कैथी लिपि वर्णमाला

  1. अनुभव: कैथी लिपि
  2. गुप्त लिपि
  3. कैथी लिपि के उदाहरण
  4. कैथी
  5. अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पs आईं जानल जाए भोजपुरी के लिपि :कैथी के बारे
  6. कैथी
  7. कैथी लिपि के उदाहरण
  8. अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पs आईं जानल जाए भोजपुरी के लिपि :कैथी के बारे
  9. गुप्त लिपि
  10. अनुभव: कैथी लिपि


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अनुभव: कैथी लिपि

कैथी लिपि जिससे अंग लिपि भी कहा जाता है | देश स्वतंत्र होने के पूर्व यह लिपि देश के अधिकांश भागो की जन लिपि थी ऐसा कहा जा सकता है | यही कारन था की शेरशाह जैसे अधिकांश शाशको ने अपने राजकाज के लिए इसी कैथी लिपि को राजकाज की सञ्चालन की भाषा और लिपि अपनाई और इसे ही बिकसित ,और संरक्छन दिया।उस समय सामान्य जन की लिपि कैथी लिपि ही हुआ करती थी राजकाज के सामान्य कार्य के अलावा लोगो की दैनिक लिखा पढ़ी की एक महत्वपूर्ण लिपि थी। कालान्तर में जब देश पर अंग्रेजो का शासन हुआ करता था उस समय अंग्रेजी राज्य में भी कैथी भाष तो गुजरात के कच्छ से ले कर कोशी छेत्रो तक की राजकीय लिपि बनाई गयी था। सरकार के सारे कार्य के अलावा उस समय के न्याययिक कार्यो के साथ साथ आम जन की कैथी ही सर्वमान्य और समृद्ध लिपि थी इस भाषा लिपि के कारण अंग्रेजो और उसके पूर्व के जमाने के सभी सामान्य जन की लिपि कैथी लिपि ही थी . कैथी भाषा में उस समय के अधिकतर कागजात ,पत्र आदि लिखी मिलती थी और अभी भी मिलती है |पुराने सरकारी दस्ताबेजो को पढने के लिए तो अभी भी राज्य और कन्द्रीय सरकारों को कार्यालयों में बजापते सूचना प्रसाशित कर इस भाषा और लिपि के जानकर लोगो को ऐसे कागजातों को पढ़ने के लिए राशी भुगतान कर रखा जा रहा है क्योकि उस समय के बहुत सारे कागजात में क्या लिखा है जानना जरूरी है |खास कर जमीन जायदाद के मामले में तो और जरूरी होता है जहाँ पुराने सारे के सारे कागजात कैथी लिपि में ही लिखी मिलती है | . जब देश आजाद हुआ तो उस समय की सरकार ने इस भाषा पर ध्यान नही दिया और घिरे धीरे यह कैथी लिपि लुप्त होते चली गयी . मैंने अपने बचपन में देखा है की मेरे पिता जी आपस में जिन पत्रों को लिखा करते थे वे सभी पत्रों की लिपि कैथी लिपि ही हुआ करती ...

