खाटू श्याम के वॉलपेपर

  1. खाटू श्याम कैसे जाएं
  2. खाटू श्याम का इतिहास
  3. Khatu Shyam Wallpapers for Mobile Phone HD Download
  4. Khatu Shyam : कौन है बाबा खाटू श्यामजी? क्या है उनकी कहानी?
  5. Khatu shyam mandir
  6. Lord Khatu Shyam 10 Important Reason For Worshipping In Kali Yuga Know Khatushyam Temple And Significance
  7. खाटू श्याम मेला 2023
  8. खाटू श्याम के चमत्कार
  9. खाटू श्याम जी की जीवन कथा
  10. खाटू श्याम मेला 2023


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खाटू श्याम कैसे जाएं

“खाटू श्याम कैसे जाएं” के इस आर्टिकल की शुरुआत करने से पहले हम लोग जान लेते हैं कि खाटू श्याम कहां है दोस्तों खाटू राजस्थान के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल श्याम खाटू श्याम जी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जो राजस्थान राज्य के सीकर जिले में स्थित एक शहर है खाटू श्याम जी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है जहां हर साल लाखों लोग राजस्थान के साथ-साथ भारत के अन्य स्थानों से दर्शन करने के लिए आते हैं चलिए अब खाटू श्याम कैसे जाएं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं विषय - सूची • • • • • खाटू श्याम कैसे पहुंचे – How To Reach Khatu Shyam Ji Temple. दोस्तों आपको यहीं पर बता देता हूं कि खाटू श्याम में ना तो रेलवे स्टेशन और ना हवाई अड्डा की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसकी वजह से खाटू श्याम पहुंचना सिर्फ सड़क मार्ग के द्वारा ही संभव है। अगर आप सड़क मार्ग के साथ-साथ फ्लाइट एवं ट्रेन के माध्यम से भी खाटू श्याम जाना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको इन सभी साधनों के द्वारा खाटू श्याम जाने में काफी आसानी हो जाएगी। आइए अब जानते हैं कि खाटू श्याम जी मंदिर कैसे पहुंचे? फ्लाइट से खाटू श्याम कैसे जाएं – How To Reach Khatu Shyam By Flight In Hindi. खाटू श्याम का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो खाटू श्याम से करीब 93 किलोमीटर दूर जयपुर शहर में स्थित है। जयपुर एयरपोर्ट से आप टैक्सी के माध्यम से खाटू श्याम जा सकते हैं या फिर जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टैक्सी पकड़कर जयपुर बस स्टैंड जाकर वहां से बस पकड़ कर खाटू श्याम पहुंच सकते हैं। ट्रेन से खाटू श्याम कैसे जाएं – How To Reach Khatu Shyam By Train In Hindi. जैसा कि ऊपर में आपने जाना कि खाटू श...

