जन्माष्टमी कब है

  1. JANMASHTAMI 2022 IN HINDI
  2. Krishna Janmashtami 2022: जन्माष्टमी कब है, क्या है पूजा तिथि और मुहूर्त, कब रखा जाएगा व्रत और क्या है इसकी कथा
  3. Janmashtami 2022:जन्माष्टमी कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि
  4. Janmashtami 2022 Date 18 या 19 अगस्त कब है जन्माष्टमी जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त
  5. जन्माष्टमी 2022 : कब मनाना है सही, क्या कहते हैं विद्वान, क्यों हुआ है भ्रम?
  6. when is masik krishna janmashtami auspicious time method of worship Krishna and importance
  7. जन्माष्टमी कब है? 23 या 24 अगस्त किस दिन मनाया जाएगा ये त्योहार, जानिए कान्हा के जन्मोत्सव का महात्म्य, पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त
  8. Janmashtami 2022 date: जन्माष्टमी कब है, श्रीकृष्ण की कैसी मूर्ति घर लाएं? प्रसाद, श्रृंगार की तैयारी भी शुरू करें
  9. Janmashtmi 2022 Date Shubh Muhurat And Puja Vidhi


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JANMASHTAMI 2022 IN HINDI

JANMASHTAMI 2022 ON 18 AUGUST | WHY WE CELEBRATS JANMASHTAMI जन्माष्टमी व्रत का महत्त्व |जन्मष्टमी व्रत क्यों रखा जाता है। भारत देश को त्योहारों तथा पर्वो का देश माना जाता है। हर त्यौहार किसी न किसी धर्म के ऐतिहासिक घटना से प्रायोजित होता है। इसी तरह जन्माष्टमी का त्यौहार भी हिन्दू धर्म के भगवन श्री कृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाया है। भगवन कृष्ण का जन्म अर्ध रात्रि के समय हुआ था इसलिए लोग जन्माष्टमी के दिन आधी रात तक का व्रत रखते है। रात्रि के मध्य चाँद निकलने के बाद ही जन्माष्टमी का व्रत खोला जाता है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। लेकिन कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों एक ही दिन नहीं होते। इस बार भी कृष्ण जन्म की तिथि और नक्षत्र एक साथ नहीं मिल रहे हैं। 18 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 21 मिनट के बाद अष्टमी तिथि का आरंभ हो जाएगी, जो 19 अगस्त को रात्रि 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 19 अगस्त को रात्रि 01 बजकर 54 मिनट से होगा। शास्त्रों में इस तरह की उलझनों के लिए एक आसान सा उपाय बताया गया है कि गृहस्थों को उस दिन व्रत रखना चाहिए जिस रात को अष्टमी तिथि लग रही है। पंचांग के अनुसार, 18 अगस्त दिन गुरुवार को गृहस्थ आश्रम के लोगों को जन्माष्टमी का पर्व मनाना सही रहेगा क्योंकि 18 को मध्यरात्रि व्यापनी अष्टमी है। जन्माष्टमी व्रत की सही तिथि कब है | JANMASHTAMI 2022 DATE 18 AUGUST यह व्रत सभी लोगो के द्वारा एक ही समय पर रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है इसलिए जो लोग वैष्णव व साधु संत हैं उनको 19 अगस्त को व्रत रखना चाहिए, 19 अगस्त को उदयातिथि में अष्टमी तिथि रहेगी और रात्रि 10:59 के बाद नवमी त...

Krishna Janmashtami 2022: जन्माष्टमी कब है, क्या है पूजा तिथि और मुहूर्त, कब रखा जाएगा व्रत और क्या है इसकी कथा

Krishna Janmashtami 2022: जन्माष्टमी कब है, क्या है पूजा तिथि और मुहूर्त, कब रखा जाएगा व्रत और क्या है इसकी कथा Krishna Janmashtami Kab hai Vrat Katha: कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि पर हुआ था और वह 18 को ही पड़ रही है, ऐसे में उसी दिन पूजा होगी और उसी दिन जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा.आइए जानते हैं इसस व्रत में क्या कथा सुनें, जिससे सारे कष्ट कट जाएं. डीएनए हिंदी : Janmashtami Kab hai-Lord Krishna का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) की अष्टमी तिथि में हुआ था. इस बार कृष्ण जन्माष्टमी ( Krishna Janmashtami Date 2022) को लेकर लोगों में कंफ्यूजन है कि जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी या फिर 19 अगस्त (18th and 19th August) को, इस साल अष्टमी तिथि 18 अगस्त रात 9 बजकर 20 मिनट से लेकर 19 अगस्त रात 11 बजे तक रहेगी, ऐसे में 18 अगस्त को ही चंद्रोदय व्यापिनी तिथि अष्टमी है और कान्हा का जन्म भी इसी तिथि पर हुआ था, कायदे से 18 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनाना उचित होगा. इसी दिन व्रत ( Janmashtami Katha)होता है और कान्हा का जन्मदिन कैसे मनाया जाता है यह भी पढे़ं- क्या है जन्माष्टमी व्रत की कथा (Janmashtami Vrat Katha) स्कंद पुराण के अनुसार यह द्वापर युग की बात है, तब मथुरा में उग्रसेन नाम के एक प्रतापी राजा हुआ करते थे लेकिन स्‍वभाव से वह सीधे-साधे थे. यही वजह थी कि उनके पुत्र कंस ने ही उनका राज्‍य हड़प लिया और स्‍वयं मथुरा का राजा बन बैठा था. कंस (Kans) की एक बहन थी, जिनका नाम देवकी (Devaki) था. कंस उनसे बहुत प्रेम करता था, उन्होंने वसुदेव (Marriage with Vasudev) से उनकी शादी करा दी. पुराण के अनुसार जब कंस बहन को छोड़ने के लिए जा रहा था तभी एक आकाशवाणी हुई कि जिस बहन को वह इतने प्...

