी पत्रों का अपना ही महत्त्व है। लेखन के कारण इनका अपना स्थायी महत्त्व है। इसके साथ ही पत्रों के द्वारा हम अपनी बात विस्तार से, प्रभावी ढंग से, आत्मीयता से व्यक्त कर देते हैं। जिसे पढ़ने वाला अच्छी तरह से समझ लेता है। अधिकारियों तक अपनी बात पहुँचाने, शिकायत करने, आवेदन या प्रार्थना आदि के लिए केवल पत्रों का ही सहारा लिया जा सकता है, अन्य साधन उपयुक्त नहीं माने जाते हैं। इसलिए भी पत्रों का अपना ही महत्त्व है। पत्र-लेखन की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें-पत्र-लेखन की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं • सरलता-पत्र की भाषा सरल, सुबोध तथा स्पष्ट होनी चाहिए। पत्र में लेखक का आशय पूरी तरह से व्यक्त होना अपेक्षित है। • संक्षिप्तता-पत्र लेखन में अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए। बात को स्पष्ट, संक्षेप में लिखना चाहिए। लिखने वाला कह जाए और पढ़ने वाला अच्छी तरह से समझ जाए। • निश्चयात्मकता-पत्र में लेखक को अपनी बात निश्चयपूर्वक कहनी चाहिए। इसके साथ ही सभी बातों को क्रम से लिखना चाहिए, ताकि कोई बात लिखने से छूट न जाए। • शिष्टता-पत्र-लेखन में विनम्र और शिष्ट शब्दावली का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। पत्रों के प्रकार : आवश्यकता और स्थिति के अनुसार पत्र कई प्रकार के होते हैं, किन्तु उन्हें मोटे तौ...

email lekhan कैसे करें cbse class 10, 9 Email writing in hindi

CBSE बोर्ड की क्लास 9th और 10th में 2023-24 से ईमेल राइटिंग email writing पर प्रश्न पूछा जाएगा। ईमेल राइटिंग जी का यह प्रश्न CBSE NCERT 10th की बोर्ड परीक्षा में ढाई अंक का होगा। आपको बता दें कि कक्षा 9th और 10th मे अनुच्छेद-लेखन Anuched Lekhan for class 10 and 9 , लघुकथा-लेखन , विज्ञापन-लेखन, संदेश-लेखन, संवाद-लेखन से प्रश्न भी पूछा जाता है इस पर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो क्लिक करके पढ़ें… पत्र लेखन की तरह ईमेल लेखन है इसके फॉर्मेट के बारे में पूरी जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • Email writing in hindi छात्रों ईमेल राइटिंग लिखना बहुत आसान है। ईमेल राइटिंग का प्रारूप और विषय आपको बस समझ में आना चाहिए। आपको यह बता दे कि आपकी परीक्षा में औपचारिक यानी कि फॉर्मल ईमेल राइटिंग ही पूछा जाएगा. औपचारिक ई मेल ( Formal email) जैसे कि बैंक मैनेजर को पासबुक जारी करने के लिए ई-मेल लिखना, आप एक लाइब्रेरियन है और किताब मगवाना चाहते हैं तो बुक पब्लिशर को आप ईमेल लिखेंगे। ई-मेल की भाषा हिंदी | Email writing in hindi अगर आप हिंदी भाषा पेपर में ईमेल परीक्षा के लिए लिख रहे हैं तो उसकी भाषा हिंदी ही होनी चाहिए। हां आप प्रचलित अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे स्कूल, बस, ट्रेन इत्यादि। ई-मेल (e-mail) 20 से 30 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। जल्दी जानकारी पाने के लिए या डायरेक्ट सूचना और कार्रवाई के लिए ईमेल लिखा जाता है। आज के आधुनिक समय में ईमेल राइटिंग (email writing) की जानकारी बहुत जरूरी हो गया है। हिंदी-भाषा में इसे लिखना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अंग्रेजी की ही तरह हिंदी भाषा में ईमेल राइटिंग ही लिखी जाती है। आप अपने परीक्षा में परीक्ष...

