जैविक खेती pdf

  1. Information about organic farming given to farmers and public representatives
  2. जैविक खेती क्या है
  3. राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, इस तरीके से खेती करने पर किसानों को देगी 5 हजार रुपये, जानिए डीटेल
  4. जैविक खेती कैसे शुरू करें । How to start Organic Farming in India.
  5. जैविक खेती की महत्व एवं उपयोगिता
  6. राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, इस तरीके से खेती करने पर किसानों को देगी 5 हजार रुपये, जानिए डीटेल
  7. जैविक खेती की महत्व एवं उपयोगिता
  8. Information about organic farming given to farmers and public representatives
  9. जैविक खेती कैसे शुरू करें । How to start Organic Farming in India.


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Information about organic farming given to farmers and public representatives

प्रखंड परिसर डंडारी में बुधवार को खरीफ महाअभियान 2023 के लिए एक दिवसीय कार्यशाला किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन जिला कृषि अधिकारी राजेंद्र कुमार वर्मा, अनुमंडल कृषि अधिकारी स्नेहा चौधरी, मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष मो. अहसन, प्रखंड प्रमुख तनवीर अहमद एवं बीडीओ प्रियंका भारती ने किया। किसानों एवं जनप्रतिनिधियों को जैविक खेती, अनुदानित दर पर खरीफ बीज वितरण, पीएम सम्मान निधि योजना, कृषि यांत्रिकीकरण, मिट्टी जांच, किसान पाठशाला, कृषक हित समूह, महिला खाद्य सुरक्षा, किसान प्रशिक्षण व परिभ्रमण आदि योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी गई। साथ ही किसानों की स्थिति बेहतर बनाने, कम लागत से अधिक उपज प्राप्त करने सहित उन्नत प्रभेद वाले बीजों की भी जानकारी दी गई। अध्यक्षता प्रखंड कृषि अधिकारी जयशंकर प्रसाद सिंह ने की एवं संचालन आत्मा अध्यक्ष सह प्रगतिशील किसान जयशंकर कुमार ने किया। मौके पर प्रखंड पशुपालन अधिकारी प्रणेश कुमार, बीसीओ आनंद राव, प्रखंड उद्यान अधिकारी शंभू कुमार, तकनीकी प्रबंधक राजू कुमार, किसानश्री राजाराम यादव, मुखिया अमरजीत साहनी, विभा कुमारी, राजेश तांती, पंसस अभिषेक कुमार आदि थे।

जैविक खेती क्या है

जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भी अनाज के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता था. उस दौरान हरित क्रांति का उदय हुआ जिसका उद्देश्य देश को अनाज और कृषि आधारित चीजों में आत्मनिर्भर बनाना था. और उस दौरान अधिक उपज लेने के लिए देश के किसानों को रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल के बारें में बताया गया. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • जैविक खेती जिसके बाद देश के अधिकतर किसान भाई अधिक पैदावार लेने के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करने लगे. इनको इस्तेमाल करने से खेत से अधिक मात्रा में उपज प्राप्त होने लगी. जिसके बाद धीरे धीरे इन रासायनिक चीज़ों को हर किसान ने अपना लिया. लेकिन इनके अत्यधिक इस्तेमाल की वजह से वर्तमान में भूमि की पैदावार स्थिर हो चुकी है. क्योंकि भूमि अपनी उर्वरक शक्ति खो चुकी है. ऐसे में अब जैविक खेती की जरूरत होने लगी है. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जैविक खेती के लिए आवश्यक चीजों और इसके फायदे और नुक्सान के बारें में बताने वाले हैं. जैविक खेती क्या है जैविक खेती वो खेती है जो संश्लेषित रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशियों के इस्तेमाल के बिना की जाती है. जैविक खेती भूमि की उर्वरक शक्ति को बढ़ाती है. जैविक खेती को पुराने तरीके की खेती भी बोल सकते हैं. जिसे प्राचीन काल में किसान किया करते थे. जैविक खेती क्यों आवश्यक है जैविक खेती पूरी तरह से रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के इस्तेमाल के बिना की जाती है. जिस कारण जैविक खेती के उत्पादों में किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थों का गुण नहीं पाया जाता. इस कारण इसके उत्पाद मानव शरीर के लिए बहुत अच्छे होते हैं. और खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं. वर्तमान में जैविक उत्पादों की मांग बढत...

राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, इस तरीके से खेती करने पर किसानों को देगी 5 हजार रुपये, जानिए डीटेल

Organic Farming: राजस्‍थान में 1.20 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को जैविक खेती (Organic Farming) के लिए चिह्नित किया जाएगा. इसके तहत किसानों को जैविक बीज, जैव उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध कराए जाएंगे. एक सरकारी बयान के अनुसार, राज्‍य सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1.20 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को जैविक क्षेत्र में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके तहत किसानों को

जैविक खेती कैसे शुरू करें । How to start Organic Farming in India.

जैविक (Organic Farming) खेती का महत्व भारत एवम चीन के किसानों से कोई अधिक इसलिए नहीं समझ सकता, क्योंकि इन देशों में पिछले 4000 वर्षों से इस खेती ने यहाँ के किसानों को बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन इन देशों में पिछले 4000 वर्षों से चली आ रही जैविक खेती को तब धक्का लगा जब विश्व में बढ़ती हुई जनसँख्या, मौसम में आकस्मिक परिवर्तन के चलते लोगों ने खाद्य पदार्थो की आपूर्ति हेतु खेतों में समय से पहले फसल तैयार करने के लिए तरह तरह के रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक, हार्मोन, Feed Additives इत्यादि का उपयोग शुरू कर दिया । इन कृत्रिम रसायनों से जहाँ मृदा की सेहत ख़राब होने लगी, वही इन रसायनों से उत्पादित खाद्य पदार्थों को खाने के कारण मनुष्य में तरह तरह की बीमारियों का जन्म होने लगा । आर्गेनिक फार्मिंग न होने से सिर्फ मनुष्य की सेहत का ही नुकसान नहीं हो रहा, बल्कि मृदा की सेहत और वातावरण भी दूषित हो रहा है। इन्ही सब बातों के मद्देनज़र देश विदेशों में निवासित लोगों और सरकार का ध्यान भी जैविक खेती की ओर आकर्षित हुआ है। और विभिन्न देशों की सरकारों ने जनता के बीच चेतना जगाने हेतु अनेक कार्यक्रमो की शुरुआत भी की है, ताकि अधिक से अधिक किसान Organic Farming का रास्ता इख़्तियार कर सकें । 6. जैविक खेती से उत्पादित उत्पादों की गुणवत्ता (Quality of food in Organic Farming): जैविक खेती क्या है (What is Organic Farming) : साधारण शब्दों में कहें तो Organic farming अर्थात जैविक खेती से आशय कृत्रिम रसायनों, कीटनाशको इत्यादि का नाममात्र उपयोग करना, या फिर इनका बिलकुल भी उपयोग न करके खेती करने से है | खेती करने की इस विधि में जानवरों से जनित खाद जैसे डेयरी फार्मिंग से उत्पादित गोबर, बकरी प...

जैविक खेती की महत्व एवं उपयोगिता

• Home • जैविक खेती की महत्व एवं उपयोगिता संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को (इकालाजी सिस्टम) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। प्राचीन काल में, मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को (इकालाजी सिस्टम) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। प्राचीन काल में, मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। भारत वर्ष में प्राचीन काल से कृषि के साथ-साथ गौ पालन किया जाता था, जिसके प्रमाण हमारे ग्रंथो में प्रभु कृष्ण ...

राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, इस तरीके से खेती करने पर किसानों को देगी 5 हजार रुपये, जानिए डीटेल

Organic Farming: राजस्‍थान में 1.20 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को जैविक खेती (Organic Farming) के लिए चिह्नित किया जाएगा. इसके तहत किसानों को जैविक बीज, जैव उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध कराए जाएंगे. एक सरकारी बयान के अनुसार, राज्‍य सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1.20 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को जैविक क्षेत्र में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके तहत किसानों को

जैविक खेती की महत्व एवं उपयोगिता

• Home • जैविक खेती की महत्व एवं उपयोगिता संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को (इकालाजी सिस्टम) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। प्राचीन काल में, मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को (इकालाजी सिस्टम) प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। प्राचीन काल में, मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। भारत वर्ष में प्राचीन काल से कृषि के साथ-साथ गौ पालन किया जाता था, जिसके प्रमाण हमारे ग्रंथो में प्रभु कृष्ण ...

