ज्योतिर्लिंग इन महाराष्ट्र

  1. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे
  2. द्वादश ज्योतिर्लिंग
  3. वैजनाथ ज्योतिर्लिंग परळी
  4. 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और कहाँ स्थित है? 12 Jyotirling Names & Places in India Anju Jadon News & Blogs
  5. भीमाशंकर मंदिर
  6. महाराष्ट्रातील ज्योतिर्लिंग Maharashtratil Jyotirlinga


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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे

विषय - सूची • • • • • • ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कहां है? भगवान शिव को समर्पित यह ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है, जिसे भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में चतुर्थ ज्योतिर्लिंग का दर्जा दिया गया है। ओंकारेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे – How To Reach Omkareshwar Temple. भगवान शिव के चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने के लिए आपको फ्लाइट, ट्रेन और बस आसानी से मिल जाएगी। इसके साथ ही आप अपनी बाइक और कार से भी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जा सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं। फ्लाइट से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे – How To Reach Omkareshwar Jyotirlinga By Flight In Hindi. इंदौर शहर में स्थित देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट ओंकारेश्वर मंदिर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है, जिसके बीच की दूरी करीब 84 किमी. है। देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट से आपको सरकारी और प्राइवेट दोनों बस ओंकारेश्वर मंदिर जाने के लिए मिल जाएगी। अगर आप ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने अपने दोस्तों के साथ या फैमिली के साथ जा रहे हैं, तो आप इंदौर शहर से कर बुक करके भी ओंकारेश्वर मंदिर जा सकते हैं। ट्रेन से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे – How To Reach Omkareshwar Jyotirlinga By Train In Hindi. दोस्तों आपको बता दूं कि ओंकारेश्वर मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन “ओंकारेश्वर रोड” है, लेकिन फिलहाल इस ओंकारेश्वर रोड रेलवे स्टेशन वाले रेलवे ट्रैक पर काम चल रहा है, इसलिए ट्रेन के माध्यम से अभी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंच पाना नामुमकिन है। जब आपको इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलने की अपडेट मिल जाए, तो आप उस समय ट्रेन के द्वारा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की दर्शन करने ट्रेन से जा सकते हैं। अगर आप ...

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12 Jyotirlinga: भारत हा धार्मिक श्रद्धा आणि पवित्र मंदिरांनी वसलेला देश आहे, जिथे लोकं देवाची पूजा करतात. येथे अनेक प्राचीन आणि पवित्र मंदिरे आहेत, ज्यामध्ये महादेवाच्या मंदिरांचा सर्वप्रथम उल्लेख केला जातो. या मंदिरांना दरवर्षी लाखोंच्या संख्येने अनेक भाविक भेट देतात. भारतातील या पवित्र शिवालयांमध्ये महादेवाची 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगे देखील आहेत. या ज्योतिर्लिंगांचे महत्त्व सर्वाधिक आहे. धार्मिक मान्यतेनुसार भोलेनाथांच्या 12 ज्योतिर्लिंगांमध्ये भगवान शिव स्वतः ज्योतीच्या रूपात वास करतात असे म्हटले जाते. ही सर्व ज्योतिर्लिंगे भारतातील विविध राज्यांमध्ये आहेत. जर तुम्हाला या ज्योतिर्लिंगांचे दर्शन घ्यायचे असेल तर तुम्हाला या 12 ज्योतिर्लिंगांचे नाव काय आहे आणि ते कुठे आहेत हे जाणून घेतले पाहिजे. महाशिवरात्रीच्या निमित्ताने जाणून घेवूया भारतातील 12 ज्योतिर्लिंग कुठे आहेत. internet Table of Contents • • • • • • • • • • • सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (गुजरात) गुजरातमधील सौराष्ट्र भागात असलेले सोमनाथ ज्योतिर्लिंग हे पृथ्वीवरील पहिले ज्योतिर्लिंग मानले जाते. येथे देवतांनी बांधलेले एक पवित्र कुंड देखील आहे, ज्याला सोमकुंड किंवा पापनाशक-तीर्थ म्हणतात. या सोमनाथ ज्योतिर्लिंगाचा महिमा महाभारत, श्रीमद भागवत इत्यादींमध्येही विस्ताराने सांगितलेला आहे. हे मंदिर आक्रमणकर्त्यांनी अनेकदा तोडले असले तरी त्याची शान कधीच कमी झालेली नाही. सोमनाथ हे महादेवाच्या 12 ज्योतिर्लिंगांपैकी पहिले मानले जाते. महाशिवरात्रीला येथील दर्शनाला विशेष महत्त्व मानले जाते. internet मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (आंध्र प्रदेश) मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग हे आंध्र प्रदेशातील कृष्णा नदीच्या काठावर श्रीशैलम नावाच्या पर्वतावर वसले...

