ई-मेल लेखन उदाहरण class 10

  1. Hindi Essay on “E
  2. सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण
  3. सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण
  4. Hindi Essay on “E
  5. Hindi Essay on “E
  6. सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण
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  8. Hindi Essay on “E
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  10. सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण


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Hindi Essay on “E

ई-मेल के लाभ E-mail ke Labh ’ई-मेल’, इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्तिकरण है। इलेक्ट्रॉनिक संचार साधनों के द्वारा पत्र-व्यवहार को इलेक्ट्राॅनिक मेल कहते हैं। इन्टरनेट के चलन से आजकल अपने संदेशों के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल का व्यवहार व्यापक स्तर पर हो रहा है। इस प्रकार के इलेक्ट्राॅनिक पत्र-व्यवहार से समय एवं धन दोनों की बचत होती है। ई-मेल द्रुतगति का पत्र-व्यवहार है। इसमें सेकण्ड के कुछ हिस्से में ही संदेश दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने मे पलक झपकते ही पहंुच जाता है। वस्तुतः ई-मेल कम्प्यूटर नेटवर्क पर उपलब्ध डाक सुविधा का एक विस्तृत रूप है। जब कई स्थानों पर उपलब्ध कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़ते हैं तो उनमें सन्देशों का आदान-प्रदान बड़ा ही सहज हो जाता है। इन्टरनेट नेटवर्कांे का नेटवर्क है अर्थात उसमें छोटे-छोटे नेटवर्कों का परस्पर संबंधित बड़ा नेटवर्क है, इसलिए इसमें भी प्रयोगकर्ता एक-दूसरे से बहुत ही सुविधाजनक तरीके से पत्र-व्यवहार कर सकते हैं। सामान्य पत्र व्यवहार की तरह इलैक्ट्राॅनिक मेल में भी सन्देशों के परस्पर आदान-प्रदान के लिए पते-ठिकाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए यदि कही ई-मेल के द्वारा कोई सन्देश भेजना होता है तो सर्वप्रथम उस पते की आवश्यकता होती है जहां पर सन्देश भेजना है। इन्टरनेट से ई-मेल के आदान-प्रदान की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अपने संदेश को इन्टरनेट से जुड़े किसी भी कम्प्यूटर से प्राप्त किया जा सकता है और भेजा जा सकता है, वह विश्व में कही पर भी स्थित हो। आज ई-मेल का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पहले ई-मेल का प्रयोग छोटे-छोटे संदेशों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता था किन्तु आजकल दस्तावेजों के आदान-प्रदान और ग्राफिक्स या दृश्य सामग्री के आदान-प्रदान के लिए ई...

सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण

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ई-मेल के लाभ E-mail ke Labh ’ई-मेल’, इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्तिकरण है। इलेक्ट्रॉनिक संचार साधनों के द्वारा पत्र-व्यवहार को इलेक्ट्राॅनिक मेल कहते हैं। इन्टरनेट के चलन से आजकल अपने संदेशों के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल का व्यवहार व्यापक स्तर पर हो रहा है। इस प्रकार के इलेक्ट्राॅनिक पत्र-व्यवहार से समय एवं धन दोनों की बचत होती है। ई-मेल द्रुतगति का पत्र-व्यवहार है। इसमें सेकण्ड के कुछ हिस्से में ही संदेश दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने मे पलक झपकते ही पहंुच जाता है। वस्तुतः ई-मेल कम्प्यूटर नेटवर्क पर उपलब्ध डाक सुविधा का एक विस्तृत रूप है। जब कई स्थानों पर उपलब्ध कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़ते हैं तो उनमें सन्देशों का आदान-प्रदान बड़ा ही सहज हो जाता है। इन्टरनेट नेटवर्कांे का नेटवर्क है अर्थात उसमें छोटे-छोटे नेटवर्कों का परस्पर संबंधित बड़ा नेटवर्क है, इसलिए इसमें भी प्रयोगकर्ता एक-दूसरे से बहुत ही सुविधाजनक तरीके से पत्र-व्यवहार कर सकते हैं। सामान्य पत्र व्यवहार की तरह इलैक्ट्राॅनिक मेल में भी सन्देशों के परस्पर आदान-प्रदान के लिए पते-ठिकाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए यदि कही ई-मेल के द्वारा कोई सन्देश भेजना होता है तो सर्वप्रथम उस पते की आवश्यकता होती है जहां पर सन्देश भेजना है। इन्टरनेट से ई-मेल के आदान-प्रदान की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अपने संदेश को इन्टरनेट से जुड़े किसी भी कम्प्यूटर से प्राप्त किया जा सकता है और भेजा जा सकता है, वह विश्व में कही पर भी स्थित हो। आज ई-मेल का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पहले ई-मेल का प्रयोग छोटे-छोटे संदेशों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता था किन्तु आजकल दस्तावेजों के आदान-प्रदान और ग्राफिक्स या दृश्य सामग्री के आदान-प्रदान के लिए ई...

