इस महीने की चौथ कब है 2023

  1. तिल चौथ माही चौथ सकट चौथ 2023 व्रत विधि
  2. चौथ कब की है जून में
  3. Sakat Chauth 2023 Date and Timing: कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व
  4. Sakat Chauth 2023: संतान की लंबी उम्र और सुख
  5. हिंदी कैलेंडर मई 2023 [वैशाख
  6. Vaisakh Month 2023: कब से शुरू हो रहा है वैशाख का महीना? जानें महत्व, पूजा विधि, मंत्र, कथा और नियम
  7. Chaitra Month 2023 Start Date Significance Hindu Calendar First Month Chaitra Maas Rules


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तिल चौथ माही चौथ सकट चौथ 2023 व्रत विधि

तिल चौथ Til Chauth का व्रत माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन किया जाता है। इसे माही चौथ Mahi Chauth व सकट चौथ sakat Chauth के नाम से भी जाना जाता है। सकट शब्द संकट का अपभ्रंश हैं। गणेश जी ने इस दिन देवताओं की मदद करके उनका संकट दूर किया था। तब इस दिन गणेश जी तथा चौथ माता की पूजा की जाती है। तिलकुट्टा बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है। शाम के समय चाँद निकलने पर चाँद को अर्ध्य दिया जाता है। उसके बाद व्रत खोल जाता है। व्रत खोलने के लिए पहले तिलकुट्टा खाते है , फिर भोजन किया जाता है। तिल चौथ , माही चौथ , संकट चौथ 2023 कब है Tilkuta chauth kab he इस वर्ष तिल चौथ जिसे तिलकुटा चौथ Tilkuta chauth या संकष्ट चतुर्थी sankasht chaturthi के नाम से भी जाना जाता है , इस दिन है 10 जनवरी 2023 , मंगलवार तिल चौथ से एक दिन पहले ही यानि तीज के दिन सिर धोना चाहिए या मेहंदी लगाना आदि कर लेने चाहिए । चाहे तो तिलकुट्टा भी तीज के दिन ही बना कर रख सकते है। ( इसे भी पढ़ें : तिलकुट्टा बनाने की विधि – Tilkutta vidhi सामग्री : सफ़ेद तिल – 200 ग्राम गुड़ या बूरा – 125 ग्राम विधि : सफ़ेद तिल को साफ करके सेक लें। ठंडा होने पर ग्राइंडर में मोटा पीस लें इसे बारीक नहीं करना है । गुड़ को कददू कस करके तिल के साथ ग्राइंडर में एक बार थोड़ा सा घूम कर मिक्स कर लें। तिलकुट्टा तैयार है। चाहें तो गुड़ की जगह बूरा चीनी भी डाली जा सकती है। ( इसे भी पढ़ें : तिल चौथ की पूजा विधि – Til Chauth pooja vidhi — एक पट्टा धोकर साफ कर लें। उस पर साफ कपड़ा बिछा दें। — पाटे पर थोड़े गेंहू व गणेश जी की प्रतिमा या फोटो रखे। — एक लोटा पानी से भरकर पाटे पर रखें। — एक पूजा की थाली तैयार करें। इसमें रोली , चावल , लच्छा , मेहंदी , थोड़े — पाटे पर ...

चौथ कब की है जून में

• • • • चौथ कब की है June महीने में कृष्ण पक्ष चौथ 7 तारीख को है और इस दिन बुधवार है. शुक्ल पक्ष की चौथ इस माह में 22 तारीख को है तथा इस दिन गुरुवार है. तिथि तारीख दिन/वार शुक्ल पक्ष चौथ कब की है जून में (चानणी) 22 जून 2023 गुरुवार कृष्ण पक्ष चौथ कब की है जून में (अँधेरी) 7 जून 2023 बुधवार तिथि से जुड़े सवाल:- इस महीने में आने वाली पहली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बुधवार तथा दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गुरुवार है. आशा करती हूँ की मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको पता चल गया होगा की जून माह में चौथ कब की है और शुक्ल पक्ष व कृष्ण पक्ष की चतुर्थी किस दिन है. तो इस महीने में 7 तारीख और 22 तारीख को चतुर्थी है. यह भी पढ़े:

Sakat Chauth 2023 Date and Timing: कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

