Jaiv prakram kise kahate hain

  1. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण
  2. जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
  3. पदार्थ की परिभाषा , भेद और लक्षण
  4. जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
  5. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण
  6. पदार्थ की परिभाषा , भेद और लक्षण


Download: Jaiv prakram kise kahate hain
Size: 5.73 MB

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण

इस लेख में वर्ण किसे कहते हैं , परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि का विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। यह लेख सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। वर्ण से संबंधित प्रश्न विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। जहां विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ होते हैं। इस आशा के साथ कि आपको यह लेख पढ़ने के बाद वर्ण से संबंधित सभी प्रश्नों के हल यहां मिल सकेंगे यह लेख लिख रहे हैं। आशा करते हैं यह लेख आपके ज्ञान का वर्धन करेगा। Table of Contents • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक व अर्थपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाती है। इस भाषा को कुछ चिन्हों द्वारा लिखित भाषा में परिवर्तित किया जाता है। इन्हीं चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। साधारण अर्थों में समझे तो भाषा की सबसे लघुतम इकाई वर्ण है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है इस के टुकड़े नहीं किए जा सकते जैसे – क् ,प् , ख् , च ,आदि वर्णमाला (Alphabet ) किसी भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं। जिसमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लिखने के आधार पर 52 प्रकार के वर्ण माने गए हैं। 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन है। वर्ण के भेद वर्ण के मुख्यतः दो भेद माने गए हैं – १ स्वर , २ व्यंजन। 1 स्वर – वह वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी दूसरे वर्णों की सहायता नहीं पड़ती उन्हें वर्ण कहते हैं। हिंदी वर्णमाला के अनुसार स्वर की संख्या 13 है। • ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है उसे हर स्वर्ग कहते हैं जैसे – अ ,इ ,उ ,। • दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व व स्वर से दुगना समय या अ...

जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित हमें जीव विज्ञान के अंतर्गत पढ़ाया जाता है. और इससे संबंधित हमें दसवीं कक्षा से ही बताया जाता है जो विद्यार्थी जैव प्रक्रम एवं पोषण से संबंधित जानकारी ढूंढ रहा है उसके लिए इस पोस्ट में जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं जो कि पहले विज्ञान की परीक्षा में पूछे जा चुके हैं. . तो इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें और याद करें अगर आपको यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें 1.जैव प्रक्रम किसे कहते हैं. ? उत्तर. यह सभी प्रक्रम जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षक का कार्य करते हैं. . उन्हें जैव प्रक्रम कहते हैं. 2. एंजाइम किसे कहते हैं. ? उत्तर. वे जैव उत्प्रेरक जिनका उपयोग जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में खंडित करने के लिए जीव उपयोग करते हैं. . उन्हें एंजाइम कहते हैं. 3.पोषण किसे कहते हैं. ? उत्तर. जैविक क्रियाओं का समायोजन जिनके द्वारा प्राणी अपनी क्रियाशीलता को बनाए रखने के लिए तथा अंगों की वृद्धि एवं उनके पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक पदार्थों को ग्रहण कर उनका उपयोग करता है पोषण कहलाता है 4.प्राणी संभोजी जीव किसे कहते हैं. ? उत्तर.वे जीव जिनमें पाचन तंत्र पाया जाता है तथा जो भोज्य पदार्थ को अंतर्गत कर के भोजन करते हैं. . तथा जो भोज्य का अवशोषण करके अप्च्यित भोजन को उत्सर्जित कर देते हैं. . प्राणी संभाजी चलाते हैं. 5.शाकाहारी किसे कहते हैं. ? उत्तर.वह जीव जो पौधे या पौधों के उत्पादों को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं. शाकाहारी कहलाते हैं. 6.मसाहारी किसे कहते हैं. ? उत्तर. वह जीव जो अपना भोजन दूसरे जीवों के मांस से ग्रहण करते हैं. . उन्हें ...