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ई-मेल के लाभ E-mail ke Labh ’ई-मेल’, इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्तिकरण है। इलेक्ट्रॉनिक संचार साधनों के द्वारा पत्र-व्यवहार को इलेक्ट्राॅनिक मेल कहते हैं। इन्टरनेट के चलन से आजकल अपने संदेशों के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल का व्यवहार व्यापक स्तर पर हो रहा है। इस प्रकार के इलेक्ट्राॅनिक पत्र-व्यवहार से समय एवं धन दोनों की बचत होती है। ई-मेल द्रुतगति का पत्र-व्यवहार है। इसमें सेकण्ड के कुछ हिस्से में ही संदेश दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने मे पलक झपकते ही पहंुच जाता है। वस्तुतः ई-मेल कम्प्यूटर नेटवर्क पर उपलब्ध डाक सुविधा का एक विस्तृत रूप है। जब कई स्थानों पर उपलब्ध कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़ते हैं तो उनमें सन्देशों का आदान-प्रदान बड़ा ही सहज हो जाता है। इन्टरनेट नेटवर्कांे का नेटवर्क है अर्थात उसमें छोटे-छोटे नेटवर्कों का परस्पर संबंधित बड़ा नेटवर्क है, इसलिए इसमें भी प्रयोगकर्ता एक-दूसरे से बहुत ही सुविधाजनक तरीके से पत्र-व्यवहार कर सकते हैं। सामान्य पत्र व्यवहार की तरह इलैक्ट्राॅनिक मेल में भी सन्देशों के परस्पर आदान-प्रदान के लिए पते-ठिकाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए यदि कही ई-मेल के द्वारा कोई सन्देश भेजना होता है तो सर्वप्रथम उस पते की आवश्यकता होती है जहां पर सन्देश भेजना है। इन्टरनेट से ई-मेल के आदान-प्रदान की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अपने संदेश को इन्टरनेट से जुड़े किसी भी कम्प्यूटर से प्राप्त किया जा सकता है और भेजा जा सकता है, वह विश्व में कही पर भी स्थित हो। आज ई-मेल का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पहले ई-मेल का प्रयोग छोटे-छोटे संदेशों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता था किन्तु आजकल दस्तावेजों के आदान-प्रदान और ग्राफिक्स या दृश्य सामग्री के आदान-प्रदान के लिए ई...

