Khatu shyam mandir kaha hai

  1. Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के अलावा कहां
  2. श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन और यात्रा की (A
  3. Khatu Shyam Temple Stampede What Is Special In Khatu Shyam Mandir Know Why Khatoo Is Worshiped In Kali Yuga
  4. Khatu Shyam Mandir: इस तारीख को खुलेगा खाटू श्याम जी का दरबार, जानें कब और कैसे कर सकेंगे दर्शन
  5. खाटूश्याम जी की असली सच्चाई वैज्ञानिक भी हैरान?
  6. Online Booking for Khatu Shyam Ji Mandir Darshan – www.khatooshyamji.com
  7. Khatu Shyam Temple Stampede What Is Special In Khatu Shyam Mandir Know Why Khatoo Is Worshiped In Kali Yuga
  8. खाटूश्याम जी की असली सच्चाई वैज्ञानिक भी हैरान?
  9. Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के अलावा कहां
  10. Khatu Shyam Mandir: इस तारीख को खुलेगा खाटू श्याम जी का दरबार, जानें कब और कैसे कर सकेंगे दर्शन


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Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के अलावा कहां

डीएनए हिंदी: Khatu Shyam Ji Mandir Kaha Hain- हिंदू धर्म में खाटू श्याम की बहुत मान्यता है, कोलकाता, दिल्ली, राजस्थान में खाटू श्याम के बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, यहां एकादशी के दिन भव्य रूप से पूजा होती है और मेला भी लगता है. श्रीकृष्ण के कलियुगी अवतार को श्याम के नाम से पूजा जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि देश के किन शहरों में खाटू श्याम के भव्य मंदिर हैं. सीकर जी श्री खाटू श्याम जी का सबसे पुराना और भव्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में है, जहां पर उन्हें बाबा श्याम कहते हैं. इस मंदिर में भक्तों की लंबी लाइन लगती है, फाल्गुन मास में मेला भी लगता है. इस मंदिर को सीकर जी का मंदिर भी कहते हैं. दिल्ली दिल्ली के अलीपुर में हाल ही में खाटू श्याम का एक मंदिर बना है, जो दिल्ली धाम के नाम जाना जा रहा है. दिल्ली के जीटी करनाल रोड किनारे स्थित तिबोली गार्डन के पास एक लाख वर्ग गज भूमि पर ये मंदिर बना है. यहां मंदिर के साथ-साथ 36 धाम, 36 घाट और 19 मंजिला अत्याधुनिक धर्मशाला का भी निर्माण किया जा रहा है. यह भी पढ़ें- खाटू श्याम की आरती और कुछ भजन सुनें जयपुर जयपुर में भी खाटू श्याम का मंदिर स्थापित है. खाटू श्याम का मंदिर जयपुर से 80 किमी दूर खाटू गांव में मौजूद है. खाटू श्याम जी पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है, जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है कोलकाता के कई जगहों पर बाबा श्याम का मंदिर है, ऐसी मान्यता है कि इन मंदिरों में जाते ही श्याम जी सबकी बिनती सुन लेते हैं. कोलकाता में खाटू श्याम के भक्त काफी ज्यादा हैं, वहां राजस्थानियों की आबादी ज्यादा है. कोलकाता के घुसरीधाम, बांगुर, आलमबाजार में श्याम जी का मंदिर है. घुसरीधाम का मंदिर बहुत पुराना और फेमस है. यहां ए...

