काल भैरव की आरती

  1. श्री काल भैरव स्तोत्र Shri Kaal Bhairav Stotra
  2. Kaal bhairav ki Aarti: भय मुक्त होने के लिए रोज करें काल भैरव की आरती
  3. काल भैरव जी की आरती
  4. श्री भैरव चालीसा और आरती
  5. श्री भैरव जी की आरती
  6. Kaal Bhairav Jayanti 2021 Chant These Mantra And Aarti On This Day
  7. Shri Bhairav Aarti: श्री भैरव जी की आरती व चालीसा पाठ


Download: काल भैरव की आरती
Size: 40.29 MB

श्री काल भैरव स्तोत्र Shri Kaal Bhairav Stotra

शिव चालीसा अवधी में लिखा गया एक भक्ति स्त्रोत है जो भगवन शिव जी को समर्पित है, शिव चालीसा के रचयिता श्री अयोध्यादास जी है। शिव चालीसा का पाठ प्रत्येक सोमवार को किया जाता है शिव चालीसा का पाठ भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्तों के द्वारा किया जाता है। Shiv Chalisa Lyrics in Hindi - शिव चालीसा॥ दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्

Kaal bhairav ki Aarti: भय मुक्त होने के लिए रोज करें काल भैरव की आरती

Kaal bhairav ki aarti ki Aarti: जो लोग भय मुक्त और चिंता मुक्त होना चाहते हैं उन्हें रोज कालभैरव की पूजा अर्चना करनी चाहिए। माना जाता है कि काल भैरव प्रभु शंकर के ही अवतार हैं इसलिए इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। कहते हैं कि काशी विश्ननाथ का दर्शन तब तक अधूरा है, जब तक इंसान काल भैरव का दर्शन नहीं करता है। इनकी पूजा करने से इंसान का भय समाप्त हो जाता है। इंसान हमेशा खुश रहता है और उसे तरक्की और धन की प्राप्ति होती है। • जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा । • जय काली और गौर देवी कृत सेवा ॥ • ॥ जय भैरव देवा...॥ • वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी । • महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥ • ॥ जय भैरव देवा...॥ • तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे । • चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥ • ॥ जय भैरव देवा...॥ • तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी । • कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥ • ॥ जय भैरव देवा...॥ • पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत । • बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥ • ॥ जय भैरव देवा...॥ • बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे । • कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥ • ॥ जय भैरव देवा...॥ काल भैरव की आरती करने के नियम काल भैरव की आरती करते वक्त आपका मन और तन दोनों स्वच्छ होना चाहिए। आप नहा-धोकर स्वच्छ कपड़े पहनकर काल भैरव की पूजा करें। काल भैरव की पूजा कब और किस लिए करते हैं? जो भयमुक्त, चिंता मुक्त, यश, प्रेम और धन की इच्छा रखते है, वो काल भैरव जी की पूजा करते हैं। काल भैरव और भैरव में क्या अंतर है? भैरव दो रूप में पूजे जाते हैं- बटुक भैरव तथा काल भैरव। बटुक भैरव अपने भक्तों में सौम्य रूप में लोकप्रिय हैं, वहीं दूसरी ओर काल भैरव को दंडनायक कहते हैं। यह पढ़ें: Hanuman ji ki Aarti: रोज करे...

काल भैरव जी की आरती

भक्तों के सुःख कारक भीषण वपु धारक ।। ।। जय भैरव देवा ।। वाहन श्वान विराजत कर त्रिशुल धारी । महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ।। ।। जय भैरव देवा ।। तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे । चौमुख दीपक दर्शन दुःख सगरे खोवे ।। ।। जय भैरव देवा ।। तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी । कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी ।। ।। जय भैरव देवा ।। पाँव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत । बटुकनाथ बन बालक जन-मन हरषावत ।। ।। जय भैरव देवा ।। बटुकनाथ की आरती जो कोई नर गावे । कहे धरणीधर नर मनवांछित फल पावे ।। ।। जय भैरव देवा ।। भैरव बाबा जी की आरती – Baba Bhairav Nath ki Aarti Jai Bhairav Deva, Prabhu Jai Bhairav Deva Jai Kali Aur Gaura devi Karat Seva. !! Jai Bhairav Deva !! Tumhi Aap Uddharak, Dukh Sindhu Taarak, Bhakto Ke Sukh Karak, Bheeshan Vapu Dharak. !! Jai Bhairav Deva !! Vaahan Shvaan Viraajat, Kar Trishul Dhari, Mahima Amit Tumhari, Jai Jai Bhayahari. !! Jai Bhairav Deva !! Tum Bin Devaa Pujan, Safal Nahi Hove, Chaumukha Deepak, Darshak Dukh Khove. !! Jai Bhairav Deva !! Tail Chatik Dadhi Mishrit, Bhashavali Teri, Kripa Kariye Bhairav, Kariye Nahi Deri. !! Jai Bhairav Deva !! Paanv Ghungharoo Baajat, Aaru Damaru Jamakavat, Batuknath Ban Balakjan Man Harashavat. !! Jai Bhairav Deva !! Batuknath Ki Aarati, Jo Koi Nar Gave, Kahe Dharanidhar, Nar Manvanchit Phal Pave. !! Jai Bhairav Deva !! इसी प्रकार की अनोखी, अद्भुद, और अनमोल कथाओं और देव स्थानों से सम्बंधित जानकारी के लिए जुड़े रहिये हमारी वेबसाइट यहाँ पर हम जानकारियां और अध्यात्म से संबधित पोस्ट लिखते है | अगर आपको हमारी वेबसाइट और यह पोस्ट पसंद आई ह...

श्री भैरव चालीसा और आरती

।।दोहा।। श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करौं, श्री शिव भैरवनाथ ।। श्री भैरव संकट हरण, मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु, लोचन लाल विशाल ।। ।।चौपाई।। जय जय श्री काली के लाला । जयति जयति काशी-कुतवाला ।। जयति “बटुक भैरव” भय हारी । जयति “काल भैरव” बलकारी ।। जयति “नाथ भैरव” विख्याता । जयति “सर्व भैरव” सुखदाता ।। भैरव रूप कियो शिव धारण । भव के भार उतारण कारण ।। भैरव रव सुनि ह्वै भय दूरी । सब विधि होय कामना पूरी ।। शेष महेश आदि गुण गायो । काशी-कोतवाल कहलायो ।। जटाजूट शिर चन्द्र विराजत । बाला, मुकुट, बिजायठ साजत ।। कटि करधनी घुंघरु बाजत । दर्शन करत सकल भय भाजत ।। जीवन दान दास को दीन्हो । कीन्हो कृपा नाथ तब चीन्हो ।। वसि रसना बनि सारद-काली । दीन्यो वर राख्यो मम लाली ।। धन्य धन्य भैरव भय भंजन । जय मनरंजन खल दल भंजन ।। कर त्रिशूल डमरू शुचि कोड़ा । कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोड़ा ।। जो भैरव निर्भय गुण गावत । अष्टसिद्धि नवनिधि फल पावत ।। रूप विशाल कठिन दुख मोचन । क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन ।। अगणित भूत प्रेत संग डोलत । बं बं बं शिव बं बं बोलत ।। रुद्रकाय काली के लाला । महा कालहुं के हो काला ।। बटुक नाथ हो काल गंभीरा । श्वेत, रक्त अरु श्याम शरीरा ।। करत तीनहुं रूप प्रकाशा । भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा ।। रत्न जड़ित कंचन सिंहासन । व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन ।। तुमहि जाई काशिहिं जन ध्यावहिं । विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं ।। जय प्रभु संहारक सुनन्द जय । जय उन्नत हर उमानन्द जय ।। भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय । बैजनाथ श्री जगतनाथ जय ।। महाभीम भीषण शरीर जय । रुद्र त्र्यम्बक धीर वीर जय ।। अश्वनाथ जय प्रेतनाथ जय । श्वानारूढ़ सयचन्द्र नाथ जय ।। निमिष दिगम्बर चक्रनाथ जय । गहत अ...

