खाटू श्याम चालीसा और आरती

  1. नृसिंह आरती: नमस्ते नरसिंहाय प्रह्लादाह्लाद
  2. श्री खाटू श्याम आरती
  3. श्री खाटू श्याम जी की आरती ( Shri Khatu shyam ji ki aarti hindi)
  4. Khatushyamji Jayanti : आज करें भगवान खाटू श्याम की आरती और चालीसा का पाठ, दूर होगा हर दर्द और संकट
  5. खाटू श्याम आरती
  6. खाटू श्याम आरती (Khatu Shyam Aarti)
  7. श्री खाटू श्यामजी की आरती


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नृसिंह आरती: नमस्ते नरसिंहाय प्रह्लादाह्लाद

Read in English नमस्ते नरसिंहाय प्रह्लादाह्लाद-दायिने हिरण्यकशिपोर्वक्षः- शिला-टङ्क-नखालये इतो नृसिंहः परतो नृसिंहो यतो यतो यामि ततो नृसिंहः बहिर्नृसिंहो हृदये नृसिंहो नृसिंहमादिं शरणं प्रपद्ये तव करकमलवरे नखमद्भुत-शृङ्गं दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम् केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे । * नृसिंह आरती की अंतिम तीन पंक्तियाँ

श्री खाटू श्याम आरती

श्री खाटू श्याम जी की आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti) उनके भक्तों द्वारा प्रतिदिन उत्साह से संगीत, प्रार्थना और दीप पूजा के साथ चालीसा के रूप में गायी जाती है। यह आरती खाटू श्याम जी के भक्तों के द्वारा प्रचलित है और इसमें उनकी महिमा का वर्णन किया जाता है। इस आरती को गाने से खाटू श्याम जी (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti) के भक्तों को उनके चरणों में अपनी भक्ति व्यक्त करने का अवसर मिलता है। यह आरती उन्हें उनके जीवन के कठिन पलों में संबल देती है और उनकी मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायता करती है। इस आरती का गाना भक्तों को सुकून देता है और उन्हें खाटू श्याम जी के (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti) प्रति अधिक विश्वास करने में मदद करता है। यह भी पढ़ें - श्री खाटू श्याम आरती पाठ के फायदे श्री खाटू श्याम आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti) को पढ़ने के कई फायदे होते हैं। यह आरती श्रद्धा एवं भक्ति के साथ श्री खाटू श्याम के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका होता है। इसके अलावा इस आरती को पढ़ने के निम्नलिखित फायदे होते हैं: • मन को शांति मिलती है - श्री खाटू श्याम आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti) को पढ़ने से मन शांत होता है। इस आरती को पढ़ने से मन की उतावली कम होती है और शांति मिलती है। • संबलता मिलती है - श्री खाटू श्याम आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti) को पढ़ने से व्यक्ति को संबलता मिलती है। यह आरती व्यक्ति को सफलता के लिए श्री खाटू श्याम की कृपा की अपेक्षा रखने को प्रेरित करती है। • मनोदशा सुधारती है - श्री खाटू श्याम आरती (Shri Khatu Shyam Ji Ki Aarti) को पढ़ने से मनोदशा सुधारती है। इस आरती को पढ़ने से व्यक्ति की मनोदशा में सकारात्मक परिवर्तन होता है। • दृढ़ता मिलती है...

श्री खाटू श्याम जी की आरती ( Shri Khatu shyam ji ki aarti hindi)

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे । खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे । सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे । भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे । सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे । कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे । निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे…॥

Khatushyamji Jayanti : आज करें भगवान खाटू श्याम की आरती और चालीसा का पाठ, दूर होगा हर दर्द और संकट

डीएनए हिंदीः 4 नवंबर, शुक्रवार को देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान खाटू श्याम की जयंती होती है. भगवान खाटू श्याम भीम के पोते और घटोत्कच्छ के पुत्र थे. इनका मूल नाम बर्बरीक है. भगवान श्रीकृष्ण ने कहने पर इन्होंने अपना शीश यानी मस्तक काट दिया था. तब भगवान श्रीकृष्ण ने इन्हें अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था. इसलिए इन्हें श्याम नाम से पूजा जाता है. इनका प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान (Khatu Shyam Temple Rajasthan) के खाटू नामक जगह पर है. इसलिए इन्हें खाटू श्याम भी कहते हैं. भगवान खाटू श्याम के जन्म दिवस पर इनकी आरती व चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए. इससे आपकी हर कामना पूरी हो सकती है. आगे जानिए भगवान खाटू श्याम की आरती और चालीसा… भगवान खाटू श्याम की आरती (Aarti of Lord Khatu Shyam) ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे. खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे . तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे . खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे . सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे . भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे . सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे . कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे . निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे...॥ ॐ जय श्री श्याम ...

खाटू श्याम आरती

खाटू श्याम आरती | Khatu Shyam Aarti :->खाटू श्याम की आरती व्यक्ति को श्याम जी की सच्ची भक्ति प्रदान करती है और उनकी पूजा पाठ को संपूर्ण संपन्न कराती है खाटू श्याम आरती | Khatu Shyam Aarti ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे* खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे* ॐ जय श्री श्याम हरे…* रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे * तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े * ॐ जय श्री श्याम हरे…* गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे * खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले * ॐ जय श्री श्याम हरे…* मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे * सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे * ॐ जय श्री श्याम हरे…* झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे * भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे * ॐ जय श्री श्याम हरे…* जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे * सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे * ॐ जय श्री श्याम हरे…* श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे * कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे * ॐ जय श्री श्याम हरे…* जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे * निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे * ॐ जय श्री श्याम हरे…* ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे* खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे* ॐ जय श्री श्याम हरे…*

खाटू श्याम आरती (Khatu Shyam Aarti)

Table of Contents • • कौन है खाटूश्यामजी ( Khatu Shyam) खाटू श्यामजी भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार हैं। खाटू श्याम आरती (Khatu Shyam Aarti) ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे । तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे । खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे । सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे । भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे । सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे । कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे । निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे । ABOUT USHindu Gyan, a comprehensive Hinduism resource, delves into this ancient faith. From the Veds to present practices, our articles, films & podcasts cover it all. Our professional insights will help you understand Hinduism's history, philosophy, and spi...

श्री खाटू श्यामजी की आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे। सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ झांझ कटोरा और घड़ि़यावल, शंख मृदंग धुरे। भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे। सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ 'श्री श्याम बिहारीजी' की आरती, जो कोई नर गावे। कहत 'आलूसिंह' स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ तन मन धन सब कुछ है तेरा, हो बाबा सब कुछ है तेरा। तेरा तुझको अर्पण, क्या लोग मेरा॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥ जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे। निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे॥