कैलाशनाथ मंदिर

  1. केवल एक चट्टान को काटकर बनाया गया प्राचीन कैलाश मंदिर(kailash mandir)
  2. कैलासनाथ मन्दिर कांचीपुरम का इतिहास
  3. कैलाशनाथ मंदिर की वास्तुकला
  4. Kanchipuram Temple Tamil Nadu : तमिलनाडु मंदिर कांचीपुरम साड़ियां
  5. कैलाशनाथ मंदिर, कांचीपुरम
  6. शिव भक्तों के लिए स्वर्ग हैं देश में बने ये शिव मंदिर, जानिए क्यों हैं इतने खास: Shiva Temple
  7. केवल एक चट्टान को काटकर बनाया गया प्राचीन कैलाश मंदिर(kailash mandir)
  8. शिव भक्तों के लिए स्वर्ग हैं देश में बने ये शिव मंदिर, जानिए क्यों हैं इतने खास: Shiva Temple
  9. कैलासनाथ मन्दिर कांचीपुरम का इतिहास


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केवल एक चट्टान को काटकर बनाया गया प्राचीन कैलाश मंदिर(kailash mandir)

महाराष्ट्र के औरंगाबाद(kailash mandir aurangabad) शहर से बीस किलोमीटर दूर, भारत में आप 1200 साल प्राचीन हिंदू मंदिर, कैलाश मंदिर (kailash mandir) देख सकते हैं। जो सिर्फ एक पहाड़ को काट कर बनाया गया है। यह तेजस्वी भगवान शिव मंदिर के चौबीस मंदिरों और मठों के एक समूह का हिस्सा है, जिसे एलोरा गुफाओं के नाम से जाना जाता है। भारत में शिल्पकारों की कोई कमी नहीं थी प्राचीन काल के शिल्पकार बहुत उच्च कोटि से कमा करते थे और मंदिरों का निर्माण करते थे। Image Source –YouTube एलोरा का कैलाश मंदिर किसने बनवाया:- इसे राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने बनवाया था। राष्ट्रकूट वंश ने छठी और दसवीं शताब्दी के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से पर शासन किया था। कैलाश शिव मंदिर औरंगाबाद • कई प्राचीन हिन्दू मंदिरों की तरह इस मंदिर में कई आश्चर्यजनक बातें हैं जोकि यहाँ आने वाले सभी दार्शनिक को हैरान करती हैं | • शिव जी का यह दो मंजिल वाला मंदिर पर्वत की ठोस चट्टान को काटकर बनाया गया है। • एलोरा का कैलाश मन्दिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में प्रसिद्ध ‘एलोरा की गुफ़ाओं’ में स्थित है। • यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पहाड़ की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। • इस मंदिर को तैयार करने में क़रीब 150 वर्ष लगे और लगभग 7000 मज़दूरों ने लगातार इस पर काम किया। Also read:- Image Source –Flickr कैलाश मंदिरबनाने मेंअनोखा ही तरीका अपनाया गया:- किसी मंदिर या भवन को बनाते समय पत्थरों के टुकड़ों को एक के ऊपर एक जमाते हुए बनाया जाता है. कैलाश मंदिरबनाने में एकदम अनोखा ही तरीका अपनाया गया. यह मंदिर एक पहाड़ के शीर्ष को ऊपर से नीचे काटते हुए बनाया गया है. जैसे एक मूर्तिकार एक पत्थर से मूर्ति तराश...

