Swarnam kise kahate hain

  1. समास किसे कहते हैं
  2. सर्वनाम क्या है ? उदाहरण और Sarvnam Ke Prakar
  3. सर्वनाम किसे कहते है
  4. Sarvnam Kise Kahate Hain ᐈ सर्वनाम किसे कहते हैं? परिभाषा
  5. वर्ण किसे कहते है


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समास किसे कहते हैं

समास किसे कहते हैं | Samas kise kehte hain समास (Samas) का अर्थ है ‘संक्षिप्तीकरण’। हिन्दी व्याकरण में समास का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप; जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को हिन्दी में समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिन्दी में कम-से-कम शब्दों मे अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। समास के उदाहरण [Examples of Samas ] • रसोई के लिए घर इसे हम रसोईघर भी कह सकते हैं • ‘राजा का पुत्र’– राजपुत्र संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं में समास का बहुतायत में प्रयोग होता है। जर्मन आदि भाषाओं में भी समास का बहुत अधिक प्रयोग होता है। समास के बारे में संस्कृत में एक सूक्ति प्रसिद्ध है:- वन्द्वो द्विगुरपि चाहं मद्गेहे नित्यमव्ययीभावः। तत् पुरुष कर्म धारय येनाहं स्यां बहुव्रीहिः॥ समास रचना में दो पद होते हैं , पहले पद को ‘पूर्वपद ‘ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद ‘ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है। जैसे :- • रसोई के लिए घर = रसोईघर • हाथ के लिए कड़ी = हथकड़ी • नील और कमल = नीलकमल • रजा का पुत्र = राजपुत्र सामासिक शब्द- Samasik shabd समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं। • जैसे- राजपुत्र समास-विग्रह (Samas vigrah in hindi) सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाताहै • जैसे- राज+पुत्र-राजा का पुत्र पूर्वपद और उत्तरपद (poorvpad aur uttarpad in Samas) समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूस...

सर्वनाम क्या है ? उदाहरण और Sarvnam Ke Prakar

सर्वनाम की परिभाषा :- Sarvnam Kise Kahate Hai ? " संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें‘सर्वनाम’ कहा जाता हैं। " Sarvnam Ke Udaharan उदाहरण :- मैं, आप, तुम, यह, वह, जो, सो, कोई, कुछ, कौन, क्या. यह सभी सर्वनाम के उदाहरण हैं। Sarvnam Ke Kitne Prakar Hai सर्वनाम के निम्नलिखित छ: भेद होते हैं- अब हम बात करते है Sarvnam Ke Prakar के बारे में :- 1. पुरुषवाचक सर्वनाम Purushvachak Sarvnam Kise Kahate Hai ? पुरुषवाचक सर्वनाम की परिभाषा:-“जिस सर्वनाम का प्रयोग सामान्य तौर पर महिला और पुरुष दोनों के लिए किया जाता है, उसे‘पुरुषवाचक सर्वनाम’ (Personal Pronoun) कहते है।” पुरुषवाचक सर्वनाम का तीन प्रकार होता हैं- Purushvachak Sarvnam Ke Prakar 1) उत्तम पुरुष:- Uttam Purush Kise Kahate Hai ? जिस सर्वनाम का प्रयोग बात कहने वाले के लिए हो। ( स्वयं को उत्तम पुरुष कहा जाता है।) जैसे- 1) मैंकहता हूँ कि अब घर चलना होगा। उत्तम पुरुष के अंतर्गत ‘मैं’ और ‘हम’ शब्द आते हैं। 2) मध्यम पुरुष:- Madhyam Purush Kise Kahate Hai ? जब सर्वनाम का प्रयोग सामने वाले के लिए हो, जिससे कोई बात कही जाती है। ( जिससे हम बात करते है, उस व्यक्ति को मध्यम पुरुष कहा जाता है।) इस शब्द के अन्तर्गत तू, तुम और आप ये सभी आते हैं। जैसे- मैंने आपसे कहा था कि आज पिकनिक चलना है। 3) अन्य पुरुष:- Any Purush Kise Kahate Hai ? जिस सर्वनाम का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाए, उसे अन्य पुरुष कहते है। (जब कोई दो व्यक्ति आपस में वहां पर अनुपस्थित तीसरे व्यक्ति के बारे में बात कर रहे हो |) जैसे- मैंने आपको बताया था कि रमेश क्रिकेट अच्छा खेलता है। यह पर मैंने(उत्तम पुरुष), आपको(मध्यम पुरुष), रमेश(अन्य पुरुष)...

सर्वनाम किसे कहते है

हिंदी भाषा में शब्दों को 2 भागो में बांटा गया है – विकारी शब्द और अविकारी शब्द। विकारी शब्द के चार भेद होते है। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया। पिछले लेख में हमने सर्वनाम किसे कहते है (What is Pronoun in Hindi)। सर्वनाम के कितने भेद होते और उनके सरल भाषा में उदाहरण। सर्वनाम की सरल परिभाषा और उसके प्रकार को अच्छी तरह समझने के लिए इस लेख को संत तक पढ़े। स्कूल में छात्रो को हिंदी व्याकरण विषय में सर्वनाम के बारे में पढाया जाता है। इसलिए अक्सर परीक्षाओं में भी सर्वनाम से संबधित सवाल भी पूछे जाते है। इसलिए अगर आप एक छात्र है या हिंदी सीखने के प्रयास कर रहे है तो सर्वनाम को विस्तार से समझना आवश्यक बन जाता है। Table of Contents • • • • • • • • • • सर्वनाम किसे कहते है (परिभाषा) – Pronoun in Hindi आपने पिछले लेख में जाना हिंदी भाषा में नाम को संज्ञा कहा जाता है। संज्ञा के स्थान पर जो शब्द इस्तेमाल किये जाते है वो सर्वनाम कहलाते है। सर्वनाम दो शब्दों से मिलकर बना है सर्व + नाम, जिसका अर्थ होता है सब का नाम। हिंदी भाषा की सुंदरता और संक्षिप्तता बनाए रखने के लिए सर्वनाम शब्दों का उपयोग किया जाता है। सर्वनाम के उदाहरण– मैं, तुम, हम, वह, वो, उसका, कोई, कुछ, आप इत्यादि। हिंदी व्याकरण के अनुसार मूल सर्वनामों की कुल संख्या 11 हैं जो है – मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कौन, कुछ, क्या, कोई। सर्वनाम किस तरह से संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते है और कैसे भाषा का संक्षिप्तता रूप में सहजता और सरलता से व्यक्त करने में मदद करते है, ये हम एक उदाहरण के जरिए समझते है। रमेश आज स्कूल में नहीं आया, क्योंकि रमेश को घर पर जरुरी काम था। इस वाक्य को हम ऐसे भी लिख सकते है – रमेश आज स्कूल नहीं आया, क्योंकि उ...

