Jalianwala bag hatyakand

  1. जलियांवाला बाग हत्याकांड Jallianwala bagh hatyakand in hindi story
  2. Jallianwala Bagh massacre
  3. Jallianwala Bagh Hatyakand 1919 me kaise or kyun hua tha
  4. Jallianwala Bagh Massacre
  5. जलियाँवाला बाग हत्याकांड
  6. Jallianwala Bagh Hatyakand 1919 me kaise or kyun hua tha
  7. Jallianwala Bagh massacre
  8. जलियाँवाला बाग हत्याकांड
  9. जलियांवाला बाग हत्याकांड Jallianwala bagh hatyakand in hindi story
  10. Jallianwala Bagh Massacre


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जलियांवाला बाग हत्याकांड Jallianwala bagh hatyakand in hindi story

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज हम Jallianwala bagh hatyakand के बारे में जानेंगे.जलियांवाला बाग हत्याकांड सन 1919 में हुआ दरअसल उस समय अंग्रेजों का शासन था अंग्रेज अपनी तानाशाही से हम भारतीयों को तरह तरह से प्रताड़ित करते थे,अंग्रेजों ने उस समय एक रोलेट एक्ट पास किया जिसके तहत कोई भी अंग्रेज किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते थे और उन्हें जेल में भी डाल सकते थे दरअसल उस समय हमारे भारत देश में अंग्रेजो के खिलाफ तरह-तरह के आंदोलन,तरह-तरह की बैठक होती थी इस वजह से अंग्रेजों ने रौलट एक्ट पारित किया. Jallianwala bagh hatyakand in hindi story वह हमारे भारत देश में इस तरह के आंदोलन नहीं होने देना चाहते थे इसी रोलेट एक्ट के चलते पंजाब के दो मशहूर नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया जब उनकी गिरफ्तारी हुई तो उसके विरोध में बहुत से लोग प्रदर्शन करने लगे,तरह-तरह के आंदोलन और सभाए इसके विरोध में होने लगी जो अंग्रेजो को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया.एक बार जलियांवाला बाग में इसी के चलते एक सभा का आयोजन किया गया वहां पर बहुत सारे लोग आए हुए थे जिनमें औरत,बच्चे,आदमी सभी तरह के लोग थे उसमें हजारों की संख्या में लोग थे जब सभा चल रही थी उसी बीच अंग्रेजी शासन काल के लगभग 50 सिपाहियों ने वहां पर गोलियों से हमला कर दिया और 10 मिनट तक फायरिंग जारी रखी. 10 मिनट में हजारों लोग जलियांवाला बाग में मारे गए.यह एक ऐसा हत्याकांड था जिसे हम भूल नहीं सकते.अंग्रेजी शासन काल में इस घटना की जांच के लिए भी एक कमीशन बनाया गया सभी भारत वासियों ने इस हत्याकांड की बुराई की और लोग इस हत्याकांड के विरोध में सड़कों पर उतर आए और हत्याकांड का विरोध किया इस तरह से हम कह सकते हैं कि जलियांवाला हत्याकांड अंग्रेजी शासनकाल...

