Jadatv kise kahate hain

  1. संतुलित आहार किसे कहते हैं? स्वस्थ जीवन में संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?
  2. पादप किसे कहते हैं? » Padap Kise Kehte Hain
  3. तत्व किसे कहते हैं? परिभाषा एवं प्रकार! ( Tatv Kise Kahate Hain )
  4. जड़त्व का नियम किसे कहते हैं?
  5. जाति किसे कहते हैं? » Jati Kise Kehte Hain
  6. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण )


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संतुलित आहार किसे कहते हैं? स्वस्थ जीवन में संतुलित आहार के तत्व का महत्व क्या है?

स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार की उपयोगिता अत्यधिक महत्वपूर्ण है इसलिए हमें यह जानना जरूरी है कि संतुलित आहार किसे कहते हैं और संतुलित आहार के तत्वों का महत्व क्या है? जिसमें हम अपने दैनिक जीवन में भोजन को कितना और किस प्रकार से ग्रहण करना चाहिए यह जानेंगे। अलग-अलग जगहों पर हमारी संस्कृति और भोजन अलग होती है इसलिए आपने देखा होगा कि किसी खास क्षेत्र के लोग या तो स्वस्थ होते हैं या फिर अस्वस्थ। यदि हमें अपने शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखना है तो हमें संतुलित आहार करनी चाहिए जिससे हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े और हम हमेशा स्वस्थ रहें। विषय सूची • • • • • • • • संतुलित आहार किसे कहते हैं? ऐसा आहार जिसमें सभी प्रकार के महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, प्रोटीन और वसा आदि संतुलित रूप से मौजूद हो उस आहार को संतुलित आहार कहते हैं। संतुलित आहार को संतुलित भोजन भी कहते हैं और इस प्रकार के आहार हमारे शरीर को हमेशा स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करता है। यदि हम संतुलित आहार को सरल भाषा में समझें तो हम यहां पाएंगे कि संतुलित आहार वह है जिसमें शरीर के लिए आवश्यक सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल होते हैं। यह भी पढ़ें: संतुलित आहार क्या है? एक संतुलित आहार वह है जिसमें सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, वसा और विटामिन, खनिज, प्रोटीन, फाइबर और प्रोटीन शामिल होते हैं। एक संतुलित आहार में अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए पौष्टिक और पर्याप्त भोजन शामिल होता है। संतुलित आहार का अर्थ है ऐसा आहार जिसमें निश्चित मात्रा और अनुपात में विभिन्न प्रकार के भोजन शामिल हों। संतुलित आहार यह सुनिश्चित करता है कि शरीर की जरूरतों के लिए पर्याप्त पोषण हो जिससे हम स्...

पादप किसे कहते हैं? » Padap Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। हेलो फ्रेंड्स आपने पूछा है पादप किसे कहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं वीडियो जिसमें क्लोरोफिल पाया जाता है जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं वह सभी जीव पादप में आते हैं ओके थैंक्स hello friends aapne poocha hai padap kise kehte hain toh hum aapko bata rahe hain video jisme chlorophyll paya jata hai jo prakash sanshleshan dwara apna bhojan swayam banate hain vaah sabhi jeev padap me aate hain ok thanks हेलो फ्रेंड्स आपने पूछा है पादप किसे कहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं वीडियो जिसमें क्लोरोफ

तत्व किसे कहते हैं? परिभाषा एवं प्रकार! ( Tatv Kise Kahate Hain )

