खाटू श्याम का इतिहास

  1. Khatu Shaym Mandir: खाटू श्याम मंदिर का इतिहास भगवान श्रीकृष्ण से है जुड़ा, जानें शीश दानी की महिमा
  2. खाटूश्यामजी
  3. History of Khatu Shyaam in Hindi
  4. खाटूश्यामजी, राजस्थान
  5. Famous Temple In Rajasthan
  6. खाटू श्याम बाबा का इतिहास ,कौन है खाटू श्याम (Khatu Shyam Baba Ki Khanai,story)
  7. Khatu Shyam Temple Stampede What Is Special In Khatu Shyam Mandir Know Why Khatoo Is Worshiped In Kali Yuga


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Khatu Shaym Mandir: खाटू श्याम मंदिर का इतिहास भगवान श्रीकृष्ण से है जुड़ा, जानें शीश दानी की महिमा

डीएनए हिंदी: राजस्थानके सीकर स्थित (Rajasthan Sikar) खाटू श्याम (Khatu Shaym Temple) के मंदिर में हर साल लोगों की काफी भीड़ होती है. कई बार तो श्रद्धालु खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए सुबह से शाम तक लाइन में लगते हैं और फिर बहुत धक्का मुक्की होती है. खाटू श्याम का मंदिर ( Khatu Shyam Mandir)आज का नहीं है बल्कि हजारों साल पुराना है. राजस्थान में यह सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, यहां दूर दूर से लोग निशान चढ़ाने के लिए आते हैं. श्री खाटू श्याम जी का मंदिर भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए प्रमुख पूजा स्थल माना जाता है. खाटू श्याम के कई नाम हैं और उनकी महिमा भी बहुत है. आइए जानते हैं इस मंदिर का इतिहास और क्या है खाटू श्याम की महिमा. भगवान खाटू श्याम को वर्तमान समय (कलियुग) का देवता माना जाता है. खाटू श्याम मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है. मंदिर के मूल संस्थापकों के वंशज ऐतिहासिक रूप से मंदिर की सेवा करते रहे हैं.ऐसा माना जाता है कि श्री खाटू श्याम मंदिर में हर साल लगभग एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. खाटू श्याम जी मंदिर का इतिहास क्या है (History of Khatu Shyam Temple) खाटू श्याम राजस्थान के खाटू शहर में भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का एक सदियों पुराना मंदिर है.खाटू श्याम मंदिर भगवान कृष्ण की मूर्ति के लिए जाना जाता है जो उनके सिर के रूप में है, श्याम की मूर्ति का रंग भी सांवरा है और उसका आधा सिर कटा हुआ है.राजस्थान के यह राज्य के सबसे प्रमुख पूजा स्थलों में से एक है. इस बेहद खूबसूरत मंदिर की उपस्थिति के कारण ही शहर की लोकप्रियता बढ़ी है. खाटू श्याम मंदिर की कहानी महाभारत के सदियों पुराने हिंदू महाकाव्य से आती है. पांडवों में से एक,भीम के परपोते वीर बर्बरीक को...

खाटूश्यामजी

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History of Khatu Shyaam in Hindi

खाटू श्याम बाबा का इतिहास द्वापर युग में महाभारत से जुड़ा हुआ है। खाटू श्याम बाबा जी को दुनिया के सबसे बड़ा दानी पुरुष भी कहा जाता है। क्युकी महाभारत के समय भगवान श्री कृष्ण के एक बार कहते ही खाटू श्याम बाबा जी ने अपना सर काट कर भगवान श्री कृष्ण के पैरों में रख दिया। जिस जगह श्री कृष्ण ने बरबरीक का सिर स्थापित किया था उस जगह का नाम खाटू था। इसलिए में खाटू जोड़ा गया। खाटू श्याम बाबा जी का असली नाम बरबरीक था। जो महाभारत के सबसे शक्तिशाली योद्धा थे। खाटू श्याम बाबा जी का मुख्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। रोजाना हज़ारों श्रद्धालु इनके दर्शन करने के लिए आते है। कहा जाता है कि इनसे मांगी गई मन्नत हमेशा पूरी होती है। वैसे ये लाइन भारत के सभी भगवानों के लिए भी मान्य है। भारत में ऐसी कोई मंदिर नहीं है जहाँ मन्नत मांगे से पूरी न होती हो। खाटू श्याम बाबा जी कौन थे ? खाटू श्याम बाबा जी का असली नाम बरबरीक था। यह वीर योद्धा भीम के सगे पोता थे। दरसल, जब कौरवों ने पांडवों को बेघर कर दिया था तब पांचों पांडव अपनी माँ कुंती और पत्नी द्रोपदी के साथ जंगल में रहने आये थे। तब उस जंगल में रहने वाले राक्षस हिडिम्ब उन इंसानों (पांडवों) को अपना भोजन बनाने के लिए अपनी बहन हिडिम्बी को उन पांडवों को लेकर आने के लिए भेजा। सोए हुए पड़ावों के पास जाने पर हिडिम्बी को भीम से प्रेम हो गया जो सो रहे बाकि लोगों रखवाली कर रहा था और भीम को अपने पति के रूप में चाहने लगी। बहन के घर नहीं पहुँचने पर राक्षस हिडिम्ब अपनी बहन हिडिम्बी की तलाश में निकल गया। बहन हिडिम्बी को भीम से प्रेम की बातें कर देख राक्षस हिडिम्ब को गुस्सा आ गया। राक्षसी हिडिम्बी के अनुरोध से माँ कुंती ने भीम की शादी हिडिम्बी से कर दी। कुछ स...

