जलियांवाला बाग हत्याकांड में कितने लोग मारे गए थे

  1. जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919)
  2. Jallianwala Bagh Massacre: On This Day 103 Years Ago Jallianwala Bagh Massacre Happened, Know What Happened On This Dark Day
  3. Truth Today: जलियांवाला बाग हत्याकांड की पूरी कहानी
  4. जलियाँवाला हत्याकांड की घटना तथा उसके प्रभाव की विवेचना कीजिए।
  5. Jallianwala Bagh Massacre Date History Facts In Hindi
  6. जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल, 1919
  7. कब और कहां हुआ था जालियांवाला बाग हत्याकांड, बैसाखी के दिन मारे गए थे सैकड़ों लोग
  8. जलियांवाला बाग हत्याकांड: इतिहास के पन्नों में दर्ज है आज का काला दिन, उपराष्ट्रपति व पीएम मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
  9. कब और कहां हुआ था जालियांवाला बाग हत्याकांड, बैसाखी के दिन मारे गए थे सैकड़ों लोग
  10. Jallianwala Bagh Massacre: On This Day 103 Years Ago Jallianwala Bagh Massacre Happened, Know What Happened On This Dark Day


Download: जलियांवाला बाग हत्याकांड में कितने लोग मारे गए थे
Size: 65.17 MB

जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919)

More • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • जलियांवाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल, 1919) जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय इतिहास में एक कलंकित घटना है। अमृतसर के जलियांवाला बाग में जब एक भीड़ शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठी हुई थी, तो ब्रिटिश सरकार ने उस पर गोली चलवा दी थी। जिसमें अनेक निर्दोष और निहत्थे लोग मारे गए थे। अंग्रेजों की गोली से बचने के लिए...

Jallianwala Bagh Massacre: On This Day 103 Years Ago Jallianwala Bagh Massacre Happened, Know What Happened On This Dark Day

Jallianwala Bagh Massacre: आज ही के दिन 103 साल पहले हुआ था जलियांवाला बाग हत्याकांड, जानिए क्या हुआ था इस काले दिन Jallianwala Bagh Massacre: आज से 103 साल पहले पंजाब के अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था. अंग्रेजी फौज ने निहत्थे और निर्दोष भारतीयों पर करीब 10 मिनट तक गोली बरसाई थीं. इस घटना में हजारों लोगों की जान चली गई थी. नई दिल्ली: Jallianwala Bagh Massacre: आज से 103 साल पहले पंजाब के अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था. इस हत्याकांड में सैकड़ों बेकसूरों को गोलियों से भून दिया गया था, जिसमें पुरुष, महिलाओं के साथ मासूम बच्चे भी शामिल थे. इस दिन को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा. इस मौके पर उन्होंने पिछले साल उद्घाटन किए गए जलियांवाला बाग स्मारक परिसर का एक वीडियो भी साझा किया. उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल, 1919 के वे 10 मिनट हमारे स्वतंत्रता संग्राम की अमर कहानी बने, जिसके कारण आज हम स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं. यह भी पढ़ें • जलियांवाला बाग : वह जगह, जहां 102 साल बाद भी मौजूद हैं निहत्थों पर बरसाई गई गोलियों के निशां, जानें 10 खास बातें • Jallianwala Bagh Massacre: जल‍ियांवाला बाग हत्‍यकांड के बारे में जानिए ये 7 बातें • जलियांवाला बाग जनसंहार 100वीं बरसी : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अमरिंदर सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने भी नरसंहार को "विदेशी शासन की क्रूरता और क्रूर अत्याचारों का प्रतीक" के रूप में याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. ब्रि...