इस लेख में तत्व ( Elements ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – तत्व किसे कहते हैं? परिभाषा एवं प्रकार! ( Tatv Kise Kahate Hain ) आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “ । तत्व किसे कहते हैं? ( What are the Elements Called ) तत्व किसे कहते हैं :— वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बने होते है , तत्त्व ( Elements ) कहलाते हैं । तत्त्व के प्रकार ( Type of Element ) तत्त्व 2 प्रकार के होते हैं — ( 1 ). धातु और , ( 2 ). अधातु आदि । ( 1 ). धातु ( Metal ) अवस्था — सभी धातुएं सामान्य तापमान पर ठोस होती हैं । पारा ( Mercury ) सामान्य तापमान पर द्रव के रूप में होता है । आघात वर्धनीयता — धातुओं को पीटकर चादर ( Sheet ) में बदला जा सकता है । सोना सबसे अच्छा आघात वर्धनीय धातु है । तन्यता — धातुओं को खींचकर तारों में बदला जा सकता है । सोना सबसे ज्यादा तन्य धातु है । ध्वानिक — धातु टकराने पर ध्वनि उत्पन्न करती हैं । चमकीलापन — सभी धातुएं चमकीली होती हैं । कठोरता — कठोर होती हैं लेकिन सोडियम और पोटैशियम नरम होते हैं । इन्हें चाकू से काटा जा सकता है । चालकता — सभी धातुएं ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं । चाँदी सबसे अच्छी सुचालक हैं । भंगुरता — धातुएं आसानी से नहीं टूटती हैं । घनत्व — घनत्व बहुत ज्यादा होता है । गलनांक और क्वथनांक बिन्दु — गलनांक बहुत ऊँचा होता है । सोडियम और पोटैशियम का यह बिन्दु बहुत कम होता है । ( 2 ). अधातु ( Non-Metal ) अवस्था — अधातुएं सामान्य तापमान पर तीनों अवस्थाओं में मिलती हैं । • ठोस — कार्बन , सल्फर , फॉस्फोरस • द्रव — ब्रोमीन • गैस — हाइड्रोजन , ऑक्सीजन , नाइट्रोजन , क्लोरीन आघात वर्धनीयता — अधातुओं को पीटकर...

जड़त्व का नियम किसे कहते हैं?

क्या आपको पता है जड़त्व का नियम क्या है इसे किस वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया था? आज हम आपको जड़त्व के नियम के बारे में विस्तार से बताएंगे, इसके साथ में जड़त्व के नियम के उदाहरण भी हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। यदि आप गैलीलियो का जड़त्व का नियम के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ते रहिए। जड़त्व का नियम क्या है ? – Jadatva ka niyam kya hai? जड़त्व का नियम को अंग्रेजी में Law of inertia कहा जाता है। इसकी परिभाषा के अनुसार “यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी यदि कोई वस्तु एक समान गति से सीधी रेखा में चल रही है तो वह है वैसी ही चलती रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल नहीं लगाया जाता या उसकी वर्तमान अवस्था में कोई परिवर्तन ना किया जाएं।“ इसे ही जड़त्व का नियम या गैलीलियो का नियम कहा जाता है जोकि न्यूटन का प्रथम गति का नियम है। (यह भी पढ़ें – जड़त्व का नियम किसने दिया था – Jadatv ka niyam kisne diya tha क्या आपको पता है कि जड़त्व के नियम का किस वैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया था? जड़त्व का नियम न्यूटन ने दिया था और न्यूटन के गति (Newton’s laws of motion) के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम या गैलीलियो का नियम कहा जाता है। (यह भी पढ़ें – बल किसे कहते हैं ? –What is force in Hindi (यह भी पढ़ें – जड़त्व के नियम के उदाहरण – Examples of the law of inertia in Hindi जड़त्व के नियम के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं आइए इन्हें विस्तार से जानते हैं। 1. जब कोई रुकी हुई रेल गाड़ी आगे की ओर बढ़ती है तो उसमें बैठे यात्री पीछे की ओर झुक जाते हैं यह जड़त्व के नियम के कारण होता है। 2. जब कोई चलती हुई बस या रेल...

