Jayaprakash narayan ka janm kab hua tha

  1. कवि अमीर खुसरो का जीवन परिचय
  2. जयप्रकाश नारायण का जीवन परिचय
  3. जयप्रकाश नारायण
  4. भगवान कृष्ण का जन्म कब और किस युग में हुआ?
  5. निराला का जन्म कब और कहां हुआ था?
  6. जयप्रकाश नारायण की जीवनी
  7. जयप्रकाश नारायण की प्रमुख रचना कौन सी है? » Jayprakash Narayan Ki Pramukh Rachna Kaun Si Hai
  8. jayaprakash narayan ka janm kab hua tha?


Download: Jayaprakash narayan ka janm kab hua tha
Size: 43.22 MB

कवि अमीर खुसरो का जीवन परिचय

अमीर खुसरो का जन्म कब हुआ था (Amir Khusro ka janm kab hua tha) अमीर खुसरो का वास्तविक नाम – अबुल हसन यमीनुद्दीन मुहम्मद था । अमीर खुसरो को हमेशा से ही कविता करने का बहुत शौक था । इनकी जो कविता के प्रति प्रतिभा थी उसकी वजह से अपने बचपन में ही इनका नाम बहुत विख्यात हो गया था । इन्होंने दहलवी के द्वारा धार्मिक संकीर्णता और राजनीति चल कपट के माहौल में रहकर भी हिन्दू- मुस्लिम और राष्ट्रीय एकता, मानवता, सौंदर्य, प्रेम और सांस्कृतिक के प्रति अपनी पूरी ईमानदारी से काम किया । इन्होंने एक प्रसिद्ध इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी के द्वारा अपने ऐतिहासिक ग्रंथ ‘ तारीखे – फ़ीरोज़ ख़िलजी ने खुसरो की चुलबुली फारसी कविताओं से खुश होकर ही इन्हें ‘अमीर ‘ का खिताब दिया था । और यह खिताब मिलना भी उस समय में बहुत इज्जत की बात हुआ करता था । खुसरो का जन्म कहां और कब हुआ था – खुसरो का जन्म सन् 1253 ई में उत्तर प्रदेश के एटा जिले में स्थित पटियाली नाम के एक गांव में हुआ था । यह गांव गंगा किनारे स्थित था । यह गांव पटियाली को उस समय मोमिनपुर या मोमिनाबाद के नाम से जाना जाता था । खुसरो का जन्म हुमायूं काल के दौरान हामिद बिन फ़जलुल्लाह जमाली के द्वारा लिखे गए ऐतिहासिक ग्रंथ ‘ तजकिरा सैरुल आरफीन ‘ के समय का माना जाता है । बचपन की यादें – खुसरो की मां दौलत नाज़ थी जो कि एक हिन्दू राजपूत थीं । इनकी मां दिल्ली के एक बड़े घराने एमादुल्मुल्क की पुत्री थी । इस घराने के पुरुष बादशाह डरबन के युद्ध मंत्री थे । इसलिए इनको राजनीतिक दबाव की वजह से मुस्लिम धर्म को अपनाना पड़ा । अपना धर्म बदलने के बाद भी इनके घर में हिन्दू धर्म के रीती-रिवाजों को मानते थे । खुसरो का जो ननिहाल था वहां हमेशा गाने – बजाने और संगीत का माहौल ही...