Janmashtami 2022:जन्माष्टमी कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि

Janmashtami 2022: जन्माष्टमी हर साल बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। जन्माष्टमी की पूजा खासकर मथुरा, वृंदावन और द्वारिका में विधि-विधान से की जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान श्री कृष्ण सभी मुरादें शीघ्र पूर्ण कर देते हैं। निसंतान स्त्रियां संतान की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत करती हैं। हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म दिवस जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 18 अगस्त, गुरुवार के दिन पड़ रही है। श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार जन्माष्टमी पर वृद्धि योग बन रहा है, इसे बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं इस बार जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि के बारे में। जन्माष्टमी पूजन विधि • जन्माष्टमी के दिन रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। • इस दिन भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान करवाया जाता है और साथ ही नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। • इसके बाद उन्हें मोरपंख, बांसुरी, मुकुट, चंदन, वैजंयती माला, तुलसी दल आदि से सजाया जाता है। • इसके बाद उन्हें फल, फूल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग, मिठाई, मेवे आदि अर्पित करें। • फिर भगवान श्री कृष्ण के सम्मुख दीप-धूप जलाएं। • आखिर में श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की आरती उतारें और प्रसाद सभी में बांटे। • साथ ही, पूजन के दौरान हुई भूल चूक की क्षमा मांगें।

Janmashtami 2022 Date 18 या 19 अगस्त कब है जन्माष्टमी जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली, Janmashtami 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग और वृषभ राशि के चंद्रमा में हुआ था। इसी कारण हर साल इस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को के रूप में मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी की तिथि को लेकर थोड़ा सा कंफ्यूजन है। क्योंकि इस साल दो दिन जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। जानिए जन्माष्टमी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त। क्या है जन्माष्टमी 2022 की सही तिथि? पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी इस बार 2 दिन मनाई जाएगी। पहली 18 अगस्त को होगी जिसे गृहस्थ जीवन जीने वाले लोग मनाएंगे। वहीं 19 अगस्त की जन्माष्टमी साधु-संत मनाएंगे। इस बार जन्माष्टमी काफी खास होने वाली है। क्योंकि इस दिन काफी खास योग बन रहे हैं। इस दिन वृद्धि योग भी लग रहा है। मान्यता है कि जन्‍माष्‍टमी पर वृद्धि योग में पूजा करने से आपके घर की सुख संपत्ति में वृद्धि होती है और मां लक्ष्‍मी का वास होता हे। अष्टमी तिथि प्रारंभ- 18 अगस्त शाम 9 बजकर 21 मिनट से शुरू अष्टमी तिथि समाप्त- 19 अगस्त रात 10 बजकर 59 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त - 18 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक। वृद्धि योग - 17 अगस्त दोपहर 8 बजकर 56 मिनट से 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट तक ध्रुव योग - 18 अगस्त रात 8 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 8 बजकर 59 मिनट तक भरणी नक्षत्र - 17 अगस्त रात 09 बजकर 57 मिनट से 18 अगस्त रात 11 बजकर 35 मिनट तक राहुकाल - 18 अगस्त दोपहर 2 बजकर 06 मिनट से 3 बजकर 42 मिनट तक निशिथ पूजा मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 20 मिनट से 01:05 तक रहेगा पारण का शुभ मुहूर्त– 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट के बाद Pic Credit- Freepik डिसक्लेमर इस लेख में ...

जन्माष्टमी 2022 : कब मनाना है सही, क्या कहते हैं विद्वान, क्यों हुआ है भ्रम?

कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाना चाहिए? 18 अगस्त को या कि 19 अगस्त को? किस दिन जन्माष्‍टमी की पूजा करना उचित रहेगा या कि श्रीकृष्‍ण को जन्मोत्सव मनाना उचित रहेगा? इस संबंध में पंचांग और विद्वान क्या कहते हैं? आखिर यह भ्रम क्यों है? इन्हीं सभी सवालों का जवाब जानिए। उल्लेखनीय है कि इस बार श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कब हुआ था श्रीकृष्‍ण का जन्म : श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को आठवें मुहूर्त में रात्रि के शून्यकाल में रोहणी नक्षत्र में वृषभ लग्न के संयोग में हुआ था। यानी अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में रोहणी नक्षत्र में ही जन्माष्टमी मनाई जाना चाहिए।परंतु वर्तमान में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं हो रही है। 20 तारीख को रोहिणी नक्षत्र रहेगा। 18 अगस्त को क्यों मना रहे हैं लोग जन्माष्टमी : रात्रि 09:20 पर अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है और श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के शून्य काल यानी रात्रि करीब 12 बजे हुआ था। दूसरे दिन 19 अगस्त को रात्रि 12 बजे के पहले ही अष्टमी तिथि समाप्त हो रही है तो ऐसे में 18 अगस्त को ही अष्टमी मनाई जाना चाहिए। यदि आप शून्य काल के अनुसार श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाना चाहते हैं, तो 18 अगस्त को रात्रि 12 बजे मनाएं। विद्वानों का कहना है कि इसके बाद 19 तारीख को भी दिन में या किसी भी समय भजन कीर्तन शोभायात्रा इत्यादि कार्य किए जा सकते हैं। 19 अगस्त को क्यों मना रहे हैं लोग जन्माष्टमी : कुछ लोग उदयातिथि को मानते हैं। यानी यदि तिथि का प्रारंभ रात्रि में हो रहा है तो फिर सूर्योदय के बाद ही उत्सव मनाना चाहिए। दूसरा तर्क यह है कि श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में जन्म हुआ था। यह आठवां मुहूर्त 19 अगस्त की शाम को रहेगा। इसलिए 19 अगस्त क...

when is masik krishna janmashtami auspicious time method of worship Krishna and importance

when is masik krishna janmashtami auspicious time method of worship Krishna and importance | Masik Krishna Janmashtami 2023: कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि | Hindi News, UPUK Trending News Masik Krishna Janmashtami 2023: कब मनाई जाएगी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Masik Krishna Janmashtami 2023: हिन्दू पंचांग के मुताबिक मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाए जाने के बारे में बताया गया है. इस तरह जून में यह तिथि 10 जून को पड़ रही है यानी 'मासिक कृष्ण जन्माष्टमी' 10 जून को मनाई जाएगी. कृष्णजी भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि को जन्मे जिसके कारण कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हर माह मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाने की परंपरा चली आ रही है. जीवन मंगलमय बनाते हैं भगवान मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर पूजा उपासना किए जाने की मान्यता है. भगवान वासुदेव को स्मरण कर मन से व्रत उपवास रखने का भी इस दिन बहुत महत्व है. धार्मिक मान्यता की बात करें तो कृष्णजी भक्तों का उद्धार करते हैं और उनका जीवन मंगलमय बनाते हैं. ऐसे में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर भक्तगण को पूरे मन से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. आइए, जानते हैं इस दिन भगवान की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि. शुभ मुहूर्त जान लीजिए ज्योतिषियों के अनुसार आषाढ़ अष्टमी की तिथि आने वाले 10 जून को पड़ रही है जोकि दोपहर 2 बजकर 01 मिनट से शुरू होगी और फिर 11 जून को यह तिथि दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर खत्म हो रही है. ये तो सब जानते हैं कि कृष्णजी मध्य रात्रि में जन्मे है, ऐसे में आने वाला 10 जून को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मानाई जानी है. ये पूरी पूजा व...

जन्माष्टमी कब है? 23 या 24 अगस्त किस दिन मनाया जाएगा ये त्योहार, जानिए कान्हा के जन्मोत्सव का महात्म्य, पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी कब है? 23 या 24 अगस्त किस दिन मनाया जाएगा ये त्योहार, जानिए कान्हा के जन्मोत्सव का महात्म्य, पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त इस बार जन्माष्टमी का त्योहार 23 और 24 अगस्त को दो दिन मनाया जाएगा. दरअसल, जन्माष्टमी की उदया तिथि अष्टमी 24 अगस्त को पड़ रही है, जबकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के वक्त आधी रात को अष्टमी तिथि देखें तो वो 23 अगस्त को पड़ रही है. हिंदू पंचांग अनुसार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव यानी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है Krishna Janmashtami 2019 Date: जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए देशभर में तैयारियां जोरों पर हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का जन्मोत्सव यानी कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का पर्व हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (आठवें दिन) (Ashtami Tithi) को मनाया जाता है, लेकिन इस बार जन्माष्टमी का त्योहार 23 और 24 अगस्त (23rd and 24th August) को दो दिन मनाया जाएगा. हालांकि लोग इस बात को लेकर उलझन की स्थिति में हैं कि आखिर वो 23 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाएं या 24 अगस्त को. अगर आप भी इसी उलझन में उलझे हुए हैं तो हम आपको बता दें कि आप 23 और 24 अगस्त, दोनों दिन इस पर्व को मना सकते हैं. दरअसल, जन्माष्टमी की उदया तिथि अष्टमी 24 अगस्त को पड़ रही है, जबकि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के वक्त आधी रात को अष्टमी तिथि देखें तो वो 23 अगस्त को पड़ रही है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की ...