Sarvnam Kise Kahate Hain ᐈ सर्वनाम किसे कहते हैं? परिभाषा

हिंदी के शब्दों को समझने में संज्ञा के बाद सर्वनाम की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है, वैसे तो व्याकरण के सभी तत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है लेकिन सर्वनाम, हमें वाक्य के अंदर वक्ता, श्रोता तथा अन्य लोगों के बीच संबंध को समझने का अवसर देता है। Hello Friends, स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर, आज के इस लेख में हम सर्वनाम की परिभाषा (Sarvnam Kise Kahate Hain) तथा इसके प्रकार और इससे जुड़े उदाहरणों के बारें में विस्तार से बात करेंगे। Table of Contents • • • • • • • • • • • Sarvnam Kise Kahate Hain सर्वनाम किसे कहते हैं? – जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते है उन्हें सर्वनाम कहा जाता है, उदाहरण – मैं, हम, तुम, वह, वे आदि। “सर्वनाम’ उस विकारी शब्द को कहते है, जो पूर्वपरसंबंध से किसी भी सँग के बदले आता है”– पं कामता प्रसाद गुरु सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है सबका नाम, जिसका अर्थ है ऐसे शब्द जो किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयोग न होकर सबके लिए प्रयोग किए जाते है और इसमें किसी एक का नाम न होकर सभी का नाम शामिल होता है। उदाहरण के लिए हम का प्रयोग किसी एक ही ग्रुप के लिए ही नहीं बल्कि कोई भी व्यक्ति अपने समूह को हम कहकर प्रयोग कर सकता है, इस प्रकार ‘हम’ किसी एक समूह विशेष का नाम न होकर एक सर्वनाम है। संज्ञा की अपेक्षा सर्वनाम की विशेषता यह है कि संज्ञा से केवल उसी वस्तु का बोध होता है, जिसका वह संज्ञा (नाम) है जबकि सर्वनाम में पूर्वापरसंबंध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोध होता है। जैसे – लड़का कहने से केवल लड़के का बोध होता है, मकान, दीवार इत्यादि का नहीं, लेकिन ‘वह’ कहने से पूर्वापरसंबंध के अनुसार ही किसी वस्तु का बोध होता है। हिंदी में कुल 11 सर्वनाम है, जो कुछ इस प्रकार है...

वर्ण किसे कहते है

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • दोस्तो अगर आसान तरीके से समझें तो वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते है, जिसका खंड न हो; जैसे- क् ,प् , ख् , च इत्यादि। ’रानी ’ शब्द की दो ध्वनियाँ है- ’रा ’ और ’नी’। इनके भी चार खंड है- र्+आ, न्+ई। अब आप यह समझें कि हम इसके बाद इन चार ध्वनियों के टुकङे नहीं कर सकते। इसलिए ये मूल ध्वनियाँ वर्ण का अक्षर होती है। वर्ण वह छोटी-सी ध्वनि है, जिसके टुकङे नहीं किए जा सकते। वर्ण हमारी वाणी की सबसे छोटी इकाई है। मूलतः हिन्दी में 52 वर्ण होते है। वर्णों के उच्चारण समूह को ’वर्णमाला’ कहते है। वर्ण और उच्चारण का बङा ही गहरा सम्बन्ध होता है। इनको एक को दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। स्वर- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ व्यंजन क्या होते है – Vyanjan Kya Hote Hain Varn Kise Kahate Hain वर्ण कितने प्रकार के होते है – Varn kitne prakar ke hote hain आइए इसके बारे में चर्चा करतें है हिंदी के वर्ण- स्वर और व्यंजन वर्ण के दो प्रमुख तत्व है- स्वर और व्यंजन। इन दोनों के योग से ही वर्णों का अस्तित्व होता है। स्वर – Swar स्वर का उच्चारण बिना अवरोध अथवा विघ्न-बाधा के होता है। इनके उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण की सहायता नहीं ली जाती। ये सभी स्वतंत्र है। इनके उच्चारण में भीतर से आती हुई वायु मुख से निर्बाध रूप/बिना बाधा से निकलती है। सामान्यतः इसके उच्चारण में कंठ, तालु का प्रयोग होता है। उ, ऊ के उच्चारण में होठों का प्रयोग होता है। हिंदी में स्वर की संख्या ग्यारह है। • ह्रस्व स्वर- अ, इ, उ, ऋ • दीर्घ स्वर- आ, ई, ऊ • संयुक्त स्वर- ए, ऐ, ओ, औ संस्कृत में ’ऋ’ का प्रयोग होता है। वर्तमान में हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में इसका व्यवहार नाममात्र ही रह गया है है। फ...