जैविक खेती

  1. जैविक खेती किसे कहते हैं और कैसे करें?, पूरी जानकारी 2023
  2. ऑर्गेनिक खेती क्या होती है
  3. Farmers earning lakhs from watermelon crop of organic farming
  4. Farmers earning lakhs from watermelon crop of organic farming
  5. ऑर्गेनिक खेती क्या होती है
  6. जैविक खेती किसे कहते हैं और कैसे करें?, पूरी जानकारी 2023


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जैविक खेती किसे कहते हैं और कैसे करें?, पूरी जानकारी 2023

विश्व की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में खाद उत्पन्न की समस्या भी बढ़ रही है। ज्यादा से ज्यादा खाद उत्पादन करने के लिए किसान तरह-तरह के रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है। लेकिन रासायनिक खाद से उत्पादित खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही नुकसानदायक होता है और न केवल स्वास्थ्य बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। रासायनिक खादों के कारण जमीन की उर्वकता भी घट जाती है। ऐसे में जरूरी है कि दुनिया भर के किसान रासायनिक खादों का कम इस्तेमाल करते हुए जैविक खेती शुरू करें। जैविक खेती के कई फायदे हैं। इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं आती। लेकिन बहुत से लोगों को नहीं पता कि जैविक खेती क्या है। इस लेख में jaivik krishi kya hai, जैविक खेती की आवश्यकता, जैविक खेती के लाभ, जैविक खेती कैसे करें और जैविक खेती से संबंधित अन्य जानकारी दी है। विषय सूची • • • • • • • • • • • जैविक खेती किसे कहते हैं? जैविक खेती को अंग्रेजी में organic खेती कहा जाता है। जैविक खेती, खेती की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक अर्थात खरपतवारनाशक के जगह पर जीवाश्म खादो का प्रयोग किया जाता है। जैसे कि गोबर की खाद, कंपोज्ड की हुई साग सब्जियों से बनी खाद, जीवाणु कल्चर, हरि खाद इत्यादि। इस तरीके से जैविक खाद में प्रकृति में जो तत्व पाए जाते हैं, उन्हीं को खेती में कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है। प्रकृति में उपलब्ध जीवाणु, मित्र कीट और जैविक कीटनाशक ही फसल को हानिकारक जीवाणुओं से बचाते हैं। इस तरीके से ऑर्गेनिक खेती पूरी तरह से रासायनिक खादों के बिना होती है, जिसमें ना केवल शुद्ध साग सब्जियां और फसल प्राप्त होते हैं बल्कि जम...

ऑर्गेनिक खेती क्या होती है

हम लोग सब जानते है की भारत एक बिशाल देश है और यहाँ की लगभग 60 से 70 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका निर्वहन के लिए कृषिकार्यों पर निर्भर है हलाकि आज के समय में की जाने वाली खेती पहले की तुलना में काफी अलग है | पहले की जाने वाली कृषि में किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थ का उपयोग नही किया जाता था,परन्तु जनसंख्या बढ़ने से अनाज की माग बढ़ने लगी और धीरे-धीरे लोगो नें कृषि उत्पादन बढ़ानें के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया |इसलिए आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेगे कि Organic farming क्या होती है और यह कैसे किया जाता है | Table of Contents • • • • • • • • • #1.organic farming क्या है | organic farming खेती करने का बहुत ही पुराना तकनीक है organic खेती को ही जैविक खेती कहते है organic कृषि में फसलो का उत्पादन गोबर की खाध (Manure), कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फ़सलोन के अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थों के माध्यम से पौधों को पोषक तत्व दिए जाते है इस प्रकार की खेती में प्राकृतिक में मौजूद तत्वों को ही कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है जैविक खेती पर्यावरण की शुद्धता बनाये रखनें के साथ ही भूमी के प्राकृतिक स्वरूप को बनाये रखती है। organic farming का मतलब जब खेतो में Chemical उत्पादों जैसे कीटनाशक ,उर्बरक ,खाद का उपयोग नही किया जाता है ,तब उसे organic farming या जैविक कृषि कहते है organic खेती को बेहतर माना जाता है क्योकि इसमें किसी प्रकार के केमिकल का उपयोग नही किया जाता है जो प्राकृतिक तरीको से उत्पाद को स्वस्थ और साफ बनाने में मदत करता है इसके अलावो जैविक खेती से फसलो के उत्पाद में भी बढ़ोतरी आती है #2.जैविक खेती कैसे करे , How To Do organic fa...