द्वादश ज्योतिर्लिंग

अनुक्रम • 1 स्थल • 2 सन्दर्भ • 2.1 टीका टिप्पणी • 3 स्रोत्र • 4 इन्हेंभीदेखें स्थल क्रम. ज्योतिर्लिंग चित्र राज्य स्थिति वर्णन श्री श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं। श्री महाकालेश्वर ( मालवा क्षेत्र में श्रीॐकारेश्वर स्थान श्री केदारनाथ श्री भीमशंकर का स्थान श्रीविश्वनाथजी सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में एक हैं। श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिंग श्रीरामेश्वर तीर्थ श्रीरामेश्वर या श्रीरामलिंगेश्वर के नाम से जाना जाता है।. निकट श्रीघुश्मेश्वर (गिरीश्नेश्वर) ज्योतिर्लिंग को घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहते हैं। इनका स्थान सन्दर्भ • • For Rameshvara as one of the twelve "Pillars of Light", see: टीका टिप्पणी क. ^ सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। :उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम्॥1॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्।:सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥2॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।:हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये॥3॥ एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रात: पठेन्नर:।:सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥4॥ स्रोत्र • इन्हेंभीदेखें • • •

वैजनाथ ज्योतिर्लिंग परळी

वैजनाथ ज्योतिर्लिंग परळी धर्म संबंधी जानकारी सम्बद्धता परली वैजनाथ बारह परळी का वैद्यनाथ मंदिर प्रसिद्ध है और भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में परली के वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का स्थान मान्यता प्राप्त है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण देवगिरि के यादवों के समय में उनके सरदार श्री करणाधिप हेमाद्री ने करवाया था। पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। यह मंदिर चेरबंदी है और भव्य है। लंबी सीढ़ियां और भव्य प्रवेश द्वार ऐसे स्थान हैं जो मंदिर परिसर में ध्यान आकर्षित करते हैं। चूंकि मंदिर का गभरा और सभा भवन एक ही स्तर पर हैं, इसलिए सभा भवन से ज्योतिर्लिंग को देखा जा सकता है। और कहीं नहीं, केवल यहां वैद्यनाथ में ही कोई भगवान को छू सकता है और दर्शन कर सकता है। मंदिर क्षेत्र में तीन बड़े तालाब हैं। मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर ब्राह्मणदी के तट पर 300 फीट की ऊंचाई पर जीरेवाड़ी में सोमेश्वर मंदिर है। परली वैजनाथ निकटतम

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और कहाँ स्थित है? 12 Jyotirling Names & Places in India Anju Jadon News & Blogs

By Feb 8, 2023 12 ज्योतिर्लिंग कौन कौन से राज्य में है? भारत में प्रमुख शिवस्थान अर्थात ज्योतिर्लिंग बारह हैं । ये तेजस्वी रूप में प्रकट हुए । तेरहवें पिंड को कालपिंड कहते हैं । काल-मर्यादा के परे पहुंचे पिंड को (देहको) कालपिंड कहते हैं । ये बारह ज्योतिर्लिंग निम्नानुसार हैं । ज्योतिर्लिंग स्थान १. सोमनाथ प्रभासपट्टण, वेरावल के पास, सौराष्ट्र, गुजरात. २. मल्लिकार्जुन श्रीशैल, आंध्रप्रदेश ३. महाकाल उज्जैन, मध्यप्रदेश ४. ओंकार / अमलेश्वर ओंकार, मांधाता, मध्यप्रदेश ५. केदारनाथ उत्तराखंड ६. भीमाशंकर डाकिनी क्षेत्र, तालुका खेड, जनपद पुणे, महाराष्ट्र. ७. विश्वेश्वर वाराणसी, उत्तरप्रदेश ८. त्र्यंबकेश्वर नासिक के पास, महाराष्ट्र ९. वैद्यनाथ (वैजनाथ) (टिप्पणी १) परळी, जनपद बीड, महाराष्ट्र १०. नागेश (नागनाथ) (टिप्पणी २) दारुकावन, द्वारका, गुजरात ११. रामेश्वर सेतुबंध, कन्याकुमारी के पास, तमिलनाडु. १२. घृष्णेश्वर (घृष्णेश) वेरूळ, जनपद औरंगाबाद, महाराष्ट्र. टिप्पणी १ – पाठभेद : वैद्यनाथधाम, झारखंड. टिप्पणी २ – पाठभेद १ : अलमोडा, उत्तर प्रदेश पाठभेद २ : औंढा, जनपद हिंगोली, महाराष्ट्र. ये बारह ज्योतिर्लिंग प्रतीकात्मक रूप में शरीर है; काठमंडू का पशुपतिनाथ ज्योतिर्लिंगों का शीश है । इसे भी पढें – शिव के 12 ज्योतिर्लिंग का महत्व, कहानी और कहां-कहां स्थित हैं | Name, Place and List of Shiva 12 Jyotirlingas in hindi नमस्कार पाठकों भारत एक ऐसा देश है जहां अध्यात्म में आस्था रखने वाले लोग बसते हैं। भारत मंदिरों का देश है और यहां कई ऐसे विशिष्ठ धाम है जहां पर भक्तों का तांता हमेशा लगा रहता है। आज हम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के महत्व व विशेषता के बारें में विस्तार से बताएंगे । कहां जाता है ज...

