जाट का सबसे बड़ा गोत्र

  1. जाट समाज के गोत्र
  2. Jaat Ko Kabu Mein Kaise Karen
  3. जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? – Sir Chhoturam जाट गजट
  4. जाटों का सबसे बड़ा गोत्र कौन सा है? – Expert
  5. जाट वंश की वंशावली
  6. Ghalyan
  7. जाट समाज गोत्र लिस्ट : जाट गोत्र की पूरी जानकारी – Guidense
  8. जाट समाज का गुरु कौन है? – Expert
  9. जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? – Sir Chhoturam जाट गजट
  10. जाट समाज का गुरु कौन है? – Expert


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जाट समाज के गोत्र

Contents • 1 गोत् प्रणाली • 1.1 गोत्र और वंश की विवेचना • 1.2 गोत्र का उत्पति का सिद्धान्त • 1.3 सगोत्र • 1.4 सगोत्रीय विवाह पर धार्मिक मत • 1.5 सगोत्र पर वैज्ञानिक मत पर: • 2 जाट वंश और गोत्रो का वर्णन • 2.1 *1सूर्यवंश • 3 सूर्यवंशी जाट गोत्र • 4 चंद्रवंशी • 4.1 यदुवंश गोत् प्रणाली गोत्र एक सनातनी वैवाहिक प्रथा है। जोकि वैज्ञानिक दृष्टि से भी सही मानी जाती है । गोत्र शब्द या प्रथा कितनी प्राचीन है। इसके बारे में सटीक रूप से नहीं कहा जा सकता है। फिर भी यह अति प्राचीन कालीन प्रथा है। संस्कृत में गोत्र के लिए गोष्ठ शब्द का प्रयोग हुआ है। सनातनी धर्म और उसके सम्प्रदाय (सिख, विश्नोई )और कुछ भारतीय मुस्लीम जातियो जैसे मेव ,गद्दी,कायमखानी में आज भी प्रचलित है हालांकि मुस्लिम धर्म में गोत्र प्रथा नहीं जिन मुस्लिम जातियो में यह गोत्र प्रथा है उसका कारन उन मुस्लिम जातियो का सनातनी हिन्दू मूल होना है। समय के साथ इन मुस्लिम जातियो में भी गोत्र प्रथा खत्म होती जा रही है। यह प्रायः शुद्ध रूप से सनातनी हिन्दू और उसके सम्प्रदायो में ही प्रचलित है। एक ही गोत्र में विवाह भारतीय हिन्दू संस्कृति में हमेशा एक विवाद एक विवाद का विषय रहा है व नयी ओर पुरानी पीड़ी में टकराव का कारण है | सामाजिक दृष्टि से सगोत्र विवाह अनुचित है क्योकि एक ही गोत्र में जन्मे स्त्री व पुरुष को बहिन व भाई का दर्जा दिया जाता है | वैज्ञानिक दृष्टीकोण भी इसके पक्ष में है कि एक बहिन व भाई के रिश्ते में विवाह सम्बन्ध करना अनुचित है | विज्ञान का मत है आनुवंशिकी दोषों एवं बीमारियों का एक पीड़ी से दूसरी पीड़ी में जाना यदि स्त्री व पुरुष का खून का सम्बन्ध बहुत नजदीकी है | स्त्री व पुरुष में खून का सम्बन्ध जितना दूर का होगा उतन...