Jallianwala Bagh massacre

Jallianwala Bagh Hatyakand in Hindi जलियांवाला बाग हत्याकांड पर निबंध Jallianwala Bagh HatyaKand Essay In Hindi Jallianwala Bagh massacre Essay in Hindi – बैसाखी के दिन 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में एक सभा रखी गई थी, जिसमें ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था। इस हत्याकांड में लगभग 1,650 गोलियां 303 नम्बर की चलीं जिसमें करीब 1000 लोग मारे गये एवं 3,000 लोग घायल हुए। उपरोक्त उद्धरण उन टिप्पणियों में से लिये गये हैं जो “डेली हेरल्ड” नामक ब्रिटिश समाचारपत्र में जलियांवाला बाग़ के हत्याकांड को लेकर प्रकाशित की गयी थीं, और जिन्हें “अमृत बाज़ार पत्रिका” ने 12 जनवरी 1920 के अंक में पुनः प्रकाशित किया था। वैसे सरकारी रिपोर्ट का मानना है कि 379 व्यक्ति मारे गये एवं 1,200 लोग घायल हुए। अमृतसर (पंजाब) में अप्रैल महीने में हुए गोलीकांड के बारे में प्राप्त विस्तृत आंकड़ो से इतना तो स्पष्ट है कि यह कांड आधुनिक इतिहास में हुए सबसे खूनी नरसंहारों में से एक है। साम्राज्य उत्पीड़न और उसके विरुद्ध होने वाले पराधीन जातियों के विद्रोह के बारे में जो जानकारी आज हम देने जा रहे हैं, उनमें, अपनी नग्न भयावहता के कारण सबसे अधिक शर्मनाक और स्तंभित कर देने वाली घटना अमृतसर हत्याकांड की ही है । आज तक इससे ज्यादा काला अथवा घिनौना ब्यौरा कभी पढ़ने को नहीं मिला था । Update Post: देश भक्ति सुविचार और अनमोल वचन जलियांवाला बाग हत्याकांड कैसे घटा और हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में इसका महत्व आंचलिक सरदार नगरी पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग़ स्थित है। किसी ज़माने में पंडित जल्ला नाम के ...

Jallianwala Bagh Hatyakand 1919 me kaise or kyun hua tha

जालियांवाला बाग हत्याकांड को 100 साल से अधिक समय हो गया है। पूरा देश जालियांवाला बाग की बरसी पर शहीदों को हमेशा से याद कर रहा है। साल 1919 में अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में हुए इस नरसंहार में हज़ारों लोग मारे गए थे, परन्तु ब्रिटिश सरकार (British Govt.) के आंकड़ें में केवल 379 की हत्या दर्ज की गई। जलियांवाला बाग में जो हत्‍याकांड हुआ था वो ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्‍याय है। आज से 100 साल पहले 13 अप्रैल, 1919 को एक अंग्रेज़ अफसर “जनरल डायर” ( श्री अमृतसर के प्रसिद्ध स्‍वर्ण मंदिर, “यानी गोल्‍डन टेम्पल” से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक छोटे से बाग़ यानी जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को “ हकीकत में Jallianwala bagh Hatyakand में लगभग एक हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे, और 1,500 के आसपास ज़्यादा घायल हुए थे। बैसाखी वाले दिन इस दर्दनाक, दिल दहला देने वाली घटना को एक अंग्रेज़ अफसर “जनरल डायर” (Reginald Edward Harry Dyer) ने अपनी सशस्त्र 90 सैनिको की एक टुकड़ी के साथ अंजाम दिया। इस दिन जलियांवाला बाग में पुरुष, महिलायें और बच्चे वार्षिक बैसाखी समारोह में भाग लेने के लिए इकट्ठे हुए थे, जो पंजाबियों का धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार दोनों हैं। इस घटना में सबसे बुरी बात यह थी कि यह बाग़ एक ऊँची दिवार से घिरा हुआ था और इस बाग़ से बहार जाने के सारे रास्तों पर खड़े होकर सिपाही अंधादुंध गोलीबारी कर रहे थे। जब लोग बहार नहीं जा पा रहे थे तो वहां भगदड़ जैसा माहौल बन गया और काफी सारे लोग तो भगदड़ में पैरों तले रौंदे गए और मारे गए इस निर्मम हत्‍याकांड के बाद से ही ब्रिटिश हुकूमत के अंत की शुरुआत हो गयी थी। इसी के बाद देश को ऊधम सिंह और भगत सिंह जैसा क्रांतिकारी मिले और देशभर के युवाओं के...

