इस महीने की एकादशी कब है 2023

  1. Shattila Ekadashi 2023 When Is Shattila Ekadashi In The New Year 2023 Know Date Auspicious Time Worship Method And Importance Here
  2. Devshayani Ekadashi 2023 Date Time Ashadha Ekadashi Lord Vishnu Sleep Chaturmas Start
  3. Devshayani Ekadashi 2023: कब है देवशयनी एकादशी? बनारस के ज्‍योतिषी से जानें व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त
  4. Vijaya ekadashi 2023 date bhagwaan ram fasted falgun ekadashi vrat katha vijaya ekadashi significance rncr
  5. Chaturmas 2023: Chaturmas from this date devshayani ekadashi of June is very special
  6. Yogini Ekadashi 2023 Vrat Paran Time And Date Know How To Do Vrat Paran


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Shattila Ekadashi 2023 When Is Shattila Ekadashi In The New Year 2023 Know Date Auspicious Time Worship Method And Importance Here

Shattila Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में व्रत, अनुष्ठान, स्नान-दान इत्यादि की दृष्टि से बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस महीने में व्रत और दान इत्यादि करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही इस महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली षटतिला एकादशी का भी खास धार्मिक महत्व है. नए साल 2023 में षटतिला एकादशी 18 जनवरी 2023 को पड़ने वाली है. षटतिला एकादशी को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद तिल या उससे बनी वस्तुओं का दान करना मोक्षदायी होता है. आइए जानते हैं कि माघ मास में षटतिला एकादशी कब है और इसके लिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व क्या है. दृक पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की षटतिला एकादशी तिथि 17 जनवरी 2023 दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी, अगले दिन 18 जनवरी 2023 को बुधवार को शाम 4 बजकर 03 मिनट पर ये समाप्त होगी. ऐसे में एकादशी व्रत उदया तिथि में 18 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. षटतिला एकादशी व्रत का पारण समय - सुबह 07:14 - सुबह 09: 21 (19 जनवरी 2023) षटतिला एकादशी का महत्व | Shattila Ekadashi Importance पद्मपुराण के अनुसार श्री कृष्ण, युधिष्ठिर को इस एकादशी की महिमा बताते हुए कहते हैं कि हे नृपश्रेष्ठ! माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी 'षटतिला' या 'पापहारिणी'के नाम से विख्यात है,जो समस्त पापों का नाश करती है. जितना पुण्य कन्यादान, हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्ण दान से मिलता है, उससे अधिक फल प्राणी को षटतिला एकादशी का व्रत करने से मिलता है. यह व्रत परिवार के विकास में सहायक होता है और मृत्यु के बाद व्रती को विष्णुलोक की प्राप्ति होती है. षटतिला एकादशी पूजन विधि | Shattila Ekadashi Pujan Vidhi जल में त...

Devshayani Ekadashi 2023 Date Time Ashadha Ekadashi Lord Vishnu Sleep Chaturmas Start

Devshayani Ekadashi 2023: 5 जून 2023 से आषाढ़ माह की शुरुआत हो जाएगा. आषाढ़ माह की शुक्ल एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहते हैं. हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि इस दिन के बाद से 4 माह तक के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. देवशयनी एकादशी के बाद देवी-देवताओं का शयनकाल शुरू हो जाता है, यही वजह है कि इस एकादशी के बाद चार महीने तक मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी 2023 डेट (Devshayani Ekadashi 2023 Date) इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून 2023, गुरुवार को है. देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, प्रबोधिनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस एकादशी के बाद से भगवान विष्णु पाताल लोक में निद्रा अवस्था में चले जाते हैं और फिर कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी पर जागते हैं. देवशयनी एकादशी 2023 मुहूर्त (Devshayani Ekadashi 2023 Muhurat) पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी तिथि की शुरुआत 29 जून 2023 को प्रात: 03 बजकर 18 मिनट पर होगी और अगले दिन 30 जून 2023 को प्रात: 02 बजकर 42 मिनट पर इसका समापन होगा. • देवशयनी एकादशी व्रत पारण समय - दोपहर 01.48 - शाम 04.36 (30 जून 2023) • विष्णु जी की पूजा का समय - सुबह 10.49 - दोपहर 12.25 देवशयनी एकादशी से इन कार्यों पर लग जाएगी रोक (Devshayani Ekadashi Significance) आषाढ़ माह की देवशयनी एकादशी से चार माह तक विष्णु जी क्षीर सागर में विश्राम करते हैं इसलिए इस अवधि को चतुर्मास कहा जाता है. चतुर्मास में मांगलिक कार्य जैसे शादी, मुंडन, गृहप्रवेश, उपनयन संस्कार करना वर्जित होता है. चतुर्मास चार महीने का आत्मसंयम काल है, जिसमें जप, तप, स्वा...