Jaat Ko Kabu Mein Kaise Karen

जाट को काबू में कैसे करें : इंटरनेट पर आजकल तो जाट के नाम से काफी ज्यादा प्रश्न पूछा जा रहा है जिसमें जाट के बारे में तरह-तरह का काबू करने के बारे में प्रश्न पूछा जाता है। इसलिए आज के इस लेख में हम लोग जाट से संबंधित Jaat Ko Kabu Mein Kaise Karen जाट को काबू में कैसे करें के बारे में संपूर्ण जानकारी लेने वाले हैं। आज की इस लेख में जाट को काबू करने के बारे में और जाट को काबू करने के तरीके के बारे में बताएंगे साथी हम जाट के इतिहास और जाट से किस प्रकार से दुश्मनी नहीं लेनी चाहिए इन सभी बातों के बारे में भी बात करने वाले हैं। क्योंकि गूगल पर अभी जाट के बारे में बहुत ज्यादा चर्चित होते हैं जिसमें से जाट चौधरी को काबू में कैसे करें, जाट कैसे होते हैं, जाट की क्या औकात है तरह के सवाल गूगल पर बहुत ज्यादा पूछे जाते हैं। आपको बता दें कि जाट एक बहुत ज्यादा ताकतवर होते हैं और एक से पंगा लेने के बारे में कोई सोच समझ कर लिया कदम ना उठाएं। जाट को काबू में कैसे करें आजकल इंटरनेट पर तरह-तरह के सवाल किसी को भी काबू करने के लिए बारे में पूछते रहते हैं। इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कोई भी किसी को काबू में करने के लिए बारे में पूछते हैं तो वह काम करने के लिए ही पूछते हैं। क्योंकि अभी के लोग मौज मस्ती के लिए गूगल असिस्टेंट और वॉइस गूगल असिस्टेंट के जरिए तरह-तरह के सवाल पूछते हैं ताकि उन्हें गूगल के जवाब सुनकर मजा आ पाए। जाट को काबू में कैसे करें तथा इससे संबंधित बहुत प्रकार के सवाल गूगल पर पूछा जाता है जैसे कि Jaat Ko Kabu Mein Kaise Karen, जाट को काबू में कैसे करें, Jaat Ko Kabu Kaise Kare, जाट को काबू कैसे करें, जाट को काबू में कैसे करें, जाट को कैसे काबू किया जाए, जाट को कैसे काबू करें, ज...

जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? – Sir Chhoturam जाट गजट

जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? भारत वर्ष की विशेष पहचान सांस्कृतिक विभिन्नता से है । देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न समाज हैं जिनकी सामाजिक परम्परायें और संस्कृतियों में पूर्ण विभिन्नता है। उदाहरण के लिए दक्षिण के राज्यों में विशेषकर तमिलनाडू के हिन्दू समाज में अपनी बहिन, भुआ (बुआ) व मामे की लड़की/लड़के से विवाह करना उत्तम सम्बन्ध माना जाता है। इसी प्रकार पाकिस्तान से विभाजन के बाद भारत हिन्दू मुख्यत: अरोड़ा खत्री जातियों मामा, बुआ के बच्चों शादी उत्तम मानी गयी हैं, जबकि उत्तर भारत की स्थानीय जातियों (जाट, अहीर, गुज्जर, राजपूत, मीणा, दलित आदि) में इनको भाई-बहन का दर्जा प्राप्त है । उत्तर पूर्वी राज्यों में सम्पत्ति की मालिक स्त्री है तो मेघालय में दूल्हे की बजाए दुल्हन बारात लेकर आती है । इस प्रकार के अनेक उदाहरण हैं लेकिन इसका मुख्य कारण दक्षिण व उत्तर-पूर्व की समाज मातृ-प्रधान संस्कृतियां हैं तो उत्तर भारत पितृ-प्रधान संस्कृति है। इसी का प्रमाण है कि दक्षिण भारतीय कोई भी कर्मचारी अपने परिवार को साथ रखने के समय अपनी मां की बजाए अपनी सास को साथ रखता है । इसी प्रकार हिन्दू धर्म में भी अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मान्यताएं हैं जो एक-दूसरे के विपरीत हैं। हमें तो एक दूसरे की संस्कृतियां बहुत ही हैरान करने वाली लगती हैं लेकिन सभी को अपनी-अपनी संस्कृतियां प्रिय व सम्मानीय हैं । इसलिए भारतीय संविधान ने सभी को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। सच्चाई जाट कौम में गोत्र विवाद जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? जाट कौम मुख्य तौर पर उत्तर भारत में रहती है । इसकी मूल सभ्यता, संस्कृति व पहचान चार बातों पर टिकी रही है – पंचायत, गौत्र, गांव और जमीन (कृषि)। इसे कृषि सभ्यत...

