Jyotiba phule in hindi

  1. गुलामगिरी
  2. Jyotiba Phule Biography in Hindi महात्मा ज्योतिबा फुले की जीवनी
  3. महात्मा ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय
  4. ज्योतिबा फुले की जीवनी, ज्योतिबा फुले की बायोग्राफी, ज्योतिबा फुले का विवाह, ज्योतिबा फुले के कार्य, Jyotiba Phule Ki Jivani, Jyotiba Phule Biography In Hindi, Jyotiba Phule Vivah, Jyotiba Phule Works


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गुलामगिरी

( आकार , लेखक , भाषा , पृष्ठ की जानकारी) पुस्तक का नाम ( Name of Book) गुलामगिरी (Gulamgiri by Jyotiba Phule Pdf ) पुस्तक का लेखक ( Name of Author) ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule) पुस्तक की भाषा (Language of Book) हिंदी (Hindi) पुस्तक का आकार ( Size of Book) 2 MB पुस्तक में कुल पृष्ठ ( Total pages in Ebook) 120 पुस्तक की श्रेणी ( Category of Book) Gulamgiri in hindi Pdf, Gulamgiri by Jyotiba Phule Pdf, Gulamgiri book in hindi Pdf, Gulamgiri by Jyotiba Rao Phule in hindi Pdf, Slavery book in hindi Pdf, Gulamgiri book in hindi Pdf download, Gulamgiri book Pdf in hindi, Gulamgiri book by Jyotiba Phule Pdf, Jyotiba Phule books in hindi Pdf, Jyotiba Phule books Pdf in hindi, Slavery by Jyotiba Phule in hindi Pdf, Gulamgiri Novel in hindi Pdf, Gulamgiri book in hindi Pdf Free download. Saikadon Saal Se Aaj Tak Shoodraadi Atishoodr (Achhoot) Samaaj, Jab Se Is Desh Mein Braahmanon Kee Satta Kaayam Huee Tab Se Lagaataar Julm Aur Shoshan Ka Shikaar Hain. Ye Log Har Tarah Kee Yaatanaen Aur Kathinaiyon Mein Apane Din Gujaar Rahe Hain. Isalie In Logon Ko In Baaton Kee Or Dhyaan Dena Chaahie Aur Gambheerata Se Sochana Chaahie. Ab Isake Aage Ye Log Apane Aap Ko Braahman-Panda-Purohiton Kee Julm-Jyaadatiyon Se Kaise Mukt Kar Sakate Hain, Yahee Aaj Hamaare Lie Sabase Mahattvapoorn Savaal Hai, Yahee Is Granth Ka Uddeshy Hai. Yah Kaha Jaata Hai Ki Is Desh Mein Braahman Purohiton Kee Satta Kaayam Hue Lagabhag Teen Hajaar Saal Se Bhee Jyaada Samay Beet Gaya Hoga. Ve Log Paradesh Se Yahaan Aaye. ...

Jyotiba Phule Biography in Hindi महात्मा ज्योतिबा फुले की जीवनी

Jyotiba Phule Biography in Hindi Jyotiba Phule Biography in Hindi महात्मा ज्योतिबा फुले की जीवनी Jyotiba Phule महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के महान समाज सुधारक थे जिन्होंने ना केवल माली समाज या दलित समाज बल्कि पुरे भारत में समाज सुधार का कार्य किया था | अंग्रेजो के शाषन के दौरान जब ज्योतिबा फुले सहित कई समाज सुधारको जैसे राजा राम मोहन रॉय , स्वामी दयानंद सरस्वती और बाल गंगाधर तिलक , ने देश की जनता में देशभक्ति की अलख जगाई थी | ज्योतिबा फुले ने समाज में फ़ैल रही कुरूतियो को खत्म करने का बीड़ा उठाया था और देश में शिक्षा की अलख जगाकर भारत के पुरुष और नारियो में शिक्षा के महत्व को समझाया था | उनके संस्कारो की बदौलत वर्तमान भारत की सभ्यता और संस्कृति उनकी ऋणी है | आइये उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाले ताके उनके जीवन की कठिनाइयो को समझा जा सके | Early life ज्योतिबा फुले का प्रारम्भिक जीवन ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट के पुणे जिले में एक दलित माली परिवार में हुआ था | ज्योतिबाफुले के वंशज बरसों से फूल -मालाये बेचने का व्यापार और बागवानी करत थे | ज्योतिबा फुले के दादाजी शेतिबा गोरहे कई वर्षो पहले फूल मालाये करने के व्यापार से सतारा से पुणे आकर बस गये थे | उनके परिवार के लोगो का वास्तविक उपनाम गोरहे था लेकिन ज्योतिबा फुले के पिता के फूल मालाओ के बढ़ते व्यापार के कारण उन्हें “फुले” कहा जाना लगा जो बाद में उनका उपनाम हो गया था | Jyotiba Phule ज्योतिबा के पिता का नाम गोविन्दराव और माँ का नाम चिमना बाई था | वैसे ज्योतिबा की माँ का असली नाम विमला बाई था लेकिन उस दौर में “विमला” शब्द गाँव के ब्राह्मणों को उस नाम का अपमान लगा क्योंकि वो शुद्र की बेटी के विमला न...