जानिए ईमेल कैसे लिखें

संचार हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, समय के साथ संचार के तरीकों में निरंतर परिवर्तन आया है। प्राचीन काल में संदेशों को कबूतरों जैसे पक्षियों द्वारा आदान-प्रदान किया गया था। पहले के समय में घोड़े की सवारी करके संदेशवाहक संदेश लेकर जाते थे, जिसमें बहुत वक़्त लगता था। फिर फैक्स और उसके बाद पेजर आया जिनमें केवल मैसेज के माध्यम से संचार स्थापित किया जाता था। टेक्नोलॉजी ने और उन्नति करी जिसके बाद फिर डाक के माध्यम से पत्र भेजे जाने लगे। उसी तरह इंटरनेट के माध्यम का उपयोग करके मैसेज इलेक्टॉनिक फॉर्म में भेजे जाने लगे यानि Email जिसे हम इलेक्ट्रॉनिक मेल के नाम से भी जानते हैं। ये एक आधुनिक रूप है पत्र का। इस ब्लॉग में आपको हर तरह की जानकारी मिलेगी जैसे – Email Kya Hai, ईमेल आईडी कैसे बनाएं? ईमेल कैसे लिखें, ईमेल लेखन का फॉरमेट के बारे में जानेंगें। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • CheckOut: ईमेल क्या है? ईमेल का मतलब electronic mail है। ये मेल भेजने का डिजिटल माध्यम है। जिसमें एक यूजर दूसरे यूजर को इंटरनेट का इस्तेमाल करके सन्देश कई मीलों दूर बैठे भी भेजा सकता है। इस ईमेलमें टेक्स्ट, फाइल, पिक्चर या किसी अटैचमेंट के माध्यम से व्यक्तियों या समूहों को भी भेजा जा सकता है। ईमेल के बारे में कुछ बातें • दुनिया का सबसे पहला ईमेल रे टॉमलिंसन ने सन् 1971 में पहली बार भेजा गया था।टॉमलिंसन ने ईमेल खुद को ही भेजा था। एक टेस्ट ईमेल मैसेज के तोर पर, जिसमें उन्होंने कुछ Text लिखे थे, जो की थे “QWERTYUIOP“ @’ साइन का उपयोग करके यूजरनेम को मेल सर्वर के साथ लिंक किया गया था। ईमेल मैसेज को ARPANET के माध्यम से भेजा गया। • ईमेल का अविष्कार किसने किया इस पर काफी विवाद है, शुरुआत में ...

email lekhan कैसे करें cbse class 10, 9 Email writing in hindi

CBSE बोर्ड की क्लास 9th और 10th में 2023-24 से ईमेल राइटिंग email writing पर प्रश्न पूछा जाएगा। ईमेल राइटिंग जी का यह प्रश्न CBSE NCERT 10th की बोर्ड परीक्षा में ढाई अंक का होगा। आपको बता दें कि कक्षा 9th और 10th मे अनुच्छेद-लेखन Anuched Lekhan for class 10 and 9 , लघुकथा-लेखन , विज्ञापन-लेखन, संदेश-लेखन, संवाद-लेखन से प्रश्न भी पूछा जाता है इस पर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो क्लिक करके पढ़ें… पत्र लेखन की तरह ईमेल लेखन है इसके फॉर्मेट के बारे में पूरी जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • Email writing in hindi छात्रों ईमेल राइटिंग लिखना बहुत आसान है। ईमेल राइटिंग का प्रारूप और विषय आपको बस समझ में आना चाहिए। आपको यह बता दे कि आपकी परीक्षा में औपचारिक यानी कि फॉर्मल ईमेल राइटिंग ही पूछा जाएगा. औपचारिक ई मेल ( Formal email) जैसे कि बैंक मैनेजर को पासबुक जारी करने के लिए ई-मेल लिखना, आप एक लाइब्रेरियन है और किताब मगवाना चाहते हैं तो बुक पब्लिशर को आप ईमेल लिखेंगे। ई-मेल की भाषा हिंदी | Email writing in hindi अगर आप हिंदी भाषा पेपर में ईमेल परीक्षा के लिए लिख रहे हैं तो उसकी भाषा हिंदी ही होनी चाहिए। हां आप प्रचलित अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं, जैसे स्कूल, बस, ट्रेन इत्यादि। ई-मेल (e-mail) 20 से 30 शब्दों से अधिक नहीं होना चाहिए। जल्दी जानकारी पाने के लिए या डायरेक्ट सूचना और कार्रवाई के लिए ईमेल लिखा जाता है। आज के आधुनिक समय में ईमेल राइटिंग (email writing) की जानकारी बहुत जरूरी हो गया है। हिंदी-भाषा में इसे लिखना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अंग्रेजी की ही तरह हिंदी भाषा में ईमेल राइटिंग ही लिखी जाती है। आप अपने परीक्षा में परीक्ष...