पदार्थ की परिभाषा , भेद और लक्षण

Contents • • • • • पदार्थ की परिभाषा(Padarth Kise Kahate Hain) पदार्थ स्थान देता है और उसके द्रव्यमान भी होते हैं वे वस्तु जो स्थान घेरती हो और द्रव्यमान भी होता है और जिन का अनुभव हम ज्ञानेंद्र द्वारा कर सकेंगे पदार्थ कहलाते हैं जैसे – पदार्थ के लक्षण(Padarth Ki Avastha) • पदार्थ जगह घेर लेता है-सभी द्रव्य (ठोस, द्रव अथवा गैस) स्थान घेरती हैं द्रव्य से बनी हुई कोई भी वस्तु जितना स्थान देती है उसका आयतन कहते हैं आयतन द्रव्य का मूल लक्षण होता है। • पदार्थ में जड़त्व –किसी भी पदार्थ से बनी हुई वस्तु पर कोई भी बाहरी बल नहीं लगाए बिना वस्तु की विराम अवस्था एवं एक समान गति की अवस्था परिवर्तन नहीं किया जाए पदार्थ की इस प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं इसका माप द्रव्यमान में किया जाता है। • गुरूत्वाकर्षण-पदार्थ में किन्हीं दो कारणों अथवा विंडो के बीच पारस्परिक आकर्षण का बल कार्यकर्ता हो जिसे गुरुत्वाकर्षण कहते हैं पदार्थ के किसी एक खंड द्वारा पदार्थ के किसी दूसरे खंड पर गुरुत्वाकर्षण बल आरोपित होता है। यह द्रवमान का मूल लक्षण है। पदार्थ का वर्गीकरण(Padarth Kya Hai) • ठोस (Solid) • द्रव (Liquid) • गैस (Gas) ठोस (Solid)- ठोस पदार्थ व्यवस्था होती है जिसका आकार एवं आयतन निश्चित होते हैं। जैसे – कुर्सी, ईट ,पत्थर ,मूर्ति कलम ,तांबा। जब पदार्थ के अणुओं में परस्पर आकर्षण बल प्रथक कारी वर्ल्ड से सफल होता हो तो पदार्थ ठोस अवस्था में रहेगा इस प्रकार ठोस पदार्थ के अनुप्रस्थ और आकर्षण बल सफल होता हो सबल आकर्षण बल के कारण ठोस पदार्थ के अनुकरण रूप से संकुचित हो जाते हैं। तथा उनकी स्थिति निश्चित हो जाती है। इस स्थितियों के इर्द-गिर्द दिए सिर्फ अपने आंतरिक अंतराल में कंपन करते होंगे। जब तक कि उन पर ...

जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित हमें जीव विज्ञान के अंतर्गत पढ़ाया जाता है. और इससे संबंधित हमें दसवीं कक्षा से ही बताया जाता है जो विद्यार्थी जैव प्रक्रम एवं पोषण से संबंधित जानकारी ढूंढ रहा है उसके लिए इस पोस्ट में जैव प्रक्रम और पोषण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दिए गए हैं जो कि पहले विज्ञान की परीक्षा में पूछे जा चुके हैं. . तो इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें और याद करें अगर आपको यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें 1.जैव प्रक्रम किसे कहते हैं. ? उत्तर. यह सभी प्रक्रम जो सम्मिलित रूप से अनुरक्षक का कार्य करते हैं. . उन्हें जैव प्रक्रम कहते हैं. 2. एंजाइम किसे कहते हैं. ? उत्तर. वे जैव उत्प्रेरक जिनका उपयोग जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में खंडित करने के लिए जीव उपयोग करते हैं. . उन्हें एंजाइम कहते हैं. 3.पोषण किसे कहते हैं. ? उत्तर. जैविक क्रियाओं का समायोजन जिनके द्वारा प्राणी अपनी क्रियाशीलता को बनाए रखने के लिए तथा अंगों की वृद्धि एवं उनके पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक पदार्थों को ग्रहण कर उनका उपयोग करता है पोषण कहलाता है 4.प्राणी संभोजी जीव किसे कहते हैं. ? उत्तर.वे जीव जिनमें पाचन तंत्र पाया जाता है तथा जो भोज्य पदार्थ को अंतर्गत कर के भोजन करते हैं. . तथा जो भोज्य का अवशोषण करके अप्च्यित भोजन को उत्सर्जित कर देते हैं. . प्राणी संभाजी चलाते हैं. 5.शाकाहारी किसे कहते हैं. ? उत्तर.वह जीव जो पौधे या पौधों के उत्पादों को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं. शाकाहारी कहलाते हैं. 6.मसाहारी किसे कहते हैं. ? उत्तर. वह जीव जो अपना भोजन दूसरे जीवों के मांस से ग्रहण करते हैं. . उन्हें ...

