जेम्स वाट

  1. जेम्स वाट
  2. जेम्स बात क्यों प्रसिद्ध है? – ElegantAnswer.com
  3. James Watt Biography in Hindi
  4. आधुनिक भाप इंजन के आविष्कारक जेम्स वाट की जीवनी
  5. जेम्स वाट को मिली रहस्यमय सहायता – Rahasyamaya
  6. जेम्स वाट की जीवनी, आविष्कार और योगदान / इतिहास
  7. जेम्स वाट
  8. जेम्स वाट को मिली रहस्यमय सहायता – Rahasyamaya
  9. जेम्स वाट की जीवनी, आविष्कार और योगदान / इतिहास
  10. James Watt Biography in Hindi


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जेम्स वाट

जेम्स वाट (१९ जनवरी १७३६ - २५ अगस्त १८१९) स्कॉटलैण्ड के एक अन्वेषक एवं यांत्रिक अभियन्ता थे। उन्होने वाष्प इंजन में एक मौलिक सुधार किया। . 16 संबंधों: आयरन-सेमेंटाईट मेटा-स्टेबल डायग्राम. ढलवां लोहा (कास्ट आयरन) आम तौर पर धूसर रंग के लोहे को कहा जाता है लेकिन इसके साथ-साथ यह एक बड़े पुंज में लौह अयस्कों का मिश्रण भी है, जो एक गलनक्रांतिक तरीके से ठोस बन जाता है। किसी भी धातु की खंडित सतह को देखकर उसके मिश्र धातु होने का पता लगाया जा सकता है। सफेद ढलवां लोहे का नामकरण इसकी खंडित सफ़ेद सतह के आधार पर किया गया है क्योंकि इसमें कार्बाइड सम्बन्धी अशुद्धियां पाई जाती हैं जिसकी वजह से इसमें सीधी दरार पड़ती है। धूसर ढलवां लोहे का नामकरण इसकी खंडित धूसर सतह के आधार पर किया गया है, इसके खंडित होने का कारण यह है कि ग्रेफाइट की परतें पदार्थ के टूटने के दौरान पड़ने वाली दरार को विक्षेपित कर देती हैं जिससे अनगिनत नई दरारें पड़ने लगती हैं। मिश्र (अयस्क) धातु में पाए जाने वाले पदार्थों के वजन (wt%) में से 95% से भी अधिक लोहा (Fe) होता है जबकि अन्य मुख्य तत्वों में कार्बन (C) और सिलिकॉन (Si) शामिल हैं। ढलवां लोहे में कार्बन की मात्रा 2.1 से 4 wt% होती है। ढलवां लोहे में सिलिकॉन की पर्याप्त राशि, सामान्य रूप से 1 से 3 wt% होती है और इसके फलस्वरूप इन धातुओं को त्रिगुट Fe-C-Si (लोहा-कार्बन-सिलिकन) धातु माना जाना चाहिए। तथापि ढलवां लोहा घनीकरण का सिद्धांत द्विआधारी लोहा-कार्बन चरण आरेख से समझ आता है, जहां गलनक्रांतिक बिंदु और 4.3 wt% कार्बन के 4.3 % वजन (4.3 wt%) पर है। चूंकि ढलवां लोहे की संरचना का अनुमान इस तथ्य से ही लग जता है कि, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) शुद्ध लोहे के गलनांक से लगभग ...

