इटावा का वर्तमान मौसम

  1. इटावा जिला
  2. Biporjoy Cyclone: गुजरात के इन इलाकों में कल दस्‍तक दे सकता है बिपरजॉय, मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी
  3. Village heads formed new committee in Basrehar
  4. डॉप्लर रडार से कोसी


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इटावा जिला

अनुक्रम • 1 भूगोल • 2 इतिहास • 3 यातायात और परिवहन • 3.1 वायु मार्ग • 3.2 रेल मार्ग • 3.3 सड़क मार्ग • 4 उद्योग और व्यापार • 5 कृषि और खनिज • 6 शिक्षण संस्थान • 7 पर्यटन • 8 प्रमुख व्यक्तित्व • 9 इन्हें भी देखें • 10 बाहरी कड़ियाँ • 11 सन्दर्भ भूगोल इटावा दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग २ पर पश्चिमी-मध्य उत्तर प्रदेश में स्थित है। यह आगरा के दक्षिण-पूर्व में इतिहास इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद है, जिसका निर्माण एक ऊँचे आधार पर पुराने हिन्दू भवनों के अवशेषों से किया गया है। यहाँ हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक क़िले के अवशेष भी हैं। इटावा का पुराना नाम इष्टिकापुर कहा जाता है। हिन्दी के प्रसिद्ध कवि देव इटावा निवासी थे। उन्होंने स्वयं ही लिखा है - 'द्यौसरिया कविदेव को नगर इटावी वास।' यातायात और परिवहन वायु मार्ग इटावा का सबसे निकटतम हवाई अड्डा आगरा और ग्वालियर में हैं। रेल मार्ग इटावा रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त इटावा ज़िले में अन्य 6 रेलवे स्टेशन सराय भूपत (8 किलोमीटर), जसवंतनगर (16 किलोमीटर), बलराय (26 किलोमीटर), एकदिल (10 किलोमीटर), समहो (28 किलोमीटर) और भरथना (19 किलोमीटर) स्थित है। सड़क मार्ग भारत के कई प्रमुख शहरों से इटावा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इटावा ज़िला ग्वालियर, आगरा, फर्रूखाबाद, मैनपुरी, कानपुर और जालौन आदि से सड़क मार्ग द्वारा पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। उद्योग और व्यापार इस शहर में कपास और रेशम बुनाई के महत्वपूर्ण उद्योग व तिलहन मिलें हैं। जिले में धान मिलें भी बहुत बड़ी संख्या में हैं। इटावा घी का वितरण केंद्र भी है। कृषि और खनिज इटावा यमुना और इसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित ज...

Biporjoy Cyclone: गुजरात के इन इलाकों में कल दस्‍तक दे सकता है बिपरजॉय, मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी

भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के गुरुवार को गुजरात में दस्तक देने की आशंका के मद्देनजर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. चक्रवात के गुरुवार शाम को लैंडफॉल की भविष्यवाणी की गई है. इसके बाद आईएमडी ने शुक्रवार तक सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है और मछुआरों को सलाह दी है कि वे समुद्र में न जाएं. मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने भी एहतियात के तौर पर चक्रवात संभावित क्षेत्रों से गुजरने वाली 67 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. बता दें बिपाजॉय वर्तमान में पोरबंदर और देवभूमि द्वारका के दक्षिण पश्चिम में स्थित है. इसके गुरुवार शाम को अत्यधिक चक्रवाती तूफान के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरने की उम्मीद है. 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं चक्रवात बिपारजॉय के जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ, गुजरात में मांडवी और पाकिस्तान में करांची के बीच पार करने का अनुमान है. चक्रवात के लैंडफॉल से 125-135 किमी प्रति घंटे की गति के साथ तेज हवाएं चलने का अनुमान है, जो 150 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है. प्रारंभिक उपाय के रूप में अहमदाबाद नगर निगम ने असुरक्षित क्षेत्रों में लगाए गए होर्डिंग्‍स को हटाने और गिरने की आशंका वाले कमजोर पेड़ों को काटने का निर्णय लिया है. जखाऊ बंदरगाह सबसे अधिक प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में से एक गुजरात में अधिकारियों ने तटीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर निकासी का प्रयास शुरू किया है. चक्रवात के प्रभाव की प्रत्याशा में लगभग 37,800 व्यक्तियों को संवेदनशील क्षेत्रों से अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है. कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह सबसे अधिक प्रभावित हो...

