Kharif fasal kise kahate hain

  1. इतिहास किसे कहते हैं
  2. (Zaid Crops) जायद की फसल किसे कहते हैं
  3. रवि और खरीफ की फसल किसे कहते है?
  4. Rabi Crops
  5. (Zaid Crops) जायद की फसल किसे कहते हैं
  6. Rabi Crops
  7. रवि और खरीफ की फसल किसे कहते है?
  8. इतिहास किसे कहते हैं
  9. Rabi Crops
  10. इतिहास किसे कहते हैं


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इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ नीमराना किले का इतिहास और जानकारी | Neemrana Fort Palace History in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन...

(Zaid Crops) जायद की फसल किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • जायद की फसल किसे कहते हैं | Zaid Ki Fasal Kise Kahte Hai जायद फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएं सहन करने की अच्छी क्षमता पाई जाती है| जायद फसलें खरीफ फसल और रबी फसल से ज्यादा तेज गर्मी और शुष्क हवाओं को सहन कर सकती हैं| उत्तर भारत में जायद की फसल का समय मार्च अप्रैल में बोई जाती है| जायद की फसल (Zaid Crops) कौन कौन सी है? जायद फसल के अंतर्गत नीचे दी गई मुख्यत: निम्नलिखित फसले आती हैं| जायद की फसल के उदाहरण इस प्रकार है- मूंगफली यह फसल भारत की मुख्यता तिलहनी फसल है, जो गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश राज्य में सबसे अधिक उगाई जाती है| अच्छे जल निकास वाली भुरभुरी दोमट व बलुई दोमट मिट्टी में मूंगफली की फसल काफी अच्छी होती है| उत्तर भारत में समानता मूंगफली की फसल 15 जून से 15 जुलाई के मध्य बो दी जाती है| मूंगफली की फसल लगभग 115 से 120 दिन में तैयार हो जाती है| मूंगफली की फसल के लिए सड़ी गोबर की खाद काफी फायदेमंद होती है| मूंगफली की किस्में : गिरनार-2, राज मूंगफली-3, राज दुर्गा (RG-425), टी. जी. – 37 ए, गिरनार-4 और गिरनार-5 अच्छी किस्म की फसलें मानी जाती है| उड़द उड़द की फसल एक उष्णकटिबंधीय फसल होता है, इसलिए इस फसल की बुवाई के लिए आद्र एवं गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है| उड़द की खेती के लिए समुचित जल निकास वाली बलुई दोमट भूमि की आवश्यकता होती है| उड़द की उन्नत किस्में : टी-9, पंत यु-19, पंत यु-30, जे.वाई.पी., यु. जी.-218 आदि किस्में हैं| उड़द की फसल को बसंत ऋतु के फरवरी-मार्च में तथा खरीफ ऋतु के जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह तक बो दिया जाता है| प्रति हेक्टेयर मिश्रित फसल के लिए 15 से...

रवि और खरीफ की फसल किसे कहते है?

रवि की फसल किसे कहते हैं? | rabi ki fasal kya hai रबी ’शब्द एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है वसंत। रबी की फसलें वो फसलें होती हैं जो सर्दियों के मौसम की शुरुआत में लगाई जाती हैं और वसंत के मौसम में कटाई की जाती हैं, दक्षिण एशियाई देशों यानी भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि में, ये देश में मानसून के अंत में बोई जाती हैं, आमतौर पर अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत। रबी की फसल शीत ऋतु की फसल है। इन्हें नवंबर-दिसंबर में बोया जाता है और गर्मी के मौसम की शुरुआत में यानी अगले साल मार्च-अप्रैल में काटा जाता है। उदाहरण हैं: गेहूं, जौ, चना मटर, हरी मटर, सरसों, गोभी आदि। खरीफ की फसल किसे कहते हैं? | kharif ki fasal kise kahate hain इन्हें भी पढ़ें:- खरीफ फसलें: मानसून के मौसम की फसलें मई-जून में बोई जाती हैं और अक्टूबर-नवंबर में काटी जाती हैं। खरीफ मौसम में फसलों के लिए पानी का मुख्य स्रोत वर्षा है, कुछ पूरक सिंचाई के साथ, यदि उपलब्ध हो, तो सूखे या सूखे की अवधि के दौरान फसलों को बचाने के लिए। चावल प्रमुख खरीफ फसल है, इसके बाद अन्य उष्णकटिबंधीय अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, आदि और अनाज फलियां (दालें) और तिलहन फसलें हैं। बाढ़ वाले खेतों में केवल मानसून के मौसम में चावल उगाए जा सकते हैं, जबकि ऊपरी क्षेत्रों में अन्य फसलों को वर्षा की सहायता से उगाया जा सकता है। खरीफ की फसल बरसात के मौसम में उगाई जाती है। इन्हें जून-जुलाई में बोया जाता है और अक्टूबर-नवंबर में काटा जाता है। उदाहरण हैं: धान, ज्वार, तिल, शकरकंद, हल्दी आदि। • रवि की फसलें नवंबर-दिसंबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में काट ली जाती है। • गेहूं चना, जों,मटर, तिलहन, आदि रबी की प्रमुख फसलें हैं। मूंग एवं उड़द की दलहन फसलें इस ऋतु की प्र...