खाटू श्याम का इतिहास

Khatu Shyam History In Hindi :राजस्थान में खाटू श्याम भगवान की पूजा हर साल बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है। राजस्थान के सीकर जिले में खाटू नगरी नाम का एक स्थान है, जहां पर हर साल फागुन के महीने में निशान यात्रा निकाली जाती है और खाटू श्याम भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। राजस्थान के कुछ भव्य त्योहारों में खाटू श्याम का मेला भी आता है। मगर क्या आप लोगों को पता है खाटू श्याम का इतिहास क्या है? अगर आप खाटू श्याम का इतिहास नहीं जानते तो आज इस लेख में हम आपको राजस्थान में होने वाले खाटू श्याम मेला और भगवान खाटू श्याम के बारे में बताएंगे। Image: Khatu Shyam ka Itihas एक पौराणिक कथा के अनुसार खाटू श्याम का संबंध द्वापर युग के महाभारत काल से है। द्वापर युग के महाभारत युद्ध में जिस वीर योद्धा को बर्बरीक के नाम से जाना जाता था। भगवान श्री कृष्ण ने उसे कलयुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। यही कारण है कि भगवान के श्याम नाम से बर्बरीक को श्याम खाटू के नाम से पूजा जाता है। विषय सूची • • • • • खाटू श्याम का इतिहास | Khatu Shyam History In Hindi खाटू श्याम बर्बरीक का कलयुग अवतार है। द्वापर युग के महाभारत काल में बर्बरीक नाम का एक वीर योद्धा था, जो एक दिन में महज एक तीर से पूरे युद्ध को खत्म कर सकता था। भगवान श्री कृष्ण जानते थे कि इस योद्धा के आने की वजह से धर्म और अधर्म की लड़ाई बेमन्य रह जाएगी। इस वजह से भगवान ने बर्बरीक से उसके शीश का दान मांगा था। बर्बरीक भगवान का परम भक्त था और उसने बिना एक बार सोच अपने शीश को काटकर भगवान को दान में दे दिया। भगवान श्री कृष्ण इससे बहुत प्रसन्न हुए और उसकी इच्छा को पूरा करते हुए आने वाले युग में उसकी पूजा अपने नाम से करने का वरदान दिया था...

Khatu Shyam Wallpapers for Mobile Phone HD Download

Khatu Shyam wallpapers for Mobile Phones are available in a wide variety of designs, colors, resolution and sizes. They can be easily downloaded from the links given below with each wallpaper. These Khatu Shyam Ji Phone wallpapers can be used as a background on computers, smartphones, and tablets. The wallpapers showcase the beautiful image of Khatu Shyam, his divine aura, and his benevolent smile, which is believed to bring peace and prosperity to the devotees. Here are the best high resolution HD Khatu Shyam Wallpapers for your smartphone to download for free. Khatu-Shyam-Mobile-Phone-4K-HD-Wallpapers Using a Khatu Shyam wallpaper as the background on your device is not only visually appealing but also spiritually uplifting. It serves as a constant reminder of the divine presence and the blessings of Khatu Shyam, which can provide comfort and inspiration to the devotees in their daily lives. Related Article: अंत में, खाटू श्याम वॉलपेपर देवता के प्रति भक्ति और प्रेम की एक सुंदर अभिव्यक्ति है। वे व्यापक रूप से उपलब्ध हैं, डाउनलोड करने में आसान हैं, और विभिन्न उपकरणों पर उपयोग किए जा सकते हैं। खाटू श्याम वॉलपेपर का उपयोग करके, भक्त अपने प्रिय देवता की छवि को अपने दिल के करीब रख सकते हैं और उनकी दिव्य उपस्थिति और आशीर्वाद की याद दिला सकते हैं।

Khatu Shyam : कौन है बाबा खाटू श्यामजी? क्या है उनकी कहानी?

