जग जननी जय जय माँ आरती pdf

  1. माँ जग जननी जय जय मैया (श्रीदेवीजी आरती)
  2. श्री देवी आरती
  3. 🪔माँ ज्वाला देवी की आरती (हिंदी) & (English Lyrics) PDF
  4. जग जननी जय जय आरती
  5. जग जननी माता की आरती Jag Janani Aarti Lyrics – Sanatan Group


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माँ जग जननी जय जय मैया (श्रीदेवीजी आरती)

वैसे तो नवरात्रों में माता रानी की कई आरतियां होती है इनमें से एक आरती माँ जग जननी जय जय मैया जगजननी जय जय मैया की आरती बहुत अधिक प्रचलित है, इस आरती को नवरात्रि में परिवार के साथ गाना चाहिएइससे माता बहुत प्रसन्न होती हैं इसके गायन से मनोबल बढ़ता है एवं मन में माता रानी के प्रति भक्ति भाव जागृत होता है। जग जननी जय जय मैया आरती – Jag Janani Jay Jay Aarti जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!! भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय ॥ जगजननी जय जय..॥ तू ही सत-चित-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा । सत्य सनातन सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा ॥ जगजननी जय जय..॥ आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी । अमल अनन्त अगोचर, अज आनँदराशी ॥ जगजननी जय जय..॥ दश विद्या, नव दुर्गा, नानाशस्त्रकरा । अष्टमातृका, योगिनि, नव नव रूप धरा ॥ जगजननी जय जय..॥ तू परधामनिवासिनि, महाविलासिनि तू । तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डवलासिनि तू ॥ जगजननी जय जय..॥ सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या, तू शोभाऽऽधारा । विवसन विकट-सरुपा, प्रलयमयी धारा ॥ जगजननी जय जय..॥ तू ही स्नेह-सुधामयि, तू अति गरलमना । रत्‍‌नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि-तना ॥ जगजननी जय जय..॥ See also गोवर्धन पूजा मंत्र | Govardhan Puja Mantra, Aarti, Puja Vidhi in Sanskrit PDF मूलाधारनिवासिनि, इह-पर-सिद्धिप्रदे । कालातीता काली, कमला तू वरदे ॥ जगजननी जय जय..॥ शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी । भेदप्रदर्शिनि वाणी, विमले! वेदत्रयी ॥ जगजननी जय जय..॥ हम अति दीन दुखीमाँ!, विपत-जाल घेरे । हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥ जगजननी जय जय..॥ निज स्वभाववश जननी!, दयादृष्टि कीजै । करुणा कर करुणामयि! चरण-शरण दीजै ॥ जगजननी जय जय..॥ जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!! भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय...

श्री देवी आरती

आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी । अमल अनन्त अगोचर, अज आनँदराशी ॥ जगजननी जय जय..॥ अविकारी, अघहारी, अकल, कलाधारी । कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि, हर सँहारकारी ॥ जगजननी जय जय..॥ तू विधिवधू, रमा, तू उमा, महामाया । मूल प्रकृति विद्या तू, तू जननी, जाया ॥ जगजननी जय जय..॥ राम, कृष्ण तू, सीता, व्रजरानी राधा । तू वांछाकल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा ॥ जगजननी जय जय..॥ दश विद्या, नव दुर्गा, नानाशस्त्रकरा । अष्टमातृका, योगिनि, नव नव रूप धरा ॥ जगजननी जय जय..॥ तू परधामनिवासिनि, महाविलासिनि तू । तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डवलासिनि तू ॥ जगजननी जय जय..॥ सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या, तू शोभाऽऽधारा । विवसन विकट-सरुपा, प्रलयमयी धारा ॥ जगजननी जय जय..॥ तू ही स्नेह-सुधामयि, तू अति गरलमना । रत्‍‌नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि-तना ॥ जगजननी जय जय..॥ मूलाधारनिवासिनि, इह-पर-सिद्धिप्रदे । कालातीता काली, कमला तू वरदे ॥ जगजननी जय जय..॥ शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी । भेदप्रदर्शिनि वाणी, विमले! वेदत्रयी ॥ जगजननी जय जय..॥ हम अति दीन दुखी माँ!, विपत-जाल घेरे । हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥ जगजननी जय जय..॥ निज स्वभाववश जननी!, दयादृष्टि कीजै । करुणा कर करुणामयि! चरण-शरण दीजै ॥ जगजननी जय जय..॥ जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!! भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय ॥ जगजननी जय जय..॥ Om Jag Janani Jay Jay Lyrics Jagjanani Jai! Jai!! (Ma! Jagjanani Jai! Jai!!) । Bhayharini, Bhavtarini, Bhavbhamini Jai! Jai ॥ ॥ Jagjanani Jai Jai.. ॥ Tu Hi Sat-chit-sukhmay Shuddh Brahmaroopa । Satya Sanatan Sundar Par-shiv Sur-bhoopa ॥ ॥ Jagjanani Jai Jai.. ॥ Aadi Anaadi Anmay Avichal Avinashi । Amal Anant Agochar Aj Anandarashi ॥ ॥ Jagja...