जाटों का सबसे बड़ा गोत्र कौन सा है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • जाटों का सबसे बड़ा गोत्र कौन सा है? जाटों की कुछ प्रमुख गोत्र और उनके बहुल क्षेत्र • सिद्धू गोत्र पंजाब का बहुत बड़ा गोत्र है| पश्चिमी उ०प्र० अमरोहा, हापुड जिलों में भी काफी गांव है | • मान गोत्र भी पंजाब, हरियाणा और दिल्ली का बहुत बड़ा गोत्र है | • बेनीवाल राजस्थान का महत्त्वपूर्ण गोत्र है हरियाणा और पश्चिमी उ०प्र० में भी काफी गांव है | सबसे ज्यादा जाट कौन से राज्य में है? जाटों की चौपाल Jaato ki chaupal • पंजाब (35% सिख जाट + 3% हिन्दू जाट = 38% जाट ) • हरयाणा ( 31% हिन्दू जाट + 5% सिख जाट + 1% विष्नोई जाट और मुस्लिम्स जाट = 37 % जाट ) • पश्चिमी उत्तर प्रदेश ( 17% हिन्दू जाट + 2% सिख जाट + 2% मुस्लिम्स जाट = 21-22% जाट ) जाट कितने प्रकार के होते हैं? म • मखदूम गोत्र • मलिक जाट गोत्र • मल्ही • मांझू गोत्र • मिनहास • मिर्धा • मुले जाट जाट जाति के गुरु कौन है? कुछ जाटों ने छोटी संख्या में गुरु नानक की शिक्षाओं का पालन करना शुरू कर दिया और ये खालसा के गठन के बाद सामिल हो गए। भारत में जाटों के कितने गोत्र हैं? उसके पाँच पुत्र हुए – यदु, तुर्वसु, द्रुह्यु, अनु और पुरु। इन पाँचों ने अपने अपने वंश चलाए और उनके वंशजों ने दूर दूर तक विजय कीं। आगे चलकर ये ही वंश यदु, तुर्वसु, द्रुह्यु, आनव और पौरव कहलाए। READ: जूम एप का मतलब क्या होता है? क्या जाट क्षत्रिय हैं? इसे सुनेंरोकेंप्राचीन स्रोतों में कहा गया है कि जाटों को क्षत्रिय वर्ण में माना जाता है जबकि अन्य उन्हें वैश्य वर्ण प्रदान करते हैं। ब्राह्मणों को छोड़कर अधिकांश उत्तर भारतीय गांवों में जाट, राजपूत, और ठाकुर जाति पदानुक्रम के शीर्ष पर हैं। बॉलीवुड में जाट कौन कौन है? ‘ बॉलीवुड के फेमस जा...

जाट वंश की वंशावली

जाट वंश की वंशावली – जाट कौन सा जाति में आता है, जाट जाति में कितने गोत्र हैं, जाट कैसे बनाई जाती है, जाट कितने प्रकार की होती है , जाटों की कुलदेवी, क्या जाट क्षत्रिय हैं , जाट गोत्र , जाटों की उत्पत्ति , भारत में जाट कितने प्रतिशत है , क्या जाट भारत में बाहर से आये थे , जाटों की कुलदेवी का नाम , राजस्थान जाट, जाट वंश की वंशावली, भारत पर विदेशी हमलावरों के हमले होते रहे हैं अपनी जमीन की लड़ाई जाटों ने अपनी जान की बाजी लगाकर लड़ी है इस लड़ाई में जाटनियों का सहयोग केवल घायलों के मरहम-पट्टी करना नहीं रहा बल्कि पति-पत्नी एक ही कमरबंध से अपने आप को पीठ के बल बांधकर युद्ध करते थे सामने के वार पति बचाता था और पीछे के पत्नी इतिहास गवाह है कि जाट के जीवन-मरण में महिला का योगदान बराबरी का नहीं तो उससे कम भी नहीं रहा लेकिन इसके बावजूद भी जाटों के लिए आज यह शर्म की बात है कि जाट बाहुल्य क्षेत्रों में पुरुषों के मुकाबले में स्त्री कम होती जा रही हैं यह लिंग-भेद जाटों के गौरव में सबसे बड़ा कलंक है यह मुद्दा यहीं पर खत्म नहीं होता बल्कि ‘सगोत्र प्रेम विवाह’ के जानकारी में आने पर तो ऑनर किलिंग जैसी शर्मनाक वारदातें सामने आती रहती हैं। जाट शब्द की व्युत्पत्ति • जाट शब्द का निर्माण संस्कृत के ज्ञात शब्द से हुआ है अथवा यों कहिये की यह ज्ञात शब्द का अपभ्रंश है • लगभग 1450 वर्ष ई० पूर्व में अथवा महाभारत काल में भारत में अराजकता का व्यापक प्रभाव था • यह चर्म सीमा को लाँघ चुका था उत्तरी भारत में साम्राज्यवादी शासकों ने प्रजा को असह्य विपदा में डाल रखा था • इस स्थिति को देखकर कृष्ण ने अग्रज बलराम की सहायता से कंस को समाप्त कर उग्रसेन को मथुरा का शासक नियुक्त किया • कृष्ण ने साम्राज्यवादी शासकों ...

