कहानी और उपन्यास में कोई पांच अंतर बताइए

  1. कहानी, उपन्यास, नाटक में अंतर
  2. कहानी और उपन्यास में अंतर
  3. कहानी और उपन्यास में अंतर: उपन्यास किसे कहते हैं?
  4. hindsablog.हिंदसा by @ Dr. Anita Devi: कहानी और उपन्यास में अंतर
  5. कहानी और उपन्यास में अंतर बताइए। Difference Between Short Story And Novel


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कहानी, उपन्यास, नाटक में अंतर

हेलो दोस्तों….आज हम अपने आलेख में हिंदी से जुड़े कुछ शब्द लाये हैं जिन्हे आप पढ़के जरूर सोच में पड़ जायेंगे कि हाँ आखिर इनमे अंतर है क्या। दोस्तों आज हम कहानी, उपन्यास और नाटक क्या होता है और इनमे क्या अंतर है बातएंगे. क्यूंकि ये सुनने में काफी एक से होते हैं और इनके अंतर भी बहुत बारीक़ होते हैं जिन्हे लोग जल्दी जान नहीं पाते हैं इसलिए आज हमने कई जगह से जानकारी एकत्र कर के उसका निचोड़ निकाल के आपको इनमे अंतर समझाने का प्रयास किया है. सूची • • • • • कहानी क्या है | What is Story in Hindi !! कहानी साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जिसमे कितने भी पात्र मिल के एक दृश्य को समझाने की कोशिश करते हैं. इसमें एक और एक से अधिक पात्र हो सकते हैं जो एक वाक्या को समझाने की कोशिश करते हैं. ये साहित्य की सबसे प्रसिद्ध विधा है. किसी भी कहानी का जन्म उससे जुड़े व्यक्ति के जन्म से ही हो जाता है. कहानी का उद्देश्य लोगों का मनोरंजन करना, उनकी समस्याओं और संवेदनाओं को व्यक्त करना होता है. इसकी एक सीमित सीमा है ये बड़ी और छोटी दोनों हो सकती है. उपन्यास क्या है | What is Novel in Hindi !! उपन्यास शब्द की उत्पत्ति उप + न्यास से हुई है. जिसका सीधा सा अर्थ होता कि कोई ऐसी साहित्यिक पुस्तक जिसे पढ़कर आपको ऐसा लगे कि ये आपके सामने ही घटित हो रहा है. आप भी उसी लेखन का हिस्सा हैं जिसमे आप सबकुछ आराम से देख और महसूस कर सकते हैं. इसमें हर एक पात्र का एक एक भाव तक दर्शाया जाता है लेखक के शब्दों द्वारा जो जीवन की वास्तिविकता को प्रकट करती है. इसकी कोई सीमा नहीं होती है ये कितनी भी बड़ी हो सकती है. नाटक क्या है | What is Drama in Hindi !! नाटक भी साहित्य की एक विधा है जो किसी कहानी पे आधारित होती है लेकिन इसे लिखित...

कहानी और उपन्यास में अंतर

Table of Contents • • • कहानी और उपन्यास में अंतर कहानी • कहानी आकार में छोटा होता है। • कहानी के कथानक हो भी सकते है नहीं भी हो सकते है। • कहानी में जीवन के एक खंड या किसी घटना का चित्रण होता है । • कहानी में एक कथा होता है । • कहानी कम समय से ज्यादा प्रभाव डालता है • कहानी में कम पात्र होते है । • कहानी को एक बैठक में पढ़ा जा सकता है । • उदाहरण – जयशंकर प्रसाद – नीरा. मुंशी प्रेमचंद – नमक का दारोगा । उपन्यास • उपन्यास आकार में बड़ा होता है । • उपन्यास के कथानक अनिवार्य होते है । • उपन्यास में सम्पूर्ण जीवन का चित्रण होता है । • उपन्यास में प्रमुख कथा के साथ गौण कथाएँ भी हो सकता है । • उपन्यास में प्रत्येक स्थल पर प्रभावशीलता नहीं होती है । • उपन्यास में अधिक पात्र होते है । • उपन्यास को एक बैठक में नहीं पढ़ा जा सकता है । • उदाहरण – मुंशी प्रेमचंद – गोदान . रेणु – मेला आँचल ।

कहानी और उपन्यास में अंतर: उपन्यास किसे कहते हैं?