Janmashtami 2022 date: जन्माष्टमी कब है, श्रीकृष्ण की कैसी मूर्ति घर लाएं? प्रसाद, श्रृंगार की तैयारी भी शुरू करें

Janmashtami 2022 Date: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. भगवान कृष्ण का प्राकट्य रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस अवसर पर उनके अलग-अलग स्वरूपों की स्थापना की जाती है. कहीं शालिग्राम के रूप में तो कहीं लड्डू गोपाल के रूप में उनकी पूजा की जाती है. इस दिन व्रत और उपवास रखकर श्रीकृष्ण से विशेष प्रार्थना की जाती है. इस बार जन्माष्टमी की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है. कब है जन्माष्टमी? (Janmashtami 2022 Kab Hai) इस बार जन्माष्टमी की दो तारीखें बताई जा रही हैं, 18 अगस्त और 19 अगस्त. इस साल अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 09 बजकर 20 मिनट से लेकर 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. जन्माष्टमी में चंद्रोदय व्यापिनी तिथि ली जाती है. 18 अगस्त को चंद्रोदय व्यापिनी तिथि अष्टमी होगी. इसलिए तिथि और चन्द्रमा के आधार पर 18 अगस्त की मध्यरात्रि में जन्माष्टमी मनाना ज्यादा उचित है. हालांकि, वैष्णव परंपरा के लोग 19 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मना सकते हैं. जन्माष्टमी पर कान्हा की कैसी मूर्ति घर लाएं? (Janmashtami 2022 Puja Vidhi) आमतौर पर जन्माष्टमी के दिन बाल कृष्ण की स्थापना की जाती है. लेकिन आप अपनी मनोकामना के आधार पर जिस स्वरूप को चाहें स्थापित कर सकते हैं. जन्माष्टमी पर अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए कान्हा की अलग-अलग प्रतिमाओं की भी उपासना की जाती है. प्रेम और दाम्पत्य जीवन में सुख के लिए राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें. संतान के लिए बाल कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें और सामान्य जीवन में सुख-शांति के लिए बंसी वाले कृष्ण की स्थापना करें. क्या होगा श्रीकृष्ण का श्रृंगार? (Janmashtami 2022 Shringar & Rules) श्रीकृष्ण के श्रृंग...

Janmashtmi 2022 Date Shubh Muhurat And Puja Vidhi

Janmashtmi 2022: जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद यानी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस साल जन्माष्टमी (Janmashtmi) का त्योहार 18 अगस्त 2022 को मनाया जाएगा. इस दिन भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. मान्यतानुसार, जन्माष्टमी का व्रत (Janmashtmi Vrat 2022) अष्टमी तिथि के उपवास के साथ शुरू होता है और नवमी तिथि को पारण के साथ समापन होता है. पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी (Janmashtmi) इस साल 2 दिन मनाई जाएगी. 18 अगस्त को स्मार्त संप्रदाय के लोग मनाएंगे. यानी जो लोग गृहस्थ जीवन में हैं वो 18 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे. जबकि वैष्णव संप्रदाय के लोग 19 अगस्त को मनाएंगे. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 18 अगस्त को रात 9 बजकर 21 मिनट से हो रहा है. अष्टमी तिथि 19 अगस्त को 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. कैसे करें जन्माष्टमी का व्रत और पूजन | Janmashtmi 2022 Vrat Puja Vidhi जन्माष्टमी व्रत नियम (Janmashtmi Vrat Niyam) के मुताबिक जो लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत (Janmashtmi Vrat 2022) रखना चाहते हैं, वे अष्टमी से एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि को हल्का भोजन करें. साथ ही साथ इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें. इसके साथ ही अगले दिन अष्टमी तिथि को सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद शुद्ध आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठें. सभी देवी देवताओं को प्रणाम करके हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर अष्टमी तिथि को व्रत का संकल्प लें. इसके बाद स्वयं के ऊपर काला तिल छिड़क कर माता देवकी के लिए एक प्रसूति घर का निर्माण करें. फिर इस प्रसूति गृह मे...