काला सेब कहां पाया जाता है

  1. काला नमक
  2. Kaju Kaise Bante Hai Whole Processing Video Kaju Banne Ka Video
  3. काला सेब खाने के 13 फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे
  4. काला सेब जो होता है शहद से भी मीठा , एक की कीमत है 500 रुपये से ज्यादा , जानिये कहा और कैसे उगता है
  5. काला नमक के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान
  6. काला अजार
  7. Before you continue to YouTube


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काला नमक

काला नमक (बंगला: बिट लबन (বিট লবণ); काले नमक में मुख्यतः तैयारी [ ] कुछ स्रोतों में काला नमक बनाने की निम्नलिखित विधि बतायी गयी है- काला नमक को बनाने के लिए नमकीन पानी में उपयोग [ ] काले नमक को काले नमक को इसके अंडे जैसे स्वाद के चलते शाकाहारी लोगों द्वारा पसन्द किया जाता है, उदाहरण के लिए, इसका इस्तेमाल मसाला टोफू को अंडा सलाद जैसा स्वाद देने के लिए किया जाता है। सन्दर्भ [ ]

Kaju Kaise Bante Hai Whole Processing Video Kaju Banne Ka Video

एक बेहद पसंदीदा मेवा जो कई इंडयन ग्रेव्यों में पाया जाता है वह कुछ और नही बल्कि काजू है . इसकी एक खास बात है कि यह साल भर उपलब्ध होनता है, अगर आप इसको सही से स्टोर करते हैं तो इसकी शेल्फ लाइफ बहुत अच्छी होती है. कई लोगों को शायद इस बात का पता न हो कि काजू पेड़ पर उगते हैं, पेड़ की शाखाओं से नीचे लटकते हुए बड़े रसीले सेब जैसे दिखते हैं. इन ब्रांचेस के नीचे काजू लगे होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि काजू के पेड़ से निकले ये मेवे बाजार में कैसे आते हैं? एक वीडियो, जो अब इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया है, उसमें काजू की प्रोसेसिंग दिखाई गई है. इस क्लिप को इंस्टाग्राम पेज '_heresmyfood' ने पोस्ट किया है जिसमें फल से काजू कैसे निकाला जाता है सब दिखाया गया है. सबसे पहले, काजू को दो से तीन दिनों के लिए एक खुले यार्ड में धूप में सुखाया जाता है. इसके बाद नट्स को नियमित रूप से रोल किया जाता है ताकि यह पक्का हो सके कि वो सभी समान रूप से सूख गए हैं. यह प्रोसेस नट्स से अतिरिक्त नमी को हटा देती है। इसके बाद, काजू को गर्म किया जाता है और इसके बाद इस फल की बाहरी शेल को तोड़कर अंदर से काजू निकाला जाता है. इसके बाद इमका क्वालिटी चेक होता है. महिलाएं काजू की गिरी को अलग करने के लिए बैठ जाती हैं और अपने हाथों से मेवे खोलती हैं.. छीलने की प्रक्रिया काजू की गुठली पर चिपकी टेस्टा (बाहरी त्वचा) को हटाने के लिए होती है, इसके बाद उन्हें कंप्रेस्ड एयर से ही ब्रश किया जाता है. इसके बाद आती है लास्ट स्टेज, जिसमें महिलाएं काजू की गुठली से अशुद्धियों को अलग करने के लिए बैठती हैं.