कहानीबिनाकथानककेभीहोसकतीहै,लेकिनउपन्यासमेंकथानकअनिवार्यहोताहै. कथानककोकहानीरचतेसमयअपनीदृष्टिकिसीएकघटनायावस्तुपरकेन्द्रितकरनीपड़तीहै. परन्तुउपन्यासमेंस्थानीयवातावरणकानिर्माणपात्रोंकेचरित्र-चित्रणएवंउनकाचारित्रिकविकास,उसकेसाथहीउनकासंघर्षउपस्थितरहताहै. कथानकऔरशैलीकीदृष्टिसेकहानीउपन्यासकेबहुतनिकटहै. उपन्याससम्पूर्णजीवनहैऔरकहानीउसजीवनकाएकअंश. तोआजहमआपसे कहानीऔरउपन्यासमेंअंतरकेबारेमेंबातकरेंगे. कहानीकिसेकहतेहैं? जीवनमेंऐसेअनेकक्षणऔरऐसीघटनाएँआतीहैं, जोथोड़ेसमयकेलिएआकरभीहमेंचमत्कृतकरजातीहै. कहानीउनक्षणोंऔरघटनाओंकीविवरणात्मकयादगारहै. जहाँयहमानव-जीवनहै, वहांउसकीकहानीभीअवश्यहै. अत: कहानीकहनेकीपरंपराउतनीहीपुरानीहै, जितनापुरानाहमाराजीवनहै. उपन्यास‘गद्य’लेखनकीएकविधाहै.यह‘उपऔरन्यास’दोशब्दोंसेमिलकरबनाहै. इसकामतलबहोताहै, कल्पितऔरलम्बीकहानीजोअनेकपात्रोंऔरघटनाओंसेयुक्तहो. उपन्यासमनावजीवनकीकाल्पनिककथाहै. कहानीऔरउपन्यासमेंअंतर कथानकऔरशैलीकीदृष्टिसेकहानीउपन्यासकेबहुतनिकटहै. बाह्यदृष्टिसेकहानीऔरउपन्यासमेंसमानताअवश्यहै, परन्तुसूक्ष्मदृष्टिसेदेखनेमेंकाफीअंतरभीहै. कथानकउपन्यासकाप्राणहै. कहानीबिनाकथानककेभीहोसकतीहै. कहानीमेंउपन्यासकीतरहगौणकथाएँनहींहोती, केवलएकमुख्यकथाहीहोतीहै. कहानीमेंचरित्रकाहोनाआवश्यकनहीं. उपन्याससम्पूर्णजीवनहैऔरकहानीउसजीवनकाएकअंश. कहानीमेंलेखकअपनीकल्पनाशक्तिकेसहारेकमसेकमपात्रोंतथाचरित्रोंद्वारा, कमसेकमघटनाओंऔरप्रसंगोंकीसहायतासेमनोवांछितकथानक, चरित्र, वातावरण, दृश्यअथवाप्रभावकीसृष्टिकरताहै. प्रभावकहानीकाप्राणहैऔरस्वाभाविकताउसकेस्वरूपकीशपथ. उसकाउद्देश्यजीवनजगतकीप्रकृतिकेछोटे-छोटेकिन्तुसुन्दरऔरमार्मिकचित्रउपस्थितकरनाहै. छोटीकहानीसेप्राप्तमनोरंजनकाआशयसंतोषकीउससाँससेहै, जोक्षण-भरकेलिएमन...

