जलवायु परिवर्तन क्या है इन हिंदी

  1. भारतीय संसद में जलवायु परिवर्तन पर बहुत कम होती है चर्चा, शोध में हुआ खुलासा
  2. भारत की जलवायु
  3. क्या होता है जलवायु परिवर्तन? आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य
  4. जलवायु में परिवर्तन से मानव को क्या लाभ हुआ? – ElegantAnswer.com


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भारतीय संसद में जलवायु परिवर्तन पर बहुत कम होती है चर्चा, शोध में हुआ खुलासा

• भारत में जनप्रतिनिधि जैसे विधायक और सांसद नीति निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। जलवायु परिवर्तन को लेकर उनकी जागरुकता से तय होगा कि देश में जलवायु परिवर्तन को लेकर बनने वाली नीतियां कैसी होंगी। • एक अध्ययन में सामने आया है कि भारतीय संसद में जलवायु परिवर्तन पर विशेष रूप से जलवायु न्याय और अनुकूलन (क्लाइमेट जस्टिस एंड एडॉप्टेशन) पर चर्चा नहीं के बराबर होती है। संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों में से केवल 0.3% ही जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित होते हैं। • देश में जलवायु परिवर्तन मुख्य चुनावी मुद्दा नहीं है। हालांकि ऐसा माना जाता है कि वैज्ञानिकों के शोध को मीडिया में जगह मिलने पर नीति निर्माताओं का भी इन मुद्दों से जुड़ाव बढ़ेगा। “यह हर बार की कहानी है। किसी आपदा के आने पर राजनेता अक्सर जलवायु परिवर्तन की आड़ लेते हैं,” यह बात जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कही। वे विधायकों के एक समूह को संबोधित कर रहे थे। सभी विधायक तटीय राज्य केरल से थे। इस कार्यक्रम को यूनिसेफ ने आयोजित किया गया था। व्याख्यान का विषय था- जलवायु परिवर्तनः केरल में हम क्या उम्मीद रख सकते हैं। देश में राज्य स्तर पर जो भी कानून बनता है उसका श्रेय विधायकों को जाता है। इसको ध्यान में रखते हुए इस व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसके दौरान इन विधायकों को जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कई बाते बताई गईं, जैसे जलवायु संबंधी वैज्ञानिक बातें, विकास की परियोजनाओं का पर्यावरण पर असर, पश्चिमी घाट में अत्यधिक बारिश और और गर्म होता अरब सागर इत्यादि। व्याख्यान देने वाले कोल मूल रूप से केरल राज्य के कोट्टायम जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के रहस्य को उजागर करते हुए केरल में जलवायु परिवर्तन के स्थानीय प्रभावों...

भारत की जलवायु

भारत की जलवायु में काफ़ी क्षेत्रीय विविधता पायी जाती है और जलवायवीय तत्वों के वितरण पर भारत की भारतीय जलवायु में वर्ष में चार भारतीय पर्यावरण और यहाँ की मृदा, वनस्पति तथा मानवीय जीवन पर जलवायु का स्पष्ट प्रभाव है। हाल में वैश्विक तापन और तज्जनित जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की भी चर्चा महत्वपूर्ण हो चली है। मौसमऔर जलवायु किसी स्थान की दिन-प्रतिदिन की वायुमंडलीय दशा को वर्तमान में जलवायु परिवर्तन ने दक्षिण पश्चिम मानसून को काफी प्रभावित किया है । खासकर इससे मानसून की समयावधि ओर दिशा दशा पर गहरा असर देखने को मिला हैं। सामान्यतः मानसून के दिनों में बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र (LP) विकसित होते हैं जो मानसून रेखा यानि निम्न दाब की रेखा के सहारे-सहारे उतर पश्चिम दिशा में दिल्ली हरियाणा तक पहुंच कर वर्षा करते हैं।यह सिस्टम जैसे जैसे समुद्र से दूरी बनाते हैं इनमें नमी की कमी होने लगती है और बारिश कम देते हैं यही कारण है की भारत के पूर्वी भागों की बजाए उतर पश्चिम भागों में कम वर्षा होती है। लेकिन कुछ वर्षों से इसमें बदलाव देखा गया है अब लगभग 80 फिसदी सिस्टम दिल्ली हरियाणा की तरफ जाने के बजाय मध्य प्रदेश होते हुए गुजरात राजस्थान की आगे बढ़ते हैं जहां से अरब सागर नजदीक होने से इन्हें नमी भी मिल जाती है और ये कमजोर नहीं पड़ते यही कारण है की अब राजस्थान जैसे हमेशा सुखाग्रस्त रहने वाले इलका़ में भी हर वर्ष बाढ़ की स्थिति बन जाती है और दुसरी तरफ भारत के मैदानी भागों में वर्षा के स्तर में गिरावट आई है एवं महासागरीय तापमान बढ़ने के कारण उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में वृद्धि हुई है। सामान्यतः पहले बंगाल की खाड़ी में मानसून पूर्व ओर मानसून के बाद चक्रवात बनते थे लेकिन अब कुछ सालों में इ...