Rabi Crops

रबी की फ़सल: इन फसलों की बुआई के समय कम तापमान तथा पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है। ये फसलें सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं। भारत में वे सभी फसलें जो सर्दी एवं वसंत ऋतू में होती है, उन्हें रबी की फसल कहा जाता है। यह अक्टूबर के अंत से मार्च या अप्रैल के बीच तक का समय होता है। रबी की फसलों को सर्दी की फसलों के रूप में भी जाना जाता है। अक्टूबर वह समय होता है जब पूर्व – उत्तर में मानसून की शुरुआत और दक्षिण – पश्चिम में मानसून की वापसी होती है। अक्टूबर की महिना बीजों की बुवाई का समय होता है जबकि फसलों की कटाई मार्च एवं अप्रैल माह में की जाती है. इस मौसम के दौरान फसलों को सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। और इन फसलों को बढ़ने के लिए कम नमी और शांत वातावरण चाहिए होता है। रबी की फसलों के उदाहरण गेंहू, जौ, जई, तोरिया (लाही), राई और सरसों, पीली सरसों, अलसी, कुसुम, रबी मक्का, शिशु मक्का (बेबी कॉर्न) की खेती, चना, मटर, मसूर, रबी राजमा, बरसीम, मशरूम की खेती, आलू की खेती आदि। 1. गेहूं, मध्य पूर्व के लेवांत क्षेत्र से आई एक घास है जिसकी खेती दुनिया भर में की जाती है। विश्व भर में, भोजन के लिए उगाई जाने वाली धान्य फसलों मे मक्का के बाद 2. जौ जौ पृथ्वी पर सबसे प्राचीन काल से कृषि किये जाने वाले अनाजों में से एक है। इसका उपयोग प्राचीन काल से धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। संस्कृत में इसे “यव” कहते हैं। रूस, यूक्रेन, अमरीका, जर्मनी, कनाडा और भारत में यह मुख्यत: पैदा होता है। यह गेहूँ के मुकाबले अधिक सहनशील पौधा है। इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में बोया जा सकता है, पर मध्यम, दोमट भूमि अधिक उपयुक्त है। खेत समतल और जलनिकास योग्य होना चाहिए। प...