जेम्स बात क्यों प्रसिद्ध है? – ElegantAnswer.com

जेम्स बात क्यों प्रसिद्ध है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: जेम्स वाट एक प्रसिद्ध स्कॉटिश इंजीनियर और आविष्कारक थे जिनके स्टीम इंजन में सुधार इसके विस्तार के लिए मूलभूत थे और फलस्वरूप, प्रथम औद्योगिक क्रांति को संभव बनाया, जिसने इस समय के समाज में महान बदलावों को निहित किया. जेम्स वाट कहां बड़े हुए थे? जेम्स वाट का जन्म 19 जनवरी, 1736 को स्कॉटलैंड के रेनफ्रूशायर के ग्रीनॉक गाँव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपनी माँ से और अपने पिता की कार्यशाला में घर पर प्राप्त की, जहाँ उनके पिता एक समृद्ध घर- और जहाज निर्माण व्यवसाय की देखरेख करते थे। जेम्स वाट का जीवन कैसा था? जेम्स वाट का जन्म 1736 में ग्रीनॉक में हुआ था। वह एक स्वस्थ बच्चा नहीं था और अपने शुरुआती वर्षों में अधिकांश समय घर पर ही पढ़ाया जाता था । उनके पिता एक बढ़ई और जहाज बनाने वाले थे जिन्होंने खुद को एक व्यापारी और जहाज-मालिक के रूप में व्यवसाय में स्थापित किया। वाट को अपने पिता की कार्यशाला में मॉडल बनाना और समुद्री उपकरणों की मरम्मत करना पसंद था। जेम्स वाट की उम्र कितनी थी जब उन्होंने भाप का इंजन बनाया था? 29 year-old 1765 के अंत तक, 29 वर्षीय वाट ने अपना पहला छोटे पैमाने का भाप इंजन बनाया था, जिसमें एक अलग संघनक कक्ष और एक भाप जैकेट था। औद्योगिक क्रांति की शुरुआत करीब आ रही थी, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हुई थी। 1769 में, 33 वर्ष की आयु में, वाट ने अपने नए इंजन का पेटेंट कराया। जेम्स वाट ने किसका आविष्कार किया था? वाट स्टीम इंजन फोटोकॉपियरवॅट्स लिंकेज जेम्स वाट/आविष्कार जेम्स वाट ने इंजन का आविष्कार कब किया? इसे सुनेंरोकेंजेम्स वाट ने भाप का इंजन कब बनाया – 1712 में, उन्होंने दुनिया का पहला वायुमंडलीय स्टीम इंजन बन...

James Watt Biography in Hindi

James Watt Biography in Hindi जेम्स वाट (James Watt) एक ऐसे आविष्कार थे जो वैज्ञानिक तथा अभियांत्रिकी क्षेत्र में समन्वित क्षमता के धनी थे | जेम्स वाट ने जो वाष्प इंजन सम्बधी खोज की ,उससे संसार को उर्जा और ऊष्मा की क्षमता का परिचय हुआ | औधोगिक क्रान्ति लाने में वाट की यह खोज महान और उपयोगी साबित हुयी | आइये अब आपको जेम्स वाट (James Watt) की संघर्ष भरी जीवनी से रुबुरु करवाते है | जेम्स वाट (James Watt) का जन्म स्कॉटलैंड के ग्रीनांक नामक स्थान पर 19 जनवरी 1736 को हुआ था | उनके पिता एक सफल जलपोत ,भवन निर्माता होने के साथ साथ नगर के प्रतिष्टित व्यक्ति थे | वाट ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल में की | वे अपने 8 भाई-बहनों में छठे थे | कुछ समय बाद ग्रामर स्कूल में दाखिल होने के बाद उन्होंने लेटिन तथा यूनानी भाषा के साथ गणित का भी अध्ययन किया | जब वे 17 वर्ष के थे तब से पिता के साथ साथ वर्कशॉप में जाकर मशीनरी सम्बन्धी कार्यो में दिलचस्पी लेने लगे थे | मशीन सम्बन्धी समस्त छोटे बड़े उपकरणों तथा जलपोतो के अवयवो में रूचि लेने लगे | सर्दी की एक रात बालक जेम्स ने अंगीठी पर चढ़े पतीले को देखा ,जिसका पानी उबल रहा था | जेम्स ने देखा कि केतली का ढक्कन भाप की वजह से बार बार उपर उठ रहा है | उन्होंने भाप की शक्ति को पहचानकर उसका उपयोग करने की योजना बनाई | 1753 में माता के अचानक देहावसान तथा पिता के व्यापार में घाटे ने उनके जीवन की दशा ही बदल दी | उन्हें अपरेंटिस का काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा | इसके बाद पेट भरने के लिए एक घड़ी निर्माता के यहा काम करने के साथ साथ कई छोटे मोटे कार्य भी करने पड़े | 1757 में जेम्स (James Watt) ने अपनी एक छोटी सी वर्कशॉप बना ली ,जिसमे वह यांत्रिक उपकरण ठी...

आधुनिक भाप इंजन के आविष्कारक जेम्स वाट की जीवनी

घर • विज्ञान, तकनीक, गणित • विज्ञान • गणित • सामाजिक विज्ञान • कंप्यूटर विज्ञान • पशु और प्रकृति • मानविकी • इतिहास और संस्कृति • दृश्य कला • साहित्य • अंग्रेज़ी • भूगोल • दर्शन • मुद्दे • बोली • दूसरी भाषा के स्थान पर अंग्रेजी • स्पैनिश • फ्रेंच • जर्मन • इतालवी • जापानी • अकर्मण्य • रूसी • साधन • छात्रों और अभिभावकों के लिए • शिक्षकों के लिए इतिहास और संस्कृति • आविष्कार • प्रसिद्ध आविष्कार • प्रसिद्ध आविष्कारक • पेटेंट और ट्रेडमार्क • आविष्कार समयरेखा • कंप्यूटर और इंटरनेट • अमेरिकन इतिहास • अफ्रीकी अमेरिकी इतिहास • अफ्रीकी इतिहास • प्राचीन इतिहास और संस्कृति • एशियाई इतिहास • यूरोपीय इतिहास • वंशावली • लैटिन अमेरिकी इतिहास • मध्यकालीन और पुनर्जागरण इतिहास • सैन्य इतिहास • 20 वीं सदी • महिला इतिहास और देखें जेम्स वाट (30 जनवरी, 1736-25 अगस्त, 1819) एक स्कॉटिश आविष्कारक, मैकेनिकल इंजीनियर और रसायनज्ञ थे, जिनके भाप इंजन ने 1769 में पेटेंट कराया था, जिसने 1712 में थॉमस न्यूकोमेन द्वारा पेश किए गए प्रारंभिक वायुमंडलीय भाप इंजन की दक्षता और उपयोग की सीमा में काफी वृद्धि की। जबकि वाट ने भाप इंजन का आविष्कार नहीं किया था, न्यूकॉमन के पहले के डिजाइन में उनके सुधारों को व्यापक रूप से आधुनिक भाप इंजन को औद्योगिक क्रांति के पीछे प्रेरक शक्ति बनाने के रूप में माना जाता है । • के लिए जाना जाता है: बेहतर भाप इंजन का आविष्कार • जन्म: 19 जनवरी, 1736 ग्रीनॉक, रेनफ्रूशायर, स्कॉटलैंड, यूनाइटेड किंगडम में • माता-पिता: थॉमस वाट, एग्नेस मुइरहेड • मृत्यु: 25 अगस्त, 1819 हैंड्सवर्थ, बर्मिंघम, इंग्लैंड, यूनाइटेड किंगडम में • शिक्षा: गृह शिक्षित • पेटेंट: GB176900913A "अग्नि इंजनों में भाप और ईं...

जेम्स वाट को मिली रहस्यमय सहायता – Rahasyamaya

प्रसिद्ध खोज करता जेम्स वाट को कौन नहीं जानता | लेकिन उनके द्वारा की गयी खोजों को बहुत कम लोग जानते हैं | ज्यादातर लोग उन्हें स्टीम इंजन के अविष्कार कर्ता के रूप में ही जानते है | लेकिन जेम्स वाट ने कुछ अन्य महत्वपूर्ण खोजें भी की थी | आजकल गाँव-देहातों और खेतों में जंगली जानवरों से रक्षा के लिए जो छर्रेदार बन्दूकें काम में लाई जाती है, कभी इनका इस्तेमाल छोटे मोटे युद्ध के लिए होता था। तब उनमें इस्तेमाल होने वाले छर्रे बनाने के लिए सीसे के तार खींचने पड़ते थे या उसकी चादर बनाई जाती थी और बाद में उसे काट कर छर्रे तैयार किये जाते थे। उन दिनों प्रसिद्ध वैज्ञानिक जेम्स वाट को छर्रे बनाने की यह पद्धति बहुत जटिल लगी। वे इसी उधेड़ बुन में लग गए कि ऐसी कोई रीति की खोज की जाये जिससे बन्दूक के छर्रे आसानी से बन सके | इस सम्बन्ध में जेम्स वाट ने लिखा है कि एक रात मैंने सपना देखा कि मैं आँधी में उड़ता हुआ चला जा रहा हूँ और उतने में वर्षा शुरू हो गई मगर वर्षा में बजाय पानी की बूंदें गिरने की बजाय मेरे सिर पर शीशे के छर्रे गिर रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे कि मैं बनाना चाहता था। मेरी नींद खुल गई, मैंने इस सपने पर कोई ध्यान नहीं दिया, सोचा यह मेरे मन की इच्छाओं का ही एक प्रतिबिम्ब हैं। मगर वही सपना मुझे अगली रात से लेकर लगातार चार रात तक बार-बार दिखाई देता रहा | बार-बार एक ही सपना देखने के कारण मै चौंका और मैंने अपने आपसे पूछा आखिर यह क्या है ? मुझे लगा कि इसमें शीशे को पिघला कर उसकी बूंदें हवा के माध्यम से पानी में टपकाने का संकेत है। उन दिनों वैज्ञानिकों के पास आज जैसी सुसज्जित प्रयोगशालाएं तो थी नहीं। जेम्सवाट का तेज़ दिमाग एक ऐसे जलाशय की खोज में लग गया जो किसी दीवार से सटा हो। एक चर्च की...

जेम्स वाट की जीवनी, आविष्कार और योगदान / इतिहास

जेम्स वाट (१ invent३६-१ renowned१ ९) एक प्रसिद्ध स्कॉटिश इंजीनियर और आविष्कारक थे जिनके स्टीम इंजन में सुधार इसके विस्तार के लिए मूलभूत थे और फलस्वरूप, प्रथम औद्योगिक क्रांति को संभव बनाया, जिसने इस समय के समाज में महान बदलावों को निहित किया. जब इस आविष्कारक के बारे में बात करते हुए एक वाट की कहानी को अक्सर उबलते हुए फूलगोभी की दृष्टि से मोहित किया जाता है; विशेष रूप से, उस बल का निरीक्षण करना जो भाप ढक्कन पर फैला था। संस्करण भिन्न होते हैं: कुछ वाट में वह युवा है और अन्य में वह बड़ा है। देखी गई वस्तु भी उसके मालिक को बदल देती है, जिसका श्रेय माँ को दिया जाता है और अन्य बार उसकी चाची को. यह निश्चित है कि यह सरल कहानी उस आकर्षण का प्रतीक है जिसके कारण जेम्स वाट अपने समय के सबसे प्रभावशाली पुरुषों में से एक बन गया था. उनके सम्मान में, उनके नाम पर कई जगह हैं। इनमें वॉट लाइब्रेरी, ग्रीनॉक में स्थित हैं; जेम्स वाट विश्वविद्यालय, अपने गृहनगर में भी स्थित है; एडिनबर्ग में स्थित हेरियट-वाट विश्वविद्यालय; और पूरे यूनाइटेड किंगडम में कुछ विज्ञान संकाय. सूची • 1 जीवनी • 1.1 ग्लासगो लौटें • 1.2 बॉल्टन और वाट: एक क्रांति की शुरुआत • १.३ पिछले साल • 2 आविष्कार • 2.1 मशीन की विफलता • 2.2 सुधार का समय • २.३ रासायनिक प्रयोग • २.४ अन्य आविष्कार • 3 योगदान • 4 संदर्भ जीवनी जेम्स वाट का जन्म 19 जनवरी, 1736 को स्कॉटलैंड के स्कॉटलैंड शहर ग्रीनॉक में हुआ था। एक सफल व्यापारी का बेटा और जहाजों का निर्माता, वत्स एक बच्चा था जिसका स्वास्थ्य बहुत नाजुक था. प्राथमिक विद्यालय से उन्होंने केवल ज्यामिति, लैटिन और ग्रीक सीखा, क्योंकि उन्हें अपने माता-पिता द्वारा घर पर शिक्षित किया गया था। यह वहीं था जहाँ ...

जेम्स वाट

जेम्स वाट (१९ जनवरी १७३६ - २५ अगस्त १८१९) स्कॉटलैण्ड के एक अन्वेषक एवं यांत्रिक अभियन्ता थे। उन्होने वाष्प इंजन में एक मौलिक सुधार किया। . 16 संबंधों: आयरन-सेमेंटाईट मेटा-स्टेबल डायग्राम. ढलवां लोहा (कास्ट आयरन) आम तौर पर धूसर रंग के लोहे को कहा जाता है लेकिन इसके साथ-साथ यह एक बड़े पुंज में लौह अयस्कों का मिश्रण भी है, जो एक गलनक्रांतिक तरीके से ठोस बन जाता है। किसी भी धातु की खंडित सतह को देखकर उसके मिश्र धातु होने का पता लगाया जा सकता है। सफेद ढलवां लोहे का नामकरण इसकी खंडित सफ़ेद सतह के आधार पर किया गया है क्योंकि इसमें कार्बाइड सम्बन्धी अशुद्धियां पाई जाती हैं जिसकी वजह से इसमें सीधी दरार पड़ती है। धूसर ढलवां लोहे का नामकरण इसकी खंडित धूसर सतह के आधार पर किया गया है, इसके खंडित होने का कारण यह है कि ग्रेफाइट की परतें पदार्थ के टूटने के दौरान पड़ने वाली दरार को विक्षेपित कर देती हैं जिससे अनगिनत नई दरारें पड़ने लगती हैं। मिश्र (अयस्क) धातु में पाए जाने वाले पदार्थों के वजन (wt%) में से 95% से भी अधिक लोहा (Fe) होता है जबकि अन्य मुख्य तत्वों में कार्बन (C) और सिलिकॉन (Si) शामिल हैं। ढलवां लोहे में कार्बन की मात्रा 2.1 से 4 wt% होती है। ढलवां लोहे में सिलिकॉन की पर्याप्त राशि, सामान्य रूप से 1 से 3 wt% होती है और इसके फलस्वरूप इन धातुओं को त्रिगुट Fe-C-Si (लोहा-कार्बन-सिलिकन) धातु माना जाना चाहिए। तथापि ढलवां लोहा घनीकरण का सिद्धांत द्विआधारी लोहा-कार्बन चरण आरेख से समझ आता है, जहां गलनक्रांतिक बिंदु और 4.3 wt% कार्बन के 4.3 % वजन (4.3 wt%) पर है। चूंकि ढलवां लोहे की संरचना का अनुमान इस तथ्य से ही लग जता है कि, इसका गलनांक (पिघलने का तापमान) शुद्ध लोहे के गलनांक से लगभग ...

