किन्नर बच्चे की पहचान

  1. जन्म के समय किन्नर की पहचान कैसे करें?
  2. हिंदी साहित्य में किन्नर समाज का चित्रण : पूनम सिंह
  3. किन्नर बच्चे कब पैदा होते है ? Transgender Baby Kaise Hota Hai
  4. According jyotish shastra causes behind birth of hijra kinner thirdgender
  5. किन्नरों के मरने के बाद क्या किया जाता है? – Expert
  6. किन्नरों का इतिहास वर्तमान और भविष्य – अभिव्यक्ति
  7. जन्म के समय केसे की जाती है किन्नर और महिला की पहचान?
  8. किन्नरों की पहचान कैसे होती है


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जन्म के समय किन्नर की पहचान कैसे करें?

किन्नर बच्चे की पहचान – किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई – हमने काफी जगह पर किन्नरों को देखा होगा. यह लोग अकसर शादी ब्याह में देखने को मिल जाते हैं. इन्हें समाज में एक अलग नजर से ही देखा जाता हैं. जिसे थर्ड जेंडर के रूप में भी माना जाता हैं. पुराने समय में भी किन्नर हुआ करते थे. लेकिन उस समय किन्नरों को राजाओं की रानी की देखरेख के लिए रखा जाता था. ताकि वह रानियों की रक्षा कर सके. आज के समय में भी समाज में काफी किन्नर दिखाई देते हैं. ऐसा माना जाता है की किन्नर की बद्दुआ से हमारे जीवन में समस्या उत्पन्न होने लगती हैं. इसलिए इन्हें कभी भी नाराज नहीं करना चाहिए. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से किन्नर बच्चे की पहचान का तरीका बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. • किन्नर बच्चे की पहचान • किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई • सबसे ज्यादा किन्नर किस देश में है • किन्नरों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य • निष्कर्ष किन्नर बच्चे की पहचान कुछ डॉक्टर का मानना है की सिर्फ लड़के ही किन्नर नहीं होते हैं. लेकिन लडकियां भी किन्नर होती हैं. इसके कुछ विशेषज्ञ कहते हैं की लड़के के जन्म के समय लडके का जननांग देखकर पता लगाया जा सकता हैं की वह किन्नर है या नहीं हैं. क्योंकि ऐसे लडको के जननांग सामान्य लडको की तुलना थोड़े अलग दिखाई देते हैं. जो डॉक्टर जान पाते हैं. लेकिन लडकियां किन्नर है या नहीं यह जन्म के तुरंत बाद पता नहीं लगाया जा सकता हैं. जब लड़कियां बारह साल के करीब हो जाती हैं. और पीरियड्स नहीं आते हैं. तथा स्तनों का विकास नहीं दिखाई देता हैं. तब पता लगता है की वह किन्नर हैं. महिला किन...