कैलासनाथ मन्दिर कांचीपुरम का इतिहास

Kailasanathar Temple / कैलासनाथार मन्दिर या कैलासनाथ मन्दिर, कांचीपुरम में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह शहर के पश्चिम दिशा में स्थित यह मंदिर कांचीपुरम का सबसे प्राचीन और दक्षिण भारत के सबसे शानदार मंदिरों में एक है। इस मंदिर को आठवीं शताब्दी में पल्लव वंश के राजा राजसिम्हा ने अपनी पत्नी की प्रार्थना पर बनवाया था। मंदिर के अग्रभाग का निर्माण राजा के पुत्र महेन्द्र वर्मन तृतीय ने करवाया था। मंदिर में देवी पार्वती और शिव की नृत्य प्रतियोगिता को दर्शाया गया है। कैलासनाथ मन्दिर का इतिहास – Kailasanathar Temple Information in Hindi शासक नरसिंहवर्मन प्रथम के द्वारा कई मंदिर का निर्माण किया गया था जिसमें से तिरु परमेस्वर विन्नगरम और कांची कैलाशनाथर मंदिर सबसे ज्यादा आकर्षक है। इन मंदिरों का निर्माण 685 ईस्वी और 705 ईस्वी के बिच हुवा था। इस मंदिर का निर्माण पल्लव शासक राजसिंह द्वारा शुरू किया गया था और उनके पुत्र महेंद्र वर्मा पल्लव ने पूरा किया था। यह मंदिर तमिलनाडु के प्रमुख दर्शन स्थलों में एक हैं। इस मंदिर में पूरे वर्ष बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के समय भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि होती है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण सोलह शिव लिंगम है जो मुख्य मंदिर में काले ग्रेनाइट से बने हैं। कांची कैलासनाथ मंदिर सुंदर चित्रों और शानदार मूर्तियों से सजा हुआ है जिसकी यह किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। कैलाशनाथ मंदिर की वास्तुकला – Kanchi Kailasanathar Temple Architecture In Hindi मन्दिर का परिसर बलुये पत्थर से बना है और इस पर सुन्दर नक्काशी उस समय के शानदार शिल्पकला कौशल का उदाहरण है। मन्दिर की स्थापत्य कला द्रविड़ शैली की है जो कि उस समय की इमारतों औ...

कैलाशनाथ मंदिर की वास्तुकला

कैलाशनाथ मंदिर को कैलाश मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह पल्लव युग की भारतीय रॉक कट वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह कांचीपुरम में स्थित है। यह संरचना 8 वीं शताब्दी की है। मंदिर को इस तरह से तराशा गया है कि यह कैलाश पर्वत की याद दिलाता है। इसलिए इसे ‘कैलाशनाथ’ नाम दिया गया है। यह एलोरा की गुफाओं के परिसर में स्थित है। हालाँकि इसे एक ही चट्टान से उकेरा गया है लेकिन यह द्रविड़ कला और वास्तुकला की विशेषताओं को प्रदर्शित करता है। कैलासनाथ मंदिर की वास्तुकला और मूर्तिकला इसकी ऊर्ध्वाधर खुदाई के लिए उल्लेखनीय है। यह देखा गया है कि कार्यकर्ताओं ने मूल चट्टान के शीर्ष पर नक्काशी शुरू की और नीचे की ओर खुदाई की। इस मंदिर को बनाने वाले आर्किटेक्ट दक्षिणी पल्लव वंश के थे। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि कैलासनाथ मंदिर के निर्माण के लिए लगभग सैकड़ों वर्षों तक लगभग 200,000 टन चट्टानों को खोदा गया था। इस अखंड संरचना की दीवारों पर छेनी के निशान हैं। इनसे यह व्युत्पन्न हुआ है कि कैलासनाथ या कैलाश मंदिर को तराशने के लिए तीन प्रकार की छतों का उपयोग किया जाता था। मंदिर की ओर जाने वाला प्रवेश द्वार दो मंजिला है और उसके ठीक सामने प्रांगण यू-आकार का है। आंगन की सीमा को एक स्तंभित आर्केड से सजाया गया है जो तीन कहानियों की ऊंचाई तक बढ़ता है। अलग-अलग देवताओं के घर अलग-अलग हैं, जो उस युग की मूर्तिकला को दर्शाते हैं। कैलासननाथ मंदिर की नक्काशी कई स्तरों पर की गई है। मंदिर का आंगन खाली नहीं छोड़ा गया है। आंगन में दो संरचनाएं हैं। इस मंदिर को और जटिल और विस्तृत नक्काशी से सजाया गया है। मंदिर के अंदर खंभों को शेरों के साथ और हाथी, नगा और भौलों के साथ कई बार सजाया गया है। मंद...