Truth Today: जलियांवाला बाग हत्याकांड की पूरी कहानी

भारतीय इतिहास में ऐसी अनेकों घटनाएं हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के आंदोलन में घी डालनें का काम किया , तो अनेकों ऐसी घटनाएं है जिन्होंने भारतीय जन समाज को अंदर तक झकझोर दिया और विदेशी आक्रांताओं के अत्याचारों को उजागर किया। ऐसी ही एक घटना है जलियांवाला बाग हत्याकांड - जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए थे व लगभग 2000 से ज्यादा घायल हुए थे। आइए जानते हैं कि हत्याकांड क्यों और कैसे हुआ ? इसके दोषी कौन कौन थे ? अंग्रेजी सरकार ने इसे सही ठहराया या गलत ? इसके गुनहगारों काल बाद में क्या हुआ ? जलियांवाला बाग हत्याकांड क्यों और कैसे हुआ ? 13 अप्रैल 1919 का दिन था और अमृतसर में लोग बड़ी संख्या में बैसाखी पर्व मनाने को एकत्रित हुए थे। आंकड़ों के मुताबिक उस वक्त जलियांवाला बाग में तकरीबन 15000 से 20000 व्यक्ति वहां मौजूद थे। उस भीड़ में हजारों लोग ऐसे थे जो इस बात से अनजान थे कि वहां पर कोई राजनीतिक सभा का भी आयोजन हो रहा है। जब जलियांवाला बाग में सभा चल रही थी तो उसी वक्त जनरल डायर राइफलों वाले सेना दस्ते के साथ वहां पहुंचा। डायर पैंसठ गोरखा और 25 बलूची जवानों के साथ बाग में दाखिल हुआ जिनमें से 50 के पास राइफलें थी। जनरल डायर अपने साथ 2 बख्तरबंद गाड़ियां लेकर पहुंचा था जिनमें मशीन गन लगी हुई थी, लेकिन रास्ता छोटा होने के कारण वह उन मशीनों को बाग़ में ना ले जा पाया। भीड़ को देखकर वह आग बबूला हो गया क्योंकि उसे वह अपने आदेश की नाफरमानी लगी थी, उसके बिना किसी चेतावनी के गोलियां चलाने का आदेश दे दिया। जनरल डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना कें 90 सैनिकों ने 10 मिनट में 1650 राउंड गोलियां चलाई थी। गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस हत्याकांड में 1000 से अधिक लोग मारे गए थे और दो हजार से अधिक घायल ...

जलियाँवाला हत्याकांड की घटना तथा उसके प्रभाव की विवेचना कीजिए।

जलियाँवाला हत्याकांड की घटना तथा उसके प्रभाव की विवेचना कीजिए। Jallianwala Bagh Massacre in Hindi : इस लेख में हम आपको जलियांवाला बाग हत्याकांड कब और कहां हुआ था, जलियाँवाला हत्याकांड (1919) का भारतीय जनमानस पर पड़ने वाले प्रभाव तथा जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय गवर्नर जनरल कौन था आदि बता रहे हैं। जलियाँवाला हत्याकांड (Jallianwala Massacre) (Jallianwala Massacre) ब्रिटिश शासन की भारतीयों के प्रति अत्याचार पूर्ण नीतियों के चलते एवं रौलेट एक्ट के विरूद्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पंजाब के अमृतसर जिले के जालियाँवाला बाग नामक स्थान पर 13 अप्रैल. 1919 ई को बैसाखी के दिन एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हेतु एक सभा का आयोजन किया गया था। उस दिन अमृतसर में बहुत सारे गाँव वाले एक मेले में शिरकत करने के लिए जलियाँवाला बाग मैदान में जमा हुए थे। यह सभा पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं डॉ. सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू को बिना वजह बताए गिरफ्तार किए जाने के विरोध में थी। परन्तु शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए जुटी भीड़ पर जनरल डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश इंडियन आर्मी ने अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें सैकड़ो लोग मारे गए थे। इस नरसंहार को भारतीय इतिहास के सबसे घातक हमलों में से एक के रूप में याद किया जाता है। बैसाखी पर्व खुशियों की जगह मातम में परिवर्तित हो गया था और अमृतसर की धरती रक्तरंजित हो गई थी। घटना में बच्चे, बूढे और औरतें सभी शामिल थे। बेकसूर लोग अपने प्राणों की भीख माँग रहे थे परन्तु जनरल डायर ने किसी पर भी दया नहीं दिखाई। उसने अपनी सेना को जलियाँवाला बाग में मौजूद सभी लोगों को मारने का आदेश दे दिया। गोलियों से बचने के लिए बहुत से लोगों ने बाग में स्थित एक कुएं में छलांग लगा दी थ...