(Zaid Crops) जायद की फसल किसे कहते हैं

Table of Contents • • • • • जायद की फसल किसे कहते हैं | Zaid Ki Fasal Kise Kahte Hai जायद फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएं सहन करने की अच्छी क्षमता पाई जाती है| जायद फसलें खरीफ फसल और रबी फसल से ज्यादा तेज गर्मी और शुष्क हवाओं को सहन कर सकती हैं| उत्तर भारत में जायद की फसल का समय मार्च अप्रैल में बोई जाती है| जायद की फसल (Zaid Crops) कौन कौन सी है? जायद फसल के अंतर्गत नीचे दी गई मुख्यत: निम्नलिखित फसले आती हैं| जायद की फसल के उदाहरण इस प्रकार है- मूंगफली यह फसल भारत की मुख्यता तिलहनी फसल है, जो गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश राज्य में सबसे अधिक उगाई जाती है| अच्छे जल निकास वाली भुरभुरी दोमट व बलुई दोमट मिट्टी में मूंगफली की फसल काफी अच्छी होती है| उत्तर भारत में समानता मूंगफली की फसल 15 जून से 15 जुलाई के मध्य बो दी जाती है| मूंगफली की फसल लगभग 115 से 120 दिन में तैयार हो जाती है| मूंगफली की फसल के लिए सड़ी गोबर की खाद काफी फायदेमंद होती है| मूंगफली की किस्में : गिरनार-2, राज मूंगफली-3, राज दुर्गा (RG-425), टी. जी. – 37 ए, गिरनार-4 और गिरनार-5 अच्छी किस्म की फसलें मानी जाती है| उड़द उड़द की फसल एक उष्णकटिबंधीय फसल होता है, इसलिए इस फसल की बुवाई के लिए आद्र एवं गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है| उड़द की खेती के लिए समुचित जल निकास वाली बलुई दोमट भूमि की आवश्यकता होती है| उड़द की उन्नत किस्में : टी-9, पंत यु-19, पंत यु-30, जे.वाई.पी., यु. जी.-218 आदि किस्में हैं| उड़द की फसल को बसंत ऋतु के फरवरी-मार्च में तथा खरीफ ऋतु के जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई के पहले सप्ताह तक बो दिया जाता है| प्रति हेक्टेयर मिश्रित फसल के लिए 15 से...

Rabi Crops

रबी की फ़सल: इन फसलों की बुआई के समय कम तापमान तथा पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है। ये फसलें सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं। भारत में वे सभी फसलें जो सर्दी एवं वसंत ऋतू में होती है, उन्हें रबी की फसल कहा जाता है। यह अक्टूबर के अंत से मार्च या अप्रैल के बीच तक का समय होता है। रबी की फसलों को सर्दी की फसलों के रूप में भी जाना जाता है। अक्टूबर वह समय होता है जब पूर्व – उत्तर में मानसून की शुरुआत और दक्षिण – पश्चिम में मानसून की वापसी होती है। अक्टूबर की महिना बीजों की बुवाई का समय होता है जबकि फसलों की कटाई मार्च एवं अप्रैल माह में की जाती है. इस मौसम के दौरान फसलों को सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। और इन फसलों को बढ़ने के लिए कम नमी और शांत वातावरण चाहिए होता है। रबी की फसलों के उदाहरण गेंहू, जौ, जई, तोरिया (लाही), राई और सरसों, पीली सरसों, अलसी, कुसुम, रबी मक्का, शिशु मक्का (बेबी कॉर्न) की खेती, चना, मटर, मसूर, रबी राजमा, बरसीम, मशरूम की खेती, आलू की खेती आदि। 1. गेहूं, मध्य पूर्व के लेवांत क्षेत्र से आई एक घास है जिसकी खेती दुनिया भर में की जाती है। विश्व भर में, भोजन के लिए उगाई जाने वाली धान्य फसलों मे मक्का के बाद 2. जौ जौ पृथ्वी पर सबसे प्राचीन काल से कृषि किये जाने वाले अनाजों में से एक है। इसका उपयोग प्राचीन काल से धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। संस्कृत में इसे “यव” कहते हैं। रूस, यूक्रेन, अमरीका, जर्मनी, कनाडा और भारत में यह मुख्यत: पैदा होता है। यह गेहूँ के मुकाबले अधिक सहनशील पौधा है। इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में बोया जा सकता है, पर मध्यम, दोमट भूमि अधिक उपयुक्त है। खेत समतल और जलनिकास योग्य होना चाहिए। प...

रवि और खरीफ की फसल किसे कहते है?