श्री खाटू श्याम मंदिर के दर्शन और यात्रा की (A

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित हिंदू प्रसिद्ध तीर्थ स्थल खाटू श्याम मंदिर की यात्रा पर जाने का विचार कर रहे हैं तो आपको इस लेख को निश्चित रूप से अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए जिससे खाटू श्याम के दर्शन , पूजा विधि और आसपास की जगहों को घूमने में आसानी होगी। यह मंदिर भक्तों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि यहां भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा की नहीं अपितु पांडव पुत्र भीम के पोते बर्बरीक की पूजा की जाती है। और इसका उल्लेख श्री भगवत गीता में बड़े सुंदर शब्दों में किया गया। हर साल फागुन महीने के एकादशी से 5 पांच दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। चलिए यात्रा की जानकारी शुरू करने से पहले खाटू श्याम के इतिहास के पन्नों को पलट कर एक नजर डालते हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह की राधा की जगह बर्बरीक की पूजा भगवान श्री कृष्ण के साथ यहां क्यों होती है ? Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • खाटू श्याम का इतिहास खाटू श्याम जी मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ कुरुक्षेत्र में पांडवो और कौरवो के बीच युद्ध ये दौरान भीम के पोते बर्बरीक का नाम आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा। • बर्बरीक की तप , साधना और शिक्षा से भगवान शिव प्रसन्न होकर तीन ऐसे बाण दिए जो लक्ष्य को भेद कर वापस लौटा सकता था इसी की कारण बर्बरीक बहुत शक्तिशाली बन गए और जब कुरुक्षेत्र में युद्ध शुरू हुआ तब उन्होंने पांडवो की तरह से लड़ने की इक्षा जाहिर किया । • बर्बरीक के तीन बाण और शक्ति के बारे में भगवान् श्री कृष्ण भली भाती जानते थे की यदि बर्बरीक युद्ध में भाग लेता है तो पांडव बड़े आसानी से ही जीत हासिल करे लेंगे और न्याय की अभिव्यक्ति नहीं हो पायेगी । • तब कृष्ण जी...

Khatu Shyam Temple Stampede What Is Special In Khatu Shyam Mandir Know Why Khatoo Is Worshiped In Kali Yuga

Khatu Shyam Mandir: खाटू श्याम मंदिर, राजस्थान के सीकर नामक स्थान पर स्थित है. कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. मान्यतानुसार, कलियुग में खाटू श्यमा (Khatu Shyam Ji) जी सबसे प्रसिद्ध भगवान हैं. मान्यता है क जो भक्त खाटू श्याम के मंदिर (Khatu Shyam Mandir) में जाकर खाटू श्याम से जो भी मांगते हैं वह जरूर पूरा होता है. बता दें कि खाटू श्याम में हर महीने मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में खास बातें. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा खाटू श्याम (Baba Khatu Shyam) का संबंध महाभारत काल से है. कहा जाता है कि ये पांडुपुत्र भीम के पोते हैं. मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीकृष्ण खाटू श्याम की शक्तियों और क्षमता से प्रसन्न होकर उन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजने का वरदान दे दिया था. यही कारण है कि कलियुग में खाटू श्याम की पूजा होती है. कैसे पहुंचे खाटू श्याम खाटू श्याम जी का मंदिर (Khatu Shyam Mandir) राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से 80 किमी दूर खाटू गांव में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है. जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है. रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आपको मंदिर के लिए टैक्सी और जीप ले सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से जा रहे हैं, तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. यहां से मंदिर की दूरी 95 किमी है. अगर आप दिल्ली से बाय रोड खाटू श्याम मंदिर जा रहे हैं, तो आपको पहुंचने में करीबन 4 से 5 घंटे का समय लगेगा. हर साल लगता है खाटूश्याम मेला हर साल होली के दौरान खाटू श्यामजी का मेला लगता है. इस प्रसिद्ध मेले में ...

Khatu Shyam Mandir: इस तारीख को खुलेगा खाटू श्याम जी का दरबार, जानें कब और कैसे कर सकेंगे दर्शन