खाटूश्यामजी, राजस्थान

अनुक्रम • 1 कैसे पहुंचे • 2 दूरियाँ • 3 कस्बे की विशेषताएँ • 3.1 खाटूश्यामजी • 3.2 श्याम कुंड • 3.3 श्याम बगीची • 3.4 गौरीशंकर मन्दिर • 4 इन्हें भी देखें • 5 सन्दर्भ कैसे पहुंचे [ ] खाटू नगरी के समीप ही दूरियाँ [ ] ■ नजदीकी शहर • • • • • ■ मुख्य शहरों से दूरी • • • • • • सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर में है। कस्बे की विशेषताएँ [ ] खाटूश्यामजी [ ] श्याम कुंड [ ] मंदिर से कुछ दूरी पर ही पवित्र श्याम कुंड स्थित है। बाबा श्याम का शीश इसी जगह से प्राप्त हुआ था इस वजह से इस कुंड के पानी को बड़ा पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह पानी पाताल लोक से आता है और जो भी व्यक्ति इस पानी से स्नान करता है उसके सभी पाप धुल जाते हैं। पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग कुंड बने हुए हैं। कुंड के पास में ही छोटे श्याम मंदिर के साथ-साथ अन्य कई मंदिर बने हुए हैं। श्याम बगीची [ ] मन्दिर के पास में एक समृद्ध बाग है, जहाँ से देवता को समर्पित करने के लिए फूल प्राप्त किये जा सकते हैं। गौरीशंकर मन्दिर [ ] यहाँ शिव मन्दिर भी है, जो खाटू श्यामजी के मन्दिर के पास में ही है। इन्हें भी देखें [ ] • • सन्दर्भ [ ]

Famous Temple In Rajasthan

खाटू श्याम मंदिर कहां और क्या है इतिहास? आपको बता दें कि प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर में स्थित है। इस प्राचीन मंदिर में हर दिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासकर जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में सबसे अधिक भीड़ रहती है, क्योंकि इस मंदिर को भगवान कृष्ण जी का ही रूप माना जाता है।( भारत के अनेखे मंदिर) अगर खाटू श्याम मंदिर के इतिहास के बारे में जिक्र करें तो इसका इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास हजारों साल पुराना है। इस मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि खाटू श्याम को वर्तमान समय में (कलयुग) का देवता माना जाता है। इसे भी पढ़ें: जानें भारत के प्राचीन मंदिरों के बारे में, जिसका वर्षों पुराना है इतिहास खाटू श्याम मंदिर की पौराणिक कथा खाटू श्याम मंदिर को महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है। ऐसी मन्यता है कि भीम का हिडिम्बा के पुत्र घटोत्कच का एक पुत्र था जिसका नाम बर्बरीक था। मान्यता थी कि बर्बरीक को भगवती जगदम्बा से अजेय होने का वरदान प्राप्त था। जब महाभारत युद्ध शुरू होने वाली थी तब बर्बरीक कुरुक्षेत्र की ओर प्रस्थान किया। इसी दौरान उसकी मुलाकात श्री कृष्ण से हुई। जब कृष्णा ने पूछा कि तुम किसकी तरफ से युद्द लड़ने वाले हो तो उन्होंने कहा कि जो पक्ष हार रही होगी उसकी तरफ से लडूंगा। तब श्री कृष्ण ने उन्हें रोकने के लिए दान के रूप में शीश मांग लिया, लेकिन बर्बरीक के इच्छा जाहिर की कि शीश युद्ध वाली जगह रख दीजिए ताकि युद्ध देख सकू। इस बलिदान से श्री कृष्ण बहुत खुश हुए और उन्होंने वरदान दिया कि भविष्य में आपको श्याम के नाम से पूजा जाएगा। इसे भी पढ़ें: तस्वीरों में देखिए दुनिया के 10 सबसे भव्य मंदिरों की एक झलक, भारत नहीं इस देश में...