जयप्रकाश नारायण का जीवन परिचय

जयप्रकाश नारायण को लोग ‘जे.पी.’ और ‘लोकनायक’ के नाम से भी जानते हैं। जयप्रकाश नारायण एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और समाज सुधारक थे। वे खास तौर पर सन 1970 में इंदिरा गांधी के विरोधी पक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाने जाते थे। उनके निधन के बाद उन्हें सन 1998 में शुरूआती जीवन जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिले के सिताबदियारा गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘हर्सुल दयाल श्रीवास्तव’ तथा माता का नाम ‘फूल रानी देवी’ था। वे अपने माता-पिता के चौथे बच्चे थे। जब वे 9 वर्ष के थे, तब वे अपना घर छोड़कर पटनाचले गये थे, ताकि वे पटना के कॉलेजिएट स्कूलमें प्रवेश ले सकें। उन्हें उस स्कूल में सरस्वती, प्रभा और प्रताप जैसी पत्रिकाओं को पढ़ने का अवसर मिला। इसके साथ साथ उन्हें भारत-भारती, भारतेंदु हरिश्चंद्र और मैथिलीशरण गुप्त की कविताओं को भी पढ़ने का मौका मिला। सन 1920में जब वे 18 साल के थे, तब उनकी शादी ‘प्रभावती देवी’से करा दी गई। शादी के बाद जयप्रकाश नारायण अपनी पढाई में लगे हुए थे, इसलिए वे अपनी पत्नी को अपने साथ नहीं रख सकते थे, इसलिए शादी के बाद प्रभावती देवी ‘ सन 1922 में बिहार विद्यापीठ में पढाई पूरी होने के बाद वे आगे की पढाई के लिए अमेरिकाचले गये। अमेरिका पहुंचकर उन्होंने 1923 में बर्कले विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया और वहाँ उन्होंने अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए कंपनियों, रेस्टोरेन्टों और खेतों आदि जगहों पर काम किया। इसी बीच उन्हें कर्मचारी वर्ग की समस्याओं के बारे में मालूम चला। इसके बाद उन्होंने MA की डिग्री प्राप्त की और PHD की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत वापस आना पड़ा, क्योंकि उनकी माँ की तबियत सही नहीं थी। स्वतंत्रता संग्राम जब सन 1929 में जय...

जयप्रकाश नारायण

poora nam jayaprakash narayan any nam lokanayak, jepi, jayaprakash janm janm bhoomi sitabadiyara, mrityu mrityu sthan abhibhavak devaki baboo, phoolarani devi pati/patni prabhavati nagarikata bharatiy parti shiksha em. e (samajashastr se) vidyalay san jel yatra puraskar-upadhi any janakari jayaprakash ji ka samajavad ka nara aj bhi gooanj raha hai. samajavad ka sambandh n keval unake rajanitik jivan se tha, apitu yah unake sampoorn jivan mean samaya hua tha. jayaprakash narayan ( Jayaprakash Narayan, janm: honahar viravan ke hot chikane pat jayaprakash vichar ke pakke aur buddhi ke sulajhe hue vyakti the. jayaprakash ji desh ke sachche sapoot the. jayaprakash ne desh ko andhakar se prakash ki or lane ka sachcha prayas kiya, jisamean vah poori tarah se saphal rahe haian. lokanayak jayaprakash narayan ne bharatiy janamanas par apana amit chhap chho di hai. jayaprakash ji ka samajavad ka nara aj bhi gooanj raha hai. samajavad ka sambandh n keval unake rajanitik jivan se tha, apitu yah unake sampoorn jivan mean samaya hua tha. jivan parichay jayaprakash ka janm 11 aktoobar, 1902 ee. mean sitabadiyara shiksha jayaprakash narayan ek nishthavan rashtravadi the aur sirf khadi pahanate the. jayaprakash ne svatantrata sangram mean bhag jayaprakash ne naujavanoan aangrezi (shiksha) ka tyag karo aur maidan mean akar british huqoomat ki dhahati divaroan ko dharashayi karo aur aise hindustan ka nirman karo, jo sare alam mean khushaboo paida kare. jayaprakash ne is vaktavy ko suna to una...

भगवान कृष्ण का जन्म कब और किस युग में हुआ?

