जयपुर से खाटू श्याम

  1. खाटू श्याम जी के दर्शन करवाने के लिए रेलवे जयपुर से रींगस के बीच दो दिन चलाएगा स्पेशल रेल
  2. Khatu Shyam Mela 2023
  3. श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन और यात्रा की (A
  4. खाटू श्याम जी मंदिर जयपुर, राजस्थान
  5. मेहंदीपुर बालाजी से खाटू श्याम कितने किलोमीटर है?


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खाटू श्याम जी के दर्शन करवाने के लिए रेलवे जयपुर से रींगस के बीच दो दिन चलाएगा स्पेशल रेल

उत्तर पश्चिम रेलवे जोन से मिली जानकारी के मुताबिक, ये ट्रेनें दिन में दो बार चलेगी। पहली ट्रेन जयपुर से सुबह 7:30 बजे रवाना होगी, जो सुबह 9:05 बजे पहुंचेगी। इसी तरह दूसरी ट्रेन दोपहर 2:50 बजे चलेगी, जो शाम 4 बजकर 25 मिनट पर रींगस स्टेशन पहुंचेगी। ये ट्रेन जयपुर से रवाना होने के बाद ढेहर का बालाजी, नींदड़-बैनाड, भट्टों की गली, चौमूं-सामोद, लोहारवाडा, गोविन्दगढ़-मलिकपुर और छोटा गुडा स्टेशनों पर रूकेगी। एकादशी को लगेगा प्रमुख मेला रींगस में हर साल फाल्गुनी एकादशी को खाटू श्याम जी का प्रमुख मेला लगता है। इस बार ये एकादशी 25 मार्च की है। ऐसे में मुख्य मेला इसी दिन होगा। हालांकि खाटू बाबा के मेले के लिए यहां 17 मार्च से आयोजन शुरू हो गया और प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। मेले में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे के भीतर कोरोना का टेस्ट करवाना अनिवार्य है, जिसकी निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही लोगों को दर्शन के लिए मंदिर परिसर में जाने दिया जा रहा है।

Khatu Shyam Mela 2023

Telegram Join Khatu Shyam Mela 2023 | लखी खाटू श्याम जी का मेला | Khatu shyam ji ka mela 2023 | खाटू मेला कब है | लखी फाल्गुन मेला खाटू श्याम 2023 | Khatu Shyam Fair 2023 | बाबा खाटू श्याम मेला तारीख़ | Falgunmela 2023 | Khatu shyam mela 2023 date | खाटू श्याम मंदिर कितने बजे खुलता है? | Khatu Shyam Falgun Mela 2023 Date | खाटू श्याम मंदिर उत्सव और मेला 2023 | Khatu Shyam Mandir | Falgun Mela 2023 Khatu Shyam | Falgun Mela Ekadashi 2023 | Lakhi Mela Khatu Shyam 2023 date सबसे पहले जयकारे के साथ आगे बढ़ेंगे “बोले खाटू वाले श्याम की जय” ” खाटू वाले बाबा श्याम की जय” Khatu Shyam Mela 2023: फाल्गुन मेला बाबा खाटूश्याम जी का मुख्य मेला है। यह मेला फाल्गुन मास (मार्च) में तिथि के आधार पर षष्ठी से बारस तक 8 दिनों के लिये आयोजित किया जाता है। फाल्गुन मास की शुक्ल ग्यारस को मेले का मुख्य दिन होता है। देश-विदेश से आये हुये सभी श्रद्धालु बाबा खाटूश्याम जी का श्रृद्धापूर्ण दर्शन करते हैं और दर्शन करने के पश्चात् भजन एवं कीर्तन का भी आनन्द लेते हैं। भजनसंध्या में तरह-तरह के कलाकार आते हैं जो रातभर भजन एवं कीर्तन करते हैं। फाल्गुन मास में अधिकतम संख्या में लाखों भक्तगण दर्शन के लिये आते हैं। भक्तों की लाखों की संख्या को देखते हुये प्रशासन की तरफ उचित व्यवस्था की जाती है ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। इसके अलावा खाटूनगरी में बहुत सारी धर्मशालायें, पार्किंग तथा होटलों की भी व्यवस्था है। कुछ होटल तो बाबा के नाम से जाने जाते हैं जैसे राधेश्याम होटल, मोर्वी होटल एवं लखदातार इत्यादि। 13.4 Related खाटू श्याम मंदिर 2023 कहाँ पर है फाल्गुन मास में बाबा खाटूश्याम जी का मुख्य मेला लगता है। खाटू...