महात्मा ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय

• • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय –(संक्षिप्त परिचय) | Mahatma Jyotiba Phule Biography In Hindi पूरा नाम (Full Name) ज्योतिराव गोविंदराव फुले अन्य नाम (Other Names) महात्मा फुले, जोतिबा फुले, जोतिराव फुले जन्म (Date of Birth) 11 अप्रैल 1827 मृत्यु (Date of Death) 28 नवम्बर 1890 जन्म स्थान (Birth Place) पुणे, महाराष्ट्र पिता का नाम (Father Name) गोविंदराव फुले माता का नाम (Mother Name) ज्ञात नहीं पत्नी का नाम (Wife name) उपाधि महात्मा जाति (Caste) माली पेशा (Profession) समाजसेवा, दार्शनिक, दलित और स्त्री शिक्षा के लिए प्रथम हितेषी भाषा(Language) मराठी ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय – Jyotiba Phule Biography In Hindi ज्योतिराव गोविंदराव फुले ( जन्म :11 अप्रैल 1827) महात्मा ज्योतिराव गोविन्दराव फुले एक भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, महानविचारक, समाजसेवी, लेखक दार्शानिक तथा क्रांतिकारी कार्यकर्त्ता थे |इन्हें महात्मा फुलेएवं ‘ ज्योतिबा फुले‘ के नाम से जाना जाता है | सितम्बर 1873 में इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया | महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिए इन्होने अनेक कार्य किये | समाज के सभी वर्गों को शिक्षाप्रदान करने के ये प्रबल समर्थक थे | ये भारतीय समाज में प्रचलित जतिपर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुध्द थे | ज्योतिबा फुले का आरम्भिक जीवन महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 1827 ई०में पुणे में हुआ था | एक वर्ष की अवस्था में ही इनकी माता का देहान्त हो गया | इसलिए इनका पालन – पोषण एक बाई के द्वारा किया गया | वे बचपन से ही कुशाग्रबुध्दि के थे | जन्म – स्थान महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827को पुणे ...

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ज्योतिबा फुले की जीवनी भारतीय समाज में फैली अनेक कुरूतियों को दूर करने के लिए सतत संघर्ष करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले उर्फ ज्योतिराव गोविंदराव फुले को 19वी. शताब्दी का प्रमुख समाज सेवक माना जाता है. उन्होंने अछुतोद्वार, नारी-शिक्षा, विधवा – विवाह और किसानो के हित के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है. ज्योतिबा फुले एक महान् भारतीय विचारक, समाज सेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे. ज्योतिबा फुले का प्रारंभिक जीवन ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रॅल, 1827 ई. में पुणे में हुआ था. उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था. इसलिए माली के काम में लगे ये लोग फुले के नाम से जाने जाते थे. ज्योतिबा ने कुछ समय पहले तक मराठी में अध्ययन किया. परंतु लोगों के यह कहने पर कि पढ़ने से तुम्हारा पुत्र किसी काम का नहीं रह जाएगा, पिता गोविंद राम ने उन्हें स्कूल से छुड़ा दिया. जब लोगों ने उन्हें समझाया तो तीव्र बुद्धि के बालक को फिर स्कूल जाने का अवसर मिला और 21 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंग्रेज़ी की सातवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की. ज्योतिबा फुले का विवाह आपको बता दें कि ज्योतिबा फुले का विवाह 1840 में सावित्री बाई से हुआ था, और उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढ़ाने के बाद 1848 में उन्होंने पुणे में लडकियों के लिए भारत की पहली प्रशाला खोली. 24 सितंबर 1873 को उन्होंने सत्य शोधक समाज की स्थापना की. वह इस संस्था के पहले कार्यकारी व्यवस्थापक तथा कोषपाल भी थे. इस संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज में शुद्रो पर हो रहे शोषण तथा दुर्व्यवहार पर अंकुश लगाना था. ज्योतिबा फुले ने की विद्यालय की स्थापना ज्योतिबा की संत-महत्माओं की जीवनियाँ पढ़ने में बड़ी रुच...