गुप्त लिपि

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कैथी लिपि के उदाहरण

१. भाषा और लिपि में क्या अंतर है ? २. कैथी क्या है ? ३. कैथी लिपि का महत्व ४. कैथी लिपि का इतिहास ५. कैथी लिपि का विस्तार क्षेत्र ६. कैथी लिपि में कौन सी भाषाएँ लिखी गयी हैं ? ७. कैथी लिपि और देवनागरी लिपि में अंतर ८. कैथी लिपि कापराभव कैसे हुआ ? ९. कैथी के अवसान से क्या परेशानियाँ आईं ? १०. वर्तमान परिदृश्य में कैथी लिपि कीउपयोगिता ११. कैथी लिपि की पुस्तकें १२ . कैथी लिपि कैसे सीखें ? १. भाषा और लिपि मेंक्या अंतर है ? भाषा हमारेविचारों को व्यक्त करने का साधन है। यह अभिव्यक्ति का मौखिक रूप है। मगही, अवधि, मैथिली, आदि भाषाएँ हैं। भाषा कीध्वनियों को लिखनेके लिए हम जिन चिन्हों का इस्तेमाल करते हैं, वही उस भाषा की लिपि कहलाती है। यह अभिव्यक्ति का लिखित रूप है। कैथी लिपि है - मगही, अवधि, मैथिली, आदि कई भाषाओं की। Back To Top २. कैथी क्या है? कैथी, कायथी या कायस्थी नाम से जानी जाने वाली मध्यकालीन उत्तर भारत की बेहद सरल, अत्यंत लोकप्रिय एवं द्रुत गति से लिखी जाने वाली ऐतिहासिक ल कैथी लिपि | Kaithi Script भारत के ज्यादातर भागों में भूमि को मापने के लिए गज, हाथ, गट्ठा, ज़रीब, बिस्वा, कट्ठा, धूर, धुरकी, छुरकी, किल्ला, एकड़, हेक्टेयर, आदि मात्रकों का प्रयोग किया जाता है। उत्तरी भारत में भूमि मापन बीघा, बिस्वा, मारला, कनाल, कट्ठा, धूर, धुरकी, छुरकी, हाथ, आदि इकाइयों में किया जाता है, जबकि दक्षिणी राज्यों में उपयोग की जाने वाली इकाइयों में ग्राउंड, सेंट, अंकनम, गुंठा, आदि शामिल हैं। बीघा, बिस्वा, कट्ठा, आदि इकाइयों के आकार भी भिन्न-भिन्न हैं। इतना ही नहीं, भूमि मापन में प्रयोग की जाने वाली जरीब भी भिन्न-भिन्न है। जरीब पाँच प्रकार के होते हैं : गन्तरिजरीब= 22 गज = 66 फीट फतेहपुरी जरीब = 4...

कैथी

यो लेखमा रहेको असामन्य कैथी ( 𑂍𑂶𑂟𑂲 code: bho is deprecated ) एक ऐतिहासिक लिपि हो जसको मध्यकालीन कयथी वा कायस्थी लिपिको नामले समेत जान्ने गरिन्छ । पूर्ववर्ती उत्पत्ति [ ] 'कैथी' लिपिको उत्पत्ति इतिहास [ ] कैथी एउटा पुरानो लिपि हो जसको प्रयोग थोरै भन्दा थोरै सोह्रौँ शताब्दीमा व्यापक रूपले भएको देखिन्छ । कैथी लिपिको लोप हुने खतरा [ ] कैथी लिपिलाई कहिलेकाहीं 'बिहार लिपि' समेत भन्ने गरिएको छ । वर्तमान समयमा समेत बिहार लगायत भारतको उत्‍तर पूर्वी राज्‍यहरूमा यस लिपिमा लेखिएको हजारौँ अभिलेखहरू छन् । समस्‍या त्यस समय हुने गरेको छ जुन समय अभिलेखहरू सँग सम्बन्धित कानुनी समस्या आउने गरेको छ । भारतको एक लोकप्रिय दैनिक पत्रिका सन्दर्भसामग्रीहरू [ ] • अंशुमान पांडे. 2006. • King, Christopher R. 1995. One Language, Two Scripts: The Hindi Movement in Nineteenth Century North India. New York: Oxford University Press. • Grierson, George A. 1899. A Handbook to the Kaithi Character. Calcutta: Thacker, Spink & Co. • , अन्तिम पहुँच २०१८-०२-२३। • , अन्तिम पहुँच २०१८-०२-२३। योपनिहेर्नुहोस् [ ]

अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पs आईं जानल जाए भोजपुरी के लिपि :कैथी के बारे

अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पs आईं जानल जाए भोजपुरी के लिपि :कैथी के बारे कैथी- उत्तर भारत के एगो अइसन लिपि जवन लगभग पांच सौ साल ले खूबे बरियारी से अपना वजूद में रहल, आ जेकर आपन एगो समृद्ध इतिहास रहल। आजु बहुते कम लोग कैथी से परिचित होइ, भोजपुरी भासा के आपन लिपि, जवना के प्रसिद्धि एतना रहे जे उ राजस्थान के मारवाड़ी भासा खातियो एक समे में परयोग भइल रहे, बाकिर आजु उहे भोजपुरिया लोग कैथी के नावो कादो जानत होइ की ना। आदित्य राजन :भोजपुरी के नवहा लेखक-गायक भोजपुरी के लिपि:कैथी आजू अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हs ।सब लोग अपना मातृभाषा दिवस के उत्सव के बड़ा जबर आ अलगा-अलगा तरीका से मना रहल बा। आ हमनी के मातृभाषा भोजपुरी हs एह से ख़बर भोजपुरी एह उत्सव के मनावे में काहें पाछे रहे आखिर भाषा के उत्सव के बात तs ओकर विशेष जानकारी शेयर कर रहल बा। भोजपुरी के ओरात भा खत्म होत लिपि ,कैथी लिपि के बारे में। कैथी- उत्तर भारत के एगो अइसन लिपि जवन लगभग पांच सौ साल ले खूबे बरियारी से अपना वजूद में रहल, आ जेकर आपन एगो समृद्ध इतिहास रहल। आजु बहुते कम लोग कैथी से परिचित होइ, भोजपुरी भासा के आपन लिपि, जवना के प्रसिद्धि एतना रहे जे उ राजस्थान के मारवाड़ी भासा खातियो एक समे में परयोग भइल रहे, बाकिर आजु उहे भोजपुरिया लोग कैथी के नावो कादो जानत होइ की ना। त आईं आजु जानल जाव अपना माईभासा भोजपुरी के लेखन पद्धति आ लिपि “कैथी” के बारे में। कैथी शब्द के उत्पत्ति भइल बा ‘कायस्थ’ से। कायस्थ उत्तर भारत के वर्तमान बिहार आ उत्तर प्रदेश के एगो बिसेस जाति हऽ जेकर मुख्य पेसा व्यवसायिक आ आधिकारिक लिखा –पढ़ी के रहे, उ लोग अपना लिखा-पढ़ी में जवन लिपि के परयोग करे लोग, उ ‘कायस्थी’ कहाइल, उहे आगे कायथी आ फेरु कैथी भइल। तब कैथी ...

कैथी

कैथी में लिखल दस्तावेज सभ सोरहवाँ सदी ले पुरान पावल गइल बाने। विवरण कैथी लिखाई बायें से दाहिने लिखल जाले। कैथी लिपि के भी तीन गो प्रकार बतावल गइल बाटे: तिरहुती कैथी, मगही कैथी आ भोजपुरी कैथी। कैथी के पुराना समय में बिस्तार के प्रमाण सुदूर पूरुब में ब्रिटिश शासन के समय हिंदी/नगरी बिस्तार आ परचार के प्रयास चालू भइल आ फ़ारसी लिखाई के हटा के नागरी के ऑफिशियल दर्जा दियवावे के खातिर ई तर्क दिहल गइल कि नगरी लिखाई ढेर चलन में बाटे। हालाँकि, ओह समय एह बात के एकदम अनदेखी कइल गइल कि कैथी लिखाई नागरी से भी ढेर प्रचलन में रहल। वर्तमान दसा उत्तर भारत के कुछ इलाका में अभी भी पुरान सरकारी दस्तावेज कैथी लिखाई में सुरक्षित बाने। खासतौर पर जमीन के खतियान के रिकार्ड पुरान समय से कैथी लिखाई में बा। एही से जब कौनों जमीन संबंधी बिबाद या खरीदे-बेचे के मामिला आवेला तब एह लिखाई के जानकार लोग के जरूरत पड़े ला। हाल में बिहार के सरकार आ नालंदा खुला विश्वविद्द्यालय के कुछ प्रयास कैथी लिपि सिखावे खातिर भइल बा। एकरा खातिर ट्रेनिंग कैम्प भी लगावे के खबर बा। युनिकोड मुख्य लेख: अक्टूबर 2009 में कैथी के कैथी खातिर निश्चित युनिकोड ब्लॉक बा U+11080–U+110CF: 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 A B C D E F U+1108x 𑂀 𑂁 𑂂 𑂃 𑂄 𑂅 𑂆 𑂇 𑂈 𑂉 𑂊 𑂋 𑂌 𑂍 𑂎 𑂏 U+1109x 𑂐 𑂑 𑂒 𑂓 𑂔 𑂕 𑂖 𑂗 𑂘 𑂙 𑂚 𑂛 𑂜 𑂝 𑂞 𑂟 U+110Ax 𑂠 𑂡 𑂢 𑂣 𑂤 𑂥 𑂦 𑂧 𑂨 𑂩 𑂪 𑂫 𑂬 𑂭 𑂮 𑂯 U+110Bx 𑂰 𑂱 𑂲 𑂳 𑂴 𑂵 𑂶 𑂷 𑂸 𑂹 𑂺 𑂻 𑂼 𑂽 𑂾 𑂿 U+110Cx 𑃀 𑃁 𑃂 𑃍 नोट 1. 2. • King, Christopher R. 1995. One Language, Two Scripts: The Hindi Movement in Nineteenth Century North India. New York: Oxford University Press. • Grierson, George A. 1899. A Handbook to the Kaithi Character. Calcutta: Thacker, Spink & Co. • P...