जाति किसे कहते हैं? » Jati Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार प्रश्न है जाती क्या होता है तो हम जाति को जानने से पहले जाए इसके अर्थ को जानने से पहले इसके इतिहास की संक्षिप्त जानकारी ले लेते हैं ज्ञात है कि वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था हुआ करता था और वर्ण व्यवस्था जन्म आधारित न होकर कर्म आधारित होता था यानी यदि कोई चर्मकार व्यक्ति है और वह चर्म कार्य करता है और उस व्यक्ति का पुत्र यदि ज्ञानी हो जाता है पढ़ लिखकर ज्ञानी रहता है तो वह ब्राह्मण हो सकता था यानी कि वर्ड कर्म के आधार पर था व्यक्ति जो कर्म करता था उसका वर्ड वही होता था लेकिन उत्तर वैदिक काल में यह वर्ण व्यवस्था जाति व्यवस्था में बदल गया और अब जाति का निर्धारण कर्म के आधार पर न होकर जन्म के आधार पर होने लगा यानी कि यदि कोई ग्वाला का लड़का है वह वाला के घर में पैदा होता है तो हर स्थिति में वह वाला ही रहेगा कोई चर्मकार का लड़का है अगर यदि वह उसके पिता सरकारी कर रहे हैं और चमकारी के घर उसका बच्चा पैदा हुआ तो वह बच्चा भी चर्मकार ही होगा तो यह वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था में यह मुख्य अंतर है अब हम जान लेते हैं कि जाति व्यवस्था जाति क्या होता है तो महान समाज शास्त्री सर हर बोर्ड रिजल्ट के अनुसार जाति परिवारों या कई परिवारों के समूह का संकलन है जिसको एक सामान्य नाम दिया गया है जो किसी काल्पनिक पुरुष या देवता से अपनी उत्पत्ति मानते हैं तथा पैतृक व्यवसाय को स्वीकार करते हैं अब हम जान लेते हैं कि जाति व्यवस्था की विशेषता क्या है इसकी विशेषता को एंड के दत्त बताते हैं कि जाति व्यवस्था का विवाह सिम जात में ही होता है यानी कि समान जात में ही हमेशा विवाह होता है इ...

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण )

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Varn Kise Kahate Hain ध्वनियों के वे मौलिक और सूक्ष्मतम रूप जिन्हें और विभाजित नहीं किया जा सकता है, उन्हें वर्ण कहा जाता है। वर्ण के मौखिक रूप को ध्वनि एवं लिखित रूप को अक्षर कहते हैं। • जैसे – क् , ख्, ग् , अ, ए इत्यादि। किसी शब्द को अगर हम विभाजित करें तो हमें इसमें छिपे हुए वर्णों का पता चल जाएगा। उदाहरण के लिए, • सभा = स् + अ + भ् + आ । वर्ण की परिभाषा– Varn Ki Paribhasha वर्ण की परिभाषा की बात करें तो वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि। वर्ण के भेद – Varn Ke Kitne Bhed Hote Hain हिंदी भाषा के अनुसार वर्ण 2 प्रकार के होते हैं। • स्वर • व्यंजन हिन्दी वणमाला में 11 स्वर और 33 व्यंजन है। यह भी पढ़े: स्वर – Swar in Hindi:– वे ध्वनियाँ जिनके उच्चारण में वायु बिना किसी अवरोध के बाहर निकलती है, स्वर कहलाते है। स्वरों के भेद – Swar ke Bhed : उच्चारण समय या मात्रा के आधार पर स्वरो के तीन भेद है। 1. ह्रस्व स्वर :– इन्हे मूल स्वर तथा एकमात्रिक स्वर भी कहते है। इनके उच्चारण में सबसे कम समय लगता है। जैसे – अ, इ, उ, ऋ 2. दीर्घ स्वर :- इनके उच्चारण में हस्व स्वर की अपेक्षा दुगुना समय लगता है अर्थात दो मात्राए लगती है, उसे दीर्घ स्वर कहते है। जैसे – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ यह भी पढ़े: 3. प्लुत स्वर :– संस्कृत में प्लुत को एक तीसरा भेद माना जाता है, पर हिन्दी में इसका प्रयोग नहीं होता | जैसे – ओउम प्रयत्न के आधार पर:- जीभ के प्रयत्न के आधार पर तीन भेद है। 1. अग्र स्वर :– जिन स्वरों के उच्चारण में ...