Information about organic farming given to farmers and public representatives

प्रखंड परिसर डंडारी में बुधवार को खरीफ महाअभियान 2023 के लिए एक दिवसीय कार्यशाला किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उद्घाटन जिला कृषि अधिकारी राजेंद्र कुमार वर्मा, अनुमंडल कृषि अधिकारी स्नेहा चौधरी, मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष मो. अहसन, प्रखंड प्रमुख तनवीर अहमद एवं बीडीओ प्रियंका भारती ने किया। किसानों एवं जनप्रतिनिधियों को जैविक खेती, अनुदानित दर पर खरीफ बीज वितरण, पीएम सम्मान निधि योजना, कृषि यांत्रिकीकरण, मिट्टी जांच, किसान पाठशाला, कृषक हित समूह, महिला खाद्य सुरक्षा, किसान प्रशिक्षण व परिभ्रमण आदि योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी गई। साथ ही किसानों की स्थिति बेहतर बनाने, कम लागत से अधिक उपज प्राप्त करने सहित उन्नत प्रभेद वाले बीजों की भी जानकारी दी गई। अध्यक्षता प्रखंड कृषि अधिकारी जयशंकर प्रसाद सिंह ने की एवं संचालन आत्मा अध्यक्ष सह प्रगतिशील किसान जयशंकर कुमार ने किया। मौके पर प्रखंड पशुपालन अधिकारी प्रणेश कुमार, बीसीओ आनंद राव, प्रखंड उद्यान अधिकारी शंभू कुमार, तकनीकी प्रबंधक राजू कुमार, किसानश्री राजाराम यादव, मुखिया अमरजीत साहनी, विभा कुमारी, राजेश तांती, पंसस अभिषेक कुमार आदि थे।

जैविक खेती कैसे शुरू करें । How to start Organic Farming in India.

जैविक (Organic Farming) खेती का महत्व भारत एवम चीन के किसानों से कोई अधिक इसलिए नहीं समझ सकता, क्योंकि इन देशों में पिछले 4000 वर्षों से इस खेती ने यहाँ के किसानों को बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन इन देशों में पिछले 4000 वर्षों से चली आ रही जैविक खेती को तब धक्का लगा जब विश्व में बढ़ती हुई जनसँख्या, मौसम में आकस्मिक परिवर्तन के चलते लोगों ने खाद्य पदार्थो की आपूर्ति हेतु खेतों में समय से पहले फसल तैयार करने के लिए तरह तरह के रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक, हार्मोन, Feed Additives इत्यादि का उपयोग शुरू कर दिया । इन कृत्रिम रसायनों से जहाँ मृदा की सेहत ख़राब होने लगी, वही इन रसायनों से उत्पादित खाद्य पदार्थों को खाने के कारण मनुष्य में तरह तरह की बीमारियों का जन्म होने लगा । आर्गेनिक फार्मिंग न होने से सिर्फ मनुष्य की सेहत का ही नुकसान नहीं हो रहा, बल्कि मृदा की सेहत और वातावरण भी दूषित हो रहा है। इन्ही सब बातों के मद्देनज़र देश विदेशों में निवासित लोगों और सरकार का ध्यान भी जैविक खेती की ओर आकर्षित हुआ है। और विभिन्न देशों की सरकारों ने जनता के बीच चेतना जगाने हेतु अनेक कार्यक्रमो की शुरुआत भी की है, ताकि अधिक से अधिक किसान Organic Farming का रास्ता इख़्तियार कर सकें । 6. जैविक खेती से उत्पादित उत्पादों की गुणवत्ता (Quality of food in Organic Farming): जैविक खेती क्या है (What is Organic Farming) : साधारण शब्दों में कहें तो Organic farming अर्थात जैविक खेती से आशय कृत्रिम रसायनों, कीटनाशको इत्यादि का नाममात्र उपयोग करना, या फिर इनका बिलकुल भी उपयोग न करके खेती करने से है | खेती करने की इस विधि में जानवरों से जनित खाद जैसे डेयरी फार्मिंग से उत्पादित गोबर, बकरी प...