डीएनए हिंदी: राजस्थान के सीकर में प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) के दो माह से बंद चल रहे कपाट. जल्द ही खुलने वाले है. उनके दर्शन अभिलााी भक्तों के ​लिए यह बड़ी खबर है. इसकी वजह खाटू श्याम मंदिर में हर दिन लाखों की संख्या में भक्तों का पहुंचना है. इसी को देखते हुए मंदिर के विस्तार के लिए 13 नवंबर 2022 से मंदिर के कपाट बंद कर काम शुरू किया गया था, जो अब पूरा हो चुका है. दरअसल, सीकर के जिलाधिकारी अमित यादव ने हाल ही में मंदिर के विस्तार से लेकर सभी तैयारियों के लिए एक समीक्षा बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने मंदिर कमेटी को 15 जनवरी तक भी तैयारियों को निपटाने के आदेश दिए हैं. 15 जनवरी को मंदिर खुलने से पहले एक बार फिर डीएम मंदिर की तैयारियों का खुद जायजा लेंगे. प्रशासन की मोहर लगने के बाद खाटू श्याम मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. हर दिन एक लाख भक्त आराम से कर सकेंगे दर्शन खाटू श्याम जी मंदिर में विस्तार के बाद यहां हर दिन एक लाख भक्तों के आराम से दर्शन करने की व्यवस्था कर दी गई है. अब भक्तों की 16 लाइनें लगेंगी. इन्हीं लाइनों में लगकर भक्त आराम से बाबा के दर्शन कर सकेंगे. वहीं सीकर के कलेक्टर ने कहा कि हमारा लक्ष्य मंदिर में हर दिन 10 लाख से भी ज्यादा भक्तों के दर्शन की व्यवस्था करना है. साथ ही आराम से दर्शन की करने की व्यवस्था की गई है. अब हर दर्शन के मिलेगा ज्यादा समय घाटू श्याम के भक्तों को मंदिर में बाबा के दर्शन करने के लिए पहले से भी ज्यादा समय मिलेग. अब भक्त 4 मिनट तक बाबा के सामने सिर झुकाकर अपनी मनोकामना मांग सकते है. हालांकि इससे पहले भक्तों को बाबा की एक झलक ही देखने को मिलती थी. अब बिना धक्का मुक्की आराम से दर्शन कर सकेंगे. दो महीने में मंदिर में इन चीज...

खाटूश्याम जी की असली सच्चाई वैज्ञानिक भी हैरान?

बाबा श्याम, हारे का सहारा, लखदाता खाटू श्याम जी, नीले घोड़े का सवार, मौर्य नंदन, खाटू नरेश और शीर्ष का दानी, जितने निराले बाबा श्याम के नाम और भक्त है.khatu shyam mandir उतना ही रोचक इनका इतिहास है. आज हम जानेगे की आखिर क्यों राजस्थान के शिकर जिले के एक गाँव खाटू के नरेश खाटू श्याम जी को पूरी दुनिया में भी शीर्ष के दानी के नाम से भी क्यों जाना जाता है. कौन है खाटू श्याम जी और कैसे बने बाबा श्याम इनके पीछे कौन सी पौराणिक कथा है. चलिए आज आप को बताते है खाटू श्याम जी की कहानी. khatu shyam mandir की सम्पूर्ण कहानी. Table of Contents • • • क्या है असली सच्चाई खाटू श्याम जी की ? khatu shyam mandir कौरव वंश के राजा दुर्योधन ने निर्दोष पांड्वो को सताने और उन्हें मारने के लिए लक्ष्य ग्रह का निर्माण किया था. और सौभाग्य बस वे उसमे से बच निकले. और वनवास में रहने लगे. एक समय जब वे वन में सो रहे थे उस स्थान के पास ही एक हिडमब्ब नाम का राक्षस अपनी बहन हिदिम्बी के साथ रहता था. तब उन्हें मनुष्य यानी की पांड्वो की गंध आयी तो उन्हें देखकर ये राक्षस अपनी बहन से बोला की इन मनुष्यों को मार कर मेरे पास ले आओ. वे अपने भाई का आदेश पाकर वह वहा आयी जहा पास ही पांड्व द्रोपदी सहित सो रहे थे. भीम उनकी रक्षा में जाग रहा था. भीम के स्वरुप को देख कर हिदिम्बनी उन पर मोहित हो गयी. और मन ही मन सोचने लगे की मेरे लिए उपयुक्त पति यही हो सकता है. khatu shyam mandir. खाटू श्याम मंदिर कहां पर है ? khatu shyam mandir उसने भाई की परवाह किये बिना भीम को पति मान लिया. और कुछ देर बाद हिदिम्बनी के वापस ना लौटने पर हिडिम्बा वहा आया. और स्त्री के सुन्दर बेश में भीम से अपनी बहन को बाते करते हुए देख कर बड़ा क्रोधित हुआ. उसके ...