Ghalyan

Contents • 1 Origin • 2 History • 3 गाहल्याण गोत्र का इतिहास • 4 Distribution in Haryana • 4.1 Villages in Panipat district • 4.2 Villages in Karnal district • 5 Distribution in Uttar Pradesh • 5.1 Villages in Muzaffarnagar district • 5.2 Villages in Bijnor district • 6 Notable persons • 7 References Origin History According to The गाहल्याण गोत्र का इतिहास फ़ारस घाटी की लड़ाई में इसका वर्णन किया है. कसं कर गालणों के कारण इस गोत्र की उत्पती हुई. ई.पू.जाटों के जो ६ गोत्र हरिवर्ष (यूरोप) गये थे उनमें यह गालण गोत्र के गाल देश पड़ा. समयानुसार ये लोग पुनः आर्यावृत को लोटे. Distribution in Haryana Villages in Panipat district Villages in Karnal district Distribution in Uttar Pradesh Villages in Muzaffarnagar district Villages in Bijnor district Notable persons • • • • Advocate Kanwar Pal • Chaudhary Babloo • लेखक चौधरी कृष्ण सिंह गाहल्याण - लेखक चौधरी कृष्ण सिंह गाहल्याण 🙏 कि कलम से जाट वीरो व जाट विरांगनाओ बागपत अर्थात व्यागप्रस्त तोमर जाट वीरों के देश मे तोमर जाट वीरों के प्रसिद्ध गांव 1 बडौत नगर पालिका तोमर जाट वीरों के देश कि राजधानी 2 बावली एशिया का जाट वीरों का सबसे बड़ा गांव 3 बिजरौल 1857 के महान क्रांतिकारी जाट राजा बाबा शाहमल तोमर जाट वीर का गांव 4 किसनपुर बराल तोमर जाट वीरों का प्राचीन गांव 5 मलकपुर पहलवानो का गांव 6 जोहड़ी निशाने बाज जाट वीरों का गांव 7 बामनोली प्राचीन नाग मंदिर 8 सिरसली 1857 ई0 की क्रांति का तोमर जाट वीरों का गांव 9 शिकोहपुर कवि जाट वीरों का गांव 10 सूप लठैत जाट वीरों का गांव 1 श्रीपत सिही अर्थात इन्द्रप्रस्थ आज का दिल्ली कहीं कहीं श्रीपत और कहीं कहीं...

जाट समाज गोत्र लिस्ट : जाट गोत्र की पूरी जानकारी – Guidense

दोस्तों, बात करें जाटो के बारे में तो अन्य समाजो की आबादी की तुलना अगर जाट समाज की आबादी से करें तो यह करना सही नहीं होगा क्योंकि भारत में अगर सबसे बड़ा समाज है तो वो है जाट समाज। जाट समाज के गोत्र और जाटो के कुछ रोचक तथ्य- जाट समाज जाट या जाट पारंपरिक रूप से उत्तरी भारत और पाकिस्तान में किसानों का एक जाति समुदाय है। प्राचीन काल से ही युद्ध कला में निपुण जाट मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। जाटों को अच्छा योद्धा माना जाता था और इसीलिए भारतीय सेना में जाट रेजीमेंट नाम की एक रेजीमेंट है। जाट मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर आदि राज्यों में फैले हुए हैं। गुजरात में उन्हें में अंजना जाट (अंजना चौधरी) के नाम से जाना जाता है और पंजाब में जट (जट्ट सिख) कहलाते हैं और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में इस समुदाय को घिराथ जाट या घृत चौधरी (घीरथ चौधरी) के नाम से जाना जाता है। आम तौर पर जाट हिंदू, सिख, मुस्लिम आदि सभी धर्मों में देखे जा सकते हैं। मुस्लिम, सिख जाट और बिश्नोई जाट हिंदू जाटों से परिवर्तित हुए थे। जाट समाज का इतिहास सिंध की निचली सिंधु नदी-घाटी में एक चरवाहा था और जाट मध्यकाल में उत्तर में पंजाब क्षेत्र में और बाद में 17 वीं और 18 वीं शताब्दी में दिल्ली क्षेत्र, उत्तरपूर्वी राजपुताना और पश्चिमी गंगा के मैदानों में चले गए। ये लोग जो इस्लाम, सिख और हिंदू धर्म का पालन करते हैं, अब पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों और भारतीय राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में रहते हैं। “जाट” उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक लचीला नाम है, जि...