Farmers earning lakhs from watermelon crop of organic farming

आज की भागदौड़ की जिंदगी में हर दूसरे व्यक्ति को कोई न कोई बीमारी है। बीमारियों का मुख्य कारण खेतों में प्रयोग होने वाले खाद दवाइयों को मुख्य कारण माना जाता है। कुछ किसान अधिक फसल पैदा कर आमदनी करने के चक्कर में दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं। उनकी फसल तो अधिक हो रही है, परंतु इसी कारण किसानों को फसलों का भी दाम उचित नहीं मिल पा रहा है। जहां एक ओर अत्यधिक पैदावार के लालच में किसान अपनी फसलों में कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं थानाभवन क्षेत्र के गांव यारपुर निवासी किसान प्रदीप चौधरी ने एक एकड़ खेत में जैविक पद्धति से 10 से 15 टन की तरबूज की पैदावार की है। जिसकी खेत से ही ग्राहकों को 30 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है। उन्होंने इस तरबूज की अपने खेत में दो किस्में उगाई हुई हैं। एक ऊपर से हरा व अंदर से पीले रंग का है। दूसरा पाइनेपल फ्लेवर में और जो ऊपर से हरा व अंदर से लाल रंग का है। जिसका मिठास रिकवरी 14.5% की है। तरबूज की फसल तीन से चार माह में तैयार ही जाती है। जिसको तैयार करने में करीब 40 हजार रुपये प्रति एकड़ की लागत आती है। अगर इस में मुनाफे की बात करें तो दो लाख रुपये प्रति एकड़ तक का मुनाफा हो जाता है। डॉ. मनीष गोयल जो दिल्ली में अपनी सेवा देते हैं वह अपने यहां आने वाले शुगर के मरीजों को जैविक खेती से तैयार तरबूज को खाने की सलाह देते हैं। जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। किसान ने बताया कि जनपद शामली के साथ-साथ उनके खेत में उत्तराखंड, हरियाणा के पानीपत, करनाल, गुड़गांव व दिल्ली से आकर जैविक पद्दति से तैयार तरबूज को खरीदने के लिए आते हैं। फसल तैयार नहीं होने पर एडवांस पैसें भी जमा कराकर जाते हैं।

Farmers earning lakhs from watermelon crop of organic farming

आज की भागदौड़ की जिंदगी में हर दूसरे व्यक्ति को कोई न कोई बीमारी है। बीमारियों का मुख्य कारण खेतों में प्रयोग होने वाले खाद दवाइयों को मुख्य कारण माना जाता है। कुछ किसान अधिक फसल पैदा कर आमदनी करने के चक्कर में दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं। उनकी फसल तो अधिक हो रही है, परंतु इसी कारण किसानों को फसलों का भी दाम उचित नहीं मिल पा रहा है। जहां एक ओर अत्यधिक पैदावार के लालच में किसान अपनी फसलों में कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं थानाभवन क्षेत्र के गांव यारपुर निवासी किसान प्रदीप चौधरी ने एक एकड़ खेत में जैविक पद्धति से 10 से 15 टन की तरबूज की पैदावार की है। जिसकी खेत से ही ग्राहकों को 30 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है। उन्होंने इस तरबूज की अपने खेत में दो किस्में उगाई हुई हैं। एक ऊपर से हरा व अंदर से पीले रंग का है। दूसरा पाइनेपल फ्लेवर में और जो ऊपर से हरा व अंदर से लाल रंग का है। जिसका मिठास रिकवरी 14.5% की है। तरबूज की फसल तीन से चार माह में तैयार ही जाती है। जिसको तैयार करने में करीब 40 हजार रुपये प्रति एकड़ की लागत आती है। अगर इस में मुनाफे की बात करें तो दो लाख रुपये प्रति एकड़ तक का मुनाफा हो जाता है। डॉ. मनीष गोयल जो दिल्ली में अपनी सेवा देते हैं वह अपने यहां आने वाले शुगर के मरीजों को जैविक खेती से तैयार तरबूज को खाने की सलाह देते हैं। जिससे शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। किसान ने बताया कि जनपद शामली के साथ-साथ उनके खेत में उत्तराखंड, हरियाणा के पानीपत, करनाल, गुड़गांव व दिल्ली से आकर जैविक पद्दति से तैयार तरबूज को खरीदने के लिए आते हैं। फसल तैयार नहीं होने पर एडवांस पैसें भी जमा कराकर जाते हैं।