राजस्थान के शेखावाटी के सीकर जिले में स्थित है परमधाम खाटू। यहां विराजित हैं खाटू श्यामजी। खाटू का श्याम मंदिर बहुत ही प्राचीन है। यहां पर प्रतिवर्ष फाल्गुन माह शुक्ल षष्ठी से बारस तक यह मेला लगता है। श्याम बाबा की महिमा का बखान करने वाले भक्त राजस्थान या भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में मौजूद हैं। आओ जानते हैं कि कौन है बाबा खाटू श्यामजी? क्या है उनकी कहानी। खाटू श्याम की कहानी : बर्बरीक दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। बर्बरीक के लिए तीन बाण ही काफी थे जिसके बल पर वे कौरवों और पांडवों की पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे। युद्ध के मैदान में भीम पौत्र बर्बरीक दोनों खेमों के मध्य बिन्दु एक पीपल के वृक्ष के नीचे खड़े हो गए और यह घोषणा कर डाली कि मैं उस पक्ष की तरफ से लडूंगा जो हार रहा होगा। बर्बरीक की इस घोषणा से कृष्ण चिंतित हो गए। भीम के पौत्र बर्बरीक के समक्ष जब अर्जुन तथा भगवान श्रीकृष्ण उसकी वीरता का चमत्कार देखने के लिए उपस्थित हुए तब बर्बरीक ने अपनी वीरता का छोटा-सा नमूना मात्र ही दिखाया। कृष्ण ने कहा कि यह जो वृक्ष है ‍इसके सारे पत्तों को एक ही तीर से छेद दो तो मैं मान जाऊंगा। बर्बरीक ने आज्ञा लेकर तीर को वृक्ष की ओर छोड़ दिया। जब तीर एक-एक कर सारे पत्तों को छेदता जा रहा था उसी दौरान एक पत्ता टूटकर नीचे गिर पड़ा। कृष्ण ने उस पत्ते पर यह सोचकर पैर रखकर उसे छुपा लिया की यह छेद होने से बच जाएगा, लेकिन सभी पत्तों को छेदता हुआ वह तीर कृष्ण के पैरों के पास आकर रुक गया। तब बर्बरीक ने कहा कि प्रभु आपके पैर के नीचे एक पत्ता दबा है कृपया पैर हटा लीजिए, क्योंकि मैंने तीर को सिर्फ पत्तों को छेदने की आज्ञा दे रखी है आपके पैर को छेदने की नहीं। उसके इस चमत्कार को देखकर...

Khatu shyam mandir

7 Khatu shyam ji mandir kaise pahunche | कैसे पहुंचे सीकर जिले में स्थित इस मंदिर में हर साल हजारों भक्त आते हैं। आज मैं आपके लिए श्री खाटू श्याम जी की यह खूबसूरत कहानी लेकर आयी हूं। Shri khatu shyam ji – कौन हैं श्री खाटू श्याम जी हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री खाटू श्याम जी ( Shri khatu shyam ji) की कहानी महाभारत काल की है। कहा जाता है कि श्री खाटू श्याम जी घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक के पुत्र हैं और भीम के पोते हैं । कहते हैं की अगर सच्चे मन से श्री खाटू श्याम जी की पूजा किया जाए, तो उनकी सारी परेशानी दूर हो जाती है। Shri Khatu shyam mandir katha | श्री खाटू श्याम जी की कथा श्री खाटू श्याम जी की कहानी महाभारत काल की है। पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में (लगभग साढ़े पांच हजार वर्ष पूर्व) एक महान योद्धा और एक महान आत्मा थे जिनका नाम बर्बरीक था। वह भीम (पांडव भाइयों में से एक) के पोते थे। महिसागर संगम स्थित गुप्त क्षेत्र में नवदुर्गाओं की सात्विक और निस्वार्थ तपस्या करके बर्बरीक ने दिव्य शक्ति और तीन तीर और धनुष प्राप्त किए। महाभारत के युद्ध के दौरान, बर्बरीक ने युद्ध में जाने और कौरवों की मदद करने का फैसला किया। वह किसी भी युद्ध में कमजोर पक्ष की मदद करने के अपने सिद्धांत से बंधे थे। इसलिए उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद लिया और युद्ध के मैदान की तरफ चल दिए । उनका इरादा युद्ध में हारने वाले की मदद करना था। जब भगवान कृष्ण को इस कहानी के बारे में पता चला तो उन्होंने सोचा कि ऐसी स्थिति में युद्ध कभी खत्म नहीं होगा। इसलिए ब्राह्मण के वेश में उन्होंने बर्बरीक का रास्ता रोका और उससे पूछा कि वह कहाँ जा रहा है। बर्बरीक ने भगवान कृष्ण को कुरुक्षेत्र के बारे में बताया। श्रीकृष्ण...