Online Booking for Khatu Shyam Ji Mandir Darshan – www.khatooshyamji.com

दर्शंनार्थियो के लिए निम्न बातो का ध्यान रखना अनिवार्य होगा • श्री श्याम मंदिर दिनांक 11 नवम्बर 2020 से आम दर्शनार्थियों हेतू दर्शन के लिए फिर से खोला जायेगा ! गृह मंत्रालय द्वारा जारी कोविड-19 के दिशानिर्देश के अनुसार जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ दर्शन की व्यवस्था की जाएगी! • सभी भक्तो के दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना अनिवार्य है ! बिना पंजीकरण के दर्शन लाइन में प्रवेश नही मिलेगा ! • रविवार, एकादशी, द्वादशी को आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शनों की व्यवस्था बंद रहेगी !कृपया इन उक्त दिवसों में बाबा श्याम के दर्शन श्री श्याम मंदिर कमेटी की अधिकृत वेबसाइट एवं यूट्यूब चैनल पर कर सकेंगे ! • ऑनलाइन दर्शन पंजीकरण रूप से 10 January 2021 तक उपलब्ध होगा! (दर्शन की यह प्रणाली पूर्ण रूप से स्थाई है और भक्तों की सुविधा अर्थ सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बिना किसी अग्रिम सूचना के आधार पर परिवर्तन किए जा सकते हैं!) • आप आधिकारिक वेबसाइट • दर्शन का समय निम्नानुसार होगा :- • प्रातः 8:00 से 9:00 एवं प्रातः 9:00 से 10:00 • प्रातः 10:00 से 11:00 एवं प्रातः 11:00 से 12:00 तक • शाम 4:00 से 5:00 एवं शाम 05:00 से 06:00 • शाम 07:00 से 8:00 एवं शाम 08:00 से 9:00 तक नोट: प्रारंभिक चरण में प्रयोगात्मक रूप से श्री श्याम मंदिर कमेटी एवं प्रशासन द्वारा भक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीमित समय में सीमित संख्या में भक्तों को दर्शन व्यवस्था की गई है!• प्रत्येक भक्तों को मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा वह सामाजिक दूरी बनाए रखना होगा दर्शन करने की लाइन बाजार या दुकानों में वह हर जगह सामाजिक दूरी बनाए रखें! • यदि कोई जुकाम खांसी या बुखार से पीड़ित है तो वह मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करेगा! ...

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Khatu Shyam Mandir: खाटू श्याम मंदिर, राजस्थान के सीकर नामक स्थान पर स्थित है. कहा जाता है कि यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. मान्यतानुसार, कलियुग में खाटू श्यमा (Khatu Shyam Ji) जी सबसे प्रसिद्ध भगवान हैं. मान्यता है क जो भक्त खाटू श्याम के मंदिर (Khatu Shyam Mandir) में जाकर खाटू श्याम से जो भी मांगते हैं वह जरूर पूरा होता है. बता दें कि खाटू श्याम में हर महीने मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में खास बातें. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा खाटू श्याम (Baba Khatu Shyam) का संबंध महाभारत काल से है. कहा जाता है कि ये पांडुपुत्र भीम के पोते हैं. मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीकृष्ण खाटू श्याम की शक्तियों और क्षमता से प्रसन्न होकर उन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजने का वरदान दे दिया था. यही कारण है कि कलियुग में खाटू श्याम की पूजा होती है. कैसे पहुंचे खाटू श्याम खाटू श्याम जी का मंदिर (Khatu Shyam Mandir) राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर से 80 किमी दूर खाटू गांव में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है. जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है. रेलवे स्टेशन से निकलने के बाद आपको मंदिर के लिए टैक्सी और जीप ले सकते हैं. अगर आप फ्लाइट से जा रहे हैं, तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. यहां से मंदिर की दूरी 95 किमी है. अगर आप दिल्ली से बाय रोड खाटू श्याम मंदिर जा रहे हैं, तो आपको पहुंचने में करीबन 4 से 5 घंटे का समय लगेगा. हर साल लगता है खाटूश्याम मेला हर साल होली के दौरान खाटू श्यामजी का मेला लगता है. इस प्रसिद्ध मेले में ...