Devshayani Ekadashi 2023: कब है देवशयनी एकादशी? बनारस के ज्‍योतिषी से जानें व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त

अभिषेक जायसवाल/वाराणसी. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने की शुरुआत हो गई है. आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) कहा जाता है. इसे हरिशयनी एकादशी और आषाढ़ी एकादशी भी कहते हैं. साल में पड़ने वाली 25 एकादशी में देवशयनी एकादशी का खासा महत्व है. इस बार 29 जून को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी. धार्मिक कथाओं के अनुसार, इस दिन से चार महीने तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निद्रा में रहते हैं. इन चार महीने को चातुर्मास के नाम से भी जाना जाता है. भगवान विष्णु चार महीने तक योग निद्रा ने रहते हैं, लिहाजा चार महीने तक कोई भी मांगलिक और शुभ काम की मनाही होती है. काशी के विद्वान ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि देवशयनी एकादशी से प्रबोधनी एकादशी तक यानी इन चार महीनों तक शादी विवाद, मुंडन जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. जानिए कब से शुरू होगा एकादशी तिथि ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज के मुताबिक, 29 जून की भोर में 3 बजकर 17 मिनट पर एकादशी तिथि की शुरुआत होगी, जो कि अगले दिन यानी 30 जून को भोर में 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. ऐसे में व्रत करने वाले श्रद्धालु 29 जून को ही हरिशयनी एकादशी का व्रत का रखेंगे और फिर अगले दिन इसका प्रारण होगा. Yogini Ekadashi 2023: कब है योगिनी एकादशी? इस दिन दो बार गंगा स्नान से होगा डबल फायदा! ज्‍योतिषी से जानें सब ऐसे करें व्रत की शुरुआत स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि 29 जून को सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें. इस दिन भगवान विष्णु को पीला वस्त्र, पीली मिठाई और हल्दी जरूर चढ़ाएं. इससे भगवान विष्णु का आशीर...

Vijaya ekadashi 2023 date bhagwaan ram fasted falgun ekadashi vrat katha vijaya ekadashi significance rncr

Vijaya ekadashi 2023 date bhagwaan ram fasted falgun ekadashi vrat katha vijaya ekadashi significance rncr | Vijaya Ekadashi 2023: कब है विजय एकादशी? इस व्रत को रखकर रामजी ने लंका के राजा रावण को हराया, जानें कथा और महत्व | Hindi News, Delhi-NCR-Haryana Vijaya Ekadashi 2023: कब है विजय एकादशी? इस व्रत को रखकर रामजी ने लंका के राजा रावण को हराया, जानें कथा और महत्व Vijaya Ekadashi 2023: फाल्गुन महीने की एकादशी विजया एकादशी के नाम से जानी जाती है. इस साल विजया एकादशी 16 फरवरी 2023 को आएगी और इस दिन व्रत रखा जाता है. पुराणों में कहा गया है कि विजया एकादशी का व्रत रखने से दुश्मनों से छुटकारा मिल जाता है और कठिन से कठिन परिस्थिति में भी जीत हासिल की जा सकती है. इस व्रत का महत्व बताते हुए कृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था कि भगवान राम ने लंका पर विजय पाने के लिए यह रखा था. ऐसी मान्यता है कि विजया एकादशी के दिन व्रत रखने से शुभ कामों में वृद्धि होती है. आइए विजया एकादशी व्रत कथा के बारे में जानते हैं. विजया एकादशी व्रत कथा (Vijaya Ekadashi Vrat Katha) पैराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में कई राजा-महाराजाओं ने व्रत को रखने के बाद अपनी हार को भी जीत में बदल दिया था. इसी के साथ भगवान राम ने भी लंका पर आक्रमण से पहले पूरी सेना के साथ यह व्रत रखा था. कथा की मानें तो प्रभू राम सेना के साथ जब माता सीता को बचाने और रावण से युद्ध करने समुद्रतट पर पहुंचकर समुद्र को देखकर चिंतित हो गए. ये भी पढ़ें: Falgun Month 2023: कब से शुरू होगा फाल्गुन माह, भूलकर भी न करे यें काम, रूठ जाएंगे भगवान शिव भगवान राम ने लंका पर विजय पाने किया एकादशी व्रत सागर पार करने और रावण को हराने के लिए लक्ष्मण ने रामजी को व...