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण ) हिंदी व्याकरण

इस लेख में वर्ण किसे कहते हैं , परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि का विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। यह लेख सभी स्तर के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है। वर्ण से संबंधित प्रश्न विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। जहां विद्यार्थी इन प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ होते हैं। इस आशा के साथ कि आपको यह लेख पढ़ने के बाद वर्ण से संबंधित सभी प्रश्नों के हल यहां मिल सकेंगे यह लेख लिख रहे हैं। आशा करते हैं यह लेख आपके ज्ञान का वर्धन करेगा। Table of Contents • • • • • • वर्ण किसे कहते हैं मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक व अर्थपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाती है। इस भाषा को कुछ चिन्हों द्वारा लिखित भाषा में परिवर्तित किया जाता है। इन्हीं चिन्ह को वर्ण कहा जाता है। साधारण अर्थों में समझे तो भाषा की सबसे लघुतम इकाई वर्ण है। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है इस के टुकड़े नहीं किए जा सकते जैसे – क् ,प् , ख् , च ,आदि वर्णमाला (Alphabet ) किसी भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं। जिसमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लिखने के आधार पर 52 प्रकार के वर्ण माने गए हैं। 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन है। वर्ण के भेद वर्ण के मुख्यतः दो भेद माने गए हैं – १ स्वर , २ व्यंजन। 1 स्वर – वह वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी दूसरे वर्णों की सहायता नहीं पड़ती उन्हें वर्ण कहते हैं। हिंदी वर्णमाला के अनुसार स्वर की संख्या 13 है। • ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है उसे हर स्वर्ग कहते हैं जैसे – अ ,इ ,उ ,। • दीर्घ स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व व स्वर से दुगना समय या अ...

पदार्थ की परिभाषा , भेद और लक्षण

Contents • • • • • पदार्थ की परिभाषा(Padarth Kise Kahate Hain) पदार्थ स्थान देता है और उसके द्रव्यमान भी होते हैं वे वस्तु जो स्थान घेरती हो और द्रव्यमान भी होता है और जिन का अनुभव हम ज्ञानेंद्र द्वारा कर सकेंगे पदार्थ कहलाते हैं जैसे – पदार्थ के लक्षण(Padarth Ki Avastha) • पदार्थ जगह घेर लेता है-सभी द्रव्य (ठोस, द्रव अथवा गैस) स्थान घेरती हैं द्रव्य से बनी हुई कोई भी वस्तु जितना स्थान देती है उसका आयतन कहते हैं आयतन द्रव्य का मूल लक्षण होता है। • पदार्थ में जड़त्व –किसी भी पदार्थ से बनी हुई वस्तु पर कोई भी बाहरी बल नहीं लगाए बिना वस्तु की विराम अवस्था एवं एक समान गति की अवस्था परिवर्तन नहीं किया जाए पदार्थ की इस प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं इसका माप द्रव्यमान में किया जाता है। • गुरूत्वाकर्षण-पदार्थ में किन्हीं दो कारणों अथवा विंडो के बीच पारस्परिक आकर्षण का बल कार्यकर्ता हो जिसे गुरुत्वाकर्षण कहते हैं पदार्थ के किसी एक खंड द्वारा पदार्थ के किसी दूसरे खंड पर गुरुत्वाकर्षण बल आरोपित होता है। यह द्रवमान का मूल लक्षण है। पदार्थ का वर्गीकरण(Padarth Kya Hai) • ठोस (Solid) • द्रव (Liquid) • गैस (Gas) ठोस (Solid)- ठोस पदार्थ व्यवस्था होती है जिसका आकार एवं आयतन निश्चित होते हैं। जैसे – कुर्सी, ईट ,पत्थर ,मूर्ति कलम ,तांबा। जब पदार्थ के अणुओं में परस्पर आकर्षण बल प्रथक कारी वर्ल्ड से सफल होता हो तो पदार्थ ठोस अवस्था में रहेगा इस प्रकार ठोस पदार्थ के अनुप्रस्थ और आकर्षण बल सफल होता हो सबल आकर्षण बल के कारण ठोस पदार्थ के अनुकरण रूप से संकुचित हो जाते हैं। तथा उनकी स्थिति निश्चित हो जाती है। इस स्थितियों के इर्द-गिर्द दिए सिर्फ अपने आंतरिक अंतराल में कंपन करते होंगे। जब तक कि उन पर ...