Lord Khatu Shyam 10 Important Reason For Worshipping In Kali Yuga Know Khatushyam Temple And Significance

Khatu Shyam Worshipping: राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम का मंदिर स्थित है. वैसे तो खाटू श्याम के कई मंदिर हैं, लेकिन मान्यता है कि राजस्थान के सीकर में स्थित यह मंदिर खाटू श्याम के सभी मंदिरों में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. खाटू श्याम को कलियुग संसार में सबसे प्रसिद्ध भगवान माना गया है. खाटू श्याम जी के दर्शन करने के लिए लाखों भक्तों की भीड़ हर दिन उमड़ती है. मान्यता है कि जो भक्त यहां आकर भगवान के दर्शन करते हैं और मनोकामना मांगते हैं, उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. कलियुग में खाटू श्याम के पूजे जाने के 10 महत्वपूर्ण कारण • खाटू श्याम का अर्थ है ‘मां सैव्यम पराजित:’ यानी जो हारे और निराश लोगों को संबल प्रदान करता हो. • खाटू श्याम को श्रीकृष्ण का कलयुगि अवतार माना जाता है. खाटू श्याम का जन्मोत्सव कार्तिक शुक्ल की देवउठनी एकादशी के दिन मनाया जाता है. • हिंदू पंचांग के फाल्गुन माह के शुक्ल षष्ठी से लेकर बारस तक खाटू श्याम के मंदिर परिसर में भव्य मेला लगता है. इसे ग्यारस मेला के नाम से भी जाना जाता है. • पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम पांडव पुत्र भीम के पौत्र थे. उनका नाम बर्बरीक था. • भीम के पुत्र का नाम घटोत्कच था और उसके पुत्र का नाम बर्बरीक था. बर्बरीक की माता का नाम हिडिम्बा था. आज के समय में बर्बरीक को ही बाबा खाटू श्याम जी के नाम से जाना जाता है. • महाभारत के बर्बरीक को श्रीकृष्ण ने कलियुग में स्वयं के नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था. आज खाटू श्याम के नाम से बर्बरीक को पूजा जाता है. • स्वप्न दर्शनोपरांत बाबा श्याम, खाटू धाम में स्थित कुंड में प्रकट हुए और श्रीकृष्ण शालीग्राम के रूर में मंदिर में दर्शन देते हैं. • भगवान श्रीकृष्ण को अपना शीश दान देने के कारण खाटू श्...

खाटू श्याम मेला 2023

लेख सारणी • • • • • • खाटू श्याम मेला 2023 – Khatu Shyam Mela 2023 खाटू श्याम मेला 2023 – फाल्गुन मास में बाबा खाटूश्याम जी का मुख्य मेला लगता है। खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान राज्य के सीकर जिले में रिंगस से 18 किमी की दूरी पर स्थित है और सीकर और जयपुर से जुड़ा हुआ बाबा श्याम का धाम है। यह मेला हर वर्ष फाल्गुन मास में तिथि के आधार पर अष्टमी से बारस की तिथि तक पांच दिनों के लिये आयोजित किया जाता है। इस लक्खी मेले में देश-विदेश से लाखो की संख्या में श्रद्धालु बाबा खाटूश्याम जी के श्रृद्धापूर्ण दर्शन करने के लिए आते है। यहाँ भजनसंध्या में तरह-तरह के कलाकार आते हैं जो रातभर भजन एवं कीर्तन करते हैं। खाटू श्याम मेला 2023 – भक्तों की लाखों की संख्या को देखते हुये हर वर्ष प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्था की जाती है जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। इसके अलावा खाटूनगरी में बहुत सारी धर्मशालायें भी है जो भक्तजनो के विश्राम के लिए बनाई हुई है। खाटू श्याम मेला 2023 – मंदिर तक पहुंचने के लिए भी छोटे रास्तो को चौड़ा करके 40 फिट किया जा रहा है। जिससे की भक्तो को मंदिर तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो पहले रास्ता सकड़ा होने के कारण बहुत परेशानियो का सामना करना पड़ता था। खाटू श्याम का मेला कब है – Khatu Shyam Ka Mela Kab Hai खाटू श्याम मेला 2023 – खाटू श्याम जी का फाल्गुनी लक्खी मेला 6 मार्च 2023 से शुरू हो रहा है और 15 मार्च 2023 तक चलेगा। खाटू श्याम जी का लक्खी मेला 9 से 10 दिनों तक चलता है। यहा पर सम्पूर्ण भारत वर्ष के अलावा विदेशो से भी भक्त बाबा के दर्शनों के लिए आते है। बाबा शयाम का लक्खी मेला प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास में ही लगता है यहाँ मेले में लाखो की संख्या में भक्त बाबा के द...