ऑर्गेनिक खेती क्या होती है

हम लोग सब जानते है की भारत एक बिशाल देश है और यहाँ की लगभग 60 से 70 प्रतिशत जनसंख्या अपनी आजीविका निर्वहन के लिए कृषिकार्यों पर निर्भर है हलाकि आज के समय में की जाने वाली खेती पहले की तुलना में काफी अलग है | पहले की जाने वाली कृषि में किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थ का उपयोग नही किया जाता था,परन्तु जनसंख्या बढ़ने से अनाज की माग बढ़ने लगी और धीरे-धीरे लोगो नें कृषि उत्पादन बढ़ानें के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया |इसलिए आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेगे कि Organic farming क्या होती है और यह कैसे किया जाता है | Table of Contents • • • • • • • • • #1.organic farming क्या है | organic farming खेती करने का बहुत ही पुराना तकनीक है organic खेती को ही जैविक खेती कहते है organic कृषि में फसलो का उत्पादन गोबर की खाध (Manure), कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फ़सलोन के अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थों के माध्यम से पौधों को पोषक तत्व दिए जाते है इस प्रकार की खेती में प्राकृतिक में मौजूद तत्वों को ही कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है जैविक खेती पर्यावरण की शुद्धता बनाये रखनें के साथ ही भूमी के प्राकृतिक स्वरूप को बनाये रखती है। organic farming का मतलब जब खेतो में Chemical उत्पादों जैसे कीटनाशक ,उर्बरक ,खाद का उपयोग नही किया जाता है ,तब उसे organic farming या जैविक कृषि कहते है organic खेती को बेहतर माना जाता है क्योकि इसमें किसी प्रकार के केमिकल का उपयोग नही किया जाता है जो प्राकृतिक तरीको से उत्पाद को स्वस्थ और साफ बनाने में मदत करता है इसके अलावो जैविक खेती से फसलो के उत्पाद में भी बढ़ोतरी आती है #2.जैविक खेती कैसे करे , How To Do organic fa...

जैविक खेती किसे कहते हैं और कैसे करें?, पूरी जानकारी 2023

विश्व की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में खाद उत्पन्न की समस्या भी बढ़ रही है। ज्यादा से ज्यादा खाद उत्पादन करने के लिए किसान तरह-तरह के रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उत्पादन प्रचुर मात्रा में होता है। लेकिन रासायनिक खाद से उत्पादित खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही नुकसानदायक होता है और न केवल स्वास्थ्य बल्कि यह पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं। रासायनिक खादों के कारण जमीन की उर्वकता भी घट जाती है। ऐसे में जरूरी है कि दुनिया भर के किसान रासायनिक खादों का कम इस्तेमाल करते हुए जैविक खेती शुरू करें। जैविक खेती के कई फायदे हैं। इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं आती। लेकिन बहुत से लोगों को नहीं पता कि जैविक खेती क्या है। इस लेख में jaivik krishi kya hai, जैविक खेती की आवश्यकता, जैविक खेती के लाभ, जैविक खेती कैसे करें और जैविक खेती से संबंधित अन्य जानकारी दी है। विषय सूची • • • • • • • • • • • जैविक खेती किसे कहते हैं? जैविक खेती को अंग्रेजी में organic खेती कहा जाता है। जैविक खेती, खेती की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक अर्थात खरपतवारनाशक के जगह पर जीवाश्म खादो का प्रयोग किया जाता है। जैसे कि गोबर की खाद, कंपोज्ड की हुई साग सब्जियों से बनी खाद, जीवाणु कल्चर, हरि खाद इत्यादि। इस तरीके से जैविक खाद में प्रकृति में जो तत्व पाए जाते हैं, उन्हीं को खेती में कीटनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है। प्रकृति में उपलब्ध जीवाणु, मित्र कीट और जैविक कीटनाशक ही फसल को हानिकारक जीवाणुओं से बचाते हैं। इस तरीके से ऑर्गेनिक खेती पूरी तरह से रासायनिक खादों के बिना होती है, जिसमें ना केवल शुद्ध साग सब्जियां और फसल प्राप्त होते हैं बल्कि जम...