Kanchipuram Temple Tamil Nadu : तमिलनाडु मंदिर कांचीपुरम साड़ियां

• [ June 6, 2023 ] ‘वेदों से मिले विज्ञान के सिद्धांत, पश्चिमी देशों ने इन्हें अपनी खोज बताया’ : ISRO चीफ एस. सोमनाथ Current Update • [ May 4, 2023 ] Brihat Samhita Underground Water : वाराहमिहिर की बृहत्संहिता का भूजल विज्ञान ब्लॉग • [ March 15, 2023 ] Webb Founds an Extremely Small Main Belt Asteroid that is Colosseum sized Science & Astronomy News • [ March 10, 2023 ] What is Gravity & Force of Gravity – Definition, Strength, Gravity according to Newton & Albert Einstein Science & Astronomy News • [ March 9, 2023 ] Venus is known as the “Evil Twin” of Earth, but why? Important Facts about Venus Planet Science & Astronomy News कांचीपुरम (Kanchipuram), जो कभी पल्लव वंश की राजधानी (Capital of Pallava Dynasty) थी, भारत के सात पवित्र नगरों (अयोध्या, मथुरा, द्वारका, हरिद्वार, काशी, उज्जैन और कांची) में से एक है. इस शहर को ‘कांची’, ‘कांचीपेडु’, ‘कांजीवरम’ और ‘कांचीपुरम’ जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इस नगर को ‘मंदिरों का शहर’ भी कहा जाता है. वेगवती और पलार नदी (Vegavati and Palar River) के तट पर स्थित यह पवित्र शहर भारत में सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है. आध्यात्मिकता, शांति और रेशम का पर्याय तमिलनाडु का कांचीपुरम (Kanchipuram, Tamil nadu) बेहद सुंदर और भव्य प्राचीन मंदिरों से युक्त है जो वास्तुकला के चमत्कार और मन के लिए किसी उपचार की तरह हैं. इस नगर का उल्लेख पाणिनि के अष्टाध्यायी में कांची-प्रस्थ और कई पुराणों में मिलता है. कांचीपुरम पर पल्लवों, मध्यकालीन चोलों, बाद के चोल, बाद के पांड्यों, विजयनगर साम्राज्य और कर्नाटक साम्राज्य का शासन रहा है. कांचीपुरम म...

कैलाशनाथ मंदिर, कांचीपुरम

कैलासनाथ मंदिर कांचीपुरम, तमिलनाडु के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। 7 वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर पल्लव शासकों द्वारा बनाया गया था। इसका निर्माण नरसिंह वर्मा द्वितीय के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ था, जिन्हें राजा सिम्हा के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन उनके बेटे महेंद्रवर्मा तृतीय के शासनकाल के दौरान पूरा किया गया था। पल्लव वंश के तहत वास्तुकला को दर्शाते हुए इस मंदिर में भगवान शिव की कुछ शानदार संरचनाएँ हैं। अपनी मूर्तियों के साथ यह विमन या गोपुरम के लिए भी जाना जाता है। कैलाशनाथ मंदिर, जिसे कैलाशनाथ कोविल के नाम से भी जाना जाता है, एक अद्वितीय वास्तुकला को प्रदर्शित करता है। इसका मुख्य गर्भगृह पूर्व दिशा की ओर है। मंदिर की पीछे की दीवार में सोमस्कंद (केंद्र में पुत्र मुरुगा के साथ भगवान शिव और उमा) की मूर्ति है, जो हमेशा पल्लव युग के शिव मंदिरों में देखा जाता था। यहाँ मंदिर के मंदिर में एक बड़ा सोलह भुजाओं वाला ‘शिव लिंग’ है जो लगभग आठ फीट की ऊंचाई का है। मंदिर में एक छोटा सा मार्ग है जो गर्भगृह के प्रवेश द्वार से शुरू होता है और शिवलिंग पर चढ़ता है। यह दाईं ओर से शुरू होता है और लिंगम के बाईं ओर समाप्त होता है। कैलासनाथ मंदिर कभी राजाराजा चोल प्रथम द्वारा दौरा किया गया था, जिन्होंने इस मंदिर का नाम काछिपेटू पेरिया थिरुकात्राली (काचीपेट्टू का पत्थर मंदिर) रखा था, जो कांचीपुरम का मूल नाम है। यह भी माना जाता है कि इस मंदिर की शिल्पकला और वास्तुकला से प्रेरित होने के बाद उन्होंने तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण किया। शिव लिंगम और आसपास के मार्ग के अलावा कैलासननाथ मंदिर में कई आकर्षक मूर्तियां है...