खाटू श्याम के चमत्कार

खाटूश्याम के बारें में : खाटू श्याम का धाम राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है। यहाँ मंदिर के दर्शन करने हर वर्ष करोड़ों लोग आते है। आस्था ऐसी है की कई लोग मीलोँ दूर से पैदल तक यहाँ आते है। बाबा श्याम में भक्तों की आस्था दिनोंदिन बढ़ती (khatu shyam ji darshan) जा रही है। किसी जमाने में यहां पर केवल फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशमी को ही सैकड़ों श्याम भक्त आकर भजन कीर्तन करते थे। बाद में फाल्गुन का लक्खी मेला (khatu shyam mela 2023) शुरू हुआ। खाटू श्याम के चमत्कार : खाटू श्याम को भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार के रूप में जाना जाता है। ऐसा कहे जाने के पीछे एक पौराणिक कथा हाथ है। एक बार जब लक्षागृह की घटना के बाद पांडव वन-वन भटक रहे थे। उस समय उनकी मुलाकात हिडिम्बा नामक राक्षसी से होती हैं। वह भीम से विवाह करना चाहती थी। भीम की माता कुंती की आज्ञा से भीम और हिडिम्बा का विवाह हुआ। उनको घटोत्कच नामक पुत्र हुआ। घटोत्कच से बर्बरीक का जन्म हुआ जो अपने पिता से भी शक्तिशाली था। बर्बरीक देवी का बहुत बड़ा भक्त था। देवी के वरदान से बर्बरीक को तिन दिव्य बाण की प्राप्ति हुई। जो बाण अपने लक्ष्य को भेद कर वापस लौट आते थे। इस वजह से वह अजेय हो गया। महाभारत के युद्ध के दौरान बर्बरीक युद्ध देखने के लिए कुरुक्षेत्र जा रहा था। श्री कृष्ण जानते थे। के अगर बर्बरीक इस युद्ध में शामिल हो गया। तो युद्ध का परिणाम पांड्वो के विरुद्ध में होगा। बर्बरीक को रोकने के लिए श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप लिया। और पूछा की “तुम कौन हो और कुरुक्षेत्र क्यों जा रहे हो”। श्री कृष्ण को जवाब देते हुए बर्बरीक ने कहा की “वह एक दानी योद्धा है। और एक बाण से महाभारत के युद्ध का निर्णय कर सकता हैं”। श्री कृष्ण ने उसकी पर...