Jallianwala Bagh Massacre Date History Facts In Hindi

नई द‍िल्‍ली : जलियांवाला बाग हत्‍याकांड ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्‍याय है. आज से 99 साल पहले 13 अप्रैल, 1919 को अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में मौजूद निहत्‍थी भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. इस हत्‍याकांड में 1,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 1,500 से भी ज़्यादा घायल हुए थे. जिस दिन यह क्रूरतम घटना हुई, उस दिन बैसाखी थी. इसी हत्‍याकांड के बाद ब्रिटिश हुकूमत के अंत की शुरुआत हुई. इसी के बाद देश को ऊधम सिंह जैसा क्रांतिकारी मिला और भगत सिंह के दिलों में समेत कई युवाओं में देशभक्ति की लहर दौड़ गई. जानिए, जलियांवाला बाग हत्‍याकांड से जुड़ी 10 खास बातें... 1. अमृतसर के प्रसिद्ध् स्‍वर्ण मंदिर, यानी गोल्‍डन टेंपल से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को रॉलेट एक्‍ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी. उस दिन बैसाखी भी थी. जलियांवाला बाग में कई सालों से बैसाखी के दिन मेला भी लगता था, जिसमें शामिल होने के लिए उस दिन सैकड़ों लोग वहां पहुंचे थे. 2. तब उस समय की ब्रिटिश आर्मी का ब्रिगेडियर जनरल रेजिनैल्‍ड डायर 90 सैनिकों को लेकर वहां पहुंच गया. सैनिकों ने बाग को घेरकर ब‍िना कोई चेतावनी दिए निहत्‍थे लोगों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. वहां मौजूद लोगों ने बाहर निकलने की कोश‍िश भी की, लेकिन रास्‍ता बहुत संकरा था, और डायर के फौजी उसे रोककर खड़े थे. इसी वजह से कोई बाहर नहीं निकल पाया और हिन्दुस्तानी जान बचाने में नाकाम रहे. 3. जनरल डायर के आदेश पर ब्रिटिश आर्मी ने बिना रुके लगभग 10 मिनट तक गोलियां बरसाईं. इस घटना में करीब 1,650 राउंड फायरिंग हुई थी. बताया जाता है कि सैनिकों के पास जब गोलियां खत्‍म हो गईं, तभी उनके हाथ रुके...

जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल, 1919

✕ • जीके हिंदी में • इतिहास • भूगोल • राजनीति • अर्थशास्त्र • विज्ञान • खेल • पुरस्कार और सम्मान • संगठन • भारत • विश्व • महत्वपूर्ण दिवस • सरकारी योजनाएं • आज का इतिहास • करेंट अफेयर्स • जीवनी • प्रसिद्ध आकर्षण • देशों की जानकारी • इतिहास वर्षवार • अंग्रेजी शब्दावली • एसएससी प्रश्नोत्तरी • मौखिक तर्क प्रश्नोत्तरी • गैर-मौखिक तर्क प्रश्नोत्तरी • प्रसिद्ध व्यक्तियों के जन्मदिन • सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी • About us • Privacy Policy • YoDiary आखिर क्या था जलियाँवाला बाग हत्याकांड? दिनाँक 13 अप्रैल, 1919 को दो राष्ट्रवादी नेताओं, सत्य पाल और डॉ सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में जलियाँवाला बाग (अमृतसर) में कम से कम 10,000 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की भीड़ एकत्रित हुई, जो लगभग पूरी तरह से दीवारों से घिरी हुई थी और केवल एक निकास था। सैन्य अधिकारी, जनरल डायर (Michael Francis O'Dwyer) और उसके सैनिक पहुंचे और निकास द्वार को बंद कर दिया। और जनरल डायर ने लोगों को चेतावनी दिए बिना ही अपने सैनिकों को दस मिनट तक निहत्थे भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। और गोलियाँ समाप्त होने तक चलती रहीं। जलियांवाला बाग हत्याकांड में कितने लोग मारे गए? जलियांवाला बाग नरसंहार के दौरान हुई मौतों की संख्या पर कोई आधिकारिक संख्या नहीं थी। अंग्रेजों की आधिकारिक पूछताछ में पता चला कि 379 मौतें हुईं लेकिन कांग्रेस के अनुमान के अनुसारउन दस मिनटों में लगभग 1000 लोग मारे गए और लगभग 2000 घायल हुए। गोली के निशान अभी भी जलियांवाला बाग की दीवारों पर देखे जा सकते हैं जो अब एक राष्ट्रीय स्मारक है। जलियांवाला बाग हत्याकांड से जनरल डायर पर क्या असर पड़ा? जलियाँवाला बाग नरसंहार एक परिकलित क्रिया थी और डायर ने ...