शिव भक्तों के लिए स्वर्ग हैं देश में बने ये शिव मंदिर, जानिए क्यों हैं इतने खास: Shiva Temple

शिव भक्तों के लिए स्वर्ग हैं देश में बने ये शिव मंदिर, जानिए क्यों हैं इतने खास: Shiva Temple Close • Search for: Search • Open dropdown menu • • • Open dropdown menu • • • • Open dropdown menu • • • Open dropdown menu • • • • • Open dropdown menu • • Open dropdown menu • • • • • • Open dropdown menu • • • Open dropdown menu • • • • • • • • • • • Facebook • Instagram • YouTube • Twitter • Linkedin Close Shiva Temple: वो भोलेनाथ भी हैं तो महाकाल भी, वो शिव शंभू हैं तो नटराज भी। भगवान शिव वो हैं जिन्होंने सृष्टि का सारा विष खुद में समा लिया। इसलिए माना जाता है कि वे हमारे दुखों के विष को भी अपने में समाहित कर लेते हैं। यही कारण है कि भारत में कई विशाल और महत्वपूर्ण शिव मंदिर स्थापित हैं। कहा जाता है कि इन शिव मंदिरों के दर्शन मात्र से जीवन सफल हो जाता है। अगर आप भी इस समर हॉलिडे में अध्यात्मिक टूर पर जाना चाहते जरूर जाइए इन मशहूर शिव मंदिरों में- केदारनाथ, उत्तराखंड The Kedarnath Temple, one of the 12 Jyotirlingas of India, is situated on the Garhwal Himalayan range near the Mandakini River in Uttarakhand. उत्तराखंड की मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला की करीब 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ मंदिर। इस प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ के साथ उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में भी शामिल है। अप्रैल से नवंबर तक इस मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं। ऐसे में इस मंदिर के दर्शन करने का यह सही समय है। सोमनाथ मंदिर, गुजरात One of the oldest temples in India is th...