Village heads formed new committee in Basrehar

बसरेहर। ग्राम प्रधानों की बैठक सर्वेश कुमार राजपूत की अध्यक्षता में ब्लॉक सभागार में हुई। इसमें कहा गया कि वर्तमान में चल रही प्रधान संगठन की कमेटी निष्क्रिय है। प्रधानों के सामने कई समस्याएं हैं। कमेटी ने एक भी बैठक नहीं बुलाई है। इसलिए हमें पुरानी कमेटी भंग कर नई का चुनाव करना चाहिए। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया। बैठक में 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इसमें दिनेश यादव को अध्यक्ष, सर्वेश राजपूत, सर्वेश कुमार, यतींद्र कुशवाह, राकेश कुमार को-उपाध्यक्ष, पारुल को मंत्री, तेज प्रताप, जगदीश नारायण, प्रेम सिंह, अनिल कुमार को सह मंत्री, मोहरमन सिंह, महावीर सिंह, पिंटू चौधरी, सुभाष चंद, बृजेश शाक्य, रामू, रामनरेश, दुष्यंत को कार्यकारिणी सदस्य और अमर सिंह शाक्य संगठन के संरक्षक बनाया गया। 16 जून को संगठन खंड विकास अधिकारी को प्रधानों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन देगा।

डॉप्लर रडार से कोसी

पूर्णिया मौसम केंद्र में जोनल इंस्ट्रूमेंट मेंटेनेंस सेंटर के लिए जमीन अधिग्रहण के साथ ही राज्य के दूसरे डॉप्लर रडार लगाने की कवायद तेज हो गई है। पूर्णिया में डॉप्लर रडार लगाने को लेकर जल्द की रीजनल सेंटर कोलकाता व पटना से वैज्ञानिकों की टीम पूर्णिया पहुंचने वाली है। वैज्ञानिकों की टीम अगले सप्ताह की शुरुआत में ही पूर्णिया मौसम केंद्र का निरीक्षण करने पहुंच सकती है। दरअसल पूर्णिया मौसम केंद्र वर्तमान में ऑब्जर्वेशन ग्रेड टू है, जिसे अपग्रेड करके ग्रेड वन सेंटर के साथ-साथ जोनल इंस्ट्रूमेंट मेंटेनेंस सेंटर बनाया जा रहा है। इसके लगने से 500 किलोमीटर के दायरे में मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी। यानी कोसी व सीमांचल का इलाका कवर करेगा। केंद्रीय मौसम विभाग ने पूर्णिया मौसम केंद्र को जोनल इंस्ट्रूमेंट मेंटेनेंस सेंटर बनाने के साथ-साथ राज्य के दूसरे रडार लगाने को लेकर अपनी स्वीकृति पहले ही दे चुकी है। पूर्णिया मौसम केंद्र में जोनल इंस्ट्रूमेंट मेंटेनेंस सेंटर के लिए बाकायदा 15 हजार स्क्वायर फीट जमीन का हस्तांतरण सरकार से हो चुका है। अब पटना और कोलकाता की टीम की निरीक्षण के बाद पूर्णिया में जल्द ही रडार लगने का कार्य शुरू होने की उम्मीद है। मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार अगले दो वर्षों में पूर्णिया में अत्याधुनिक मशीनों से लैस मौसम संबंधी सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए केंद्र स्थापित हो जाएगा। पटना मौसम केंद्र में लगे रडार से भी पावरफूल होगा पूर्णिया का रडार मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पटना मौसम विज्ञान केंद्र की ही तरह पूर्णिया में डापलर रडार लगाया जाएगा। अत्याधुनिक मशीन व भवन निर्माण को लेकर लगभग 15 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।