खाटूश्याम जी की असली सच्चाई वैज्ञानिक भी हैरान?

बाबा श्याम, हारे का सहारा, लखदाता खाटू श्याम जी, नीले घोड़े का सवार, मौर्य नंदन, खाटू नरेश और शीर्ष का दानी, जितने निराले बाबा श्याम के नाम और भक्त है.khatu shyam mandir उतना ही रोचक इनका इतिहास है. आज हम जानेगे की आखिर क्यों राजस्थान के शिकर जिले के एक गाँव खाटू के नरेश खाटू श्याम जी को पूरी दुनिया में भी शीर्ष के दानी के नाम से भी क्यों जाना जाता है. कौन है खाटू श्याम जी और कैसे बने बाबा श्याम इनके पीछे कौन सी पौराणिक कथा है. चलिए आज आप को बताते है खाटू श्याम जी की कहानी. khatu shyam mandir की सम्पूर्ण कहानी. Table of Contents • • • क्या है असली सच्चाई खाटू श्याम जी की ? khatu shyam mandir कौरव वंश के राजा दुर्योधन ने निर्दोष पांड्वो को सताने और उन्हें मारने के लिए लक्ष्य ग्रह का निर्माण किया था. और सौभाग्य बस वे उसमे से बच निकले. और वनवास में रहने लगे. एक समय जब वे वन में सो रहे थे उस स्थान के पास ही एक हिडमब्ब नाम का राक्षस अपनी बहन हिदिम्बी के साथ रहता था. तब उन्हें मनुष्य यानी की पांड्वो की गंध आयी तो उन्हें देखकर ये राक्षस अपनी बहन से बोला की इन मनुष्यों को मार कर मेरे पास ले आओ. वे अपने भाई का आदेश पाकर वह वहा आयी जहा पास ही पांड्व द्रोपदी सहित सो रहे थे. भीम उनकी रक्षा में जाग रहा था. भीम के स्वरुप को देख कर हिदिम्बनी उन पर मोहित हो गयी. और मन ही मन सोचने लगे की मेरे लिए उपयुक्त पति यही हो सकता है. khatu shyam mandir. खाटू श्याम मंदिर कहां पर है ? khatu shyam mandir उसने भाई की परवाह किये बिना भीम को पति मान लिया. और कुछ देर बाद हिदिम्बनी के वापस ना लौटने पर हिडिम्बा वहा आया. और स्त्री के सुन्दर बेश में भीम से अपनी बहन को बाते करते हुए देख कर बड़ा क्रोधित हुआ. उसके ...