Jallianwala Bagh Massacre

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जलियाँवाला बाग हत्याकांड

मानचित्र दिखाएँ भारत भारत में अमृतसर की स्थिति स्थान 31°38′34″N 74°51′29″E / 31.64286°N 74.85808°E / 31.64286; 74.85808 31°38′34″N 74°51′29″E / 31.64286°N 74.85808°E / 31.64286; 74.85808 तिथि 13अप्रैल 1919 ; 104 वर्ष पहले ( 1919-04-13) 17:37 (IST) लक्ष्य बाग में एकत्र अहिंसक प्रदर्शनकारी, यात्री हमले का प्रकार हत्याकांड हथियार गन मृत्यु 379–1500+ घायल ~ १,१०० अपराधी ब्रिटिश भारतीय दल भागीदार संख्या ५० अनुक्रम • 1 घटनाक्रम • 1.1 ऐतिहासिक दिवस • 1.2 अंग्रेज़ों की मंशा • 1.3 गाँधी जी • 1.4 अंग्रेज़ों के अत्याचार • 2 काण्ड का विवरण • 2.1 गोलीबारी • 2.2 हताहत • 3 करतूत बयानी • 4 जाँच • 5 विरोध • 6 प्रतिघात • 7 स्मारक • 8 जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 • 9 इन्हें भी देखें • 10 सन्दर्भ • 11 बाहरी कड़ियाँ • 12 सन्दर्भ श्री हरमिन्दिर साहिब गुरुदुवारे में गुरु जी के दर्शन करने और बैसाखी का तोहार मनाने अमृतसर में पहुंचे थे, गुरुदुवारे से 500 मीटर की दुरी में जलियांवाला बाग को देखने के लिए बहुत सारे बच्चे, मेहलायें, बूढ़े, इकठे हुवे थे और बड़ी ही खुसी के साथ बैसाखी का तोहार मना रहे थे | अंग्रेज़ों की मंशा लेकिन गाँधी जी गांधी तब तक दक्षिण अफ़्रीका से भारत आ चुके थे और धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी। उन्होंने रोलेट एक्ट का विरोध करने का आह्वान किया जिसे कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार ने और अधिक नेताओं और जनता को रोलेट एक्ट के अंतर्गत गिरफ़्तार कर लिया और कड़ी सजाएँ दीं। इससे जनता का आक्रोश बढ़ा और लोगों ने रेल और डाक-तार-संचार सेवाओं को बाधित किया। आंदोलन अप्रैल के पहले सप्ताह में अपने चरम पर पहुँच रहा था। लाहौर और अमृतसर की सड़कें लोगों से भरी रहती थीं। करीब ...

Jallianwala Bagh Hatyakand 1919 me kaise or kyun hua tha

जालियांवाला बाग हत्याकांड को 100 साल से अधिक समय हो गया है। पूरा देश जालियांवाला बाग की बरसी पर शहीदों को हमेशा से याद कर रहा है। साल 1919 में अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में हुए इस नरसंहार में हज़ारों लोग मारे गए थे, परन्तु ब्रिटिश सरकार (British Govt.) के आंकड़ें में केवल 379 की हत्या दर्ज की गई। जलियांवाला बाग में जो हत्‍याकांड हुआ था वो ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्‍याय है। आज से 100 साल पहले 13 अप्रैल, 1919 को एक अंग्रेज़ अफसर “जनरल डायर” ( श्री अमृतसर के प्रसिद्ध स्‍वर्ण मंदिर, “यानी गोल्‍डन टेम्पल” से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक छोटे से बाग़ यानी जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को “ हकीकत में Jallianwala bagh Hatyakand में लगभग एक हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे, और 1,500 के आसपास ज़्यादा घायल हुए थे। बैसाखी वाले दिन इस दर्दनाक, दिल दहला देने वाली घटना को एक अंग्रेज़ अफसर “जनरल डायर” (Reginald Edward Harry Dyer) ने अपनी सशस्त्र 90 सैनिको की एक टुकड़ी के साथ अंजाम दिया। इस दिन जलियांवाला बाग में पुरुष, महिलायें और बच्चे वार्षिक बैसाखी समारोह में भाग लेने के लिए इकट्ठे हुए थे, जो पंजाबियों का धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार दोनों हैं। इस घटना में सबसे बुरी बात यह थी कि यह बाग़ एक ऊँची दिवार से घिरा हुआ था और इस बाग़ से बहार जाने के सारे रास्तों पर खड़े होकर सिपाही अंधादुंध गोलीबारी कर रहे थे। जब लोग बहार नहीं जा पा रहे थे तो वहां भगदड़ जैसा माहौल बन गया और काफी सारे लोग तो भगदड़ में पैरों तले रौंदे गए और मारे गए इस निर्मम हत्‍याकांड के बाद से ही ब्रिटिश हुकूमत के अंत की शुरुआत हो गयी थी। इसी के बाद देश को ऊधम सिंह और भगत सिंह जैसा क्रांतिकारी मिले और देशभर के युवाओं के...

