Joshimath latest news in hindi

  1. Joshimath News: Joshimath में बदला मौसम, CM को देख फूट
  2. Joshimath sinking: डूब रहा जोशीमठ, प्रदर्शन के बीच नए निर्माण पर लगी रोक, 50 परिवारों का रेस्क्यू
  3. Joshimath:इसरो ने किया चौंकाने वाला खुलासा, 12 दिन में 5.4 सेंटीमीटर धंसी जमीन, जारी की सैटेलाइट तस्वीर


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Joshimath News: Joshimath में बदला मौसम, CM को देख फूट

Joshimath Sinking : जोशीमठ में ऊपरी इलाकों में आज मौसम बदल गया है। ऊपरी इलाकों में बर्फबारी (Snowfall) का असर जोशीमठ शहर में देखा जा सकता है। बुधवार रात राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद जोशीमठ पहुंचकर हालातों का जायजा लिया। उन्होंने रिलीफ कैंपस में पहुंचकर लोगों की समस्याएं जानी और उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन किया। रिलीफ कैंप में खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) को अपने बीच देख कई महिलाएं रोने लगीं। लोगों ने मुख्यमंत्री से तुरंत सहायता की अपील की। आइए आपको बताते हैं जोशीमठ से जुड़े लेटेस्ट अपडेट। मुख्यमंत्री जोशीमठ में हालातों को लेकर आज गृहमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में पूजा की थी। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने भगवान से राज्य की रक्षा करने और इस संकट को हल करने की प्रार्थना की। जैसा कि हमने पहले ही कहा कि सरकार संकटग्रस्त लोगों के लिए सर्वोत्तम संभव राहत पैकेज तैयार करेगी क्योंकि यह एक प्राकृतिक आपदा है।” जोशीमठ में भारतीय सेना को भी नुकसान हुआ है। यहां भारतीय सेना की 25 से 28 इमारतों में भी दरारें आई हैं। सेना प्रमुख मनोज पांडे ने गुरुवार को बताया कि यहा जिन सैनिकों की पोस्टिंग है, उनमें से कुछ को अस्थायी तौर पर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। अगर जरूरत पड़ी तो सैनिकों को स्थायी रूप से औली शिफ्ट किया जा सकता है।

Joshimath sinking: डूब रहा जोशीमठ, प्रदर्शन के बीच नए निर्माण पर लगी रोक, 50 परिवारों का रेस्क्यू

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड (Uttarakhand) के ऐतिहासिक शहर जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. बीते साल नवंबर में जमीन धंसने से घरों में दरारें आने की घटनाएं सामने आई थीं. अब यहां धरती फाड़कर जगह-जगह से पानी निकलने लगा है. जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. जिला प्रशासन ने हेलंग बाईपास और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्यो पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. जोशीमठ के मारवाड़ी में पिछले कई महीनों से भूस्खलन की घटनाएं हो रही थीं, जिसके बाद अचानक बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट की कॉलोनी के अंदर से पानी दीवारों के अंदर से और जमीन के अंदर से फूटकर निकलने लगा. पलायन के बीच जारी है जोशीमठ में रेस्क्यू उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद बृहस्पतिवार को परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने के बीच लोगों का प्रदर्शन जारी रहा. इस बीच चमोली प्रशासन ने डूबते शहर में और उसके आसपास सभी निर्माण गतिविधियों पर बृहस्पतिवार को प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा करीब 50 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. सड़कों पर उतरे लोग, कई जगह चक्का जाम शहर में लोगों की परेशानियों पर प्रशासन के बेपरवाही वाले रवैये और NTPC की परियोजना जिसकी वजह से समस्या पैदा हुई है के विरोध में बंद रहा. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने बताया कि लोग प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए और उन्होंने चक्का जाम किया. इस दौरान व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. क्या चाहते हैं जोशीमठ के लोग? ADM अभिषेक त्रिपाठ...

Joshimath:इसरो ने किया चौंकाने वाला खुलासा, 12 दिन में 5.4 सेंटीमीटर धंसी जमीन, जारी की सैटेलाइट तस्वीर

Joshimath: इसरो ने किया चौंकाने वाला खुलासा, 12 दिन में 5.4 सेंटीमीटर धंसी जमीन, जारी की सैटेलाइट तस्वीर विस्तार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने जोशीमठ को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। इसरो की रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में सिर्फ 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर जमीन धंस गई है। इसरो ने जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी की हैं, जिनके मुताबिक, 27 दिसंबर से आठ जनवरी के बीच जोशीमठ की जमीन 5.4 सेंटीमीटर नीचे चली गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटना दो जनवरी, 2022 से शुरू हुई थी। इसरो ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच जमीन धंसने की दर बहुत कम थी। इस दौरान जोशीमठ नौ सेंटीमीटर नीचे चला गया। इसरो ने कहा है कि क्राउन ऑफ द सब्सिडेंस 2180 मीटर की ऊंचाई पर जोशीमठ-औली रोड के पास स्थित है। इससे पता चला है कि जमीन धंसने से जोशीमठ-औली सड़क भी धंसने वाली है। कार्टोसैट-2 एस सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में इसरो ने जोशीमठ में सेना के हेलीपैड और नरसिंह मंदिर समेत पूरे शहर को संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है। हर साल 2.60 इंच धंस रहा जोशीमठ इसरो के अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस) ने भी एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। इसके मुताबिक, जोशीमठ हर साल 6.62 सेंटीमीटर यानी करीब 2.60 इंच धंस रहा है। आईआईआरएस ने करीब दो साल की सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। आईआईआरएस देहरादून के वैज्ञानिकों ने जुलाई 2020 से मार्च 2022 के बीच जोशीमठ और आसपास के करीब छह किलोमीटर क्षेत्र की सेटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन किया। जोशीमठ में आ रहे भूगर्भीय बदलाव रिपोर्ट में जोशीमठ व आसपास के क्षेत्र में आ रहे भूगर्भीय बदलाव को देखा गया। हाल ही...