जितिया कितना तारीख को है

  1. आज उर्दू की कितनी तारीख है
  2. In Which Date Jitiya Vrat Will Be Held In September
  3. Jivitputrika Vrat 2021: हिंदू धर्म में संतान प्राप्ति, उनके दीर्घायु होने तथा सुखमय जीवन के लिए माताओं द्वारा रखे जाने वाले व्रतों में से एक प्रमुख व्रत जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत भी है. हिंदी पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान के दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान की पूजा और प्रार्थना करती है. जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण अगले दिन यानी नवमी तिथि को किया जाता है. जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह नहाए
  4. आज की चांद की तारीख कितनी है
  5. Jitiya Vrat 2022: कब और किस कामना के लिए रखा जाता है जितिया व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व
  6. Jivitputrika Vrat 2021: When is Jivitputrika or Jitiya Vrat Note date auspicious time and Puja Vidhi
  7. Jitiya Vrat 2023
  8. Jivitputrika 2022 Jitiya vrat Katha Jitiya Geet Jiutiya nirjala vrat ki kahani uppm


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आज उर्दू की कितनी तारीख है

आज के दिन उर्दू की तारीख कितनी है ? Aaj urdoo ki kitni tareekh hai ? जानने के लिए क्लिक करें। आज के दिन उर्दू की तारीख 27-11-1444 तारीख 27 ग्यारहवां महीना ज़ु अल-क़ादा या ज़ुल क़ादा - ذو القعدة वर्ष 1444 है ईस्वी सन की तारीख (Gregorian Calender Date): 2023/06/16 Tags: आज कितनी तारीख है aaj kitni tarikh hai aaj chand ki kitni tarikh hai जानने के लिए क्लिक करें। aaj chand ki kya tarikh hai आज तारीख कितनी है आज कितना तारीख है aaj tarikh kitni hai इस्लामी महीने या मास नाम हैं: • मुहरम محرّم (पूर्ण नाम: मुहरम उल-हराम) • सफ़र صفر (पूर्ण नाम: सफर उल-मुज़फ्फर) • रबी अल-अव्वल (रबी उणन्नुर्) - मीलाद उन-नबी - ईद ए मीलाद - ربيع الأول • रबी अल-थानी (या रबी अल-थानी, रबी अल-आखिर) (Rabī'' II) ربيع الآخر أو ربيع الثاني • जमाद अल-अव्वल या जमादि उल अव्वल (जुमादा I) جمادى الاولى • जमाद अल-थानी या जमादि उल थानी या जमादि उल आखिर (या जुमादा अल-आखीर) (जुमादा II) جمادى الآخر أو جمادى الثاني • रज्जब या रजब رجب (पूर्ण नाम: रज्जब अल-मुरज्जब) • शआबान شعبان (पूर्ण नाम: शाअबान अल-मुआज़म) या साधारण नाम शाबान • रमजा़न या रमदान رمضان (पूर्ण नाम: रमदान अल-मुबारक) • शव्वाल شوّال (पूर्ण नाम: शव्वाल उल-मुकरर्म) • ज़ु अल-क़ादा या ज़ुल क़ादा - ذو القعدة • ज़ु अल-हज्जा या ज़ुल हज्जा - ذو الحجة इस्लामिक कैलेंडर Islamic calender Pradeep Chawla on 31-05-2023