रवि की फसल किसे कहते हैं? | rabi ki fasal kya hai रबी ’शब्द एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है वसंत। रबी की फसलें वो फसलें होती हैं जो सर्दियों के मौसम की शुरुआत में लगाई जाती हैं और वसंत के मौसम में कटाई की जाती हैं, दक्षिण एशियाई देशों यानी भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि में, ये देश में मानसून के अंत में बोई जाती हैं, आमतौर पर अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत। रबी की फसल शीत ऋतु की फसल है। इन्हें नवंबर-दिसंबर में बोया जाता है और गर्मी के मौसम की शुरुआत में यानी अगले साल मार्च-अप्रैल में काटा जाता है। उदाहरण हैं: गेहूं, जौ, चना मटर, हरी मटर, सरसों, गोभी आदि। खरीफ की फसल किसे कहते हैं? | kharif ki fasal kise kahate hain इन्हें भी पढ़ें:- खरीफ फसलें: मानसून के मौसम की फसलें मई-जून में बोई जाती हैं और अक्टूबर-नवंबर में काटी जाती हैं। खरीफ मौसम में फसलों के लिए पानी का मुख्य स्रोत वर्षा है, कुछ पूरक सिंचाई के साथ, यदि उपलब्ध हो, तो सूखे या सूखे की अवधि के दौरान फसलों को बचाने के लिए। चावल प्रमुख खरीफ फसल है, इसके बाद अन्य उष्णकटिबंधीय अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, आदि और अनाज फलियां (दालें) और तिलहन फसलें हैं। बाढ़ वाले खेतों में केवल मानसून के मौसम में चावल उगाए जा सकते हैं, जबकि ऊपरी क्षेत्रों में अन्य फसलों को वर्षा की सहायता से उगाया जा सकता है। खरीफ की फसल बरसात के मौसम में उगाई जाती है। इन्हें जून-जुलाई में बोया जाता है और अक्टूबर-नवंबर में काटा जाता है। उदाहरण हैं: धान, ज्वार, तिल, शकरकंद, हल्दी आदि। • रवि की फसलें नवंबर-दिसंबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में काट ली जाती है। • गेहूं चना, जों,मटर, तिलहन, आदि रबी की प्रमुख फसलें हैं। मूंग एवं उड़द की दलहन फसलें इस ऋतु की प्र...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ नीमराना किले का इतिहास और जानकारी | Neemrana Fort Palace History in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन...

Rabi Crops

रबी की फ़सल: इन फसलों की बुआई के समय कम तापमान तथा पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती है। ये फसलें सामान्यतः अक्तूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं। भारत में वे सभी फसलें जो सर्दी एवं वसंत ऋतू में होती है, उन्हें रबी की फसल कहा जाता है। यह अक्टूबर के अंत से मार्च या अप्रैल के बीच तक का समय होता है। रबी की फसलों को सर्दी की फसलों के रूप में भी जाना जाता है। अक्टूबर वह समय होता है जब पूर्व – उत्तर में मानसून की शुरुआत और दक्षिण – पश्चिम में मानसून की वापसी होती है। अक्टूबर की महिना बीजों की बुवाई का समय होता है जबकि फसलों की कटाई मार्च एवं अप्रैल माह में की जाती है. इस मौसम के दौरान फसलों को सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। और इन फसलों को बढ़ने के लिए कम नमी और शांत वातावरण चाहिए होता है। रबी की फसलों के उदाहरण गेंहू, जौ, जई, तोरिया (लाही), राई और सरसों, पीली सरसों, अलसी, कुसुम, रबी मक्का, शिशु मक्का (बेबी कॉर्न) की खेती, चना, मटर, मसूर, रबी राजमा, बरसीम, मशरूम की खेती, आलू की खेती आदि। 1. गेहूं, मध्य पूर्व के लेवांत क्षेत्र से आई एक घास है जिसकी खेती दुनिया भर में की जाती है। विश्व भर में, भोजन के लिए उगाई जाने वाली धान्य फसलों मे मक्का के बाद 2. जौ जौ पृथ्वी पर सबसे प्राचीन काल से कृषि किये जाने वाले अनाजों में से एक है। इसका उपयोग प्राचीन काल से धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। संस्कृत में इसे “यव” कहते हैं। रूस, यूक्रेन, अमरीका, जर्मनी, कनाडा और भारत में यह मुख्यत: पैदा होता है। यह गेहूँ के मुकाबले अधिक सहनशील पौधा है। इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में बोया जा सकता है, पर मध्यम, दोमट भूमि अधिक उपयुक्त है। खेत समतल और जलनिकास योग्य होना चाहिए। प...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ नीमराना किले का इतिहास और जानकारी | Neemrana Fort Palace History in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन...