Karak ke kitne bhed hain

  1. कारक किसे कहते है ? कारक के कितने भेद है ?


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कारक किसे कहते है ? कारक के कितने भेद है ?

कारक की परिभाषा संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सीधा संबंध क्रिया के साथ ज्ञात हो वह कारक कहलाता है। कारक के उदाहरण – गीता ने दूध पीया। इस वाक्य में ‘गीता’ पीना क्रिया का कर्ता है और दूध उसका कर्म। अतः ‘गीता’ कर्ता कारक है और ‘दूध’ कर्म कारक। कारक विभक्ति किसे कहते हैं ( कारक कितने भेद हैं – Karak ke kitne bhed hai) संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के बाद ‘ने, को, से, के लिए’, आदि जो चिह्न लगते हैं वे चिह्न कारक विभक्ति कहलाते हैं। हिन्दी में आठ कारक होते हैं। उन्हें विभक्ति चिह्नों सहित नीचे देखा जा सकता है – कारक विभक्ति चिह्न (परसर्ग) 1. कर्ता ने 2. कर्म को 3. करण से, के साथ, के द्वारा 4. संप्रदान के लिए, को 5. अपादान से (पृथक) 6. संबंध का, के, की 7. अधिकरण में, पर 8. संबोधन हे ! हरे ! कारक चिह्न स्मरण करने के लिए इस पद की रचना की गई हैं- कर्ता ने अरु कर्म को, करण रीति से जान। संप्रदान को, के लिए, अपादान से मान। का, के, की, संबंध हैं, अधिकरणादिक में मान। रे ! हे ! हो ! संबोधन, मित्र धरहु यह ध्यान। विशेष-कर्ता से अधिकरण तक विभक्ति चिह्न (परसर्ग) शब्दों के अंत में लगाए जाते हैं, किन्तु संबोधन कारक के चिह्न-हे, रे, आदि प्रायः शब्द से पूर्व लगाए जाते हैं। कारक के कुल 8 भेद को नीचे विस्तारसमझाया गया है :- 1. कर्ता कारक किसे कहते हैं जिस रूप से क्रिया (कार्य) के करने वाले का बोध होता है वह ‘कर्ता’ कारक कहलाता है। इसका विभक्ति-चिह्न ‘ने’ है। इस ‘ने’ चिह्न का वर्तमानकाल और भविष्यकाल में प्रयोग नहीं होता है। इसका सकर्मक धातुओं के साथ भूतकाल में प्रयोग होता है। जैसे- 1.राम ने रावण को मारा। 2.लड़की स्कूल जाती है। पहले वाक्य में क्रिया का कर्ता राम है। इसमें ‘ने’ कर्ता कारक का विभक्...

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