जलवायु परिवर्तन का कारण

  1. जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी पर ‘जीवन हो रहा दूभर', यूएन प्रमुख


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जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी पर ‘जीवन हो रहा दूभर', यूएन प्रमुख

मार्च 23, 2023 संकट बिन्दु के निकट उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, ताप लहरों, सूखा, वनों में आग समेत, चरम मौसम की अन्य घटनाओं को सघन बना रहा है में वृद्धि हो रही है. साथ ही, हिमनद पिघलने और अत्यन्त गम्भीर मौसम में वृद्धि के कारण, समुद्री जलस्तर बढ़ने से, निचले इलाक़ों और शहरों के जलमग्न होने का जोखिम भी बढ़ गया है. यूएन प्रमुख ने कहा कि इन घटनाओं के संयुक्त प्रभाव से, और भी ज़्यादा प्रजातियों के विलुप्त होने का ख़तरा बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष अन्तरराष्ट्रीय दिवस की थीम - पीढ़ियों के लिए मौसम, जलवायु और जल का भविष्य शमन और रूपान्तरण यूएन प्रमुख के अनुसार, “इसका मतलब है – तापमान वृद्धि को, बढ़े स्तर वाले शमन और अनुकूलन उपायों के माध्यम से, 1.5 डिग्री तक सीमित रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करना. इसका मतलब है – हमारी ऊर्जा और परिवहन प्रणालियों में रूपान्तरकारी बदलाव, जीवाश्म ईंधन प्रयोग की हमारी लत को छोड़ना और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक न्यायसंगत परिवर्तन की ओर बढ़त.” महासचिव ने कहा कि विकसित देशों पर एक ऐसी वित्तीय और तकनीकी "क्रान्ति" का नेतृत्व करने का दायित्व है जो सभी देशों को कार्बन उत्सर्जन में कमी करने, और पानी व वायु जैसे नीवकरणीय ऊर्जा स्रोतों के प्रयोग को मुख्य धारा में लाकर, भविष्य के अनुकूलन में मदद कर सके. हानि व क्षति का सामना यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के अनुसार, इन उपायों में सर्वाधिक ज़रूरत - हानि व क्षति का सामना करने की है जिससे निर्बल देश और ऐसे देश प्रभावित हो रहे हैं, जो जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली जोखिमों के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि पिछले विश्व मौसम विज्ञान दिवस के मौक़े पर किए गए संकल्पों ...