Khatu Shyam Mandir: राजस्थान के अलावा कहां

डीएनए हिंदी: Khatu Shyam Ji Mandir Kaha Hain- हिंदू धर्म में खाटू श्याम की बहुत मान्यता है, कोलकाता, दिल्ली, राजस्थान में खाटू श्याम के बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, यहां एकादशी के दिन भव्य रूप से पूजा होती है और मेला भी लगता है. श्रीकृष्ण के कलियुगी अवतार को श्याम के नाम से पूजा जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि देश के किन शहरों में खाटू श्याम के भव्य मंदिर हैं. सीकर जी श्री खाटू श्याम जी का सबसे पुराना और भव्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में है, जहां पर उन्हें बाबा श्याम कहते हैं. इस मंदिर में भक्तों की लंबी लाइन लगती है, फाल्गुन मास में मेला भी लगता है. इस मंदिर को सीकर जी का मंदिर भी कहते हैं. दिल्ली दिल्ली के अलीपुर में हाल ही में खाटू श्याम का एक मंदिर बना है, जो दिल्ली धाम के नाम जाना जा रहा है. दिल्ली के जीटी करनाल रोड किनारे स्थित तिबोली गार्डन के पास एक लाख वर्ग गज भूमि पर ये मंदिर बना है. यहां मंदिर के साथ-साथ 36 धाम, 36 घाट और 19 मंजिला अत्याधुनिक धर्मशाला का भी निर्माण किया जा रहा है. यह भी पढ़ें- खाटू श्याम की आरती और कुछ भजन सुनें जयपुर जयपुर में भी खाटू श्याम का मंदिर स्थापित है. खाटू श्याम का मंदिर जयपुर से 80 किमी दूर खाटू गांव में मौजूद है. खाटू श्याम जी पहुंचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन रिंगस है, जहां से बाबा के मंदिर की दूरी 18.5 किमी है कोलकाता के कई जगहों पर बाबा श्याम का मंदिर है, ऐसी मान्यता है कि इन मंदिरों में जाते ही श्याम जी सबकी बिनती सुन लेते हैं. कोलकाता में खाटू श्याम के भक्त काफी ज्यादा हैं, वहां राजस्थानियों की आबादी ज्यादा है. कोलकाता के घुसरीधाम, बांगुर, आलमबाजार में श्याम जी का मंदिर है. घुसरीधाम का मंदिर बहुत पुराना और फेमस है. यहां ए...

Khatu Shyam Mandir: इस तारीख को खुलेगा खाटू श्याम जी का दरबार, जानें कब और कैसे कर सकेंगे दर्शन

डीएनए हिंदी: राजस्थान के सीकर में प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर (Khatu Shyam Mandir) के दो माह से बंद चल रहे कपाट. जल्द ही खुलने वाले है. उनके दर्शन अभिलााी भक्तों के ​लिए यह बड़ी खबर है. इसकी वजह खाटू श्याम मंदिर में हर दिन लाखों की संख्या में भक्तों का पहुंचना है. इसी को देखते हुए मंदिर के विस्तार के लिए 13 नवंबर 2022 से मंदिर के कपाट बंद कर काम शुरू किया गया था, जो अब पूरा हो चुका है. दरअसल, सीकर के जिलाधिकारी अमित यादव ने हाल ही में मंदिर के विस्तार से लेकर सभी तैयारियों के लिए एक समीक्षा बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने मंदिर कमेटी को 15 जनवरी तक भी तैयारियों को निपटाने के आदेश दिए हैं. 15 जनवरी को मंदिर खुलने से पहले एक बार फिर डीएम मंदिर की तैयारियों का खुद जायजा लेंगे. प्रशासन की मोहर लगने के बाद खाटू श्याम मंदिर के कपाट खोले जाएंगे. हर दिन एक लाख भक्त आराम से कर सकेंगे दर्शन खाटू श्याम जी मंदिर में विस्तार के बाद यहां हर दिन एक लाख भक्तों के आराम से दर्शन करने की व्यवस्था कर दी गई है. अब भक्तों की 16 लाइनें लगेंगी. इन्हीं लाइनों में लगकर भक्त आराम से बाबा के दर्शन कर सकेंगे. वहीं सीकर के कलेक्टर ने कहा कि हमारा लक्ष्य मंदिर में हर दिन 10 लाख से भी ज्यादा भक्तों के दर्शन की व्यवस्था करना है. साथ ही आराम से दर्शन की करने की व्यवस्था की गई है. अब हर दर्शन के मिलेगा ज्यादा समय घाटू श्याम के भक्तों को मंदिर में बाबा के दर्शन करने के लिए पहले से भी ज्यादा समय मिलेग. अब भक्त 4 मिनट तक बाबा के सामने सिर झुकाकर अपनी मनोकामना मांग सकते है. हालांकि इससे पहले भक्तों को बाबा की एक झलक ही देखने को मिलती थी. अब बिना धक्का मुक्की आराम से दर्शन कर सकेंगे. दो महीने में मंदिर में इन चीज...