काला सेब खाने के 13 फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे

काला सेब बहुत महंगा मिलता है। एक सेब करीब 500 रुपए से लेकर 1600 रुपए तक का भी मिलता है। यह सिर्फ तिब्बत और भूटान में ही उगाया जाता है और यह बहुत ही दुर्लभ माना गया है। हुआ नियू (Hua Niu) प्रजाति के इस सेब को ब्लैक डायमंड एपल भी कहते हैं। यह अमेरिका में भी उगाया जाता है जिसे वहां अर्कानसास सेब कहते हैं। इसके अंदर का हिस्सा वैसे ही सफेद रहता है जैसे लाल सेबों का होता है। जानिए इसके 10 फायदे। 'बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है' दंगल फिल्म का आपने यह गाना तो ज़रूर सुना होगा। साथ ही आपने कई बार 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गाना भी गाया होगा। आपके पापा कहे न कहे पर फिल्म देखना सबको बहुत पसंद होता है। फिल्म हमारे जीवन और दुनिया की सच्चाई को दर्शाती है।आप अपने पिता के साथ ये फादर स्पेशल फिल्म देख सकते हैं। These fruits remove dirt of body : शरीर में जमी गंदगी यदि बाहर निकल जाती है तो व्यक्ति हर तरह से निरोगी हो जाता है। इससे आयु भी बढ़ती है। योग और आयुर्वेद में शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके लिए आपको पहले चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड्रिंक, मैदा, बेसन, बैंगन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि का त्याग करना पड़ता है। पुरषों में डायबिटीज, हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर का खतरा ज्यादा रहता है। अगर आपने अभी तक फादर्स डे का गिफ्ट नहीं खरीदा है तो आप फिटनेस गैजेट गिफ्ट कर सकते हैं। इन गैजेट की मदद से आप अपने पिता के स्वास्थ को मॉनिटर कर सकते हैं। ये गैजेट आपके पिता के स्वास्थ को बेहतर रखने में मदद भी करेंगे। चलिए जानते हैं इन गैजेट के बारे में.. कई लोगों को बारिश के मौसम में श्रद्धा कपूर बनना बहुत पसंद है। इस मौसम में छम-छम नचाने के लिए आपके पास सही फुटवि...

काला सेब जो होता है शहद से भी मीठा , एक की कीमत है 500 रुपये से ज्यादा , जानिये कहा और कैसे उगता है

काला सेब जो होता है शहद से भी मीठा , एक की कीमत है 500 रुपये से ज्यादा , जानिये कहा और कैसे उगता है, फलों को सेहत का टॉनिक कहते हैं जिसमे की सेब को सबसे ज्यादा हेल्थी फ्रूट कहा जाता है। डॉक्टर भी अच्छी हेल्थ के लिए रोजाना एक सेब खाने की सलाह देते हैं. जब आप बाजार से सेब खरदने जाते है तो चुनकर लाल सेब खरदते है ताकि वो मीठा निकले। ज्यादातर कश्मीरी और हिमाचली सेब सबसे अच्छे किस्म के और मीठे माने जाते है। लेकिन आपको पता है सबसे मीठा सेब कौनसा होता है ? सबसे मीठा सेब किस रंग का होता है और कितने का मिलता है। दुनिया का सबसे मीठ सेब होता है कला सेब जिसेब्लैक डायमंड एपल (black diamond apple) कहते हैं। नाम से ही पता चलता है की यह काले रंग का होता है और इसका सवाद शहद की तरह मीठा होता है। ब्लैक डायमंड एपल तिब्बत और भूटान में पाया जाता है मगर अमेरिका में भी ये पाए जाते हैं जहां इन्हें अर्कानसास सेब कहते हैं. ये सेब हुआ नियू (Hua Niu) प्रजाति के सेब हैं जो खास कारण से काले हो जाते हैं और दुनिया में कम ही जगह पर मिलते हैं. इसे उगने में भी करीब 8 साल का वक्त लगता है. ब्लैक डायमंड एपल खाने में तो लजीज होता ही है, इसके अपने औषधीय गुण भी होते हैं. ब्लैक डायमंड एपल जितना मीठा होता है उसकी कीमत सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। एक ब्लैक डायमंड एपल की कीमत 500 रुपये होती है। अगर आपने कभी इस सेब (black apple facts) को नहीं देखा और ना ही इसके बारे में कुछ जानते हैं तो चलिए आज हम आपको इससे जुड़ी हर जानकारी आपको देते हैं. यह भी पढ़े : कहां मिलता है ब्लैक डायमंड एपल चलिए अब बताते हैं कि ये सेब काले क्यों होते हैं. ये सेब तिब्बत के न्यिंगची इलाके में ज्यादा होता है. यहां सूरज की कीरणें सीधी पड़ती हैं. इस कारण...