hindsablog.हिंदसा by @ Dr. Anita Devi: कहानी और उपन्यास में अंतर

'उपन्यास और कहानी के अंतर' कहानी और उपन्यास में सबसे बड़ा अंतर आकार का है। उपन्यास जीवन की संपूर्ण वृत्ति को लेकर चलता है जबकि कहानी में आंशिक वृत्ति को ही चित्रित किया जाता है। उपन्यास में मानव जीवन की अनेक संवेदनाओं का वर्णन होता है और उनकी एक योजना होती है। जबकि कहानी में एक ही संवेदना छलकती है वह एक अंग की झांकी मात्र है। उपन्यासकार जीवन के नाना प्रकार के पक्षों से संबंधित व्यापक कथा सामग्री का चयन करता है, किंतु कहानीकार जीवन के किसी एक ही मार्मिक पहलू की प्रस्तुत करता है। उपन्यासकार की भांति वह अपनी कथा को ना तो जटिल रूप दे सकता है और ना ही प्रासंगिक कथाओं में घुमा सकता है। कहानीकार सीधा एक ही कथा को लेकर लक्ष्य की ओर बढ़ता है। उपन्यासकार विभिन्न प्रासंगिक कथाओं से होता हुआ मुख्य कथा को मंथर गति से अंत की ओर ले जाता है। जबकि कहानीकार को यह छूट नहीं होती। उपन्यास में जहां कथा विकास के पांच सोपान होते हैं- आरंभ, विकास ,चरम सीमा ), निगति और अंत होते हैं, वहीं कहानी में केवल तीन तत्व ही मुख्य रहते हैं। उपन्यास की तरह कहानी में निगति के लिए स्थान नहीं होता। कथावस्तु कहानी का अनिवार्य तत्व है। किंतु उपन्यास की भांति इस में कथा सूत्रों का विकास अनिवार्य नहीं है। अनेक आधुनिक चरित्र प्रधान कहानियों में कथावस्तु अत्यंत महत्वपूर्ण होती है जैसे प्रेमचंद की पूस की रात । चरित्र चित्रण की दृष्टि से भी कहानी और उपन्यास में अंतर है। कहानी में पात्रों की संख्या कम होती है, प्रायः एक मुख्य पात्र और एक या दो अन्य पात्र होते हैं। उसमें उपन्यास की तरह अधिक पात्र नहीं होते। उपन्यास में पात्रों के चरित्र को विकसित होने का पूर्ण अवसर मिलता है, जबकि कहानी में पात्रों के चरित्र की रूपरेखा बनान...

कहानी और उपन्यास में अंतर बताइए। Difference Between Short Story And Novel

कहानी और उपन्यास ये दोनों एक साहित्यिक विद्याएं हैं। परंतु प्रकृति की दृष्टि से इन दोनो में जैसी भी समानताएं हैं उसी प्रकार कुछ असमानताएं भी हैं। समानता यह है कि कहानी और उपन्यास दोनों गद्य के प्रकार हैं, और साथ ही साथ कथानक, चरित्र चित्रण, वातावरण, संवाद, आदि ये 6 तत्व उपन्यास के माने जाते हैं, और यही 6 तत्व कहानी के भी माने जाते हैं। कहानी और उपन्यास दोनों ही जीवन के यथार्थ से जुड़ी हुई हैं इसमें लेखक के द्वारा उनके विचार उनके संवेदना वयक्त करते हैं। कहानी में एक ही कथाएं होती हैं और उनमें ना ही कोई प्रसंग होते हैं, यदि किसी कहानी में कोई प्रसंग हैं भी तो वह मुख्य प्रसंग के अभिन्न अंग से जुड़े ही आते हैं, परंतु अगर उपन्यास की बात करें तो वहां पर कथा का विस्तार होता है उसमें एक से ज्यादा कथाएं होती हैं और साथ में ही उनमें अनेक प्रसंग भी होते हैं।