🪔माँ ज्वाला देवी की आरती (हिंदी) & (English Lyrics) PDF

Table of Contents • • • • • • माँ ज्वाला देवी की आरती (हिंदी), jwala mata ki aarti, jwala ji ki aarti, – ॐ जय कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुख दाई || ॐ जय ज्वाला माई… मैया जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई | कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुख दाई || ॐ जय ज्वाला माई… अटल अखंड तेरी ज्योति, युग युग से ही जगे | ऋषि मुनि सुर नर सबको, बड़ी प्यारी माँ लागे || ॐ जय ज्वाला माई… पार्वती रूप शिव शक्ति, तू ही माँ अम्बे | पूजे तुम्हे त्रिभुवन के, देवता जगदम्बे || ॐ जय ज्वाला माई… लाखों सूरज फीके ज्योति तेरी आगे | तेरे चिंतन से माँ भवका भय भागे || ॐ जय ज्वाला माई… चरण शरण में चल के जो तेरे द्वारे आये | खाली कभी न जाए, वांछित फल पाए || ॐ जय ज्वाला माई… दुर्गति नाशक चंडिका, तू दानव दलनी | दिन हिन् की रक्षक तू ही सुख करनी || ॐ जय ज्वाला माई… आठों सिद्धियाँ तेरे द्वार भरे पानी | दान माँ तुझसे लेते बड़े बड़े महादानी || ॐ जय ज्वाला माई… चरण कमल तेरी धोकर, ध्यानु ने रस था पिया | तेरी धुन में खोकर, शीश तेरे भेंट किया || ॐ जय ज्वाला माई… भक्तों के काज असंभव, संभव तू करती | सुख रत्नों से सबकी झोलियाँ तू भरती || ॐ जय ज्वाला माई… धुप दीप पुष्पों से होए तेरा अभिषेक | तेरे दर रंक को राजा बनते हुए देखा || ॐ जय ज्वाला माई… अष्ट भुजी सिंह वाहिनी तू माँ रुद्राणी | धन वैभव यश देना हमको महारानी || ॐ जय ज्वाला माई… ज्योति बुझाने आये, राजे अभिमानी | हार गए वो तुमसे, मूढ़ मति अज्ञानी || ॐ जय ज्वाला माई… माई ज्वाला तेरी आरती श्रद्धा से जो गाये | वो निर्दोष उपासक, भव से तर जाए || ॐ जय ज्वाला माई… ॐ जय ज्वाला माई, मैया जय ज्वाला माई | कष्ट हरण तेरा अर्चन, सुमिरण सुखदायी || ॐ जय ज्वाला माई… जी की आरती PDF डाउनलोड (PDF Do...

जग जननी जय जय आरती

|| दुर्गा माता की आरती | जगत जननी की आरती || जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा। सत्य सनातन, सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ आदि अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी। अमल, अनन्त, अगोचर, अज आनन्दराशी॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ अविकारी, अघहारी, सकल कलाधारी। कर्ता विधि भर्ता हरि हर संहारकारी॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ तू विधिवधू, रमा, तू उमा महामाया। मूल प्रकृति, विद्या तू, तू जननी जाया॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ राम, कृष्ण, तू सीता, ब्रजरानी राधा। तू वाँछा कल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ दश विद्या, नव दुर्गा, नाना शस्त्रकरा। अष्टमातृका, योगिनि, नव-नव रूप धरा॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ तू परधाम निवासिनि, महा-विलासिनि तू। तू ही शमशान विहारिणि, ताण्डव लासिनि तू॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ सुर-मुनि मोहिनि सौम्या, तू शोभाधारा। विवसन विकट सरुपा, प्रलयमयी धारा॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ तू ही स्नेहसुधामयी, तू अति गरलमना। रत्नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि तना॥ जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय। भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय॥ मूलाधार निवासिनि, इहपर सिद्धिप्रदे। कालातीता काली, कमला तू वर ...

जग जननी माता की आरती Jag Janani Aarti Lyrics – Sanatan Group

जगजननी माता की आरती जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!! भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय ॥ जगजननी जय जय..॥ तू ही सत-चित-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा । सत्य सनातन सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा ॥ जगजननी जय जय..॥ आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी । अमल अनन्त अगोचर, अज आनँदराशी ॥ जगजननी जय जय..॥ अविकारी, अघहारी, अकल, कलाधारी । कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि, हर सँहारकारी ॥ जगजननी जय जय..॥ तू विधिवधू, रमा, तू उमा, महामाया । मूल प्रकृति विद्या तू, तू जननी, जाया ॥ जगजननी जय जय..॥ राम, कृष्ण तू, सीता, व्रजरानी राधा । तू वांछाकल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा ॥ जगजननी जय जय..॥ दश विद्या, नव दुर्गा, नानाशस्त्रकरा । अष्टमातृका, योगिनि, नव नव रूप धरा ॥ जगजननी जय जय..॥ तू परधामनिवासिनि, महाविलासिनि तू । तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डवलासिनि तू ॥ जगजननी जय जय..॥ सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या, तू शोभाऽऽधारा । विवसन विकट-सरुपा, प्रलयमयी धारा ॥ जगजननी जय जय..॥ तू ही स्नेह-सुधामयि, तू अति गरलमना । रत्‍‌नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि-तना ॥ जगजननी जय जय..॥ मूलाधारनिवासिनि, इह-पर-सिद्धिप्रदे । कालातीता काली, कमला तू वरदे ॥ जगजननी जय जय..॥ शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी । भेदप्रदर्शिनि वाणी, विमले! वेदत्रयी ॥ जगजननी जय जय..॥ हम अति दीन दुखी माँ!, विपत-जाल घेरे । हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥ जगजननी जय जय..॥ निज स्वभाववश जननी!, दयादृष्टि कीजै । करुणा कर करुणामयि! चरण-शरण दीजै ॥ जगजननी जय जय..॥ जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!! भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय ॥ जगजननी जय जय..॥ Jag Janani Aarti In English Jagajananee jay! jay!! maan! jagajananee jay! jay!! bhayahaarini, bhavataarini, maan bhavabhaamini jay! ja...