• • Faith Hindi • Sakat Chauth 2023 Date and Timing: कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व Sakat Chauth 2023 Date and Timing: कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और इसका महत्व Sakat Chauth 2023: सकट चौथ के दिन महिलाएं व्रत रखती है और भगवान गणेश का पूजन करती हैं. यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखती हैं. Sakat Chauth 2023 Date and Timing: नए साल की शुरुआत होते ही पहले महीने में कई व्रत व त्योहार आने वाले हैं. इस माह आने वाले व्रतों का अपना विशेष महत्व है और इसमें सकट चौथ का व्रत सबसे खास माना गया है. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है और इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ उनका व्रत किया जाता है. सकट चौथ को गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है. सकट चौथ के दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य की कामना से व्रत करती हैं. आइए जानते हैं इस बार कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत? Also Read: • • • सकट चौथ 2023 डेट और मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश जी का व्रत रखा जाता है. माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ कहा जाता है. यह तिथि इस बार 10 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर शुरू होगी और 11 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर इसका समापन होगा. इस व्रत में चंद्रोदय का विशेष महत्व है क्योंकि रात्रि के समय चंद्रमा को जल देकर ही व्रत खोला जाता है. इसलिए यह व्रत 10 जनवरी के दिन रखा जाएगा. इस दिन चंद्रोदय रात 8 बजकर 41 मिनट पर होगा. सकट चौथ का महत्व हिंदू धर्म में सकट चौथ का विशेष महत्व है और यह दिन भगवान गणेश को समर्पित है. इस दिन महि...

Sakat Chauth 2023: संतान की लंबी उम्र और सुख

डीएनए हिंदीः Sakat Chauth 2023 Date,Time And Significance- हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी यानी सकट चौथ मनाया जाता है. व्रती महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना के साथ यह व्रत (Sakat Chauth 2023) रखती हैं. यह खास दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित है. संकष्टी चतुर्थी को सकट चौथ, तिल-कुट चौथ, वक्र-टुंडी चतुर्थी और माघी चौथ के नाम से भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और सकट चौथ का व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और विघ्नहर्ता श्री गणपति जी के आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. चलिए जानते हैं कब है सकट चौथ क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. सकट चौथ तिथि व शुभ मुहूर्त (Sakat Chauth 2023 Date, Time or Shubh Muhurat) इस बार सकट चौथ 10 जनवरी 2023 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन चतुर्थी तिथि दोपहर 12 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा, जो कि अगले दिन यानी 11 जनवरी दिन बुधवार को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगा. सकट चौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 41 मिनट पर है. यह भी पढ़ें - सकट चौथ पूजा विधि (Sakat Chauth 2023 Puja Vidhi) इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर भगवान गणेश की प्रतिमा को पूजा की चौकी पर स्थापित करें. गणेश जी के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति जरूर रखें. इसके बाद रोली और अक्षत लगाकर पुष्प, दूर्वा, मोदक आदि अर्पित करें. सकट चौथ में तिल का विशेष महत्व होता है. इसलिए इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू का भोग लगाएं. इस मंत्र का करें जाप (Sakat Chauth 2023 Mantra) सकट चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय ॐ गं गणप...

हिंदी कैलेंडर मई 2023 [वैशाख

|| हिंदी कैलेंडर मई 2023 [वैशाख – ज्येष्ठ] 2080 , विक्रम सम्वत | May calendar in Hindi 2023 | | 2023 में मजदूर दिवस कब है? (Majdur diwas 2023 | May 2023 ka Hindu calendar || May calendar in Hindi 2023 :- मई का महीना ऐसा होता है जो स्कूल में पढ़ रहे छात्रों के लिए बहुत ही आनंद वाला महीना कहलाया जाता है। वह इसलिए क्योंकि इस महीने में अधिकांश बच्चे अपने स्कूल की छुट्टियों का आनंद उठा रहे होते हैं और उनकी कक्षाएं समाप्त हो जाती (May calendar 2023) है। एक तरह से इस महीने में उनकी गर्मियों की छुट्टियाँ चालू हो चुकी होती है या चालू होने ही वाली होती है। ऐसे में इस महीने में जो भी त्यौहार पड़ते हैं उन्हें वे बहुत ही आनंद के साथ मनाते हैं और उनके माता पिता यहाँ वहां घूमने जाने का भी प्लान कर रहे होते हैं। मई के महीने में ना केवल त्यौहार पड़ते हैं बल्कि कई महापुरुषों की जयंती या बलिदान दिवस भी पड़ते हैं, इसी के साथ ही राष्ट्रीय महत्व के कई दिनों को भी इस महीने में आयोजित किया जाता है। इसी कारण से मई महीने का प्रचलन हर महीने की अपेक्षा में बढ़ जाता है और हर कोई इन दिनों के लिए स्पेशल तैयारी करके रखता (May 2023 ka Hindu calendar) है। ऐसे में आपके मन में भी मई महीने को लेकर तरह तरह की जिज्ञासाएं उठ रही होंगी और आप इसके बारे में जानना चाहते होंगे। 1.14 प्रश्न: 2023 में हिंदू नव वर्ष कब आएगा? मई महीने का कैलेंडर 2023 (May calendar in Hindi 2023) जैसा कि हमने आपको ऊपर ही बताया की मई का महीना शुरू होते ही कई तरह के विशेष दिवस व त्यौहार पड़ रहे हैं तो उसकी शुरुआत एक तारीख से ही हो जाती है अर्थात 1 मई को ही त्यौहार भी पड़ रहा है और एक विशेष दिवस भी जिसके ऊपर हमारा जीवन निर्भर करता (May 2023 ...