खाटू श्याम बाबा का इतिहास ,कौन है खाटू श्याम (Khatu Shyam Baba Ki Khanai,story)

Table of Contents • • • • • • • • • • • • खाटू श्याम बाबा का इतिहास || Khatu Shyam Baba History : खाटू श्यामजी (Khatu Shyam Baba) को वर्तमान युग में भगवान कृष्ण के अवतार के रूप में मान्यता प्राप्त है, जबकि महाभारत में भीम की संतान घटोत्कच थी और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक थे । बाबा खाटू श्याम, जिन्हें बर्बरीक के नाम से भी जाना जाता है, इनकी माता का नाम मोरबी था। Khatu Shyam Baba Ji खाटू श्याम बाबा की कहानी || Khatu Shyam Baba Story बर्बरीक माने जाते थे दुनिया के सबसे कुशल धनुर्धार में से एक, जिनके तीन बाण ही काफी थे दोनों कौरवों और पांडवों की सेनाओं को नष्ट करने के लिए। युद्ध के मैदान में, एक पीपल के पेड़ के नीचे दोनों दलों के बीच के मध्य बिंदु पर खड़े भीम के नाती बर्बरीक ने घोषणा की कि वह उस तरफ लड़ेगा जो हार रही होगी। इस भावना से कृष्ण चिंतित हो गए। जब भीम के पौत्र बर्बरीक के सामने अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण ने उनकी वीरता को देखने के लिए उपस्थित हुए, तो बर्बरीक ने अपने छोटे से नमूने से ही अपनी वीरता का परिचय दिया। कृष्ण ने कहा कि इस पेड़ के सभी पत्तों को एक ही तीर से काट दो, तब मैं मान जाऊंगा। बर्बरीक ने आदेश को मानते हुए तीर को पेड़ की ओर छोड़ दिया। जब बाण एक-एक पत्ते को भेद रहा था तो एक पत्ता टूटकर नीचे गिर गया।परन्तु भगवान कृष्ण ने तीर को अपने निशाने पर लगने से रोकने के लिए , पत्ते को अपने पैर के नीचे छुपा लिया। हालाँकि, जैसे ही तीर सभी पत्तों को पार कर रहा था, वह कृष्ण के पैरों के पास आकर रुक गया। उस समय, बर्बरीक ने कृष्ण को अपने पैरों के नीचे पत्ते के बारे में बताया और उनसे अपना पैर हिलाने का अनुरोध किया क्योंकि उन्होंने तीर को केवल पत्तियों को छेदने का निर्देश दिया था। ...

Khatu Shyam Temple Stampede What Is Special In Khatu Shyam Mandir Know Why Khatoo Is Worshiped In Kali Yuga

Khatu Shyam Mandir: खाटू श्याम मंदिर, राजस्थान के सीकर नामक स्थान पर स्थित है. कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. मान्यतानुसार, कलियुग में खाटू श्यमा (Khatu Shyam Ji) जी सबसे प्रसिद्ध भगवान हैं. मान्यता है क जो भक्त खाटू श्याम के मंदिर (Khatu Shyam Mandir) में जाकर खाटू श्याम से जो भी मांगते हैं वह जरूर पूरा होता है. बता दें कि खाटू श्याम में हर महीने मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में खास बातें. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा खाटू श्याम (Baba Khatu Shyam) का संबंध महाभारत काल से है. कहा जाता है कि ये पांडुपुत्र भीम के पोते हैं. मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीकृष्ण खाटू श्याम की शक्तियों और क्षमता से प्रसन्न होकर उन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजने का वरदान दे दिया था. यही कारण है कि कलियुग में खाटू श्याम की पूजा होती है. कैसे पहुंचे खाटू श्याम खाटू श्याम जी का मंदिर (Khatu Shyam Mandir) राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से 80 किमी दूर खाटू गांव में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है. जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है. रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आपको मंदिर के लिए टैक्सी और जीप ले सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से जा रहे हैं, तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. यहां से मंदिर की दूरी 95 किमी है. अगर आप दिल्ली से बाय रोड खाटू श्याम मंदिर जा रहे हैं, तो आपको पहुंचने में करीबन 4 से 5 घंटे का समय लगेगा. हर साल लगता है खाटूश्याम मेला हर साल होली के दौरान खाटू श्यामजी का मेला लगता है. इस प्रसिद्ध मेले में ...