जेम्स वाट को मिली रहस्यमय सहायता – Rahasyamaya

प्रसिद्ध खोज करता जेम्स वाट को कौन नहीं जानता | लेकिन उनके द्वारा की गयी खोजों को बहुत कम लोग जानते हैं | ज्यादातर लोग उन्हें स्टीम इंजन के अविष्कार कर्ता के रूप में ही जानते है | लेकिन जेम्स वाट ने कुछ अन्य महत्वपूर्ण खोजें भी की थी | आजकल गाँव-देहातों और खेतों में जंगली जानवरों से रक्षा के लिए जो छर्रेदार बन्दूकें काम में लाई जाती है, कभी इनका इस्तेमाल छोटे मोटे युद्ध के लिए होता था। तब उनमें इस्तेमाल होने वाले छर्रे बनाने के लिए सीसे के तार खींचने पड़ते थे या उसकी चादर बनाई जाती थी और बाद में उसे काट कर छर्रे तैयार किये जाते थे। उन दिनों प्रसिद्ध वैज्ञानिक जेम्स वाट को छर्रे बनाने की यह पद्धति बहुत जटिल लगी। वे इसी उधेड़ बुन में लग गए कि ऐसी कोई रीति की खोज की जाये जिससे बन्दूक के छर्रे आसानी से बन सके | इस सम्बन्ध में जेम्स वाट ने लिखा है कि एक रात मैंने सपना देखा कि मैं आँधी में उड़ता हुआ चला जा रहा हूँ और उतने में वर्षा शुरू हो गई मगर वर्षा में बजाय पानी की बूंदें गिरने की बजाय मेरे सिर पर शीशे के छर्रे गिर रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे कि मैं बनाना चाहता था। मेरी नींद खुल गई, मैंने इस सपने पर कोई ध्यान नहीं दिया, सोचा यह मेरे मन की इच्छाओं का ही एक प्रतिबिम्ब हैं। मगर वही सपना मुझे अगली रात से लेकर लगातार चार रात तक बार-बार दिखाई देता रहा | बार-बार एक ही सपना देखने के कारण मै चौंका और मैंने अपने आपसे पूछा आखिर यह क्या है ? मुझे लगा कि इसमें शीशे को पिघला कर उसकी बूंदें हवा के माध्यम से पानी में टपकाने का संकेत है। उन दिनों वैज्ञानिकों के पास आज जैसी सुसज्जित प्रयोगशालाएं तो थी नहीं। जेम्सवाट का तेज़ दिमाग एक ऐसे जलाशय की खोज में लग गया जो किसी दीवार से सटा हो। एक चर्च की...

जेम्स वाट की जीवनी, आविष्कार और योगदान / इतिहास

जेम्स वाट (१ invent३६-१ renowned१ ९) एक प्रसिद्ध स्कॉटिश इंजीनियर और आविष्कारक थे जिनके स्टीम इंजन में सुधार इसके विस्तार के लिए मूलभूत थे और फलस्वरूप, प्रथम औद्योगिक क्रांति को संभव बनाया, जिसने इस समय के समाज में महान बदलावों को निहित किया. जब इस आविष्कारक के बारे में बात करते हुए एक वाट की कहानी को अक्सर उबलते हुए फूलगोभी की दृष्टि से मोहित किया जाता है; विशेष रूप से, उस बल का निरीक्षण करना जो भाप ढक्कन पर फैला था। संस्करण भिन्न होते हैं: कुछ वाट में वह युवा है और अन्य में वह बड़ा है। देखी गई वस्तु भी उसके मालिक को बदल देती है, जिसका श्रेय माँ को दिया जाता है और अन्य बार उसकी चाची को. यह निश्चित है कि यह सरल कहानी उस आकर्षण का प्रतीक है जिसके कारण जेम्स वाट अपने समय के सबसे प्रभावशाली पुरुषों में से एक बन गया था. उनके सम्मान में, उनके नाम पर कई जगह हैं। इनमें वॉट लाइब्रेरी, ग्रीनॉक में स्थित हैं; जेम्स वाट विश्वविद्यालय, अपने गृहनगर में भी स्थित है; एडिनबर्ग में स्थित हेरियट-वाट विश्वविद्यालय; और पूरे यूनाइटेड किंगडम में कुछ विज्ञान संकाय. सूची • 1 जीवनी • 1.1 ग्लासगो लौटें • 1.2 बॉल्टन और वाट: एक क्रांति की शुरुआत • १.३ पिछले साल • 2 आविष्कार • 2.1 मशीन की विफलता • 2.2 सुधार का समय • २.३ रासायनिक प्रयोग • २.४ अन्य आविष्कार • 3 योगदान • 4 संदर्भ जीवनी जेम्स वाट का जन्म 19 जनवरी, 1736 को स्कॉटलैंड के स्कॉटलैंड शहर ग्रीनॉक में हुआ था। एक सफल व्यापारी का बेटा और जहाजों का निर्माता, वत्स एक बच्चा था जिसका स्वास्थ्य बहुत नाजुक था. प्राथमिक विद्यालय से उन्होंने केवल ज्यामिति, लैटिन और ग्रीक सीखा, क्योंकि उन्हें अपने माता-पिता द्वारा घर पर शिक्षित किया गया था। यह वहीं था जहाँ ...

James Watt Biography in Hindi

James Watt Biography in Hindi जेम्स वाट (James Watt) एक ऐसे आविष्कार थे जो वैज्ञानिक तथा अभियांत्रिकी क्षेत्र में समन्वित क्षमता के धनी थे | जेम्स वाट ने जो वाष्प इंजन सम्बधी खोज की ,उससे संसार को उर्जा और ऊष्मा की क्षमता का परिचय हुआ | औधोगिक क्रान्ति लाने में वाट की यह खोज महान और उपयोगी साबित हुयी | आइये अब आपको जेम्स वाट (James Watt) की संघर्ष भरी जीवनी से रुबुरु करवाते है | जेम्स वाट (James Watt) का जन्म स्कॉटलैंड के ग्रीनांक नामक स्थान पर 19 जनवरी 1736 को हुआ था | उनके पिता एक सफल जलपोत ,भवन निर्माता होने के साथ साथ नगर के प्रतिष्टित व्यक्ति थे | वाट ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल में की | वे अपने 8 भाई-बहनों में छठे थे | कुछ समय बाद ग्रामर स्कूल में दाखिल होने के बाद उन्होंने लेटिन तथा यूनानी भाषा के साथ गणित का भी अध्ययन किया | जब वे 17 वर्ष के थे तब से पिता के साथ साथ वर्कशॉप में जाकर मशीनरी सम्बन्धी कार्यो में दिलचस्पी लेने लगे थे | मशीन सम्बन्धी समस्त छोटे बड़े उपकरणों तथा जलपोतो के अवयवो में रूचि लेने लगे | सर्दी की एक रात बालक जेम्स ने अंगीठी पर चढ़े पतीले को देखा ,जिसका पानी उबल रहा था | जेम्स ने देखा कि केतली का ढक्कन भाप की वजह से बार बार उपर उठ रहा है | उन्होंने भाप की शक्ति को पहचानकर उसका उपयोग करने की योजना बनाई | 1753 में माता के अचानक देहावसान तथा पिता के व्यापार में घाटे ने उनके जीवन की दशा ही बदल दी | उन्हें अपरेंटिस का काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा | इसके बाद पेट भरने के लिए एक घड़ी निर्माता के यहा काम करने के साथ साथ कई छोटे मोटे कार्य भी करने पड़े | 1757 में जेम्स (James Watt) ने अपनी एक छोटी सी वर्कशॉप बना ली ,जिसमे वह यांत्रिक उपकरण ठी...