खाटू श्याम जी की जीवन कथा

Table of Contents • • • • • • • खाटू श्याम जी का जन्म – Birth Of Khatu Shyam Ji In Hindi हिन्दू पौराणिक कथायों के अनुसार खाटू श्याम जी का जन्म या बर्बरीक का जन्म महभारत काल के दौरान हुआ था वे गदाधारी भीम और नाग कन्या मौरवी के पुत्र थे। खाटू श्याम जी की जीवन कथा – khatu Shyam(barbarik ki kahani) in Hindi भारत के सबसे प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में से एक खाटू श्याम जी का मंदिर मुख्य रूप से बर्बरीक नामक महाभारत के दानव को समर्पित है। इसीलिए खाटू श्याम जी की जीवन कथा की शरुआत महाभारत से शुरू होती है। आपको बता दें कि पहले खाटू श्याम जी का नाम बर्बरीक था। वे बलवान गदाधारी भीम और नाग कन्या मौरवी के पुत्र थे। बचपन से ही उनमें वीर योद्धा बनने के सभी गुण थे। उन्होंने युद्ध करने की कला अपनी मां और श्रीकृष्ण से सीखी थी। उन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या करके तीन बाण प्राप्त किए। ये तीनों बाण उन्हें तीनों लोकों में विजयी बनाने के लिए काफी थे। एक बार जब उन्हें पता चला कि कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध होने वाला है, तो उन्होंने भी युद्ध में शामिल होने की इच्छा जताई। इसके लिए जब वे अपनी मां के पास आशीर्वाद लेने पहुंचे तो उन्होंने हारे हुए पक्ष की ओर से युद्ध लड़ने का वचन दिया। जब उन्हें बर्बरीक के इस वचन का पता चला तो वे ब्राह्मण का रूप धारण कर उनका मजाक उड़ाने लगे और कहने लगे कि वे तीन बाण से क्या युद्ध लड़ेंगे। तब बर्बरीक ने कहा कि उनका एक बाण ही शत्रु सेना को मारने के लिए काफी है, ऐसे में अगर उन्होंने तीन तीरों का इस्तेमाल किया तो ब्रह्मांड का विनाश हो जाएगा। ये जानकर भगवान श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को चुनौती दी कि पीपल के इन सभी पत्तों को वेधकर बताओ। बर्बरीक ने चुनौती स्वीकार की। उनकी परीक्षा ले...

खाटू श्याम मेला 2023

लेख सारणी • • • • • • खाटू श्याम मेला 2023 – Khatu Shyam Mela 2023 खाटू श्याम मेला 2023 – फाल्गुन मास में बाबा खाटूश्याम जी का मुख्य मेला लगता है। खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान राज्य के सीकर जिले में रिंगस से 18 किमी की दूरी पर स्थित है और सीकर और जयपुर से जुड़ा हुआ बाबा श्याम का धाम है। यह मेला हर वर्ष फाल्गुन मास में तिथि के आधार पर अष्टमी से बारस की तिथि तक पांच दिनों के लिये आयोजित किया जाता है। इस लक्खी मेले में देश-विदेश से लाखो की संख्या में श्रद्धालु बाबा खाटूश्याम जी के श्रृद्धापूर्ण दर्शन करने के लिए आते है। यहाँ भजनसंध्या में तरह-तरह के कलाकार आते हैं जो रातभर भजन एवं कीर्तन करते हैं। खाटू श्याम मेला 2023 – भक्तों की लाखों की संख्या को देखते हुये हर वर्ष प्रशासन की ओर से उचित व्यवस्था की जाती है जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। इसके अलावा खाटूनगरी में बहुत सारी धर्मशालायें भी है जो भक्तजनो के विश्राम के लिए बनाई हुई है। खाटू श्याम मेला 2023 – मंदिर तक पहुंचने के लिए भी छोटे रास्तो को चौड़ा करके 40 फिट किया जा रहा है। जिससे की भक्तो को मंदिर तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो पहले रास्ता सकड़ा होने के कारण बहुत परेशानियो का सामना करना पड़ता था। खाटू श्याम का मेला कब है – Khatu Shyam Ka Mela Kab Hai खाटू श्याम मेला 2023 – खाटू श्याम जी का फाल्गुनी लक्खी मेला 6 मार्च 2023 से शुरू हो रहा है और 15 मार्च 2023 तक चलेगा। खाटू श्याम जी का लक्खी मेला 9 से 10 दिनों तक चलता है। यहा पर सम्पूर्ण भारत वर्ष के अलावा विदेशो से भी भक्त बाबा के दर्शनों के लिए आते है। बाबा शयाम का लक्खी मेला प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास में ही लगता है यहाँ मेले में लाखो की संख्या में भक्त बाबा के द...