कब और कहां हुआ था जालियांवाला बाग हत्याकांड, बैसाखी के दिन मारे गए थे सैकड़ों लोग

नई दिल्ली, 12 अप्रैल: जलियांवाला बाग हत्याकांड के 13 अप्रैल 2022 को बुधवार को 103 साल पूरे हो गए हैं। जालियांवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के निकट जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 में हुआ था। उस दिन बैसाखी का दिन था। जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 के दिन औपनिवेशिक ताकतों की अंधाधुंध गोलीबारी में सैकड़ों लोग मारे गए थे। इस दिन रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी, जिसमें जनरल डायर नामक एक अंग्रेज ऑफिसर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियाँ चलवा दीं, जिसमें 350 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घाय हो गए थे। जिस वक्त की ये घटना है, उस वक्त अंग्रेजों ने उस समय सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था और नागरिकों को उनकी 'अवज्ञा' के लिए दंडित करने के लिए, ब्रिगेडियर-जनरल रेजिनाल्ड डायर ने सेना को उन हजारों निहत्थे भारतीयों की भीड़ में गोली चलाने का आदेश दिया था,जो बैसाखी के त्योहार को मनाने के लिए एक साथ आए थे, वो इन बातों से अनजान थे कि वहां इतनी भारी मात्रा में गोलीबारी की जानी है। औपनिवेशिक सैनिकों ने पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग में प्रवेश किया और उनके पीछे मुख्य प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भीड़ पर लगभग 10 मिनट तक गोलियां चलाने से पहले कोई भाग न सके। कई लोग खुद को बचाने के लिए कुएं में कूद गए क्योंकि सैनिकों ने उन पर गोलियां बरसाईं। जबकि अंग्रेजों द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़े ने दावा किया कि नरसंहार में 350 से अधिक लोग मारे गए थे। वहीं कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि यह संख्या 1,000 जितनी अधिक थी। जनरल डायर, जिसकी ब्रिटेन में कुछ लोगों द्वारा प्रशंसा की गई थी। लेकिन दूसरों द्वारा आलोचना ...

जलियांवाला बाग हत्याकांड: इतिहास के पन्नों में दर्ज है आज का काला दिन, उपराष्ट्रपति व पीएम मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

• • India Hindi • जलियांवाला बाग हत्याकांड: इतिहास के पन्नों में दर्ज है आज का काला दिन, उपराष्ट्रपति व पीएम मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि जलियांवाला बाग हत्याकांड: इतिहास के पन्नों में दर्ज है आज का काला दिन, उपराष्ट्रपति व पीएम मोदी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि इस घटना में कम से कम 400 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग घायल हुए थे. जलियांवाला बाग हत्याकांड Photo Credit: Twitter नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को सोमवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी बहादुरी वर्षों तक भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं आज के दिन जलियांवाला बाग में बेरहमी से मार दिए गए शहीदों को नमन करता हूं. हम उनकी वीरता एवं बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी वीरता आने वाले कई वर्षों तक भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी. Also Read: • • • इसके अलावा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पंजाब के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश अधिकारियों की क्रूरतापूर्ण कार्रवाई के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये उनके बलिदान से प्रेरणा लेने की देशवासियों से अपील की है. नायडू ने अपने संदेश में कहा, ‘‘जलियांवाला बाग त्रासदी की बरसी के अवसर पर उन अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने 13 अप्रैल, 1919 को इस अमानवीय हत्याकांड में अपने प्राणों का बलिदान दिया. जलियांवाला बाग स्वाधीनता के लिए किए गए अनगिनत महान बलिदानों का साक्षी है.’’ बता दें कि दरअसल ब्रिटिश हुकूमत द्वारा लागू किये गये कानून रौलेट एक्ट के विरोध में पंजाब में अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन ...

