केंद्रीय

  1. केंद्रीय विद्यालय एडमिशन 2023 क्लास 1 (Kendriya Vidyalaya Admission 2023 for Class 1)
  2. Kendriya Vidyalaya Sangathan
  3. SETBACK FOR MAMATA WEST BENGAL PANCHAYAT ELECTIONS WILL BE HELD UNDER CENTRAL SECURITY FORCES
  4. केंद्रीय सचिवालय के कार्य
  5. Wonder Why Amit Shah Is Angry With PM Narendra Modi..., MK Stalins Jibe At Home Minister
  6. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीए रहे शर्मा बंधुओं को एडीजे कोर्ट से झटका, चेक बाउंस मामले में सजा बरकरार
  7. भारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डल


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UPSC

– सागर भस्मे या लेखातून आपण राष्ट्रीय उत्पन्नाबाबत जाणून घेऊ या. राष्ट्रीय उत्पन्न हा स्थूल अर्थशास्त्राचा एक महत्त्वाचा विषय आहे. देशाच्या अर्थव्यवस्थेत शेती आणि उद्योग, व्यापार आणि बाजारपेठा , बँक आणि वित्तीय संस्था, विविध विभाग आणि त्यांची कार्यालये, इत्यादींचा समावेश होतो. राष्ट्रीय उत्पन्न हे उत्पादन, वितरण, विनिमय आणि उपभोग या आर्थिक क्रियांचे एकत्रित मापक असते. याबरोबरच ते देशातील लोकांच्या आर्थिक कल्याणाचे वस्तुनिष्ठ ‌निर्देशकही आहे. आधुनिक अर्थव्यवस्था पैशावर आधारित आहे. त्यामुळे देशाचे राष्ट्रीय उत्पन्न हे पैशांमध्ये व्यक्त केले जाते. देशाचे एकूण उत्पन्न म्हणजे राष्ट्रीय उत्पन्न होय. खऱ्या अर्थाने राष्ट्रीय उत्पन्न म्हणजे एका वर्षाच्या कालावधीत देशात उत्पादित होणाऱ्या वस्तू व सेवांचा प्रवाह होय‌. राष्ट्रीय उत्पन्नाबद्दल इतर काही व्याख्यासुद्धा तज्ज्ञांनी केलेल्या आहेत. जसे की, राष्ट्रीय उत्पन्न समिती. प्रा. पी. सी. महालनोबीस यांच्या अध्यक्षतेखाली भारत सरकारद्वारे ऑगस्ट १९९४ मध्ये नियुक्त केलेल्या राष्ट्रीय उत्पन्न समितीमध्ये प्रा. डी .आर. गाडगीळ आणि डॉ. व्ही. के. आर.व्ही. राव हे सदस्य होते. या समितीने राष्ट्रीय उत्पन्नाची व्याख्या मांडलेली आहे, ती पुढीलप्रमाणे, “राष्ट्रीय उत्पन्न म्हणजे एखाद्या विशिष्ट कालखंडात निर्माण करण्यात आलेल्या वस्तू आणि सेवांचे दुहेरी मोजदाद होऊ न देता केलेले मापन होय.” तसेच प्रा. ए. सी. पीगू यांच्या मते, “समाजाच्या वस्तुनिष्ठ उत्पन्नाच्या ज्या भागाची पैशात मोजदाद करता येते, असा भाग म्हणजे राष्ट्रीय उत्पन्न होय,” या उत्पन्नात निव्वळ विदेशी उत्पन्नाचा समावेश केला जातो. तसेच प्रा. आयर्विंग फिशर यांच्या मते राष्ट्रीय उत्पन्न म्हणजे एका वर्षा...

केंद्रीय विद्यालय एडमिशन 2023 क्लास 1 (Kendriya Vidyalaya Admission 2023 for Class 1)

केंद्रीय विद्यालय एडमिशन 2023 क्लास 1 - केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा-1 में प्रवेश की सूची (Kendriya Vidyalaya Class 1 Admission List 2023) ऑनलाइन माध्यम से जारी हो चुकी है जिसका डायरेक्ट लिंक इस लेख में नीचे उपलब्ध है। आपको बता दें कि संपूर्ण केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा-1 में प्रवेश की सूची (Kendriya Vidyalaya Class 1 Admission List 2023) 20 अप्रैल को शाम 7 बजे तक जारी कर दी गई थी। नीचे दिए गए केंद्रीय विद्यालय कक्षा-1 प्रवेश सूची डाउनलोड लिंक की मदद से केंद्रीय विद्यालय एडमिशन 2023 क्लास 1 लिस्ट (Kendriya Vidyalaya Admission 2023 Class 1 List) देखी जा सकती है। छात्र या अभिभावक इस लिंक के माध्यम से सूचà...

Kendriya Vidyalaya Sangathan

• 14 Jan. 2023 PM shares song performance on Pariksha Pe Charcha by students of Kendriya Vidyalaya, Pithoragarh READ MORE • 12 Jan. 2023 छात्रों ने गाया ऐसा गाना कि पीएम मोदी भी हो गए फैन, शेयर करने से खुद को नहीं रोक पाए READ MORE • 11 Jan. 2023 'परीक्षा के भवन में मेरी कलम चली...', स्टूडेंट्स ने गाया गाना तो पीएम मोदी भी शेयर करने से नहीं रोक पाए, कहा- लाजवाब READ MORE • 09 Jan. 2023 ‘Pariksha Par Charcha’: Class 9 student’s painting impresses Modi READ MORE • 08 Jan. 2023 ‘Very Creative’: PM Modi praises student who penned poem on exams READ MORE

SETBACK FOR MAMATA WEST BENGAL PANCHAYAT ELECTIONS WILL BE HELD UNDER CENTRAL SECURITY FORCES

बंगाल के पंचायत चुनावों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की एंट्री, क्या जमीन पर होगा असर? कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सबसे पहले केंद्रीय बलों की तैनाती उन इलाकों और जिलों में की जाये जिन्हें राज्य निर्वाचन आयोग ने संवेदनशील घोषित किया है. कोर्ट ने कहा, ‘इसके बाद, एसईसी राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन योजना की समीक्षा करेगा और जहां भी राज्य पुलिस बल के कर्मियों की कमी है, ऐसे सभी क्षेत्रों में एसईसी अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग करेगा.’ कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आठ जुलाई को होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का मंगलवार को आदेश दिया. अदालत ने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने का फैसला राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के विवेक पर छोड़ दिया. मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने एसईसी को पंचायत चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल के पुलिस बल के साथ मिलकर काम करने के वास्ते केंद्रीय बलों की मांग करने को कहा. उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता, जिसकी अंतिम तिथि 15 जून है. पीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल हैं. नामांकन का समय बढ़ाने का फैसला निर्वाचन आयोग पर पीठ ने कहा कि समय बढ़ाने का फैसला एसईसी को करना है और वह इस मामले में निर्णय लेने के लिए सक्षम है. एसईसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को सोमवार को बताया था कि वह पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि एक दिन बढ़ाकर 16 जून कर सकता है. पीठ ने निर्देश दिया कि सबसे पहले केंद्रीय बलों की तैनाती उन इलाकों और जिलों में की जाये ...

केंद्रीय सचिवालय के कार्य

प्रत्येक मंत्रालय में निम्नतम स्तर पर एक अनुभाग होता है, जिसमें एक अनुभाग अधिकारी होता है तथा कई सहायक और टंकक होते हैं, जो अनुभाग अधिकारी के अधीन काम करते हैं। यह अनुभाग इसे आवंटित किए गए विषय से सम्बन्धित कार्य को करता है। इस अनुभाग को कार्यालय भी कहा जाता है। दो अनुभागों से मिलकर एक शाखा बनती है, जो अवर सचिव के अधीन होती है, जिसे शाखा अधिकारी भी कहते है। दो शाखायें मिलकर एक विभाग बनाती है, जिसका प्रमुख उपसचिव होता है। जब कार्य का भार सचिव के प्रबंधनीय कार्यों से अधिक हो जाता है, तब एक या दो स्कंध और भी बना दिए जाते हें आरै प्रत्येक स्कंध एक संयुक्त सचिव के अधीन होता है। कभी अतिरिक्त सचिव के अधीन भी स्कंध रखे जाते हैं। विभाग आमतौर पर ऐसी इकाइयाँ होती है, जो मंत्रालयों के भीतर होती है और मंत्रालय से सम्बंधित विभिन्न क्षेत्रों को देखती है। इस तरह, सचिवीय पदों का क्रम निम्नानुसार है, प्रत्येक स्तर पर सम्बंधित मामलों को देखने के लिए एक अधिकारी प्रभारी होता है। मंत्रालय: सचिव विभाग: सचिव/विशेष सचिव स्कंध: संयुक्त/ अतिरिक्त सचिव प्रभाग: उपसचिव शाखा: अवर सचिव अनुभाग: अनुभाग अधिकारी सचिव सचिव किसी मंत्रालय या विभाग का प्रशासनिक प्रमुख होता है। वह नीति से सम्बन्धित सभी मामलों में सम्बन्धित मंत्री का प्रमुख सलाहाकार होता है। संबंधित मंत्रालय/विभाग के सभी प्रशासनिक मामले भी इस अधिकारी के अधीन आते हैं। विशेष सचिव एक विशेष सचिव की नियुक्ति एवं उसके पद व वेतन को उचित रूप से परिभाषित नहीं किया गया है। आमतौर पर, उसका वेतन मामले की गम्भीरता (योग्यता) के आधार पर तय किया जाता है। विशेष सचिव एक विभाग या कभी-कभी एक स्कंध का प्रभार संभाल सकता है। संयुक्त/अतिरिक्त सचिव संयुक्त सचिव व अतिरिक्त ...

Wonder Why Amit Shah Is Angry With PM Narendra Modi..., MK Stalins Jibe At Home Minister

चेन्नई: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की 'तमिलनाडु से कोई बने प्रधानमंत्री' वाली टिप्पणी को लेकर तंज़ कसते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने हैरानी जताई, "पता नहीं, PM नरेंद्र मोदी से BJP नेता (अमित शाह) क्यों नाराज़ हैं...?" गृहमंत्री की टिप्पणी पर जवाब देते हुए सलेम में एम.के. स्टालिन बोले, "मैं उनके सुझाव का स्वागत करता हूं, लेकिन मैं नहीं जानता, उन्हें (PM नरेंद्र) मोदी से क्या नाराज़गी है..." यह भी पढ़ें • क्या एकजुट विपक्ष 2024 में PM मोदी को चुनौती दे पाएगा...? देखें, क्या कहते हैं आंकड़े... • PM मोदी पहली राजकीय यात्रा में अमेरिकी संसद को दूसरी बार करेंगे संबोधित- बेहद खास है PM मोदी की यह US यात्रा • पश्चिमी तट पर गंभीर चक्रवाती परिस्थितियों के कारण तेलंगाना में अमित शाह की जनसभा स्थगित मिली ख़बरों के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को तमिलनाडु में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तमिलनाडु का कोई व्यक्ति भविष्य में भारत का प्रधानमंत्री बने. उसी टिप्पणी पर जवाब देते हुए एम.के. स्टालिन ने कहा, "अगर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का विचार है कि किसी तमिलियन को प्रधानमंत्री बनना चाहिए, तो तमिलसाई सौंदराजन (तेलंगाना के गवर्नर) और एल. मुरुगन (केंद्रीय मंत्री) हैं... मेरे विचार में उन्हें प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनने का अवसर मिल सकता है..." BJP के कुछ वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने यह दावा भी किया था कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) ने अतीत में राज्य के दो वरिष्ठ नेताओं को प्रधानमंत्री बनने से रोका था. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान श्री शाह ने कथित तौर...