In Which Date Jitiya Vrat Will Be Held In September

Jitiya vrat 2022 : जीतिया का व्रत इस बार कब रखा जाएगा इसको लेकर लोग असमंजस में हैं. कोई इसे 17 तारीख को रखने के लिए कह रहा है तो कोई 18 को. जिसके कारण कंफ्यूजन लोगों में बढ़ गई है. आपको बता दें कि संतान प्राप्ति के लिए और उनके जीवन में खुशहाली के लिए यह उपवास रखते हैं. यह व्रत विवाहित महिलाएं करती हैं. ऐसे में इस महत्पूर्ण व्रत की सही तिथि (right date of jitiya vrat) क्या है इसके बारे में जान लेना बेहतर होगा ताकि शुभ मुहूर्त में पूजा पाठ किया जा सके. - हिंदू पंचांग (panchang) के अनुसार, जीवितपुत्रिका (jivitputrika) व्रत आश्विन मास (ashwin mash) की अष्टमी तिथि (ashtami tithi) को रखा जाता है. इस साल आश्विन कृष्ण अष्टमी 17 सितंबर, को दोपहर 2.14 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 18 सितंबर को शाम 4 बजकर 32 मिनट तक है. ऐसे में जीवितपुत्रिका का व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा. जबकि व्रत का पारण 19 सितंबर को किया जाएगा. - जीवितपुत्रिका व्रत का पारण 19 सितंबर, 2022 को किया जाएगा. इस दिन पारण के लिए शुभ समय सुबह 6 बजकर 8 मिनट से लेकर 7 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. - इस दिन महिलाएं घर परिवार और संतान के जीवन में खुशहाली बनी रहे इसके लिए 24 घंटे भूखी प्यासी रहती हैं. फिर दूसरे दिन उपवास खोलती हैं. यह सबसे कठिन व्रतों में से एक है. - व्रत पारण के बाद जितिया को महिलाएं गले में पहनती हैं. बता दें कि जितिया लाल रंग का धागा होता है. वहीं, जितिया का लॉकेट भी धारण किया जा सकता है. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) आलिया भट्ट मुंबई में हुईं स्‍पॉट, मुस्‍कुराते हुए पैपराजी को दिए पोज /p>

Jivitputrika Vrat 2021: हिंदू धर्म में संतान प्राप्ति, उनके दीर्घायु होने तथा सुखमय जीवन के लिए माताओं द्वारा रखे जाने वाले व्रतों में से एक प्रमुख व्रत जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत भी है. हिंदी पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान के दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान की पूजा और प्रार्थना करती है. जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण अगले दिन यानी नवमी तिथि को किया जाता है. जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह नहाए

Jivitputrika Vrat 2021: हिंदू धर्म में संतान प्राप्ति, उनके दीर्घायु होने तथा सुखमय जीवन के लिए माताओं द्वारा रखे जाने वाले व्रतों में से एक प्रमुख व्रत जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत भी है. हिंदी पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान के दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान की पूजा और प्रार्थना करती है. जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण अगले दिन यानी नवमी तिथि को किया जाता है. जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह नहाए-खाए की परंपरा होती है. यह व्रत प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत की तिथि और तारीख जीवित्पुत्रिका या जितिया का पावन पर्व हर साल आश्विन मास में कृष्ण पक्ष के सातवें से नौवें चंद्र दिवस तक मनाये जाने का प्रावधान हिंदी पंचांग में दिया गया है. कैलेंडर के अनुसार इस बार जितिया का पावन पर्व 28 सितंबर से 30 सितंबर 2021 तक मनाया जाएगा. जितिया व्रत शुभ मुहूर्त 2021 1. जीवित्पुत्रिका व्रत- 29 सितंबर 2021 2. अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट से 3. अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सितंबर की रात 8 बजकर 29 मिनट से जीवित्पुत्रिका व्रत पूजन विधि जितिया व्रत के दिन महिलाएं नित्यकर्म, स्नान आदि करके साफ़ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा स्थल पर सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराकर स्थापित करें. अब उनके समक्ष धूप, दीप आदि से आरती करें. इसके बाद उन्हें मिठाई का भोग लगाएं. इस व्रत में माताएं सप्तमी तिथि को खाना और जल ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करती हैं और अष्टमी तिथि को पूरे दिन निर्जला व्रत ...

