Kalratri mata ki aarti

  1. आरती: माँ कालरात्रि की आरती
  2. Maa Kaalratri जाने कालरात्रि माँ की कहानी, आरती, मंत्र व पूजा
  3. माँ कालरात्रि की आरती
  4. navratri 2022 day 7 maa kalratri ji ki aarti in hindi lyrics and video tvi
  5. Aarti of Maa Kalratri Mahakali Ji on the seventh day of Navratri
  6. Maa Baglamukhi Ki Aarti


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आरती: माँ कालरात्रि की आरती

Read in English नवरात्रि के सातवें दिन माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है, माँ कालरात्रि की यह अत्यंत महत्वपूर्ण आरती के लिरिक्स कुछ इस प्रकार से हैं। कालरात्रि जय-जय-महाकाली । काल के मुह से बचाने वाली ॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा । महाचंडी तेरा अवतार ॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा । महाकाली है तेरा पसारा ॥ खडग खप्पर रखने वाली । दुष्टों का लहू चखने वाली ॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा । सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥ सभी देवता सब नर-नारी । गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥ रक्तदंता और अन्नपूर्णा । कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥ ना कोई चिंता रहे बीमारी । ना कोई गम ना संकट भारी ॥ उस पर कभी कष्ट ना आवें । महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥ तू भी भक्त प्रेम से कह । कालरात्रि माँ तेरी जय ॥ यह भी जानें • • • • • • • • • • Aarti Maa Durga Aarti Mata Aarti Navratri Aarti Maa Sherawali Aarti Durga Puja Aarti Maa Durga Aarti Jagran Aarti Mata Ki Chauki Aarti Shukravar Aarti Friday Aarti Gupt Navratri Aarti Kaali Aarti Maa Kali Aarti अन्य प्रसिद्ध माँ कालरात्रि की आरती - कालरात्रि जय महाकाली वीडियो

Maa Kaalratri जाने कालरात्रि माँ की कहानी, आरती, मंत्र व पूजा

Maa Kaalratri माँ की कहानी, मंत्र व पूजा विधि Download Aarti PDF & JPG नवरात्रि का सातवां दिन कालरात्रि माता ( Maa Kaalratri) को समर्पित है। माता दुर्गा अपने उग्र व हिंसक रूप में कालरात्रि के रूप में जानी जाती हैं| माता का यह रूप महाकाली की ही एक अभिव्यक्ति है। एक तरफ माता का यह रूप बुरी शक्तियों के प्रति अत्यंत ही उग्र और हिंसक है वही दूसरी ओर माँ अपने भक्तों के प्रति अत्यंत करूणामयी, कोमल और को शांत है | माता इस रूप मे अपने भक्तो को बुरी शक्तियों का सामना करने का साहस और उनका नाश करने की शक्ति देती है| कालरात्रि माता की कथा Kaalratri Mata Ki Katha Page Contents • • • • • पौराणिक कथाओ के अनुसार शुंभ और निशुंभ दो राक्षसों Kaalratri Mata) का रूप ले लिया। और इन दोनों राक्षसों को मार गिराया| देवी कालरात्रि (Kaalratri Devi) के रूप मे ही माता ने अत्यंत बलशाली राक्षस रक्तबीज का वध किया था| रक्तबीज को वरदान प्राप्त था की उसके खून की हर एक बूँद जो जमींन पर गिरेगी उससे एक और रक्तबीज जन्म ले लेगा| जब माता ने उसका वध किया तो उसका सारा खून पी गयी और खून का एक बूँद भी जमींन पर गिरने नहीं दिया| इसीलिये माता के इस रूप मे उनकी जीभ रक्त रंजित लाल है |( Kaalratri Mata Ki Katha) कालरात्रि ( Kaalratri) दो शब्दों को मिला कर बना है, एक शब्द है काल जिसका अर्थ है “मृत्यु” यह दर्शाता है वह है जो अज्ञानता को नष्ट करती है| और एक शब्द है रात्रि, माता को रात के अंधेरे के गहरे रंग का प्रतीक दर्शाया है | कालरात्रि का रूप दर्शाता है कि एक करूणामयी माँ अपनी सन्तान की सुरक्षा के लिए आवश्यकता होने पर अत्यंत हिंसक और उग्र भी हो सकती है। कालरात्रि माता का स्वरूप Maa Kaalratri Ka Swaroop कालरात्रि माँ (Maa Kaa...