कब और कहां हुआ था जालियांवाला बाग हत्याकांड, बैसाखी के दिन मारे गए थे सैकड़ों लोग

नई दिल्ली, 12 अप्रैल: जलियांवाला बाग हत्याकांड के 13 अप्रैल 2022 को बुधवार को 103 साल पूरे हो गए हैं। जालियांवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के निकट जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 में हुआ था। उस दिन बैसाखी का दिन था। जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 के दिन औपनिवेशिक ताकतों की अंधाधुंध गोलीबारी में सैकड़ों लोग मारे गए थे। इस दिन रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी, जिसमें जनरल डायर नामक एक अंग्रेज ऑफिसर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियाँ चलवा दीं, जिसमें 350 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घाय हो गए थे। जिस वक्त की ये घटना है, उस वक्त अंग्रेजों ने उस समय सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था और नागरिकों को उनकी 'अवज्ञा' के लिए दंडित करने के लिए, ब्रिगेडियर-जनरल रेजिनाल्ड डायर ने सेना को उन हजारों निहत्थे भारतीयों की भीड़ में गोली चलाने का आदेश दिया था,जो बैसाखी के त्योहार को मनाने के लिए एक साथ आए थे, वो इन बातों से अनजान थे कि वहां इतनी भारी मात्रा में गोलीबारी की जानी है। औपनिवेशिक सैनिकों ने पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग में प्रवेश किया और उनके पीछे मुख्य प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भीड़ पर लगभग 10 मिनट तक गोलियां चलाने से पहले कोई भाग न सके। कई लोग खुद को बचाने के लिए कुएं में कूद गए क्योंकि सैनिकों ने उन पर गोलियां बरसाईं। जबकि अंग्रेजों द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़े ने दावा किया कि नरसंहार में 350 से अधिक लोग मारे गए थे। वहीं कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि यह संख्या 1,000 जितनी अधिक थी। जनरल डायर, जिसकी ब्रिटेन में कुछ लोगों द्वारा प्रशंसा की गई थी। लेकिन दूसरों द्वारा आलोचना ...

Jallianwala Bagh Massacre: On This Day 103 Years Ago Jallianwala Bagh Massacre Happened, Know What Happened On This Dark Day

Jallianwala Bagh Massacre: आज ही के दिन 103 साल पहले हुआ था जलियांवाला बाग हत्याकांड, जानिए क्या हुआ था इस काले दिन Jallianwala Bagh Massacre: आज से 103 साल पहले पंजाब के अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था. अंग्रेजी फौज ने निहत्थे और निर्दोष भारतीयों पर करीब 10 मिनट तक गोली बरसाई थीं. इस घटना में हजारों लोगों की जान चली गई थी. नई दिल्ली: Jallianwala Bagh Massacre: आज से 103 साल पहले पंजाब के अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था. इस हत्याकांड में सैकड़ों बेकसूरों को गोलियों से भून दिया गया था, जिसमें पुरुष, महिलाओं के साथ मासूम बच्चे भी शामिल थे. इस दिन को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा. इस मौके पर उन्होंने पिछले साल उद्घाटन किए गए जलियांवाला बाग स्मारक परिसर का एक वीडियो भी साझा किया. उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल, 1919 के वे 10 मिनट हमारे स्वतंत्रता संग्राम की अमर कहानी बने, जिसके कारण आज हम स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना पा रहे हैं. यह भी पढ़ें • जलियांवाला बाग : वह जगह, जहां 102 साल बाद भी मौजूद हैं निहत्थों पर बरसाई गई गोलियों के निशां, जानें 10 खास बातें • Jallianwala Bagh Massacre: जल‍ियांवाला बाग हत्‍यकांड के बारे में जानिए ये 7 बातें • जलियांवाला बाग जनसंहार 100वीं बरसी : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अमरिंदर सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं ने भी नरसंहार को "विदेशी शासन की क्रूरता और क्रूर अत्याचारों का प्रतीक" के रूप में याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. ब्रि...