वैदिक प्रमाण द्वारा कृष्ण का जन्म श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। भागवत पुराण में कृष्ण-जन्म के सम्बन्ध में निम्नलिखित वर्णन उपलब्ध है:- श्रीशुक उवाच अथ सर्वगुणोपेतः कालः परमशोभनः। यर्ह्येवाजनजन्मर्क्षं शान्तर्क्षग्रहतारकम्॥१॥ दिशः प्रसेदुर्गगनं निर्मलोडुगणोदयम्। मही मङ्गलभूयिष्ठ पुरग्रामव्रजाकरा॥२॥ नद्यः प्रसन्नसलिला ह्रदा जलरुहश्रियः। द्विजालिकुलसन्नाद स्तवका वनराजयः॥३॥ - भागवत पुराण १०.३.१-३ भावार्थः - श्री शुकदेव जी कहते हैं - परीक्षित! अब समस्त शुभ गुणों से युक्त बहुत सुहावना समय आया। रोहिणी नक्षत्र था। आकाश के सभी नक्षत्र, ग्रह और तारे शान्त-सौम्य हो रहे थे। दिशाऐं स्वच्छ, प्रसन्न थीं। निर्मल आकाश में तारे जगमगा रहे थे। पृथ्वी के बड़े-बड़े नगर, छोटे-छोटे गाँव, अहीरों की बस्तियाँ और हीरे आदि की खानें मंगलमय हो रहीं थीं। नदियों का जल निर्मल हो गया था। रात्रि के समय भी सरोवरों में कमल खिल रहे थे। वन में वृक्षों की पत्तियाँ रंग-बिरंगे पुष्पों के गुच्छों से लद गयीं थीं। कहीं पक्षी चहक रहे थे, तो कहीं भौंरे गुनगुना रहे थे। यदुवंशेऽवतीर्णस्य भवतः पुरुषोत्तम। शरच्छतं व्यतीयाय पञ्चविंशाधिकं प्रभो॥२५॥ नाधुना तेऽखिलाधार देवकार्यावशेषितम्। कुलं च विप्रशापेन नष्टप्रायमभूदिदम्॥२६॥ ततः स्वधाम परमं विशस्व यदि मन्यसे। सलोकाल्लोकपालान्नः पाहि वैकुण्ठकिङ्करान्॥२७॥ - भागवत ११.०६.२५-२७ भावार्थः - (ब्रह्माजी श्रीकृष्ण से कहते है -) पुरुषोत्तम सर्वशक्तिमान् प्रभो! आपको यदुवंश में अवतार ग्रहण किये एक सौ पचीस वर्ष बीत गये हैं। सर्वाधार! हम लोगों का ऐसा कोई काम बाकी नहीं है, जिसे पूर्ण करने के लिये आपको यहाँ रहने की आवश्यकता हो। ब्राम्हणों के शाप के कारण आपका यह कुल भी एक प्रकार से ...

निराला का जन्म कब और कहां हुआ था?

Explanation : सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म 1896 ई. में पश्चिम बंगाल के महिषादल राज्य के मेदिनीपुर ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम पं. रामसहाय त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के रहने वाले थे। इनके पूर्वजों का निवास उन्नाव जिले के गढ़कोला नामक गाँव में था। केवल तीन साल की उम्र में ​ही इनकी माता जी का देहांत हो गया और बचपन में ही इनका विवाह मनोहरा देवी से करा दिया गया। इनकी दो संताने में एक पुत्र एवं एक पुत्री थी। ये स्वामी रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। 'निराला जी' की खड़ी बोली की सबसे पहली रचना 'जूही की कली' है। 'निराला जी' की रचनाएँ हैं-अनामिका, परिमल, गीतिका, तुलसीदास, अणिमा, कुकुरमुत्ता, बेला और नये पत्ते, अर्चना, आराधना, गीतगुंज, अपरा, राम की शक्तिपूजा, सरोज स्मृति आदि। हिन्दी साहित्य के इस प्रख्यात कवि का निधन इलाहाबाद शहर के दारागंज मोहल्ले में 1961 ई. को हुआ। Tags :