‎Yatra

• 7 hours ago • 14 hours ago • 14 hours ago • 18 hours ago • 18 hours ago • 18 hours ago • 22 hours ago • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • yesterday • 2 days ago • 2 days ago • 2 days ago • 2 days ago • 2 days ago • 2 days ago • 39.9°C Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Dec, 2021 12:13 PM • • • • चीन काल में मंदिर सामाजिक मेल-मिलाप के महत्वपूर्ण केंद्र थे। मंदिर ही ऐसी जगहें थीं, जहां नृत्य, संगीत और युद्ध की कलाओं को सम्मानित किया जाता था। देश में आज भी ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जो प्राचीन कारीगरों की बेहतरीन शिल्प कला की याद दिलाते हैं। ‎Yatra- प्राचीन काल में मंदिर सामाजिकमेल-मिलाप के महत्वपूर्ण केंद्र थे। मंदिर ही ऐसी जगहें थीं, जहां नृत्य, संगीत और युद्ध की कलाओं को सम्मानित किया जाता था। देश में आज भी ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं, जो प्राचीन कारीगरों की बेहतरीन शिल्प कला की याद दिलाते हैं। आइए आज हम उनमें से ही कुछ के बारे में आपको जानकारी देते हैं : Brihadeeswara Temple बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर, तमिलनाडु इस मंदिर को 1002 ईस्वी में राजाराज चोल द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और द्रविडिय़न कला का बेहतरीन उदाहरण है। बृहदेश्वर मंदिर मंदिर निर्माण कला की सर्वश्रेष्ठ परंपरा का अनूठा संगम है, जिसमें वास्तुकला, चित्रकला और अन्य संबद्ध कलाएं सम्मिलित हैं। यह कई परस्पर संबंधित संरचनाओं से बना है, जैसे कि नंदी मंडप, एक स्तंभित पोर्टिको और एक बड़ा हॉल (सभा मंडप)। इसके शीर्ष की ऊंचाई 66 मीटर है। और ये भी पढ़...

केवल एक चट्टान को काटकर बनाया गया प्राचीन कैलाश मंदिर(kailash mandir)

महाराष्ट्र के औरंगाबाद(kailash mandir aurangabad) शहर से बीस किलोमीटर दूर, भारत में आप 1200 साल प्राचीन हिंदू मंदिर, कैलाश मंदिर (kailash mandir) देख सकते हैं। जो सिर्फ एक पहाड़ को काट कर बनाया गया है। यह तेजस्वी भगवान शिव मंदिर के चौबीस मंदिरों और मठों के एक समूह का हिस्सा है, जिसे एलोरा गुफाओं के नाम से जाना जाता है। भारत में शिल्पकारों की कोई कमी नहीं थी प्राचीन काल के शिल्पकार बहुत उच्च कोटि से कमा करते थे और मंदिरों का निर्माण करते थे। Image Source –YouTube एलोरा का कैलाश मंदिर किसने बनवाया:- इसे राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने बनवाया था। राष्ट्रकूट वंश ने छठी और दसवीं शताब्दी के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से पर शासन किया था। कैलाश शिव मंदिर औरंगाबाद • कई प्राचीन हिन्दू मंदिरों की तरह इस मंदिर में कई आश्चर्यजनक बातें हैं जोकि यहाँ आने वाले सभी दार्शनिक को हैरान करती हैं | • शिव जी का यह दो मंजिल वाला मंदिर पर्वत की ठोस चट्टान को काटकर बनाया गया है। • एलोरा का कैलाश मन्दिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में प्रसिद्ध ‘एलोरा की गुफ़ाओं’ में स्थित है। • यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पहाड़ की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। • इस मंदिर को तैयार करने में क़रीब 150 वर्ष लगे और लगभग 7000 मज़दूरों ने लगातार इस पर काम किया। Also read:- Image Source –Flickr कैलाश मंदिरबनाने मेंअनोखा ही तरीका अपनाया गया:- किसी मंदिर या भवन को बनाते समय पत्थरों के टुकड़ों को एक के ऊपर एक जमाते हुए बनाया जाता है. कैलाश मंदिरबनाने में एकदम अनोखा ही तरीका अपनाया गया. यह मंदिर एक पहाड़ के शीर्ष को ऊपर से नीचे काटते हुए बनाया गया है. जैसे एक मूर्तिकार एक पत्थर से मूर्ति तराश...