आज की चांद की तारीख कितनी है

आज के दिन उर्दू की तारीख कितनी है ? Aaj urdoo ki kitni tareekh hai ? जानने के लिए क्लिक करें। आज के दिन उर्दू की तारीख 27-11-1444 तारीख 27 ग्यारहवां महीना ज़ु अल-क़ादा या ज़ुल क़ादा - ذو القعدة वर्ष 1444 है ईस्वी सन की तारीख (Gregorian Calender Date): 2023/06/16 Tags: आज कितनी तारीख है aaj kitni tarikh hai aaj chand ki kitni tarikh hai जानने के लिए क्लिक करें। aaj chand ki kya tarikh hai आज तारीख कितनी है आज कितना तारीख है aaj tarikh kitni hai इस्लामी महीने या मास नाम हैं: • मुहरम محرّم (पूर्ण नाम: मुहरम उल-हराम) • सफ़र صفر (पूर्ण नाम: सफर उल-मुज़फ्फर) • रबी अल-अव्वल (रबी उणन्नुर्) - मीलाद उन-नबी - ईद ए मीलाद - ربيع الأول • रबी अल-थानी (या रबी अल-थानी, रबी अल-आखिर) (Rabī'' II) ربيع الآخر أو ربيع الثاني • जमाद अल-अव्वल या जमादि उल अव्वल (जुमादा I) جمادى الاولى • जमाद अल-थानी या जमादि उल थानी या जमादि उल आखिर (या जुमादा अल-आखीर) (जुमादा II) جمادى الآخر أو جمادى الثاني • रज्जब या रजब رجب (पूर्ण नाम: रज्जब अल-मुरज्जब) • शआबान شعبان (पूर्ण नाम: शाअबान अल-मुआज़म) या साधारण नाम शाबान • रमजा़न या रमदान رمضان (पूर्ण नाम: रमदान अल-मुबारक) • शव्वाल شوّال (पूर्ण नाम: शव्वाल उल-मुकरर्म) • ज़ु अल-क़ादा या ज़ुल क़ादा - ذو القعدة • ज़ु अल-हज्जा या ज़ुल हज्जा - ذو الحجة इस्लामिक कैलेंडर Islamic calender GkExams on 11-05-2020

Jitiya Vrat 2022: कब और किस कामना के लिए रखा जाता है जितिया व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व

सनातन परंपरा में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता के की पूजा या उपवास से जुड़ा होता है. आस्था से जुड़े आश्विन मास में पितृपक्ष, नवरात्र आदि पर्वों के साथ संतान की लंबी आयु की कामना लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है. यह व्रत हर साल आश्विन मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है जो कि इस साल 18 सितंबर को पड़ने जा रही है. इस व्रत को मुख्य रूप से भारत में बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश तथा नेपाल में मनाया जाता है. जिस जितिया व्रत का नाम गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन के नाम पर रखा गया है, आइए उस व्रत की पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं. जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त देश की राजधानी दिल्ली के समय के अनुसार इस साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 सितंबर 2022 को दोपहर 02:14 बजे से लेकर 18 सितंबर 2022 को सायंकाल 04:32 बजे तक रहेगी. चूंकि सनातन परंपरा में प्रत्येक पर्व उदया तिथि में मनाया जाता है, ऐसे में जितिया व्रत इस साल 18 सितंबर 2022 को ही मनाया जाएगा और इसका पारण 19 सितंंबर को किया जाएगा. जितिया व्रत की पूजा विधि संतान के सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाने वाला जितिया व्रत काफी कठिन माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं. इस व्रत की पूजा तीन दिनों में संपन्न होती है. व्रत की शुरुआत आश्विन मास के कृष्णपक्ष की सप्तमी वाले दिन नहाय खाए से होती है. इस दिन महिला सूर्यास्त के बाद कुछ भी नहीं खाती हैं. इसके बाद अष्टमी के दिन विधि-विधान से निर्जला व्रत रखने के बाद नवमी तिथि वाले दिन व्रत का पारण किया जाता है. पितरों के लिए श्राद्ध करते समय हमेशा याद रखें 10 जरूरी नियम ...

Jivitputrika Vrat 2021: When is Jivitputrika or Jitiya Vrat Note date auspicious time and Puja Vidhi

Jivitputrika Vrat 2021: जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत कब है? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और संपूर्ण पूजन विधि हिंदू धर्म में कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। जिनमें से एक जिउतिया व्रत भी है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका और जितिया व्रत भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि... हिंदू धर्म में कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। जिनमें से एक जिउतिया व्रत भी है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका और जितिया व्रत भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के जीवित्पुत्रिका व्रत होता है। जितिया व्रत को माताएं अपनी संतान के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए व्रत रखती हैं। जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह नहाए-खाए की परंपरा होती है। इस साल जितिया व्रत 29 सितंबर को रखा जाएगा। जिसे नवमी तिथि यानी अगले दिन पारण किया जाता है। नहाय-खाए के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत शुरू हो जाता है। यह उपवास मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। इस साल जितिया व्रत 28-30 सितंबर तक मनाया जाएगा। जानिए जितिया व्रत से जुड़ी जरूरी बातें- जितिया व्रत शुभ मुहूर्त 2021- जीवित्पुत्रिका व्रत- 29 सितंबर 2021 अष्टमी तिथि प्रारंभ- 28 सितंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट से अष्टमी तिथि समाप्त- 29 सितंबर की रात 8 बजकर 29 मिनट से। नहाए-खाए- जितिया व्रत के पहले यानी नहाए खाए को सूर्यास्त के बाद कुछ खाना नहीं चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाता है। तीन दिन तक चलता है व्रत- जितिया व्रत तीन दिनों तक चलता है। पहला दिन नहाए-खाए, दूसरा दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत पूजन विधि- स्नान आदि करने के ...

Jitiya Vrat 2023

Jitiya Vrat 2023– Jitiya Kab Hai? Jiwitputrika Vrat 2023. जितिया व्रत 2023, जीवित्पुत्रिका व्रत 2023 – जितिया कब है?– इस पोस्ट में हम जितिया पूजा जिसे हम सब जितिया व्रत या जीवित्पुत्रिका व्रत कहतें के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे जैसे की जितिया 2023 में कब है? जितिया व्रत की कथा, जितिया का महत्व आदि. नमस्कार, आपका स्वागत है जीवित्पुत्रिका को जितिया के नाम से भी जाना जाता है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत है. इस व्रत को महिलाएं अपने पुत्र की लम्बी उम्र और कुशलता के लिए करती हैं. जितिया व्रत मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखण्ड में मनाया जाता है. Jitiya 2023 Date – Jiwitputrika Vrat 2023 | जितिया कब है? – जीवित्पुत्रिका व्रत 2023 आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रत्येक वर्ष जितिया या जीवित्पुत्रिका के रूप में मनाया जाता है. जितिया व्रत तिन दिनों का त्यौहार होता है. यह इस साल यानी की 2023 में 06 अक्टूबर 2023 शुक्रवार को है. इसमें जितिया का व्रत ही मुख्य होता है. इस साल जितिया का व्रत 06 अक्टूबर को है और पारण 07 अक्टूबर को है. 05 अक्टूबर को नहाय-खाय है. जितिया नहाय-खाय 05 अक्टूबर 2023, गुरुवार जितिया व्रत 06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार जीवित्पुत्रिका या जितिया पारण 07 अक्टूबर 2023, शनिवार आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि जैसा की मैंने आप सब लोगों को ऊपर बताया है की जितिया व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को किया जाता है. यहाँ हमने आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है. आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ 06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार 06:34 am आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त 07 अक्टूबर 2023, शनिवार 08:08 am जिति...

Jivitputrika 2022 Jitiya vrat Katha Jitiya Geet Jiutiya nirjala vrat ki kahani uppm

Jivitputrika 2022 Jitiya vrat Katha Jitiya Geet Jiutiya nirjala vrat ki kahani uppm | Jitiya Vrat Katha: संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है जितिया व्रत, पूजा के दौरान जरूर पढ़ें जीवित्पुत्रिका की कथा | Hindi News, Uttar Pradesh Jitiya Vrat Katha: संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है जितिया व्रत, पूजा के दौरान जरूर पढ़ें जीवित्पुत्रिका की कथा Jitiya Vrat Katha: हिंदू धर्म में संतान प्राप्ति और उनकी मंगल कामना के लिए कई तरह के व्रत और पर्व के बारे में बताया गया है. इन्हीं में से एक है जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत. कई जगहों पर इसे जिउतिया व्रत भी कहा जाता है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया व्रत किया जाता है. हालांकि, इस साल इस व्रत की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन बनी हुई है. कुछ लोग 17 सितंबर को इस पर्व को मनाने की बात कह रहे हैं जबकि कुछ 18 सितंबर को मनाएंगे. मान्यता है कि जितिया व्रत करने से संतान की उम्र लंबी होती है. उनके जीवन में किसी भी प्रकार की मुसीबतें नहीं आती हैं. इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं. शाम को स्नान आदि करके पूजा करने की प्रथा है. पूजा के दौरान व्रत कथा जरूर पढ़ी जाती है. मान्यता है कि व्रत कथा के बिना जितिया पूजा अधूरी होती है. ऐसे में हम आपको जितिया व्रत की कथा बताने जा रहे हैं. पहली कथा जितिया व्रत कथा को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. एक पौराणिक मान्यता के मुताबिक, इसका महत्व महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि महाभारत युद्ध में अपने पिता गुरु द्रोणाचार्य की मृत्यु का बदला लेने के लिए अश्वत्थामा पांडवों के शिविर में घुस गया. शिविर में सो रहे पांच लोगों को अश्वत्थामा ने पांडव समझकर मार द...