जाट समाज का गुरु कौन है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • जाट समाज का गुरु कौन है? Jat History – गुरु जसनाथ जी महाराज जी का जन्म जाट जाति के… | Facebook. जाटों का सबसे बड़ा गोत्र कौन सा है? जाटों की कुछ प्रमुख गोत्र और उनके बहुल क्षेत्र • सिद्धू गोत्र पंजाब का बहुत बड़ा गोत्र है| पश्चिमी उ०प्र० अमरोहा, हापुड जिलों में भी काफी गांव है | • मान गोत्र भी पंजाब, हरियाणा और दिल्ली का बहुत बड़ा गोत्र है | • बेनीवाल राजस्थान का महत्त्वपूर्ण गोत्र है हरियाणा और पश्चिमी उ०प्र० में भी काफी गांव है | जाट का जन्म कैसे हुआ? ज्येष्ठ से जाट की उत्पत्ति – कुछ इतिहासकार जाट जाति की उत्पत्ति ज्येष्ठ शब्द से मानते है. ऐसी धरणा है कि राजसूय-यज्ञ करने के बाद युधिष्ठिर को ‘ज्येष्ठ’ घोसित किया गया था. आगे चल कर उनकी सन्तान ‘ज्येष्ठ’ से ‘जेठर’ तथा ‘जेटर’ और फ़िर ‘जाट’ कहलाने लगे. READ: हेयर मास्क कब लगाना चाहिए? जाटों का पहला राजा कौन था? राजा सूरज मल के समकालीन एक इतिहासकार ने उन्हें ‘जाटों का प्लेटों’ कहा है। … सूरज मल राज्याभिषेक डीग, 22 May 1755 पूर्ववर्ती बदन सिंह उत्तरवर्ती महाराजा जवाहर सिंह जन्म 13 फरवरी 1707 भरतपुर असली जाट कौन है? जाट उत्तरी भारत और पाकिस्तान में पारंपरिक रूप से गैर-कुलीन किसानों का समुदाय हैं। वह मूल रूप से सिंध की निचली सिंधु नदी-घाटी में चरवाहे थे। जाट कौन से वंश के हैं? जाट एक आदिकालीन समुदाय है और प्राचीनतम क्षत्रिय वर्ग है जिसकी अनेक अनुपम विशेषताएं हैं। जाट की पहचान क्या है? जाटों को भारतीय पौराणिक ग्रंथों में वर्णित चारों वर्णों में कोई स्थान नहीं मिला इसलिए ये एक अलग ही पहचान रखते हैं। इनकी चेहरे की बनावट, शारीरिक बनावट और क्षमता, त्वचा के रंग, रीति-रिवाज और शारीरिक हाव-भाव ही इनका इ...

जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? – Sir Chhoturam जाट गजट

जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? भारत वर्ष की विशेष पहचान सांस्कृतिक विभिन्नता से है । देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न समाज हैं जिनकी सामाजिक परम्परायें और संस्कृतियों में पूर्ण विभिन्नता है। उदाहरण के लिए दक्षिण के राज्यों में विशेषकर तमिलनाडू के हिन्दू समाज में अपनी बहिन, भुआ (बुआ) व मामे की लड़की/लड़के से विवाह करना उत्तम सम्बन्ध माना जाता है। इसी प्रकार पाकिस्तान से विभाजन के बाद भारत हिन्दू मुख्यत: अरोड़ा खत्री जातियों मामा, बुआ के बच्चों शादी उत्तम मानी गयी हैं, जबकि उत्तर भारत की स्थानीय जातियों (जाट, अहीर, गुज्जर, राजपूत, मीणा, दलित आदि) में इनको भाई-बहन का दर्जा प्राप्त है । उत्तर पूर्वी राज्यों में सम्पत्ति की मालिक स्त्री है तो मेघालय में दूल्हे की बजाए दुल्हन बारात लेकर आती है । इस प्रकार के अनेक उदाहरण हैं लेकिन इसका मुख्य कारण दक्षिण व उत्तर-पूर्व की समाज मातृ-प्रधान संस्कृतियां हैं तो उत्तर भारत पितृ-प्रधान संस्कृति है। इसी का प्रमाण है कि दक्षिण भारतीय कोई भी कर्मचारी अपने परिवार को साथ रखने के समय अपनी मां की बजाए अपनी सास को साथ रखता है । इसी प्रकार हिन्दू धर्म में भी अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग मान्यताएं हैं जो एक-दूसरे के विपरीत हैं। हमें तो एक दूसरे की संस्कृतियां बहुत ही हैरान करने वाली लगती हैं लेकिन सभी को अपनी-अपनी संस्कृतियां प्रिय व सम्मानीय हैं । इसलिए भारतीय संविधान ने सभी को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। सच्चाई जाट कौम में गोत्र विवाद जाट कौम में गोत्र विवाद – जायज या नाजायज? जाट कौम मुख्य तौर पर उत्तर भारत में रहती है । इसकी मूल सभ्यता, संस्कृति व पहचान चार बातों पर टिकी रही है – पंचायत, गौत्र, गांव और जमीन (कृषि)। इसे कृषि सभ्यत...

जाट समाज का गुरु कौन है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • जाट समाज का गुरु कौन है? Jat History – गुरु जसनाथ जी महाराज जी का जन्म जाट जाति के… | Facebook. जाटों का सबसे बड़ा गोत्र कौन सा है? जाटों की कुछ प्रमुख गोत्र और उनके बहुल क्षेत्र • सिद्धू गोत्र पंजाब का बहुत बड़ा गोत्र है| पश्चिमी उ०प्र० अमरोहा, हापुड जिलों में भी काफी गांव है | • मान गोत्र भी पंजाब, हरियाणा और दिल्ली का बहुत बड़ा गोत्र है | • बेनीवाल राजस्थान का महत्त्वपूर्ण गोत्र है हरियाणा और पश्चिमी उ०प्र० में भी काफी गांव है | जाट का जन्म कैसे हुआ? ज्येष्ठ से जाट की उत्पत्ति – कुछ इतिहासकार जाट जाति की उत्पत्ति ज्येष्ठ शब्द से मानते है. ऐसी धरणा है कि राजसूय-यज्ञ करने के बाद युधिष्ठिर को ‘ज्येष्ठ’ घोसित किया गया था. आगे चल कर उनकी सन्तान ‘ज्येष्ठ’ से ‘जेठर’ तथा ‘जेटर’ और फ़िर ‘जाट’ कहलाने लगे. READ: निजीकरण से आप क्या समझते हैं? जाटों का पहला राजा कौन था? राजा सूरज मल के समकालीन एक इतिहासकार ने उन्हें ‘जाटों का प्लेटों’ कहा है। … सूरज मल राज्याभिषेक डीग, 22 May 1755 पूर्ववर्ती बदन सिंह उत्तरवर्ती महाराजा जवाहर सिंह जन्म 13 फरवरी 1707 भरतपुर असली जाट कौन है? जाट उत्तरी भारत और पाकिस्तान में पारंपरिक रूप से गैर-कुलीन किसानों का समुदाय हैं। वह मूल रूप से सिंध की निचली सिंधु नदी-घाटी में चरवाहे थे। जाट कौन से वंश के हैं? जाट एक आदिकालीन समुदाय है और प्राचीनतम क्षत्रिय वर्ग है जिसकी अनेक अनुपम विशेषताएं हैं। जाट की पहचान क्या है? जाटों को भारतीय पौराणिक ग्रंथों में वर्णित चारों वर्णों में कोई स्थान नहीं मिला इसलिए ये एक अलग ही पहचान रखते हैं। इनकी चेहरे की बनावट, शारीरिक बनावट और क्षमता, त्वचा के रंग, रीति-रिवाज और शारीरिक हाव-भाव ही इनक...