Laghu Katha Lekhan

Story Writing in Hindi– इस लेख में हम आपको 10वीं कक्षा के लेखन कौशल के विषय ‘कहानी लेखन (लघु कथा लेखन)’ के बारे में बता रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपकी‘कहानी लेखन (लघु कथा लेखन)’ सम्बंधित सभी कठिनाइयों को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा। भारत में विभिन्न प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं में कहानी लेखन (लघु कथा लेखन) एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता हैं। कहानी लेखन का विषय क्या हो और हमें किसी टॉपिक या विषय पर यदि कुछ लिखना हो तो हम किस प्रकार से कहानी लेखन का कार्य कर सकते हैं इसके लिए कुछ उदाहरणों से सिखने का प्रयास कर सकते हैं– जैसे लालची राजा, सच्चा लकड़हारा, दया का शुभ फल, पिता और पुत्र, मित्र की सलाह, मक्खी का लोभ, मेल की शक्ति, सच्ची जित, मूर्खराज, खरगोश और मेढक, बादशाह और माली, नेकी का बदला, उपकार का बदला, लालची बन्दर आदि। ‘कहानी लेखन (लघु कथा लेखन)’ कहानी-लेखन की परिभाषा– Story Writing in Hindi जीवन की किसी एक घटना के रोचक वर्णन को‘कहानी’ कहते हैं। कहानी सुनने, पढ़ने और लिखने की एक लम्बी परम्परा हर देश में रही है; क्योंकि यह सबके लिए मनोरंजक होती है। बच्चों को कहानी सुनने का बहुत चाव होता है। दादी और नानी की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। इन कहानियों का उद्देश्य मुख्यतः मनोरंजन होता है किन्तु इनसे कुछ-न-कुछ शिक्षा भी मिलती है। कहानी लिखना एक कला है। हर कहानी-लेखक अपने ढंग से कहानी लिखकर उसमें विशेषता पैदा कर देता है। वह अपनी कल्पना और वर्णन-शक्ति से कहानी के कथानक, पात्र या वातावरण को प्रभावशाली बना देता है। लेखक की भाषा-शैली पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है कि कहानी कितनी अच्छी लिखी गई है। कहानी-लेखन के प्रकार – Types of Story Writing in Hindi आकार की दृष्टि से ये कहानियाँ दोनों...

जानिए ईमेल कैसे लिखें

संचार हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, समय के साथ संचार के तरीकों में निरंतर परिवर्तन आया है। प्राचीन काल में संदेशों को कबूतरों जैसे पक्षियों द्वारा आदान-प्रदान किया गया था। पहले के समय में घोड़े की सवारी करके संदेशवाहक संदेश लेकर जाते थे, जिसमें बहुत वक़्त लगता था। फिर फैक्स और उसके बाद पेजर आया जिनमें केवल मैसेज के माध्यम से संचार स्थापित किया जाता था। टेक्नोलॉजी ने और उन्नति करी जिसके बाद फिर डाक के माध्यम से पत्र भेजे जाने लगे। उसी तरह इंटरनेट के माध्यम का उपयोग करके मैसेज इलेक्टॉनिक फॉर्म में भेजे जाने लगे यानि Email जिसे हम इलेक्ट्रॉनिक मेल के नाम से भी जानते हैं। ये एक आधुनिक रूप है पत्र का। इस ब्लॉग में आपको हर तरह की जानकारी मिलेगी जैसे – Email Kya Hai, ईमेल आईडी कैसे बनाएं? ईमेल कैसे लिखें, ईमेल लेखन का फॉरमेट के बारे में जानेंगें। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • CheckOut: ईमेल क्या है? ईमेल का मतलब electronic mail है। ये मेल भेजने का डिजिटल माध्यम है। जिसमें एक यूजर दूसरे यूजर को इंटरनेट का इस्तेमाल करके सन्देश कई मीलों दूर बैठे भी भेजा सकता है। इस ईमेलमें टेक्स्ट, फाइल, पिक्चर या किसी अटैचमेंट के माध्यम से व्यक्तियों या समूहों को भी भेजा जा सकता है। ईमेल के बारे में कुछ बातें • दुनिया का सबसे पहला ईमेल रे टॉमलिंसन ने सन् 1971 में पहली बार भेजा गया था।टॉमलिंसन ने ईमेल खुद को ही भेजा था। एक टेस्ट ईमेल मैसेज के तोर पर, जिसमें उन्होंने कुछ Text लिखे थे, जो की थे “QWERTYUIOP“ @’ साइन का उपयोग करके यूजरनेम को मेल सर्वर के साथ लिंक किया गया था। ईमेल मैसेज को ARPANET के माध्यम से भेजा गया। • ईमेल का अविष्कार किसने किया इस पर काफी विवाद है, शुरुआत में ...

RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र

The questions presented in the RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र-लेखन सामाजिक प्राणी होने से मनुष्य को अपने सम्बन्धियों, मित्रों, पारिवारिकजनों तथा विभिन्न अधिकारियों को पत्र लिखने की आवश्यकता पड़ती है। पत्र-लेखन एक कला है। यह विचार-विनिमय का अच्छा, सरल और सस्ता साधन है। यद्यपि आजकल दूरभाष, तार, ई-मेल, इंटरनेट, मोबाइल फोन आदि के द्वारा भी विभिन्न सूचनाओं एवं समाचारों का आदान-प्रदान सरलता से किया जाता है। फिर भी पत्रों का अपना ही महत्त्व है। लेखन के कारण इनका अपना स्थायी महत्त्व है। इसके साथ ही पत्रों के द्वारा हम अपनी बात विस्तार से, प्रभावी ढंग से, आत्मीयता से व्यक्त कर देते हैं। जिसे पढ़ने वाला अच्छी तरह से समझ लेता है। अधिकारियों तक अपनी बात पहुँचाने, शिकायत करने, आवेदन या प्रार्थना आदि के लिए केवल पत्रों का ही सहारा लिया जा सकता है, अन्य साधन उपयुक्त नहीं माने जाते हैं। इसलिए भी पत्रों का अपना ही महत्त्व है। पत्र-लेखन की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें-पत्र-लेखन की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं • सरलता-पत्र की भाषा सरल, सुबोध तथा स्पष्ट होनी चाहिए। पत्र में लेखक का आशय पूरी तरह से व्यक्त होना अपेक्षित है। • संक्षिप्तता-पत्र लेखन में अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए। बात को स्पष्ट, संक्षेप में लिखना चाहिए। लिखने वाला कह जाए और पढ़ने वाला अच्छी तरह से समझ जाए। • निश्चयात्मकता-पत्र में लेखक को अपनी बात निश्चयपूर्वक कहनी चाहिए। इसके साथ ही सभी बातों को क्रम से लिखना चाहिए, ताकि कोई बात लिखने से छूट न जाए। • शिष्टता-पत्र-लेखन में विनम्र और शिष्ट शब्दावली का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। पत्रों के प्रकार : आवश्यकता और स्थिति के अनुसार पत्र कई प्रकार के होते हैं, किन्तु उन्हें मोटे तौ...

RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र

The questions presented in the RBSE Class 9 Hindi Rachana पत्र-लेखन सामाजिक प्राणी होने से मनुष्य को अपने सम्बन्धियों, मित्रों, पारिवारिकजनों तथा विभिन्न अधिकारियों को पत्र लिखने की आवश्यकता पड़ती है। पत्र-लेखन एक कला है। यह विचार-विनिमय का अच्छा, सरल और सस्ता साधन है। यद्यपि आजकल दूरभाष, तार, ई-मेल, इंटरनेट, मोबाइल फोन आदि के द्वारा भी विभिन्न सूचनाओं एवं समाचारों का आदान-प्रदान सरलता से किया जाता है। फिर भी पत्रों का अपना ही महत्त्व है। लेखन के कारण इनका अपना स्थायी महत्त्व है। इसके साथ ही पत्रों के द्वारा हम अपनी बात विस्तार से, प्रभावी ढंग से, आत्मीयता से व्यक्त कर देते हैं। जिसे पढ़ने वाला अच्छी तरह से समझ लेता है। अधिकारियों तक अपनी बात पहुँचाने, शिकायत करने, आवेदन या प्रार्थना आदि के लिए केवल पत्रों का ही सहारा लिया जा सकता है, अन्य साधन उपयुक्त नहीं माने जाते हैं। इसलिए भी पत्रों का अपना ही महत्त्व है। पत्र-लेखन की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें-पत्र-लेखन की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं • सरलता-पत्र की भाषा सरल, सुबोध तथा स्पष्ट होनी चाहिए। पत्र में लेखक का आशय पूरी तरह से व्यक्त होना अपेक्षित है। • संक्षिप्तता-पत्र लेखन में अनावश्यक विस्तार से बचना चाहिए। बात को स्पष्ट, संक्षेप में लिखना चाहिए। लिखने वाला कह जाए और पढ़ने वाला अच्छी तरह से समझ जाए। • निश्चयात्मकता-पत्र में लेखक को अपनी बात निश्चयपूर्वक कहनी चाहिए। इसके साथ ही सभी बातों को क्रम से लिखना चाहिए, ताकि कोई बात लिखने से छूट न जाए। • शिष्टता-पत्र-लेखन में विनम्र और शिष्ट शब्दावली का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। पत्रों के प्रकार : आवश्यकता और स्थिति के अनुसार पत्र कई प्रकार के होते हैं, किन्तु उन्हें मोटे तौ...

जानिए ईमेल कैसे लिखें

संचार हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, समय के साथ संचार के तरीकों में निरंतर परिवर्तन आया है। प्राचीन काल में संदेशों को कबूतरों जैसे पक्षियों द्वारा आदान-प्रदान किया गया था। पहले के समय में घोड़े की सवारी करके संदेशवाहक संदेश लेकर जाते थे, जिसमें बहुत वक़्त लगता था। फिर फैक्स और उसके बाद पेजर आया जिनमें केवल मैसेज के माध्यम से संचार स्थापित किया जाता था। टेक्नोलॉजी ने और उन्नति करी जिसके बाद फिर डाक के माध्यम से पत्र भेजे जाने लगे। उसी तरह इंटरनेट के माध्यम का उपयोग करके मैसेज इलेक्टॉनिक फॉर्म में भेजे जाने लगे यानि Email जिसे हम इलेक्ट्रॉनिक मेल के नाम से भी जानते हैं। ये एक आधुनिक रूप है पत्र का। इस ब्लॉग में आपको हर तरह की जानकारी मिलेगी जैसे – Email Kya Hai, ईमेल आईडी कैसे बनाएं? ईमेल कैसे लिखें, ईमेल लेखन का फॉरमेट के बारे में जानेंगें। This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • CheckOut: ईमेल क्या है? ईमेल का मतलब electronic mail है। ये मेल भेजने का डिजिटल माध्यम है। जिसमें एक यूजर दूसरे यूजर को इंटरनेट का इस्तेमाल करके सन्देश कई मीलों दूर बैठे भी भेजा सकता है। इस ईमेलमें टेक्स्ट, फाइल, पिक्चर या किसी अटैचमेंट के माध्यम से व्यक्तियों या समूहों को भी भेजा जा सकता है। ईमेल के बारे में कुछ बातें • दुनिया का सबसे पहला ईमेल रे टॉमलिंसन ने सन् 1971 में पहली बार भेजा गया था।टॉमलिंसन ने ईमेल खुद को ही भेजा था। एक टेस्ट ईमेल मैसेज के तोर पर, जिसमें उन्होंने कुछ Text लिखे थे, जो की थे “QWERTYUIOP“ @’ साइन का उपयोग करके यूजरनेम को मेल सर्वर के साथ लिंक किया गया था। ईमेल मैसेज को ARPANET के माध्यम से भेजा गया। • ईमेल का अविष्कार किसने किया इस पर काफी विवाद है, शुरुआत में ...