श्री भैरव जी की आरती

• मुख पृष्ठ • परिचय • श्री बाला जी हनुमान • श्री अमरेश्वर महादेव जी • श्री प्रेतराज सरकार • श्री त्रिमूर्तिधाम का इतिहास • नियमावली • मुख्य कार्यक्रम • पूजन पोशाक नियम • परिक्रमा • अर्चना पूजन सूची • भक्तों के ध्यानार्थ • सेवाएं • सेवकों के ध्यानार्थ • समय • संग्रह • आरती • चालीसा • नामावली • प्रार्थना • मन्त्र • स्तुति • स्तोत्र • ज्ञान सागर • पूजन • औषधि • विविध रंग • चित्रवाली (Photo) • भजनमाला श्रवण (Audio) • चलचित्र प्रदर्शनी (Video) • Download All • तिथि सारिणी • पर्व पूरे वर्ष भर • सत्यनारायण व्रत • संक्रांति • एकादशी व्रत • नवरात्रे • श्री भृगु व्रत • प्रदोष व्रत • पूर्णिमा • अमावस • पितृ-पक्ष – श्राद्ध 2021 • श्री गणेश चतुर्थी व्रत • श्री सिद्धि विनायक व्रत • मासिक श्री दुर्गाअष्टमी व्रत • मासिक श्री काल अष्टमी व्रत • मासिक शिवरात्रि व्रत • संपर्क सूत्र आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की, आरती करो भैरव की। सिर पर जिनके मुकुट विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजे सिर पर जिनके मुकुट विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजे। सदा एक सी लो में रहते, हनुमत की शंकर की। आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की आरती करो भैरव की। एक हाथ में खड्ग विराजे पाश दूसरे हाथ में साजे। एक हाथ में खड्ग विराजे पाश दूसरे हाथ में साजे। तीजे हाथ कमण्डुल धारे, चौथे मुद्रा वर की। आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की आरती करो भैरव की। भूत गणों को फाँसी देते, संतो के संकट हर लेते। भूत गणों को फाँसी देते, संतो के संकट हर लेते। कृपा करते भक्त जनों पर लीला हे नटवर की। आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की, आरती करो भैरव की। महिमा तुम्हारी कौन बखाने, जग का बच्चा बच्चा जाने महिमा तुम्हारी कौन ...

Kaal Bhairav Jayanti 2021 Chant These Mantra And Aarti On This Day

Kaal Bhairav Aarti-Mantra Jaap: हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत किया जाता है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन काल भैरव का अवतरण हुआ था. कहते हैं कि काल बैरव भगवान की पूजा करने से भक्त को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. इस साल काल भैरव जयंती 27 नवंबर के दिन मनाई जा रही है. काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं. कहते हैं कि पूजा के दौरान लोगों को व्रत मंत्र और आरती अवश्य करनी चाहिए. ऐसा करने से काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. Kaal Bhairav Mantra Jaap काल भैरव व्रत मंत्र शिवपुराण में कालभैरव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जप करना फलदायी माना गया है। अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्, भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!! अन्य मंत्र: ओम भयहरणं च भैरव:। ओम कालभैरवाय नम:। ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ओम भ्रं कालभैरवाय फट्। श्री भैरव जी की आरती (Kaal Bhairav Aarti) जय भैरव देवा, प्रभु जय भैंरव देवा। जय काली और गौरा देवी कृत सेवा।। तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक। भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक।। वाहन शवन विराजत कर त्रिशूल धारी। महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी।। तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे। चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे।। तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी। कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी।। पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत।। बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत।। बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें। कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें।। Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जान...

Shri Bhairav Aarti: श्री भैरव जी की आरती व चालीसा पाठ

( श्री भैरव देव जी की आरती विडियो ) जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौर देवी कृत सेवा ।। जय भैरव तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक जय भैरव वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ।। जय भैरव तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ।। जय भैरव तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ।। जय भैरव पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत । जय भैरव बत्कुनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ।। जय भैरव *जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौरा करत तेरी सेवा जय भैरव देवा ….. तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक । भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥ जय भैरव देवा… वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी । महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥ जय भैरव देवा… तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे । चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे ॥ जय भैरव देवा… तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी । कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी ॥ जय भैरव देवा… पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत । बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत ॥ जय भैरव देवा… बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे । कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे ॥ जय भैरव देवा… 2. श्री भैरव आरती MP3 Song आइए दोस्तों अब श्री भैरव आरती का MP3 सॉन्ग सुनते हैं। श्री भैरव आरती का MP3 सॉन्ग सुनने के लिए निश्चय क्लिक करें :- 3. श्री भैरव देव जी की आरती – English में Jai Bhairav Deva, Prabhu Jai Bhairav Deva. Jai Kali Aur Gaura devi Karat Seva॥ Jai Bhairav Deva… Tumhi Aap Uddharak, Dukh Sindhu Taarak. Bhakto Ke Sukh Karak, Bheeshan V...