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  1. पढ़िए किडनी खराब होने के ये हैं 14 लक्षण
  2. किडनी: इमेज, कार्य, रोग, उपचार और दवाएं
  3. किडनी के बीमारी के 14 लक्षणों को जानें
  4. किडनी ट्रांसप्लांट क्या है?
  5. Kidney Ki Bimari Ke Lakshan
  6. किडनी (गुर्दे) का कैंसर


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पढ़िए किडनी खराब होने के ये हैं 14 लक्षण

किडनी शरीर का एक ऐसा अंग होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर पेशाब के रूप में निकालने में मदद करती है. रक्त को साफ करने का काम करने वाली किडनी आमतौर पर हमारी लापरवाही का शिकार होती है. आज विश्व किडनी दिवस है तो इस मौके पर आप अपनी किडनी के बारे में जानें और उसे स्वस्थ रखने का प्रण ले. हमारी किडनी शरीर के बीचो बीच कमर के पास होती है. यह अंग मुट्ठी के बराबर होता है. हमारे शरीर में दो किडनियां होती हैं. अगर एक किडनी पूरी तरह से खराब हो जाए तो भी शरीर ठीक चलता रहता है. हृदय के द्वारा पम्प किए गए रक्त का 20 प्रतिशत किडनी में जाता है, जहां यह रक्त साफ होकर वापस शरीर में चला जाता है. इस तरह से किडनी हमारे रक्त को साफ कर देती है और सारे टॉक्सिन्स पेशाब के जरिए शरीर से बाहर कर देती है. खराब जीवनशैली और कभी-कभी दवाईयों के कारण किडनी के ऊपर बूरा प्रभाव पड़ता है. किडनी के बीमारी के बारे में सबसे बूरी बात यह है कि इसका पता प्रथम अवस्था में नहीं चलता है. जब ये अंतिम अवस्था में चला जाता है तब इसका पता चलता है, इसलिए इसको साइलन्ट किलर कहते हैं. इसलिए किडनी के बीमारी के प्रथम अवस्था को समझने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता लगाना ज़रूरी होता है. किडनी के खराब होने के दूसरे लक्षण उसके 80% खराब होने के बाद नजर में आते हैं. किडनी खराब होने के हैं ये 14 लक्षण: 1. पेशाब करने की मात्रा और समय में बदलाव आना: किडनी के बीमारी के प्रथम अवस्था में पेशाब की मात्रा और होने के समय में बदलाव आने लगता है. यूरिनरी के कार्य में बदलाव. 2. पेशाब की मात्रा बढ़ जाना या एकदम कम हो जाना: पेशाब की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है. 3. पेशाब का रंग बदल जाना: पेशाब का रंग गाढ़ा हो जाना या रंग में ...

किडनी: इमेज, कार्य, रोग, उपचार और दवाएं

शरीर में किडनीज़, बीन के आकार के दो अंग होते हैं जो आपके ब्लड (रक्त) को फ़िल्टर (छानते) करते हैं। आपकी किडनी, आपके यूरिनरी सिस्टम का हिस्सा होती हैं। प्रतिदिन, आपकी किडनी लगभग 200 क्वॉर्टर फ्लूइड को फिल्टर करती है। इतना फ्लूइड लगभग एक बड़े बाथटब को भर सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान, आपके किडनी शरीर से वेस्ट मटेरियल को हटाती है, जो आपके शरीर से यूरिन (पेशाब) के रूप में बाहर निकलता है। ज्यादातर लोग, 200 क्वॉर्टर में से रोजाना लगभग दो क्वॉर्टर यूरिन बाहर निकालते हैं। जबकि शरीर अन्य 198 क्वॉर्टर फ्लूइड का पुन: उपयोग करता है। आपकी किडनी, आपके शरीर के फ्लुइड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस (संतुलित) करने में भी मदद करती हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स, बहुत आवश्यक मिनरल्स होते हैं जिनमें सोडियम और पोटेशियम शामिल हैं। किडनी, शरीर का अतयधिक महत्वपूर्ण अंग होता है। दिल (हृदय) से जो रक्त बाहर निकलता है, उसका लगभग एक तिहाई किडनियों को फ़िल्टर होने के लिए जाता है। उसके बाद, ये रक्त शरीर के सेल्स और टिश्यूज़ में पंप किया जाता है। जब किडनी खराबी होती है, या वे सही से काम करना बंद कर देती हैं (किडनी फेलियर), तो इसके कारण फ्लूइड रिटेंशन जैसी विभिन्न जटिलताएं हो सकती हैं। फ्लूइड रिटेंशन के कारण, एडिमा या अत्यधिक • नेफ्रॉन हर किडनी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं: नेफ्रॉन। वे रक्त को अंदर लेते हैं, फिर उसे नुट्रिएंट्स के साथ मेटाबोलाइज़ करते हैं, और फ़िल्टर किए गए रक्त से वेस्ट मैटेरियल्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। हर किडनी में लगभग 1 मिलियन नेफ्रॉन होते हैं। दोनों ही किडनी का अपना अलग इंटरनल स्ट्रक्चर होता है। • रीनल कॉरपसस्ल्स जब एक नेफ्रॉन में रक्त अंदर जाता है, तो यह रीनल कॉरपसस्ल्स में चला जा...

किडनी के बीमारी के 14 लक्षणों को जानें

Written by |Updated : August 3, 2017 5:04 PM IST • • • • • Read this in English. किडनी शरीर का एक ऐसा अंग होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर मूत्र के रूप में निकालने में मदद करता है। लेकिन खराब जीवनशैली और कभी-कभी दवाईयों के कारण किडनी के ऊपर बूरा प्रभाव पड़ता है। किडनी के बीमारी के बारे में सबसे बूरी बात यह है कि इसका पता प्रथम अवस्था में नहीं चलता है, जब ये अंतिम अवस्था में चला जाता है तब इसका पता चलता है, इसलिए इसको साइलन्ट किलर कहते हैं। इसलिए किडनी के बीमारी के प्रथम अवस्था को समझने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता लगाना ज़रूरी होता है- यहाँ 14 ऐसे लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है जिसके द्वारा आप किडनी के बीमारी को आसानी से समझ पायेंगे- • मूत्र का रंग गाढ़ा हो जाता है • बार-बार मूत्र होने का एहसास होता है मगर करने पर नहीं होता है • रात में मूत्र होने की मात्रा या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है। डॉ. अविनाश इग्नेशियस, सिनियर सलाहकार नेफ्रोलॉजिस्ट डा विटा, पूणे के अनुसार रात को बार-बार मूत्र त्याग करने जाना किडनी के अस्वस्थ होने का प्रथम और प्रधान लक्षण होता है। किडनी के खराब होने के दूसरे लक्षण उसके 80% खराब होने के बाद नजर में आते हैं। 2. मूत्र का त्याग करने के वक्त दर्द होना जब मूत्र त्याग करने के वक्त दर्द और दबाव जैसा अनुभव होने लगता है तब समझ जाना चाहिए कि मूत्र मार्ग (urinary tract ) में कोई संक्रमण हुआ है। कभी-कभी ऐसे अवस्था में बुखार या मूत्र मार्ग में जलन जैसा अनुभव होने लगता है। कभी-कभी पीठ का दर्द भी दूसरे लक्षणों में शामिल होता है। 3. मूत्र में रक्त का आना जब मूत्र में रक्त आने लगता है तब बिना एक मिनट सोचे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि य...

किडनी ट्रांसप्लांट क्या है?

किडनी ट्रांसप्लांट क्या है? What is a kidney transplant? किडनी ट्रांसप्लांट या किडनी प्रत्यारोपण एक शल्य चिकित्सा (surgery) है जिसमें एक किडनी दाता (kidney donor) अपनी एक स्वस्थ किडनी, एक ऐसे व्यक्ति को देता है जिसकी किडनी अब ठीक से काम नहीं कर पा रही है। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए किडनी कहाँ से प्राप्त होती है? Where are the kidneys obtained for kidney transplant? एक किडनी रोगी को एक जीवित व्यक्ति और मृत व्यक्ति की किडनी दान में मिल सकती है। दोनों ही प्रकार के किडनी दानदाताओं (kidney donors) की किडनी लेने से पहले उनके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी ली जाती है, ताकि किडनी प्राप्तकर्ता (kidney recipient) को कोई अन्य समस्या न हो। भारत में कोई करीबी रिश्तेदार ही किडनी रोगी को अपनी स्वस्थ किडनी दान में दे सकता है। वहीं, मृत किडनी दानदाता (Deceased-donor kidney transplant) यदि मरने से पहले अंग दान करता है या मृत व्यक्ति के करीबी संबंधी अंगदान का फैसला लेते हैं तो किडनी दान में दी जा सकती है। जिससे किडनी रोगी की जान बचाई जा सके। आपको बता दें कि भारत में अंगदान (organ donation in India) के बदले किसी भी प्रकार की कीमत अदा नहीं की जा सकती। भारत में अंग तस्करी (organ trafficking) एक दंडनीय अपराध (punishable offense) है। किडनी ट्रांसप्लांट क्यों किया जाता है? Why is kidney transplant done? किडनी ट्रांसप्लांट क्रोनिक किडनी रोग (chronic kidney failure) या अंत-चरण किडनी विफलता (end-stage renal failure) वाले लोगों की सहायता के लिए किया जाता है। जब आपकी किडनी शरीर में मौजूद अपशिष्ट उत्पादों को ठीक से फ़िल्टर नहीं कर पाती है, तो डॉक्टर आपको डायलिसिस करवाने की सलाह देते हैं और फिर आखिर में (जब डा...

Kidney Ki Bimari Ke Lakshan

किडनी फंक्शन में खराबी होने पर शरीर में दिखते हैं ये 10 संकेत, भूलकर भी ना करें इन संकेतों को नजरअंदाज किडनी यानी गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि हम अपनी जीवनशैली को बेहतर रखें सही खानपान के साथ नियमित वर्कआउट करें। किडनी में किसी प्रकार की समस्या होने पर हमारा शरीर 10 तरह के संकेत देता है। 1/11 • • • • • किडनी फंक्शन में खराबी के संकेत किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण ऑर्गन है जिसके बिना शरीर की कल्पना करना मुश्किल है। किडनी यानी गुर्दे रक्त में मौजूद गंदगी को छानने का काम करते हैं। शरीर में शुद्ध रक्त का संचार करने में किडनी की बड़ी भूमिका होती है। जब हमारी किडनी ठीक तरह से काम नहीं करती है तो शरीर में तमाम तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कई बार किडनी का सही तरीके से काम ना करना यह बताता है कि ऑर्गन में कहीं कोई गड़बड़ी है। किडनी में संक्रमण और किडनी फैलियर जैसी गंभीर बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती हैं। ऐसे में जरूरी है कि किडनी में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर उसका तुरंत उपचार किया जाए। यहां 10 ऐसे संकेत बताए गए हैं जो किडनी की खराबी की ओर इशारा करते हैं। अगर आपके भी शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें। PEOPLE ARE ALSO WATCHING 2/11 • • • • • हमेशा थकान महसूस होना कई बार हमारी किडनी में बहुत सारे विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं ऐसे में किडनी ठीक से काम नहीं करती है। ऐसे मौकों पर आप बहुत ज्यादा थकान महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा कमजोरी होना और ध्यान केंद्रित ना कर पाने जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। दरअसल, किडनी एक हार्मोन बनाते हैं जो शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बनाने के लिए कहता है। जब इसकी कमी होती है तो रक्त मांस पेशिय...

किडनी (गुर्दे) का कैंसर

किडनी (गुर्दे) का कैंसर - किडनी का कैंसर क्यों होता है, लक्षण, उपचार, दवा किडनी कैंसर - जिसे रीनल कैंसर भी कहा जाता है, एक ऐसी बीमारी है जिसमें किडनी की कोशिकाएं घातक (कैंसरस) हो जाती हैं और ट्यूमर बन जाती हैं। किडनी बीन के आकार के 2 अंग होते हैं। वे शरीर में पीठ के मध्य से निचले हिस्से की ओर होते हैं। रीढ़ के दोनों तरफ एक-एक किडनी होती है। किडनी खून से गंदगी और अतिरिक्त तरल पदार्थ को फिल्टर करने में मदद करता हैं। तरल और गंदगी को युरिन के रूप में पतली नलियों के माध्यम से मूत्राशय में भेजता है जिन्हें मूत्रवाहिनी कहा जाता है। किडनी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता हैं। और वह यह तय करता हैं कि शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं हैं। लगभग सभी किडनी कैंसर पहली बार छोटे ट्यूब (ट्यूब्यूल्स) के अस्तर में दिखाई देते हैं।. इस तरह के किडनी के कैंसर को रीनल सेल कार्सिनोमा कहा जाता है। किडनी कैंसर एक अकेली बीमारी नहीं है बल्कि इसमें कई प्रकार के कैंसर होते हैं जो किडनी में होते हैं, हर एक अलग जीन के कारण होता है जिसमें एक अलग हिस्टोलोजी और क्लीनिकल कोर्स होता है जो थेरपी के लिए अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। सात ज्ञात किडनी कैंसर जीनों में से प्रत्येक, वीएचएल, एमईटी, एफएलसीएन, टीएससी1, टीएससी2, एफएच और एसडीएच, उन रास्तों में शामिल है जो मेटाबोलिक तनाव या पोषक तत्व उत्तेजना का प्रतिक्रिया देते हैं। किडनी का कैंसर कब हो सकता है ? किडनी कोशिकाओं की कई परतों से बनी होती है। किडनी कैंसर इनमें से किसी एक या सभी परतों को प्रभावित कर सकता है। जब शरीर मे कोशिकाएं ज़रूरत से ज्यादा बढ़ने लगे तो वो कैंसर का रूप ले लेता है। कैंसर किडनी को सामान्य रूप से काम करने से रोक सकता है। किडनी ...