शिव भक्तों के लिए स्वर्ग हैं देश में बने ये शिव मंदिर, जानिए क्यों हैं इतने खास: Shiva Temple

शिव भक्तों के लिए स्वर्ग हैं देश में बने ये शिव मंदिर, जानिए क्यों हैं इतने खास: Shiva Temple Close • Search for: Search • Open dropdown menu • • • Open dropdown menu • • • • Open dropdown menu • • • Open dropdown menu • • • • • Open dropdown menu • • Open dropdown menu • • • • • • Open dropdown menu • • • Open dropdown menu • • • • • • • • • • Facebook • Instagram • YouTube • Twitter • Linkedin Close Shiva Temple: वो भोलेनाथ भी हैं तो महाकाल भी, वो शिव शंभू हैं तो नटराज भी। भगवान शिव वो हैं जिन्होंने सृष्टि का सारा विष खुद में समा लिया। इसलिए माना जाता है कि वे हमारे दुखों के विष को भी अपने में समाहित कर लेते हैं। यही कारण है कि भारत में कई विशाल और महत्वपूर्ण शिव मंदिर स्थापित हैं। कहा जाता है कि इन शिव मंदिरों के दर्शन मात्र से जीवन सफल हो जाता है। अगर आप भी इस समर हॉलिडे में अध्यात्मिक टूर पर जाना चाहते जरूर जाइए इन मशहूर शिव मंदिरों में- केदारनाथ, उत्तराखंड The Kedarnath Temple, one of the 12 Jyotirlingas of India, is situated on the Garhwal Himalayan range near the Mandakini River in Uttarakhand. उत्तराखंड की मंदाकिनी नदी के पास गढ़वाल हिमालय श्रृंखला की करीब 3583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ मंदिर। इस प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यह गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ के साथ उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में भी शामिल है। अप्रैल से नवंबर तक इस मंदिर के दर्शन किए जा सकते हैं। ऐसे में इस मंदिर के दर्शन करने का यह सही समय है। सोमनाथ मंदिर, गुजरात One of the oldest temples in India is the ...

कैलासनाथ मन्दिर कांचीपुरम का इतिहास

Kailasanathar Temple / कैलासनाथार मन्दिर या कैलासनाथ मन्दिर, कांचीपुरम में स्थित एक हिन्दू मंदिर है। यह शहर के पश्चिम दिशा में स्थित यह मंदिर कांचीपुरम का सबसे प्राचीन और दक्षिण भारत के सबसे शानदार मंदिरों में एक है। इस मंदिर को आठवीं शताब्दी में पल्लव वंश के राजा राजसिम्हा ने अपनी पत्नी की प्रार्थना पर बनवाया था। मंदिर के अग्रभाग का निर्माण राजा के पुत्र महेन्द्र वर्मन तृतीय ने करवाया था। मंदिर में देवी पार्वती और शिव की नृत्य प्रतियोगिता को दर्शाया गया है। कैलासनाथ मन्दिर का इतिहास – Kailasanathar Temple Information in Hindi शासक नरसिंहवर्मन प्रथम के द्वारा कई मंदिर का निर्माण किया गया था जिसमें से तिरु परमेस्वर विन्नगरम और कांची कैलाशनाथर मंदिर सबसे ज्यादा आकर्षक है। इन मंदिरों का निर्माण 685 ईस्वी और 705 ईस्वी के बिच हुवा था। इस मंदिर का निर्माण पल्लव शासक राजसिंह द्वारा शुरू किया गया था और उनके पुत्र महेंद्र वर्मा पल्लव ने पूरा किया था। यह मंदिर तमिलनाडु के प्रमुख दर्शन स्थलों में एक हैं। इस मंदिर में पूरे वर्ष बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि के समय भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि होती है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण सोलह शिव लिंगम है जो मुख्य मंदिर में काले ग्रेनाइट से बने हैं। कांची कैलासनाथ मंदिर सुंदर चित्रों और शानदार मूर्तियों से सजा हुआ है जिसकी यह किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। कैलाशनाथ मंदिर की वास्तुकला – Kanchi Kailasanathar Temple Architecture In Hindi मन्दिर का परिसर बलुये पत्थर से बना है और इस पर सुन्दर नक्काशी उस समय के शानदार शिल्पकला कौशल का उदाहरण है। मन्दिर की स्थापत्य कला द्रविड़ शैली की है जो कि उस समय की इमारतों औ...