भीमाशंकर मंदिर

अनुक्रम • 1 कथा • 2 स्थापत्य • 3 सन्दर्भ • 4 बाहरी कड़ियाँ कथा [ ] भीमशंकर महादेव काशीपुर में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थ स्थान है। यहां का शिवलिंग काफी मोटा है जिसके कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है। पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। आसाम में शिव के द्वाद्श ज्योर्तिलिगों में एक भीमशंकर महादेव का मंदिर भी माना जाता होगा। काशीपुर के मंदिर का उन्हीं का रूप बताया जाता है। कथा तथा स्थान के विवाद कूछ भी हो भीमा नदी के उगम से भी शंकर जुडा हैं, तभि तो महाराष्ट्र पुणे समीप के भीमा शंकर ही सही शिव के द्वाद्श ज्योर्तिलिगों स्थान मे से एक हैं .कथा तथा स्थान के विवाद कूछ भी हो भीमा नदी के उगम से भी शंकर जुडा हैं, तभि तो महाराष्ट्र पुणे समीप के भीमा शंकर ही सही शिव के द्वाद्श ज्योर्तिलिगों स्थान मे से एक होणे का प्रमाण भी सच ही हैं . स्थापत्य [ ] प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र भीमाशंकर मंदिर महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित सह्याद्रि नामक पर्वत पर है। यह स्थान नासिक से लगभग 120 मील दूर है। यह मंदिर भारत में पाए जाने वाले बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। 3,250 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर का शिवलिंग काफी मोटा है। इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इसी मंदिर के पास से भीमा नामक एक नदी भी बहती है जो कृष्णा नदी में जाकर मिलती है। पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त श्रद्वा से इस मंदिर के प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद 12 ज्योतिर्लिगों का नाम जापते हुए इस मंदिर के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर होते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं। भीमाशंकर मंदिर का इतिहास भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिवपुराण में मिलता है। ...

महाराष्ट्रातील ज्योतिर्लिंग Maharashtratil Jyotirlinga

भारतात शंकराची एकूण १२ महत्त्वाची मंदिरे आहेत. त्यातील ५ स्थाने एकट्या महाराष्ट्रातील आहे. त्यांना १२ (द्वादश) ज्योतिर्लिंगे म्हणतात. धर्मशास्त्राने या ज्योतिर्लिंगांच्या यात्रेचा क्रम सांगितला आहे, तो असा : सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम् ॥१॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥२॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये ॥३॥ एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ॥४॥ हिंदु धर्मानुसार अस म्‍हणल जात की जी व्‍यक्ति “वरील बारा ज्‍योर्तिलिंगाचे नावानुरुप मंत्र” जर दररोज पहाटे व सायंकाळी जपन केला तर सात जन्‍मातील झालेला पाप ज्‍योर्तिलिंगाच्‍या स्‍मरणामुळे / जप केल्‍यामुळे सर्व पापांचा विनाश होतो. सोमनाथ (गुजरात – वेरावळ) मल्लिकार्जुन (आंध्रप्रदेश – श्रीशैल्य) महांकालेश्वर (मध्यप्रदेश – उज्जैन) ओंकारेश्वर (मध्यप्रदेश – ओंकारेश्वर) वैजनाथ (महाराष्ट्र – परळी) भीमाशंकर (महाराष्ट्र – भीमाशंकर) रामेश्वर (तामिळनाडु – रामेश्वर) नागेश्वर (महाराष्ट्र – औंढा नागनाथ) विश्वेश्वर (उत्तर प्रदेश – वाराणसी) त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र – त्र्यंबकेश्वर) केदारनाथ (उत्तरांचल – केदारनाथ) घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र – औरंगाबाद)