जयप्रकाश नारायण की जीवनी

Jay Prakash Narayan Biography in hindi– भारत रत्न से सम्मानित लोकनायक जयप्रकाश नारायण एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे. इस महान नेता को सन् 1970 ई. में उस समय की तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गांधी के विरूद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता हैं. जयप्रकाश नारायण जीवन परिचय | Jayprakash Narayan Biography in Hindi नाम – जयप्रकाश नारायण उपनाम – जे. पी. जन्म – 11 अक्टूबर, 1902 जन्म स्थान – सिताबदियरा, बलिया, उत्तरप्रदेश, भारत माता – फूल रानी देवी पिता – श्री हरसू दयाल पत्नी – प्रभावती देवी धर्म – हिन्दू जाति – कायस्थ शिक्षा – समाजशास्त्र में परास्नातक शिक्षण संस्थान – कॉलेजिएट स्कूल, पटना, भारत विश्वविद्यालय – कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-बरकली विसकांसन विश्वविद्यालय मृत्यु – 8 अक्टूबर, 1979 मृत्यु स्थान – पटना, बिहार, भारत मृत्यु कारण – दिल का दौरा पड़ने से पुरस्कार एवं सम्मान – भारत रत्न, मैग्सेसे पुरस्कार जयप्रकाश नारायण का आरम्भिक जीवन | Early Life of Jayprakash Narayan भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी जयप्रकाश नारायण ( Jayprakash Narayan ) का जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को दशहरा के दिन गंगा यमुना के पावन दोआब क्षेत्र सिताबदियारा, बलिया उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था. बलिया स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ रहा हैं. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के पिता श्री दयाल एक साधारण किसान थे. माता फूल रानी देवी धर्म परायण महिला थी. जयप्रकाश नारायण का विवाह | Marriage of Jay Prakash Narayan Jayprakash Narayan and His Wife राजनीति में योगदान सन् 1929 में अपनी उच्च शिक्षा खत्म करके विदेश से भारत लौटे. ये मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक थे. भारत आने के बाद इन्होने कांग्रेस पार्...

जयप्रकाश नारायण की प्रमुख रचना कौन सी है? » Jayprakash Narayan Ki Pramukh Rachna Kaun Si Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार आपको कुछ नहीं जयप्रकाश नारायण की प्रमुख रचना कौन सी है तो देखी इसका जवाब है जय नारायण प्रकाश सारण की जो प्रमुख रचना है वह है मेरी जेल डायरी अजमेरी जेल डायरी जयप्रकाश की प्रमुख रचना namaskar aapko kuch nahi jayprakash narayan ki pramukh rachna kaun si hai toh dekhi iska jawab hai jai narayan prakash saran ki jo pramukh rachna hai vaah hai meri jail diary azmeri jail diary jayprakash ki pramukh rachna नमस्कार आपको कुछ नहीं जयप्रकाश नारायण की प्रमुख रचना कौन सी है तो देखी इसका जवाब है जय नार

jayaprakash narayan ka janm kab hua tha?

jayaprakash narayan ka janm kab hua tha? Jayaprakash Narayan Hij was een Indiase onafhankelijkheidsactivist, theoreticus, socialist en politiek leider. Hij staat ook bekend als de “held van de beweging om te stoppen met roken in India” en naar verluidt leidde hij de oppositie in het midden van de jaren zeventig tegen premier Indira Gandhi, die opriep tot zijn omverwerping door een “complete revolutie”. Geboortedatum en -plaats: 11 oktober 1902, Sitab Diara, India Datum en plaats van overlijden: 8 oktober 1979, Banta, India Echtgenote: Prabhavati Devi (getrouwd 1920-1973) Feest: Janata-feest Gevestigde organisaties: Janata Party, Congress Socialist Party Onderscheidingen: Bharat Ratna, Ramon Magsaysay Award voor openbare dienst