हिंदी साहित्य में किन्नर समाज का चित्रण : पूनम सिंह

हिंदी साहित्य में किन्नर समाज का चित्रण पूनम सिंह प्रकृति में नर और नारी के अलावा एक अन्य वर्ग भी है जिसे पूरी तरह से नर नहीं कहा जाता है न वह पूरी तरह से नारी कहा जाता है जिसे किन्नर कहा जाता है। हमारे भारतीय समाज मे स्त्री पुरुष इन दो लिंगों के अलावा भी एक अन्य तृतीयलिंगी समाज भी रहता है। जिसे भारतीय समाज मे किन्नर, हिजड़ा, खोजा, नपुंसकशिखण्डी, छक्का, मामू, मौसी, क्लीव, अर्धनारी, अली, अरावनी, खुसर, जंखा, खदरा, पवैया, थर्ड जेंडर, उभयलिंगी आदि कई उपनामों से जाना जाता है,पर इनकी असली पहचान हिंजड़ा शब्द से होती है।कई वर्ष पहले संविधान में इन्हें इन्टरसेक्स, ट्रांससेक्सुअल और ट्रांसजेंडर की श्रेणी में रखा गया है। हिंजड़ा शब्द तो बहुत प्रचलित हो गया है। मुगल काल में बेगमों की सेवा के लिए 'खोजा'नाम से इनकी सेवा ली जाती थी। विश्व के प्राचीनतम कोश 'अमरकोश' में इनके लिए 'क्लीव' शब्द का प्रयोग हुआ है। परंतु यह सब प्रचलन में कम ही है।वैसे इनसाइक्लोपीडिया बिटेनिया के अनुसार- 'उभय लिंगी गुणों से युक्त देवियों की आराधना का सर्वप्रथम श्रेय पूर्व वालों को ही दिया जाता है। स्त्री पुरुष के लक्षणों वाले व्यक्ति को अंग्रेजी में 'हर्मोफ्रोडा ईट्स कहते हैं।ग्रीस में हरमोफ्रोडाइट्स की मूर्ति स्त्री-पुरुष के प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक मानी गई है। वहां की कला और साहित्य में इस देवी का बहुत वर्णन मिलता है यही कारण है कि आज ही वहां अभयलिंगी गुणों से युक्त प्राणियों को पूज्य माना जाता है। हमारे भारत देश में पौराणिक काल से ही हिजड़ों का उल्लेख मिलता है। किन्नरों के संबंध में अनेक कहानियां प्रचलित हैं। इनमें रामचंद्र जी के वनवास से संबंधित कथा का उल्लेख मिलता है जिसमें वनवास के बाद राम सीता और लक्ष्मण के...

किन्नर बच्चे कब पैदा होते है ? Transgender Baby Kaise Hota Hai

क्या है इस पोस्ट में ? 1 • • • • • • • • • • • • • • • • • • हेलो दोस्तों , Baccha Kaise Hoga की सीरीज को आगे बढ़ाते हुए आज इस आर्टिकल में हम Transgender क्या होता है ? Transgender Child Symtoms , Baccha Kaise Hota hai ? अदि के बारे में डिटेल में जानकारी देने वाले है । आने देखना कुछ Boy Child होते तो Boy पर उनके लक्षण लड़कियों वाले होते है । जिसके कारण उनको और उसके परिवार को बहुत बार समाज में अलग समझा जाता है । तो आइए आज इन सभ Kinner Kya Hota है ? Transgender Baby Kaise Hota Hai ? Kinner Baccha Kaise Hota Hai ? Kinner Baccha Paida hone के पीछे क्या कारण है और Kinner Baccha Paida Hone se Kaise Bacche ? Pregnancy me Transgender Baccha Hone se Kaise Bache . ट्रांसजेंडर किसे कहते है ? Transgender In Hindi Transgender in Hindi में किन्नर, हिजड़ा शब्द यूज़ करते है । लगता अब आपको थोड़ा थोड़ा समझ में आया होगा के Transgender क्या होता है । चलो आपका पूरा ही क्लियर कर देता है । Transgender न तो पुरे पुरष होते न ही पुरे औरत । इन में दोनों मर्द – औरत के गुण या Body parts मिले हुए होते है । ये ऐसे लोग होते हैं जिनकी गिनती न तो पुरुष में होती है और न ही महिला में। उनकी बॉडी लैंग्वेज पुरुषों जैसी होती है और महिलाओं की तरह भी। कई किन्नर ऐसे होते हैं जिनके शरीर के सारे अंग पुरुष होते हैं, लेकिन चाल- चलन महिलाओं जैसे होते हैं। वहीं दूसरी तरफ कई किन्नर ऐसे भी हैं जो हूबहू महिलाओं की तरह दिखते हैं, लेकिन उनमें औरत के प्राइवेट अंग नहीं होते हैं। Transgender Meaning in Hindi आपके द्वारा देखे जाने वाले अधिकांश किन्नरों की आवाज पुरुष की है, लेकिन वे महिलाओं की तरह दिखते हैं। बहुत बार आपने देखा होगा लोग...