श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन और यात्रा की (A

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित हिंदू प्रसिद्ध तीर्थ स्थल खाटू श्याम मंदिर की यात्रा पर जाने का विचार कर रहे हैं तो आपको इस लेख को निश्चित रूप से अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए जिससे खाटू श्याम के दर्शन , पूजा विधि और आसपास की जगहों को घूमने में आसानी होगी। यह मंदिर भक्तों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि यहां भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा की नहीं अपितु पांडव पुत्र भीम के पोते बर्बरीक की पूजा की जाती है। और इसका उल्लेख श्री भगवत गीता में बड़े सुंदर शब्दों में किया गया। हर साल फागुन महीने के एकादशी से 5 पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। चलिए यात्रा की जानकारी शुरू करने से पहले खाटू श्याम के इतिहास के पन्नों को पलट कर एक नजर डालते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह की राधा की जगह बर्बरीक की पूजा भगवान श्री कृष्ण के साथ यहां क्यों होती है ? Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • खाटू श्याम का इतिहास खाटू श्याम जी मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ कुरुक्षेत्र में पांडवो और कौरवो के बीच युद्ध ये दौरान भीम के पोते बर्बरीक का नाम आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा। • बर्बरीक की तप , साधना और शिक्षा से भगवान शिव प्रसन्न होकर तीन ऐसे बाण दिए जो लक्ष्य को भेद कर वापस लौटा सकता था इसी की कारण बर्बरीक बहुत शक्तिशाली बन गए और जब कुरुक्षेत्र में युद्ध शुरू हुआ तब उन्होंने पांडवो की तरह से लड़ने की इक्षा जाहिर किया । • बर्बरीक के तीन बाण और शक्ति के बारे में भगवान् श्री कृष्ण भली भाती जानते थे की यदि बर्बरीक युद्ध में भाग लेता है तो पांडव बड़े आसानी से ही जीत हासिल करे लेंगे और न्याय की अभिव्यक्ति नहीं हो पायेगी । • तब कृष्ण जी...

खाटू श्याम जी मंदिर जयपुर, राजस्थान

4.8/5 - (5 votes) Khatu Shyam Mandir history in hindi : राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर भारत देश में कृष्ण भगवान के मंदिरों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। खाटू श्याम जी को कलयुग का सबसे मशहूर भगवान माना जाता है। राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू गांव में बने खाटू श्याम जी के मंदिर की हिंदू भक्तों में बहुत मान्यता है। भक्तों का कहना है कि श्याम बाबा से जो भी मांगों, वो लाखों-करोड़ों बार देते हैं, यही वजह है कि खाटू श्याम जी को लखदातार के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के मुताबिक खाटू शम जी को कलयुग में कृष्ण का अवतार माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि खाटू श्याम जी कलयुग में उनके नाम श्याम के नाम से पूजे जाएंगे। यही वजह है कि आज खाटू श्यामजी देश में करोड़ों भक्तों द्वारा पूजे जाते हैं। यहां सालभर बाबा श्याम के प्रति आस्था रखने वाले 40 लाख भक्त हर साल उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासतौर से होली के कुछ दिनों पहले फरवरी -मार्च में यहां खाटू श्याम जी का भव्य मेला आयोजित होता है, जिसमें देश ही नहीं विदेशों से भी बाबा के भक्त उनके दर्शन के लिए आते हैं। खाटू श्याम मंदिर के बारे में बताया जाता है कि खाटू श्याम जी का ये मंदिर महाभारत काल में बना था, इस मंदिर का इतिहास भी महाभारत की लड़ाई से जुड़ा है। तो आइए आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएं राजस्थान के मशहूर खाटू श्याम जी के मंदिर से जुड़ी दिलचस्प तथ्यों के बारे में। • • • • • • • • • 1. खाटू श्याम जी के मंदिर के बारे में – Khatu Shyam Mandir History In Hindi जैसा कि हमने आपको बताया कि खाटू श्याम जी का मंदिर महाभारत काल में ही बनकर तैयार हो गया था। यहां पर भगवान कृष्ण खाटू श्याम बाबा के रू...

मेहंदीपुर बालाजी से खाटू श्याम कितने किलोमीटर है?

Mehandipur Balaji to Khatu Shyam Distance: क्या आप जानना चाहते हैं कि मेहंदीपुर बालाजी से खाटू श्याम कितने किलोमीटर है तो इस लेख में आपको इसका जवाब मिल जाएगा। मेहंदीपुर बालाजी से खाटू श्याम कितने किलोमीटर है? मेहंदीपुर बालाजी से खाटू श्याम 195.8 किलोमीटर है, और जयपुर से खाटू श्याम 111 किलोमीटर है। खाटू श्याम मंदिर पहुचने के लिए आपको सीधे ट्रेन नही मिलती है आपको जयपुर पहुच कर वहा से टैक्सी या बस से खाटू श्याम जाना होगा। खाटू श्याम के इतिहास के बारे में थोड़ा जान लेते हैं, भीम के पोते बर्बरीक को खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है। क्योकि महाभारत के समय भगवान कृष्ण ने उनसे सिर मांग लिया था और बर्बरीक ने भगवान के क़दमों में उसका सिर चड़ा दिया था जिसके फलस्वरूप कृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया था कि तुम्हे कलयुग में मेरे नाम से पुकारा जाएगा राजस्थान के सीकर जिले में खाटू श्याम नामक गांव में खाटू श्याम मन्दिर स्थित है। खाटू श्याम में आपको रहने खाने के लिए सभी उचित जगहे मिल जाएगी, यहाँ की होटलों का किराया भी ज्यादा नही है 500 रूपये में एक दिन के लिए आपको आसानी से 2-3 लोगो के लिए रूम मिल जाता है। और यहा खाने के लिए 150 रूपये में एक अच्छी सी स्वदिष्ट थाली मिल जाती है। FAQs