क्या होता है जलवायु परिवर्तन? आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य

इन दिनों अक्सर दो शब्द 'जलवायु परिवर्तन' बहुत ज्यादा चर्चा में हैं। यह तो स्पष्ट है कि यह शब्द हमारे मौसम से जुड़े हैं तो क्या यह मौसम विज्ञानियों के चिंतन का विषय नहीं है तो आखिर क्यों एक आम इंसान को इसकी चिंता करने की जरुरत है। सच कहूं तो जी हां आज यह इस तरह से हमारे जीवन पर असर डाल रहे हैं कि यह जरुरी हो जाता है कि हम इनके बारे में समझें। आमतौर पर लोग मौसम और जलवायु को एक ही समझ लेते हैं पर ऐसा नहीं है। आपने रोज अपनी टीवी पर समाचार में मौसम का हाल सुना होगा जो बताता है कि फलां जगह पर अधिकतम और न्यूनतम तापमान कितना है। क्या बारिश होने की कोई सम्भावना है या तूफान आ सकता है या ओले पड़ सकते हैं। इसका मतलब है कि किसी निर्धारित समय और स्थान पर वातावरण से जुड़ी परिस्थितियों में होने वाला परिवर्तन ही मौसम है। पर जब जलवायु की बात करतें है तो वो किसी स्थान विशेष पर पिछले कई वर्षों, दशकों में वहां के मौसम की स्थिति को बताती है। यह किसी स्थान विशेष के लिए आमतौर पर कम से कम 30 वर्षों में मौसम का औसत पैटर्न होता है। क्या होता है जलवायु परिवर्तन? अब जब हम यह जान गए हैं कि जलवायु क्या होती है तो हम इसमें आ रहे परिवर्तन को भी समझ लेते हैं। सामान्य शब्दों में दशकों, सदियों या उससे अधिक समय में किसी स्थान विशेष और या पूरी धरती की क्या है इसके पीछे की वजह? अब बड़ा सवाल यह है कि यह जलवायु परिवर्तन क्यों हो रहा है, क्या हम इंसान इसके लिए जिम्मेवार हैं? यदि धरती पर ऊर्जा के सबसे बड़े स्रोत को देखें तो वो सूरज है जिससे आने वाली गर्मी और ऊर्जा को धरती ग्रहण करती है और इसकी मदद से जीवों और पेड़-पौधों को जीवन मिलता है। इस तरह सूर्य से आने वाली ऊर्जा और पृथ्वी के बीच एक संतुलन बना रहता है। इसी को ग्रीन ...

जलवायु में परिवर्तन से मानव को क्या लाभ हुआ? – ElegantAnswer.com

जलवायु में परिवर्तन से मानव को क्या लाभ हुआ? इसे सुनेंरोकेंजलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप जीवांश पदार्थों के तेजी से विघटन के कारण पोषक-चक्र की दर में बढ़ोत्तरी होगी जिसके कारण मृदा की उपजाऊ क्षमता अव्यवस्थित हो जाएगी जो कृषि पैदावार को प्रभावित करेगी। वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की वृद्धि के कारण पौधों में कार्बन स्थिरीकरण में बढ़ोत्तरी होगी। आप उन्हें जलवायु परिवर्तन के बारे में क्या करना चाहेंगे निर्णय लेने वालों को अपना संदेश यहाँ लिखे 👇? इसे सुनेंरोकेंउदाहरण के लिये, वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि हम इसी दर से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते रहे तो इस वायु का स्तर औद्योगिक क्रान्ति से पहले की अपेक्षा दोगुना हो जाएगा। इसके फलस्वरूप वर्ष 2050 तक पृथ्वी का औसत तापमान 5.80C तक बढ़ जाएगा। हालांकि यह वृद्धि सुनने में कम लग सकती है, परन्तु इसके परिणाम विश्वव्यापी होंगे। 12 साल पहले दुनिया की जलवायु में आए बदलाव के क्या परिणाम हुए? इसे सुनेंरोकेंलगभग 12,000 साल पहले दुनिया की जलवायु में बड़े बदलाव आए और गर्मी बढ़ने लगी। इसके परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में घास वाले मैदान बनने लगे। इससे हिरण, बारहसिंघा, भेड़, बकरी और गाय जैसे उन जानवरों की संख्या बढ़ी, जो घास खाकर जिन्दा रह सकते हैं। जलवायु परिवर्तन क्या है दृष्टि आईएएस? इसे सुनेंरोकें1800 के दशक के अंत से मनुष्य ने 2,400 बिलियन टन CO2 का उत्सर्जन किया है। इसमें से अधिकांश को मानवीय गतिविधियों, विशेष रूप से जीवाश्म ईंधन के जलने के लिये ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। मानवीय गतिविधियों के प्रभाव ने 2,000 वर्षों में अभूतपूर्व दर से जलवायु को गर्म कर दिया है। जलवायु मानव जीवन को प्रभावित करता है कैसे? इसे सुनेंरोकेंअधिक उष्णता ...