According jyotish shastra causes behind birth of hijra kinner thirdgender

Transgender: हमारी प्रकृति में महिला और पुरुष के अलावा एक जेंडर और होता है. जिसे किन्नर, हिजड़ा या ट्रांसजेंडर कहते हैं. किन्नर या हिजड़ा ना तो पूरी तरह महिला होता है और ना ही पूरी तरह पुरुष. इनके गुप्तांग भी इनकी पहचान सुनिश्चित नहीं करते. कई बार इनकी वेश भूषा महिला जैसी होती है और गुण पुरुषों जैसे.और कई बार पुरुषों के रूप में इन्हे महिलाओं जैसा व्यवहार करते देखा जाता है. किन्नरों को देखकर एक सवाल सबके मन में उठता है कि इनका जन्म कैसे होता होगा. पति पत्नी ऐसी क्या गलती करते हैं कि कुदरत लड़के या लड़की की जगह गर्भ में किन्नर बना देती है. हमारे पुराणों और शास्त्रों में भी किन्नरों के बारे में लिखा हुआ है. यहां तक कि उर्वशी के श्राप के कारण एक बार अर्जुन भी हिजड़ा बन गए थे. इसलिए अज्ञातवास के समय कोई भी उनको पहचान नहीं सका. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, चंद्रमा, मंगल,और लग्न से गर्भधारण होता है. यदि गर्भ धारण करते समय बच्चे की कुंडली में आठवें घर में शुक्र और शनि विराजमान हो और उन्हें वृहस्पति और चंद्रमां नहीं देख पाता है तो भ्रूण नपुंसक हो जाता है और उसका जन्म किन्नर के रूप में होता है. ये खबर भी पढ़ें- इस मंत्र के जाप से टल जाती है अकाल मृत्यु, जानें मार्कण्डेय ऋषि ने क्यों बनाया यह चमत्कारी मंत्र एक मत ये भी है कि जब महिला के अंडे में वीर्य ज्यादा होता है तो लड़का बनता है और जब वीर्य कम और खून ज्यादा होता है तो लड़की का जन्म होता है. किन्तु जब वीर्य और रक्त की मात्रा ठीक बराबर हो जाती है तो किन्नर का जन्म होता है. शास्त्रों में पिछले जन्म के कर्मो के फल के कारण भी किन्नर बनने की बात कही गयी है. आज विज्ञान का युग है. अल्ट्रासाउंड में पहले ही पता चल जाता है कि गर्भ में पल रहे ...

किन्नरों के मरने के बाद क्या किया जाता है? – Expert

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • किन्नरों के मरने के बाद क्या किया जाता है? सभी किन्‍नर शव के पास खड़े होकर उसकी मुक्ति के लिए अपने आराध्‍य देव को धन्‍यवाद देते हैं,साथ ही प्रार्थना करते हैं कि दोबारा उसे किन्‍नर रूप में जन्‍म न दें। इसके अलावा दान-पुण्‍य किया जाता है। ताकि पुण्‍य प्रताप से भी दिवंगत किन्‍नर को दोबारा इस योन‍ि में जन्‍म न मिले। किन्नर का राज क्या है? – इनकी एक गुरु परंपरा है, जिसमें हर किन्नर अपने गुरु की आज्ञा भगवान की तरह मानता है। – नए किन्नरों को शामिल करने के लिए विधिवत पूजा, अनुष्ठान गुरु करता है। इसके बाद गुरु नए किन्नर को गंडा बांधकर अपने समुदाय में शामिल करता है। – ये अपनी मृत्‍यु को समाज के सामने नहीं प्रकट करते। हिजड़ों की शादी कब होती है? किन्‍नरों का विवाहोत्‍सव देखने के लिए आपको तमिलनाडु जाना होगा। यहां तमिल नववर्ष की पहली पूर्णमासी को किन्‍नरों के विवाह का उत्‍सव शुरू होकर 18 दिनों तक चलता है। मरे हुए किन्नर को क्यों नहीं देखना चाहिए? इसके पीछे किन्नर समाज का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उसकी आत्मा पूरी तरह मुक्त हो जाए। किसी भी प्रकार का बंधन नहीं होता है, किन्नर का अंतिम संस्कार रात के समय निकाला जाता है ताकि कोई उसे देख न सके। READ: एक ही नंबर से दो व्हाट्सप्प कैसे चलाएं? लाश को रात में क्यों नहीं जलाया जाता? गरुड़ पुराण के अनुसार, रात में अर्थात सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार को हिन्दू धर्म शास्त्र के विरुद्ध माना गया है. इसीलिए रात में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके शव को रख कर सुबह होने तक का इंतजार करते हैं. उसके बाद अगले दिन सूर्योदय के पश्चात ​दाह संस्कार किया जाता है. क्या किन्नरों को मासिक धर्म होता है...

किन्नरों का इतिहास वर्तमान और भविष्य – अभिव्यक्ति

“वाह रे ! कुदरत तेरी कैसी खेल निराली, एक का घर भर दिया, दुसरे की झोली भी खाली । जिसको दिया आधा, दिल का है वह राजा, फिर भी घर-घर घूमकर, बजाता है बाजा । वे अपनी पहचान को भी हैं तरसते, फिर भी, उनकी दुआओं से हैं दुसरों के घर सजते ।” ये बहुत बड़ी विडम्बना है कि बिना किसी गलती के असीम यातनाओं की सजा उन्हें क्यों दी जाती है और कौन इसके लिए जिम्मेदार है। जिस तरह से कुछ लोग जन्मान्ध तथा कुछ शरीर और दिमाग की विमारियों के साथ पैदा होते हैं। उसीप्रकार कुछ ऐसे लोग ऐसे भी हैं, जिनके जन्म के साथ हुई दैवी घटनाओं के कारण कुछ ऐसा शारीरिक विकार होता है जिसकी वजह से उन्हें उनका परिवार, समाज और कानून, कोई भी उन्हें मनुष्य तक समझने की संवेदना नहीं दिखालाता है। यहाँ तक कि उनका सम्बोधन भी एक असम्मानित तरीके से किया जाता है। जी हाँ, मैं जिनकी बात कर रही हूँ उनको समाज कई तरह से सम्बोधित करता है जिसमें मुख्य है – हिजड़ा, किन्नर, खोजवा, नपुंसक, छक्का, थर्ड जेण्डर, उभयलिंगी आदि। विकलांग पैदा होने वाले लोगों को तो परिवार, समाज और कानून संरंक्षण देता है, उनके साथ सहानुभूति रखता है किन्तु किन्नर, हिजड़ा या खोजवा के साथ कोई भी सहानुभूति नहीं दिखलाता है। किन्नरों को चार वर्गो में बांटा गया है- बुचरा, नीलिमा, मनसा और हंसा। सम्पूर्ण किन्नर समुदाय को संरचना की दृष्टी से सात घरानों में बांटा जाता है, हर घराने के मुखिया को नायक कहा जाता है। ये नायक ही अपने गुरु का चुनाव करते हैं। महाभारत के एक पात्र शिखण्डी को भी इसी समाज का प्रतिनिधी माना जाता है और महाभारत के एक मुख्य पात्र जो महारथियों में गिने जाते हैं उस ‘अर्जुन’ को भी अज्ञात वास के दिनों में एक अप्सरा के श्राप बस किन्नर बनना पड़ा था। अर्जुन अज्ञात वास के दिनो...

जन्म के समय केसे की जाती है किन्नर और महिला की पहचान?

हमारे समाज में किन्नरों को दुआ और बददुआ के नजरिए से देखा जाता है। जिन्हे ट्रांसजेंड या थर्ड जेंडर के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय समाज में किन्नरों का इतिहास बहुत ही पुराना है जिनका जिक्र महाभारत से राजा महाराजाओं तक मिलता है। मुगल काल के दौरान हराम में रानियों की देखभाल के लिए किन्नरों को रखा जाता था। लेकिन क्या अपने कभी सोचा है की किन्नर की पहचान केसे की जाती है और किस उम्र में उनके अलग होने का पता चलता है। अगर आप भी ये जानना चाहते है तो अंत तक जरूर पढ़िए। किन्नर का जीवन हमारे समाज और रहन सहन से बिलकुल अलग होता है। जिसे समझ पाना एक आम इंसान के समझ से बाहर है। पाकिस्तान बांग्लादेश और नेपाल जैसे एशियाई डी शो में इनकी अलग पहचान है। जो टोलियों में रहते है और महिलाओं का रूप धारण करते है। ये तोलिया बचे के जन्म शादी बियाह पर लोगो के घरों पर जाति है और नाच गाना करती है और दुआ देती है। हालांकि एशिया के अलावा भी किन्नर पूरी दुनिया में पाए जाते है। पर उनका रहन सहन था से बिलकुल अलग होता है। वह नाच गाना कर के पैसा नही कमाते जबकि बिल्कुल ही साधारण जीवन जीते है। वहा के किन्नर बच्चो को गोद लेते है और अपना वंश आगे बढ़ते है। जबकि एशियाई देशों में एक उम्र के बाद उनकी पहचान होती है और फिर उन्हें टोली में शामिल कर लिया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है की नवजात बच्चे की पहचान किन्नर के रूप में केसे की जाती है? आपको बता दे की भारत में जन्म के समय किन्नरों की कुल आबादी में से 3% ही होती है। जबकि असल में उनकी आबादी इन आंकड़ों से कई ज्यादा है। यूं तो बच्चे को देख कर यह बता पाना मुश्किल होता है की वह किन्नर है या नही। हालांकि बीतते समय के समय के साथ जब बच्चे के शारीरिक अंग विकसित होते है तो बताना आ...

किन्नरों की पहचान कैसे होती है

आप सभी ने किन्नरों कॊ ट्रेन और शादियों में नाचते हुए ज़रूर देखा होगा ।पर आपक जानकर हैरानी होगी की सिर्फ 30% किन्नर ही पैदाइशी किन्नर होते है, बाकी के या तो अपने हाव भाव और स्वभाव की वजह से किन्नर बना दिये जाते है , या फ़िर कुछ लोग जानबूझकर किन्नर बन जातेहै।आइये दोस्तों हम आपको बताते है की किन्नर की पहचान कैसे होती है : वैसे तो सिर्फ देखकर बताना मुश्किल है की किन्नर पैदाइशी है कीनहीँ ।अगर लड़का पैदा होता है तो उसके योनि से पता लग जाता है की वह किन्नर है की नहीँ परंतु एक लड़की के पैदा होने पर पता लगाना मुश्किल होता है ।यह सिर्फ लड़की के बड़े होने पर ही पता लगता है। अगर किसी घर कोई ऐसा लड़का होता है जिसके हाव भाव लड़कियाँ जैसे हो और जिनकी चमड़ी लड़कियों जैसे हो होता है तो किन्नर उन्हे किन्नर अपनी बिरादरी में लाने की कोशिश करते है। जो पैदाइशी किन्नर होते है उनके स्तन बहुत बड़े नहीँ होते ।जो किन्नर बनाए जाते है उनके स्तन बड़े होते है क्युकी इनके स्तन इंजेक्शन लगने की वजह से बड़े होते है । पैदाइशी किन्नर की योनि पर कोई कटने का निशान नहीँ होता जबकि जो किन्नर बनाये जाते है उनकी योनि पर कटने का निशान होता है क्युकी शुद्धीकरण ( इंसान कॊ किन्नर बनाना )के दौरान इनके गुप्तांग कॊ काट दिया जाता है जिससे कटने का निशान बन जाता है। वक्त मिलता है तो अब मम्मी से ज़्यादा बातें करता हूं। पहले पापा से करता था। मम्मी के किस्से बाबूजी के किस्सा दुनिया से बिल्कुल अलग हैं। बताने लगीं कि आज से पचीस साल पहले गांव में किसी की के यहाँ लड़की पैदा हुई। उस परिवार के लोग उसे हिजड़े को देने का मन बना रहे थे (क्यों की उस लड़की के लछण लड़को से मिल रहे थे) लेकिन वो डरे हुए थे। अचानक जब मम्मी गांव पहुंची तो औरतों ने चुपक...