माँ कालरात्रि की आरती

Kalratri Mata Ki Aarti in Hindi Kalratri Mata Ki Aarti Lyrics in Hindi || कालरात्रि जय-जय-महाकाली । काल के मुह से बचाने वाली ॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा । महाचंडी तेरा अवतार ॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा । महाकाली है तेरा पसारा ॥ खडग खप्पर रखने वाली । दुष्टों का लहू चखने वाली ॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा । सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥ सभी देवता सब नर-नारी । गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥ रक्तदंता और अन्नपूर्णा । कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥ ना कोई चिंता रहे बीमारी । ना कोई गम ना संकट भारी ॥ उस पर कभी कष्ट ना आवें । महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥ तू भी भक्त प्रेम से कह । कालरात्रि माँ तेरी जय ॥ Kalratri Mata Ki Aarti in English Kalratri Mata Ki Aarti Lyrics in English || Kalaratri Jai-jai-mahakali । Kaal Ke Muh Se Bachane Wali ॥ Dusht Sangharak Naam Tumhara । Mahachandi Tera Avtar ॥ Prithvi Aur Aakash Pe Sara । Mahakali Hai Tera Pasara ॥ Khadag Khappar Rakhne Wali । Dushton Ka Lahoo Chakhane Wali ॥ Kalkatta Sthan Tumhara । Sab Jagah Dekhoon Tera Najara ॥ Sabhi Devta Sab Nar-nari । Gawen Stuti Sabhi Tumhari ॥ Raktdanta Aur Annapoorna । Kripa Kare to Koi Bhi Duhkh Na ॥ Na Koi Chinta Rahe Bimari । Na Koi Gam Na Sankat Bhari ॥ Us Par Kabhi Kasht Na Aaven । Mahakali Maa Jise Bachabe ॥ Tu Bhi Bhakt Prem Se Kah । Kalratri Maa Teri Jai ॥

navratri 2022 day 7 maa kalratri ji ki aarti in hindi lyrics and video tvi

Navratri 2022 Day 7 Aarti, Maa Kalratri Ji Ki Aarti: आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है. मान्यता है कि सप्तमी तिथि के दिन मां कालरात्रि की पूजा करने पर मां भक्तों की मन की सभी इच्छां पूरी करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि मां दुर्गा का यह रूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है. आज मां कालरात्रि की पूजा के बाद यह आरती भी पढ़ें... कालरात्रि जय-जय-महाकाली। काल के मुह से बचाने वाली॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतार॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥ खडग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥ कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥ सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥ रक्तदंता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥ ना कोई चिंता रहे बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥ उस पर कभी कष्ट ना आवें। महाकाली मां जिसे बचाबे॥ तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि मां तेरी जय॥

Aarti of Maa Kalratri Mahakali Ji on the seventh day of Navratri

Kalaratri jay-jay-mahakali. Kal ke muh se bachane vali. Dusht sangharak nam tumhara. Mahachandi tera avatar. Prthvi aur akash pe sara. Mahakali hai tera pasara. Khadag khappar rakhane vali. Dushton ka lahoo chakhane vali. Kalakatta sthan tumhara. Sab jagah dekhoon tera najara. Sabhi devata sab nar-nari. Gaven stuti sabhi tumhari. Raktadanta aur annapoorna. Krpa kare to koi bhi duhkh na. Na koi chinta rahe bimari. Na koi gam na sankat bhari. Us par kabhi kasht na aven. Mahakali man jise bachabe. Too bhi bhakt prem se kah. Kalaratri man teri jay.

Maa Baglamukhi Ki Aarti

जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी | जय जय श्री बगलामुखी माता, आरती करहूँ तुम्हारी | पीत वसन तन पर तव सोहै, कुण्डल की छबि न्यारी | कर कमलों में मुद्गर धारै, अस्तुति करहिं सकल नर नारी | जय जय श्री बगलामुखी माता ………… चम्पक माल गले लहरावे, सुर नर मुनि जय जयति उचारी | जय जय श्री बगलामुखी माता …………… त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब, भक्ति सदा तव है सुखकारी | जय जय श्री बगलामुखी माता ……………. पालन हरत सृजत तुम जग को, सब जीवन की हो रखवारी || जय जय श्री बगलामुखी माता ……….. मोह निशा में भ्रमत सकल जन, करहु ह्रदय महँ, तुम उजियारी || जय जय श्री बगलामुखी माता ……….. तिमिर नशावहू ज्ञान बढ़ावहु, अम्बे तुमही हो असुरारी | जय जय श्री बगलामुखी माता ……….. सन्तन को सुख देत सदा ही, सब जन की तुम प्राण प्यारी || जय जय श्री बगलामुखी माता ………. तव चरणन जो ध्यान लगावै, ताको हो सब भव – भयहारी | जय जय श्री बगलामुखी माता ……….. प्रेम सहित जो करहिं आरती, ते नर मोक्षधाम अधिकारी || जय जय श्री बगलामुखी माता …………. || दोहा || बगलामुखी की आरती, पढ़ै सुनै जो कोय | विनती कुलपति मिश्र की, सुख सम्पति सब होय || इन्हें भी देखें – BaglaMukhi Aarti Lyrics Jay Jay Shri Baglamukhi Mata, Aarti Karahun Tumhari. Jay Jay Shri Baglamukhi Mata, Aarti Karahun Tumhari. Peet Vasan Tan Par Tav Sohe, Kundal Ki Chavi Nyari. Kar Kamalon Me Mudgar Dhaare, Astuti Karahin Sakal Nar Naari. Jay Jay Shri Baglamukhi Mata ……….. Champak Maal Gale Lahrawe, Sur Nar Muni Jay Jayati Uchari. Jay Jay Shri Baglamukhi Mata ………….. Trividh Taap Miti Jaat Sakal Sab, Bhakti Sada Tav Hai Sukhkaari. Jay Jay Shri Baglamukhi Mata …………… Paalan Harat Srijat T...