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ई-मेल के लाभ E-mail ke Labh ’ई-मेल’, इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्तिकरण है। इलेक्ट्रॉनिक संचार साधनों के द्वारा पत्र-व्यवहार को इलेक्ट्राॅनिक मेल कहते हैं। इन्टरनेट के चलन से आजकल अपने संदेशों के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल का व्यवहार व्यापक स्तर पर हो रहा है। इस प्रकार के इलेक्ट्राॅनिक पत्र-व्यवहार से समय एवं धन दोनों की बचत होती है। ई-मेल द्रुतगति का पत्र-व्यवहार है। इसमें सेकण्ड के कुछ हिस्से में ही संदेश दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने मे पलक झपकते ही पहंुच जाता है। वस्तुतः ई-मेल कम्प्यूटर नेटवर्क पर उपलब्ध डाक सुविधा का एक विस्तृत रूप है। जब कई स्थानों पर उपलब्ध कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़ते हैं तो उनमें सन्देशों का आदान-प्रदान बड़ा ही सहज हो जाता है। इन्टरनेट नेटवर्कांे का नेटवर्क है अर्थात उसमें छोटे-छोटे नेटवर्कों का परस्पर संबंधित बड़ा नेटवर्क है, इसलिए इसमें भी प्रयोगकर्ता एक-दूसरे से बहुत ही सुविधाजनक तरीके से पत्र-व्यवहार कर सकते हैं। सामान्य पत्र व्यवहार की तरह इलैक्ट्राॅनिक मेल में भी सन्देशों के परस्पर आदान-प्रदान के लिए पते-ठिकाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए यदि कही ई-मेल के द्वारा कोई सन्देश भेजना होता है तो सर्वप्रथम उस पते की आवश्यकता होती है जहां पर सन्देश भेजना है। इन्टरनेट से ई-मेल के आदान-प्रदान की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अपने संदेश को इन्टरनेट से जुड़े किसी भी कम्प्यूटर से प्राप्त किया जा सकता है और भेजा जा सकता है, वह विश्व में कही पर भी स्थित हो। आज ई-मेल का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पहले ई-मेल का प्रयोग छोटे-छोटे संदेशों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता था किन्तु आजकल दस्तावेजों के आदान-प्रदान और ग्राफिक्स या दृश्य सामग्री के आदान-प्रदान के लिए ई...

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ई-मेल के लाभ E-mail ke Labh ’ई-मेल’, इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्तिकरण है। इलेक्ट्रॉनिक संचार साधनों के द्वारा पत्र-व्यवहार को इलेक्ट्राॅनिक मेल कहते हैं। इन्टरनेट के चलन से आजकल अपने संदेशों के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल का व्यवहार व्यापक स्तर पर हो रहा है। इस प्रकार के इलेक्ट्राॅनिक पत्र-व्यवहार से समय एवं धन दोनों की बचत होती है। ई-मेल द्रुतगति का पत्र-व्यवहार है। इसमें सेकण्ड के कुछ हिस्से में ही संदेश दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने मे पलक झपकते ही पहंुच जाता है। वस्तुतः ई-मेल कम्प्यूटर नेटवर्क पर उपलब्ध डाक सुविधा का एक विस्तृत रूप है। जब कई स्थानों पर उपलब्ध कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़ते हैं तो उनमें सन्देशों का आदान-प्रदान बड़ा ही सहज हो जाता है। इन्टरनेट नेटवर्कांे का नेटवर्क है अर्थात उसमें छोटे-छोटे नेटवर्कों का परस्पर संबंधित बड़ा नेटवर्क है, इसलिए इसमें भी प्रयोगकर्ता एक-दूसरे से बहुत ही सुविधाजनक तरीके से पत्र-व्यवहार कर सकते हैं। सामान्य पत्र व्यवहार की तरह इलैक्ट्राॅनिक मेल में भी सन्देशों के परस्पर आदान-प्रदान के लिए पते-ठिकाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए यदि कही ई-मेल के द्वारा कोई सन्देश भेजना होता है तो सर्वप्रथम उस पते की आवश्यकता होती है जहां पर सन्देश भेजना है। इन्टरनेट से ई-मेल के आदान-प्रदान की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अपने संदेश को इन्टरनेट से जुड़े किसी भी कम्प्यूटर से प्राप्त किया जा सकता है और भेजा जा सकता है, वह विश्व में कही पर भी स्थित हो। आज ई-मेल का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पहले ई-मेल का प्रयोग छोटे-छोटे संदेशों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता था किन्तु आजकल दस्तावेजों के आदान-प्रदान और ग्राफिक्स या दृश्य सामग्री के आदान-प्रदान के लिए ई...

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