Jallianwala Bagh massacre

Jallianwala Bagh Hatyakand in Hindi जलियांवाला बाग हत्याकांड पर निबंध Jallianwala Bagh HatyaKand Essay In Hindi Jallianwala Bagh massacre Essay in Hindi – बैसाखी के दिन 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में एक सभा रखी गई थी, जिसमें ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था। इस हत्याकांड में लगभग 1,650 गोलियां 303 नम्बर की चलीं जिसमें करीब 1000 लोग मारे गये एवं 3,000 लोग घायल हुए। उपरोक्त उद्धरण उन टिप्पणियों में से लिये गये हैं जो “डेली हेरल्ड” नामक ब्रिटिश समाचारपत्र में जलियांवाला बाग़ के हत्याकांड को लेकर प्रकाशित की गयी थीं, और जिन्हें “अमृत बाज़ार पत्रिका” ने 12 जनवरी 1920 के अंक में पुनः प्रकाशित किया था। वैसे सरकारी रिपोर्ट का मानना है कि 379 व्यक्ति मारे गये एवं 1,200 लोग घायल हुए। अमृतसर (पंजाब) में अप्रैल महीने में हुए गोलीकांड के बारे में प्राप्त विस्तृत आंकड़ो से इतना तो स्पष्ट है कि यह कांड आधुनिक इतिहास में हुए सबसे खूनी नरसंहारों में से एक है। साम्राज्य उत्पीड़न और उसके विरुद्ध होने वाले पराधीन जातियों के विद्रोह के बारे में जो जानकारी आज हम देने जा रहे हैं, उनमें, अपनी नग्न भयावहता के कारण सबसे अधिक शर्मनाक और स्तंभित कर देने वाली घटना अमृतसर हत्याकांड की ही है । आज तक इससे ज्यादा काला अथवा घिनौना ब्यौरा कभी पढ़ने को नहीं मिला था । Update Post: देश भक्ति सुविचार और अनमोल वचन जलियांवाला बाग हत्याकांड कैसे घटा और हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में इसका महत्व आंचलिक सरदार नगरी पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग़ स्थित है। किसी ज़माने में पंडित जल्ला नाम के ...