Vaisakh Month 2023: कब से शुरू हो रहा है वैशाख का महीना? जानें महत्व, पूजा विधि, मंत्र, कथा और नियम

Vaisakh Month 2023 Ke Bare Mein: हिन्दू पंचाग के अनुसार, हिन्दू वर्ष का दूसरा महीना वैशाख का होता है। इस साल वैशाख माह की शुरुआत 21 अप्रैल, दिन शुक्रवार से होगी। वहीं, इस महीने का समापन 21 मई, दिन रविवार को होगा। हिन्दू धर्म में वैशाख के महीने को अत्यंत पावन माना जाता है। यह महीना ब्रह्मा और भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं वैशाख माह के महत्व, पूजा विधि, मंत्र, कथा और नियम के बारे में। वैशाख माह का महत्व • शास्त्रों और धर्म-ग्रंथों के अनुसार, वैशाख के महीने में पाप कर्मों से मुक्ति पाने के लिए स्नान-दान को पुण्यकारी माना जाता है। धर्म-कर्म के लिहाज से भी यह माह बहुत ही श्रेष्ठ और उत्तम माना गया है। • ऐसी मान्यता है कि वैशाख के महीने में भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) के साथ ही भगवान शिव और ब्रह्मा जी यानी त्रिदेव की पूजा हर कार्य में तीन गुना अधिक शुभ फल प्राप्त होता है। • त्रिदेवों की कृपा से जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है और व्यक्ति को मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। इसे जरूर पढ़ें: वैशाख माह की पूजा • प्रातः उठकर स्नान कर लें। संभव हो तो नदी में स्नान करें। स्नान के बाद अपने इष्ट देव का ध्यान करें। अपने इष्ट को स्नान कराएं और उनका श्रृंगार करें। • अपने इष्ट को नए वस्त्र पहनाएं। अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप करें। अपने इष्ट देव को भोग लगाएं। अपने इष्ट देव की आरती गाएं। अंत में भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें। वैशाख माह के मंत्र • ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः। इस मंत्र के जाप से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। • ॐ क्लीं कृष्णाय नमः। इस मंत्र के जाप से संतान ...

Chaitra Month 2023 Start Date Significance Hindu Calendar First Month Chaitra Maas Rules

Chaitra Month 2023: चैत्र का महीना कब से होगा शुरू? हिंदू कैलेंडर के पहले महीने का महत्व और नियम, यहां जानें Chaitra Month 2023: फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन के बाद चैत्र महीने की शुरुआत हो जाती है. जानते हैं इस साल चैत्र महीना कब से शुरू, क्या है इसका महत्व, इस महीने में किन देवी- देवताओं की पूजा करें. Chaitra Month 2023: हिंदू धर्म में चैत्र महीने को बहुत खास माना जाता है, क्योंकि इस माह से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है.चैत्र महीने को ही हिन्दू कैलेंडर का पहला महीना भी माना जाता है. मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही संसार की रचना आरंभ की थी. फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन के बाद चैत्र महीने की शुरुआत हो जाती है. पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान के लिहाज से चैत्र मास का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं इस साल चैत्र महीना कब से शुरू हो रहा है, क्या है इसका महत्व, इस महीने में किन देवी- देवताओं की पूजा करें. चैत्र माह 2023 कब से शुरू ? (Chaitra Month 2023 Date) कैसे पड़ा हिंदू कैलेंडर के पहले महीने का नाम चैत्र ? शास्त्रों के अनुसार चैत्र महीने के आखिरी दिन यानी कि पूर्णिमा को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है इसलिए इस महीने का नाम चैत्र रखा गया. इस दौरान चंद्र ग्रह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करते है. ये महीना भक्ति और संयम का माना जाता है. इस महीने से ही वसंत ऋतु विदा और ग्रीष्म ऋतु आरंभ होती है. चैत्र माह महत्व (Chaitra Month Significance) धर्म ग्रंथों के अनुसार चैत्र माह में ही भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लिया था. श्रीहरि ने प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु की नौका को सुरक्षित स्थान पर प...