कैथी लिपि के उदाहरण

१. भाषा और लिपि में क्या अंतर है ? २. कैथी क्या है ? ३. कैथी लिपि का महत्व ४. कैथी लिपि का इतिहास ५. कैथी लिपि का विस्तार क्षेत्र ६. कैथी लिपि में कौन सी भाषाएँ लिखी गयी हैं ? ७. कैथी लिपि और देवनागरी लिपि में अंतर ८. कैथी लिपि कापराभव कैसे हुआ ? ९. कैथी के अवसान से क्या परेशानियाँ आईं ? १०. वर्तमान परिदृश्य में कैथी लिपि कीउपयोगिता ११. कैथी लिपि की पुस्तकें १२ . कैथी लिपि कैसे सीखें ? १. भाषा और लिपि मेंक्या अंतर है ? भाषा हमारेविचारों को व्यक्त करने का साधन है। यह अभिव्यक्ति का मौखिक रूप है। मगही, अवधि, मैथिली, आदि भाषाएँ हैं। भाषा कीध्वनियों को लिखनेके लिए हम जिन चिन्हों का इस्तेमाल करते हैं, वही उस भाषा की लिपि कहलाती है। यह अभिव्यक्ति का लिखित रूप है। कैथी लिपि है - मगही, अवधि, मैथिली, आदि कई भाषाओं की। Back To Top २. कैथी क्या है? कैथी, कायथी या कायस्थी नाम से जानी जाने वाली मध्यकालीन उत्तर भारत की बेहद सरल, अत्यंत लोकप्रिय एवं द्रुत गति से लिखी जाने वाली ऐतिहासिक ल कैथी लिपि | Kaithi Script भारत के ज्यादातर भागों में भूमि को मापने के लिए गज, हाथ, गट्ठा, ज़रीब, बिस्वा, कट्ठा, धूर, धुरकी, छुरकी, किल्ला, एकड़, हेक्टेयर, आदि मात्रकों का प्रयोग किया जाता है। उत्तरी भारत में भूमि मापन बीघा, बिस्वा, मारला, कनाल, कट्ठा, धूर, धुरकी, छुरकी, हाथ, आदि इकाइयों में किया जाता है, जबकि दक्षिणी राज्यों में उपयोग की जाने वाली इकाइयों में ग्राउंड, सेंट, अंकनम, गुंठा, आदि शामिल हैं। बीघा, बिस्वा, कट्ठा, आदि इकाइयों के आकार भी भिन्न-भिन्न हैं। इतना ही नहीं, भूमि मापन में प्रयोग की जाने वाली जरीब भी भिन्न-भिन्न है। जरीब पाँच प्रकार के होते हैं : गन्तरिजरीब= 22 गज = 66 फीट फतेहपुरी जरीब = 4...

अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पs आईं जानल जाए भोजपुरी के लिपि :कैथी के बारे

अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पs आईं जानल जाए भोजपुरी के लिपि :कैथी के बारे कैथी- उत्तर भारत के एगो अइसन लिपि जवन लगभग पांच सौ साल ले खूबे बरियारी से अपना वजूद में रहल, आ जेकर आपन एगो समृद्ध इतिहास रहल। आजु बहुते कम लोग कैथी से परिचित होइ, भोजपुरी भासा के आपन लिपि, जवना के प्रसिद्धि एतना रहे जे उ राजस्थान के मारवाड़ी भासा खातियो एक समे में परयोग भइल रहे, बाकिर आजु उहे भोजपुरिया लोग कैथी के नावो कादो जानत होइ की ना। आदित्य राजन :भोजपुरी के नवहा लेखक-गायक भोजपुरी के लिपि:कैथी आजू अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हs ।सब लोग अपना मातृभाषा दिवस के उत्सव के बड़ा जबर आ अलगा-अलगा तरीका से मना रहल बा। आ हमनी के मातृभाषा भोजपुरी हs एह से ख़बर भोजपुरी एह उत्सव के मनावे में काहें पाछे रहे आखिर भाषा के उत्सव के बात तs ओकर विशेष जानकारी शेयर कर रहल बा। भोजपुरी के ओरात भा खत्म होत लिपि ,कैथी लिपि के बारे में। कैथी- उत्तर भारत के एगो अइसन लिपि जवन लगभग पांच सौ साल ले खूबे बरियारी से अपना वजूद में रहल, आ जेकर आपन एगो समृद्ध इतिहास रहल। आजु बहुते कम लोग कैथी से परिचित होइ, भोजपुरी भासा के आपन लिपि, जवना के प्रसिद्धि एतना रहे जे उ राजस्थान के मारवाड़ी भासा खातियो एक समे में परयोग भइल रहे, बाकिर आजु उहे भोजपुरिया लोग कैथी के नावो कादो जानत होइ की ना। त आईं आजु जानल जाव अपना माईभासा भोजपुरी के लेखन पद्धति आ लिपि “कैथी” के बारे में। कैथी शब्द के उत्पत्ति भइल बा ‘कायस्थ’ से। कायस्थ उत्तर भारत के वर्तमान बिहार आ उत्तर प्रदेश के एगो बिसेस जाति हऽ जेकर मुख्य पेसा व्यवसायिक आ आधिकारिक लिखा –पढ़ी के रहे, उ लोग अपना लिखा-पढ़ी में जवन लिपि के परयोग करे लोग, उ ‘कायस्थी’ कहाइल, उहे आगे कायथी आ फेरु कैथी भइल। तब कैथी ...

गुप्त लिपि

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अनुभव: कैथी लिपि

कैथी लिपि जिससे अंग लिपि भी कहा जाता है | देश स्वतंत्र होने के पूर्व यह लिपि देश के अधिकांश भागो की जन लिपि थी ऐसा कहा जा सकता है | यही कारन था की शेरशाह जैसे अधिकांश शाशको ने अपने राजकाज के लिए इसी कैथी लिपि को राजकाज की सञ्चालन की भाषा और लिपि अपनाई और इसे ही बिकसित ,और संरक्छन दिया।उस समय सामान्य जन की लिपि कैथी लिपि ही हुआ करती थी राजकाज के सामान्य कार्य के अलावा लोगो की दैनिक लिखा पढ़ी की एक महत्वपूर्ण लिपि थी। कालान्तर में जब देश पर अंग्रेजो का शासन हुआ करता था उस समय अंग्रेजी राज्य में भी कैथी भाष तो गुजरात के कच्छ से ले कर कोशी छेत्रो तक की राजकीय लिपि बनाई गयी था। सरकार के सारे कार्य के अलावा उस समय के न्याययिक कार्यो के साथ साथ आम जन की कैथी ही सर्वमान्य और समृद्ध लिपि थी इस भाषा लिपि के कारण अंग्रेजो और उसके पूर्व के जमाने के सभी सामान्य जन की लिपि कैथी लिपि ही थी . कैथी भाषा में उस समय के अधिकतर कागजात ,पत्र आदि लिखी मिलती थी और अभी भी मिलती है |पुराने सरकारी दस्ताबेजो को पढने के लिए तो अभी भी राज्य और कन्द्रीय सरकारों को कार्यालयों में बजापते सूचना प्रसाशित कर इस भाषा और लिपि के जानकर लोगो को ऐसे कागजातों को पढ़ने के लिए राशी भुगतान कर रखा जा रहा है क्योकि उस समय के बहुत सारे कागजात में क्या लिखा है जानना जरूरी है |खास कर जमीन जायदाद के मामले में तो और जरूरी होता है जहाँ पुराने सारे के सारे कागजात कैथी लिपि में ही लिखी मिलती है | . जब देश आजाद हुआ तो उस समय की सरकार ने इस भाषा पर ध्यान नही दिया और घिरे धीरे यह कैथी लिपि लुप्त होते चली गयी . मैंने अपने बचपन में देखा है की मेरे पिता जी आपस में जिन पत्रों को लिखा करते थे वे सभी पत्रों की लिपि कैथी लिपि ही हुआ करती ...