जलियाँवाला बाग हत्याकांड

मानचित्र दिखाएँ भारत भारत में अमृतसर की स्थिति स्थान 31°38′34″N 74°51′29″E / 31.64286°N 74.85808°E / 31.64286; 74.85808 31°38′34″N 74°51′29″E / 31.64286°N 74.85808°E / 31.64286; 74.85808 तिथि 13अप्रैल 1919 ; 104 वर्ष पहले ( 1919-04-13) 17:37 (IST) लक्ष्य बाग में एकत्र अहिंसक प्रदर्शनकारी, यात्री हमले का प्रकार हत्याकांड हथियार गन मृत्यु 379–1500+ घायल ~ १,१०० अपराधी ब्रिटिश भारतीय दल भागीदार संख्या ५० अनुक्रम • 1 घटनाक्रम • 1.1 ऐतिहासिक दिवस • 1.2 अंग्रेज़ों की मंशा • 1.3 गाँधी जी • 1.4 अंग्रेज़ों के अत्याचार • 2 काण्ड का विवरण • 2.1 गोलीबारी • 2.2 हताहत • 3 करतूत बयानी • 4 जाँच • 5 विरोध • 6 प्रतिघात • 7 स्मारक • 8 जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक, 2019 • 9 इन्हें भी देखें • 10 सन्दर्भ • 11 बाहरी कड़ियाँ • 12 सन्दर्भ श्री हरमिन्दिर साहिब गुरुदुवारे में गुरु जी के दर्शन करने और बैसाखी का तोहार मनाने अमृतसर में पहुंचे थे, गुरुदुवारे से 500 मीटर की दुरी में जलियांवाला बाग को देखने के लिए बहुत सारे बच्चे, मेहलायें, बूढ़े, इकठे हुवे थे और बड़ी ही खुसी के साथ बैसाखी का तोहार मना रहे थे | अंग्रेज़ों की मंशा लेकिन गाँधी जी गांधी तब तक दक्षिण अफ़्रीका से भारत आ चुके थे और धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी। उन्होंने रोलेट एक्ट का विरोध करने का आह्वान किया जिसे कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार ने और अधिक नेताओं और जनता को रोलेट एक्ट के अंतर्गत गिरफ़्तार कर लिया और कड़ी सजाएँ दीं। इससे जनता का आक्रोश बढ़ा और लोगों ने रेल और डाक-तार-संचार सेवाओं को बाधित किया। आंदोलन अप्रैल के पहले सप्ताह में अपने चरम पर पहुँच रहा था। लाहौर और अमृतसर की सड़कें लोगों से भरी रहती थीं। करीब ...

जलियांवाला बाग हत्याकांड Jallianwala bagh hatyakand in hindi story

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज हम Jallianwala bagh hatyakand के बारे में जानेंगे.जलियांवाला बाग हत्याकांड सन 1919 में हुआ दरअसल उस समय अंग्रेजों का शासन था अंग्रेज अपनी तानाशाही से हम भारतीयों को तरह तरह से प्रताड़ित करते थे,अंग्रेजों ने उस समय एक रोलेट एक्ट पास किया जिसके तहत कोई भी अंग्रेज किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते थे और उन्हें जेल में भी डाल सकते थे दरअसल उस समय हमारे भारत देश में अंग्रेजो के खिलाफ तरह-तरह के आंदोलन,तरह-तरह की बैठक होती थी इस वजह से अंग्रेजों ने रौलट एक्ट पारित किया. Jallianwala bagh hatyakand in hindi story वह हमारे भारत देश में इस तरह के आंदोलन नहीं होने देना चाहते थे इसी रोलेट एक्ट के चलते पंजाब के दो मशहूर नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया जब उनकी गिरफ्तारी हुई तो उसके विरोध में बहुत से लोग प्रदर्शन करने लगे,तरह-तरह के आंदोलन और सभाए इसके विरोध में होने लगी जो अंग्रेजो को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया.एक बार जलियांवाला बाग में इसी के चलते एक सभा का आयोजन किया गया वहां पर बहुत सारे लोग आए हुए थे जिनमें औरत,बच्चे,आदमी सभी तरह के लोग थे उसमें हजारों की संख्या में लोग थे जब सभा चल रही थी उसी बीच अंग्रेजी शासन काल के लगभग 50 सिपाहियों ने वहां पर गोलियों से हमला कर दिया और 10 मिनट तक फायरिंग जारी रखी. 10 मिनट में हजारों लोग जलियांवाला बाग में मारे गए.यह एक ऐसा हत्याकांड था जिसे हम भूल नहीं सकते.अंग्रेजी शासन काल में इस घटना की जांच के लिए भी एक कमीशन बनाया गया सभी भारत वासियों ने इस हत्याकांड की बुराई की और लोग इस हत्याकांड के विरोध में सड़कों पर उतर आए और हत्याकांड का विरोध किया इस तरह से हम कह सकते हैं कि जलियांवाला हत्याकांड अंग्रेजी शासनकाल...

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