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पीए रहे शर्मा बंधुओं को एडीजे कोर्ट से झटका, चेक बाउंस मामले में सजा बरकरार

ग्वालियर के जिला एवं सत्र न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायालय ने रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा को चेक बाउंस मामले में दोषी पाया है. दोनों शर्मा बंधु केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पूर्व पीए रहे चुके हैं. कोर्ट ने दोनों को एक साल की सजा और पीड़ित को 1 करोड़ 65 लाख देने का आदेश को भी बरकरार रखा. पांच साल पुराना है मामला दरअसल, मामला पांच साल पुराना साल 2018 का है. शहर के जाने-माने नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एएस भल्ला के साथ पार्टनरशिप में एक डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने के लिए रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा ने अनुबंध किया था. मगर, उनको मशीन पुरानी दे दी गई थी. इसे लेकर डॉक्टर और शर्मा बंधुओं के बीच काफी विवाद हुआ था. इसके बाद रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा की ओर से डॉ. भल्ला को चेक दिया गया था. मगर, चेक बैंक में लगाने के बाद बाउंस हो गया था. इसके खिलाफ डॉक्टर भल्ला ने रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया था. इस पर निचली अदालत ने अक्टूबर 2018 में फैसला सुनाते हुए दोनों को दोषी ठहराया था. शर्मा भाईयों ने फैसले के खिलाफ की थी अपील इस आदेश के खिलाफ शर्मा भाईयों की तरफ से जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया और उनकी एक साल का सजा को बरकरार रखा. इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों को 1 करोड़ 65 लाख रुपए दो किस्तों में देने के आदेश दिए हैं. अब इस सजा से बचने के लिए सिंधिया के पूर्व निजी सचिव रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

भारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डल

इस लेख की सामग्री पुरानी है। कृपया इस लेख को नयी मिली जानकारी अथवा नयी घटनाओं की जानकारी जोड़कर बेहतर बनाने में अधिक जानकारी के लिये केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल, केंद्रीय मंत्रिमंडल नामक एक छोटी कार्यकारी निकाय, भारत में सर्वोच्च निर्णय लेने की संस्था हैं। केवल प्रधानमन्त्री और कैबिनेट मन्त्री ही कैबिनेट के सदस्य होते हैं। भारत में सबसे वरिष्ठ सिविल सेवक, कैबिनेट सचिव, कैबिनेट सचिवालय का नेतृत्व करते हैं, तथा मन्त्रियों की परिषद को प्रशासनिक सहायता प्रदान करते हैं। राज्य मन्त्रियों को अपने काम में कैबिनेट मन्त्रियों की सहायता के साथ काम सौंपा गया हैं। यह सूची अनुक्रम • 1 अधिनियम • 2 श्रेणी • 3 वर्तमान केंद्रीय मंत्री परिषद • 3.1 केबिनेट मंत्री • 3.2 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) • 3.3 राज्य मंत्री • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ अधिनियम सामूहिक रूप से मंत्रियों की परिषद श्रेणी मंत्रियों की तीन श्रेणियाँ हैं, जो रैंक के अवरोही क्रम इस प्रकार हैं • कैबिनेट मंत्री - कैबिनेट के सदस्य; मंत्रालय का नेतृत्व करने वाले • राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) - कनिष्ठ मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं • राज्य मंत्री (MoS) - कनिष्ठ मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं; आमतौर पर उसी मंत्रालय में एक विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाती हैं वर्तमान केंद्रीय मंत्री परिषद वर्तमान केंद्रीय मंत्री परिषद का गठन २०१९ के आम चुनावों के बाद ३० मई, २०१९ को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन केबिनेट मंत्री नाम मंत्रालय कार्यभार पक्ष संसद सदस्य • • • • • • • सभी प्रमुख नीतिगत मामले एवं वे सभी विभाग जो किसी अन्‍य मंत्री को आवंटित न किया गया हो