काला नमक के 10 फायदे, उपयोग और नुकसान

हमारे रसोई घर में ऐसे कई खाद्य पदार्थ मौजूद होते हैं, जिनके औषधीय फायदों से हम अनजान रहते हैं। काले नमक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। काला नमक खाने के फायदे के बारे में जानने के बाद हर कोई इसका उपयोग नियमित रूप से करना चाहेगा। इसके औषधीय गुण कई रोगों के जोखिम को कम करने और कुछ हद तक रोगों के इलाज में सहायक हो सकते हैं। इन्हीं गुणों के बारे में हम अपने इस आर्टिकल में वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम काला नमक के गुण और काला नमक के फायदे के बारे में बताएंगे। इसके अलावा, अधिक उपयोग से हम काला नमक के नुकसान के बारे में भी जानकारी देंगे। • हिमालयन काला नमक : इसे भारतीय काला नमक के नाम से भी जाना जाता है। यह हल्का भूरा और गुलाबी रंग का होता है, जो सुगंधित और स्वाद में तीखा होता है। इसे विशेष रूप से एशियाई और भारतीय व्यंजनों को पकाते समय इस्तेमाल किया जाता है। • काला लावा नमक : लावा नमक को हवाईयन काला नमक भी कह जा सकता है, क्योंकि इसका उत्पादन हवाई नामक जगह से होता है। यह गहरे काले रंग का होता है, जिसे आहार तैयार होने के बाद ऊपर छिड़का जाता है। इससे आहार का स्वाद और लजिज हो जाता है। काला नमक कई आयुर्वेदिक और चिकित्सीय गुणों से समृद्ध होता है, जो स्वास्थ्य पर लाभकारी असर डाल सकता है। इसमें आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो सीने में जलन, सूजन और पेट फूलने की समस्या से निजात दिला सकता है। यह उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें सोडियम की कम मात्रा होती है। जिससे रक्तचाप बढ़ने का जोखिम कम हो सकता है। इसके अलावा, काला नमक युक्त आहार के नियमित रूप से सेवन करने पर आंखों की रोशनी में सुधार, पा...

काला अजार

Amastigotes in a chorionic villus कालाजार ( विस्केरल लीश्मेनियेसिस) धीरे-धीरे विकसित होने वाला एक देशी रोग है जो एक कोशीय परजीवी या जीनस लिस्नमानिया से होता है। कालाजार के बाद डरमल लिस्नमानियासिस (पीकेडीएल) एक ऐसी स्थिति है जब लिस्नमानिया त्वचा कोशाणुओं में जाते हैं और वहां रहते हुए विकसित होते हैं। यह डरमल लिसियोन के रूप में तैयार होते हैं। कई कालाजार में कुछ वर्षों के उपचार के बाद पी के डी एन प्रकट होते हैं। अनुक्रम • 1 लक्षण • 2 एच.आई.वी तथा कालाजार का एक साथ संक्रमण • 3 संक्रमण • 4 भारत में कालाजार रोगवाहक • 5 सन्दर्भ • 6 इन्हें भी देखें लक्षण [ ] • बुखार अक्सर रुक-रुक कर या तेजी से तथा दोहरी गति से आता है। • भूख न लगना, पीलापन और वजन में कमी जिससे शरीर में दुर्बलता • कमजोरी • प्लीहा का अधिक बढ़ना- प्लीहा तेजी से अधिक बढ़ता है और सामान्यतः यह नरम और कड़ा होता है। • जिगर का बढ़ना लेकिन प्लीहा के जितना नहीं, यह नरम होता है और इसकी सतह चिकनी होती है तथा इसके किनारे तेज होते हैं। • लिम्फौडनोपैथी- भारत में सामान्यतः नहीं होता है। • त्वचा-सूखी, पतली और शल्की होती है तथा बाल झड़ सकते हैं। गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है। इसी से इसका नाम कालाजार पड़ा अर्थात काला बुखार। • खून की कमी-बड़ी तेजी से खून की कमी होती है। एच.आई.वी तथा कालाजार का एक साथ संक्रमण [ ] • एच आई वी तथा अन्य ऐसे रोगियों में, जिनकी प्रतिरक्षा निरोधक क्षमता नहीं होती। उनमें विसीरल लिस्मानियासिस (वी एल) संक्रमण अक्सर पाया जाता है। संक्रमण [ ] • कालाजार एक रोग वाहक जाति का रोग है। • उपलब्ध जानकारी के अनुसार फ्लैबोटोमस अर्जेन्टाइप्स जीन्स वाली मक्खी भारत में कालाजार का रोगवाहक है। ...

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