Chaturmas 2023: Chaturmas from this date devshayani ekadashi of June is very special

चतुर्मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ये चार महीने ऐसे होते हैं, जब विष्णु भगवान क्षीर सागर में निंद्रा के लिए जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्मास आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से शुरू होकर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक रहता है। साल 2023 में चतुर्मास 29 जून से शुरू हो रहा है। हर साल देवशयनी एकादशी पर देव सो जाते हैं।हर साल चतुर्मास 4 महीने का होता है, लेकिन इस बार चतुर्मास 5 महीने का है। इस बार सावन भी दो महीने का होगा। अधिकमास के कारण ऐसा है। देवशयनी एकादशी के दिन से इस बार 5 महीने के लिए विष्णु योग निंद्रा में जाएंगे। इन पांच महीनों में शंकर जी सृष्टि का संचालन करेंगे। इसके बाद देवोत्थान एकादशी है के दिन से देव उठ जाएंगे और फिर से भगवान विष्णु सृष्टि का संचालन करेंगे। इन पांच महीनों में कोई भी शुभ कार्य, विवाह आदि नहीं किए जाते हैं। विवाह, मुंडन, जनेऊ आदि 29 जून के बाद से पांच महीने तक नहीं होंगे। मान्यता है कि इस दौरान मांगलिक कार्य करने से भगवान का आशीर्वाद नहीं मिलता है। चतुर्मास का पहला महीना सावन होता है। इस पूरे महीने में भगवान शंकर की अराधना की जाती है। यह समय कई पर्वों से युक्त होता है।गणेश चतुर्थी और कृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्र और दशहरा भी चतुर्मास में ही मनाया जाता है। इसके बाद दिवाली का त्योहार और फिर देवोत्थान एकादशी मनाई जाती है, तब से शुभ कार्य और विवाह आदि शुरू होते हैं।

Yogini Ekadashi 2023 Vrat Paran Time And Date Know How To Do Vrat Paran

Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी का व्रत आज यानि 14 जून 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से सभी कष्टों का अंत होता है. इस दिन श्री हरि विष्णु भगवान की अराधना करने से मन चाहे फल की प्राप्ति होती है और सभी दुख दर्द दूर होते हैं. एकादशी तिथि की शुरुआत 13 जून को हो चुकी थी, आज सुबह यानि 14 जून 2023 को 8:28 मिनट पर एकादशी तिथि का समाप्त होगी. उदया तिथि होने की वजह से एकादशी का व्रत आज यानि 14 जून को रखा गया. देवश्यनी एकादशी से पहले जो एकादशी आती है उसे योगिनी एकादशी कहते है. साल में कुल 24 एकादशी होती हैं. हर माह 2 एकादशी तिथि पड़ती हैं. योगिनी एकादशी व्रत का पारण (Yogini Ekadashi 2023 Parana Time ) योगिनी एकादशी का पारण 15 जून को सुबह 05:23 बजे से सुबह 08:10 बजे के बीच किया जा सकता है. उस दिन द्वादशी तिथि सुबह 08:32 बजे तक ही है. व्रत का पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए. ऐसा करने आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है, और आपका व्रत उचित मायनों में पूरा होता है. एकादशी व्रत का पारण कैसे करें (How to do Ekadashi Vrat Paran?) • एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद किया जाता है. • एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले करना अवश्यक माना गया है. • अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाए तो सूर्योदय के बाद ही व्रत का पारण होता है. • द्वादशी तिथि के अंदर पारण न करना भी पाप के समान ही होता है. Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.comकिसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधि...