किशोरावस्था की विशेषताएँ

  1. किशोरावस्था का स्वरूप
  2. किशोरावस्था की मुख्य विशेषताएँ (Characteristics of Adolescence)
  3. किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा
  4. किशोरावस्था (Adolescence) किसे कहते हैं?
  5. [Solved] किशोरावस्था की विशेषताएँ हैं


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किशोरावस्था का स्वरूप

Install - vidyarthi sanskrit dictionary app किशोरावस्था का स्वरूप || Form of adolescence || Kishoravastha ka swaroop || CTET and TET Exam • BY:RF Temre • 192 • 0 • Copy • Share किशोरावस्था का स्वरूप - निश्चित तौर पर किशोरावस्था का जीवन में वह स्थान है जहाँ से अनेक रास्ते निकलते हैं। ये रास्ते अलग दिशाओं में अग्रसर होते हैं, जहाँ किशोरों को चलना होता है। इन रास्तों पर चलकर किशोर जहाँ पहुँचना चाहता है, अर्थात अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है, उसे वही मिलता है। यह आवश्यक नहीं कि सभी रास्ते अच्छाई या श्रेष्ठता को प्रकट करते हों, इनमें बुराई या अपराध जैसे घिनौने क्रिया कलापों को कभी प्रकट करते हैं। अतः एक पालक या शिक्षक का दायित्व बनता है कि किशोरों को उचित दिशा बतायें, जीवन का सही मार्ग दिखलायें। इस हेतु किशोरावस्था में किशोर के अनुरूप पर्याप्त अवसरों की उपलब्धता एवं उचित शिक्षा-दीक्षा का प्रबन्ध किया जाना चाहिए। शिक्षा का स्वरूप क्या हो? इसका बिन्दुवार विवरण निम्नानुसार है। (1) शारीरिक, मानसिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा का उचित प्रबन्ध- किशोरावस्था में शरीर में अनेक क्रान्तिकारी परिवर्तन होते हैं। विशेषकर उनकी मानसिक शक्तियों का सर्वोत्तम और अधिकतम विकास हो। इस हेतु शिक्षा का स्वरूप उसकी रूचियों, रुझानों, दृष्टिकोणों और योग्यताओं के अनुरूप होना चाहिए। किशोरों की शिक्षा-दीक्षा में निम्न विषयों या बातों को स्थान दिया जाना चाहिए। (i) कला, विज्ञान, साहित्य, भूगोल, इतिहास आदि। इन 👇 प्रकरणों के बारे में भी जानें। 1. बाल विकास क्या है इसकी अवधारणा एवं परिभाषाएंँ 2. बाल विकास की विशेषताएंँ 3. विकास के अध्ययन की उपयोगिता- बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र 4. बाल विकास के अध्ययन में ध्यान रखे ...

किशोरावस्था की मुख्य विशेषताएँ (Characteristics of Adolescence)

किशोरावस्था की मुख्य विशेषताएँ हैरीमैन ने लिखा है-“ योरोपीय देशों में किशोरावस्था का समय लड़कियों में लगभग 13 वर्ष से लेकर21 वर्ष और लड़कों में 15 वर्ष से लेकर 21 तक माना जाता है। भारत देश में लड़कियों की 11-17 और लड़कों की 13-19 वर्ष की आयु तक किशोरावस्था की सीमा मानी जाती है।“ अतः हम यहाँ पर 1. विकासात्मक विशेषताएं (Development characteristics) किशोरावस्था में बालक का सर्वांगीण विकास होता है, वह शारीरिक, मानसिक और संवेगात्मक आदि क्षेत्रों में विकास के चर्मोत्कर्ष पर होता है। इसी समय पुरुषत्व एवं नारीत्व सम्बन्धी विशेषताएँ भी प्रकट होने लगती हैं। इसीलिये किशोर स्वयं अपने-अपने समूहों में नियन्त्रित होते चले जाते हैं; जैसा कालसनिक ने लिखा है-“ किशोरों एवं किशोरियों को अपने शरीर एवं स्वास्थ्य की विशेष चिन्ता रहती है। किशोरों के लिये बलशाली, स्वस्थ्य और उत्साही बनना एवं किशोरियों के लिये अपनी आकृति को स्त्रीत्व आकर्षण प्रदान करना महत्त्वपूर्ण होता है।“ इसी प्रकार से किशारों एवं किशोरियों में मानसिक क्षमताओं का भी पूर्ण विकास हो जाता है। उनमें बुद्धि की स्थिरता, कल्पना शक्ति का बाहल्य, तर्क शक्ति की प्रचुरता, विचार में परिपक्वता और विरोधी मानसिक दशाएँ आदि मानसिक विशेषताओं का विकास हो जाता है। शारीरिक एवं मानसिक विकास के कारण उनके संवेगात्मक विकास पर भी प्रभाव पड़ता है। इस आयु के किशोर एवं किशोरियाँ भावात्मक एवं रागात्मक जीवन व्यतीत करते हैं। वे अपने निश्चय के समक्ष सामाजिक मान्यताओं की भी परवाह नहीं करते हैं क्योंकि उनका मन और तक उद्वेगात्मक शक्ति से परिपूर्ण रहता है। 2. आत्म-सम्मान की भावना (Feeling of self respect) किशोरावस्था में आत्म-सम्मान के भाव की स्वत: ही वृद्धि हो जात...

किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,किशोरावस्था में शिक्षा के बारे में बतायेंगे. जिसके अंतर्गत हम किशोरावस्था का अर्थ, किशोरावस्था की परिभाषाएं,किशोरावस्था की विशेषताएं,किशोरावस्था में शिक्षा , इत्यादि के बारे में विस्तार से बतायेंगे.प्रतिवर्ष uptet,ctet,stet,kvs,dssb,btc आदि सभी एग्जाम में इससे प्रश्न पूछे जाते है। किशोरावस्था के महत्पूर्ण कथन :- 1. स्टेनली हॉल :- “किशोरावस्था बड़े संघर्ष, तनाव, दबाव, विरोध, झंझावत और तूफानों की अवस्था है ।” 2. हॉल- किशोरावस्था एक नया जन्म है। क्योकि इसी में श्रेष्ठतर व उच्चतर मानवीय विशेषताओं के दर्शन है। 3. रॉस :- “किशोरावस्था शैशवावस्था का पुर्नवर्तन कॉल है” 4. किल पेट्रिक :- “इस बात पर कोई मतभेद नहीं हो सकता कि किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है कठिन सीढी है।” 5. क्रो/क्रो :- “किशोर ही वर्तमान की शक्ति व भावी शक्ति है। आशा को प्रदर्शित करता है।” किशोरावस्था की विशेषताएँ 1. शारीरिक व मानसिक विकास में तीव्रता (बिग एण्ड हण्ट) 2. घनिष्ठ व व्यक्तिगत मित्र बनते है ।(वेलेनटाइन) 3. व्यवहार में विभिन्नता 4. स्थिरता एवं समायोजन का अभाव (रॉस) 5. वीर पूजा की भावना – किसी को अपना आदर्श मानना 6. ईश्वर व धर्म में विश्वास 7. अपराध प्रवृत्ति का विकास 8. काम शक्ति में परिपक्वता 9. स्वतन्त्रता व विद्रोह की भावना 10. व्यवसाय चयन की चिन्ता 11. रूचियों में परिवर्तन एवं स्थिरता 12. समाज सेवा की भावना बाल विकास का अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता एवं महत्व इसी भी पढ़ें… थाईडाइक के सीखने के सिद्धांत (1) (2) (3) (4) (5) (6) (7) धिगम का बन्ध सिद्धांत पुनर्बलन का सिद्धांत/ हल का सिद्धांत • प्रबलन का सिद्धांत • अर्तनोद न्यूनता का सिद्...

किशोरावस्था (Adolescence) किसे कहते हैं?

जानें इस पोस्ट में क्या-क्या है? • • • • किशोरावस्था (Adolescence) की सामान्य समस्याये लिखिए? किशोरावस्था का सामान्य समस्याये निम्नलिखित हैं। 1. लिंग भेद की समस्याये : समाज प्राय: लड़के और लडकियो के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करता है। लड़को को तो पूर्ण स्वतन्त्रता दे दी जाती है लेकिन लड़कियो पर कड़े प्रतिबिन्ध लगा दिये जाते है। kishoravastha Kise Kahate Hain 2. हीन भावना की समस्याये : इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियों को हीन भावना की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 3. भविष्य निर्माण की चिन्ताऐं : इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियो को भविष्य निर्माण की चिन्ताऐं सताने लगती है। 4. नैतिक समस्यायें : इस अवस्था में किशोर एवं किशोरियो को नैतिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 5.सामाजिक समायोजन की समस्यायें : इस, अवस्था मे किशोर एवं किशोरियों को सामाजिक समायोजन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है उनके विचार पुरानी पीढ़यो के विचारों से मेल नहीं खाते है। 6.यौन समस्यायें :- इस अवस्था में जननांगों का तेजी से विकास होता है। जिससे किशोर एवं कमोरियो को यौन समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। किशोरावस्था (Adolescence) की अवधि मे आने वाले शारीरिक एवं मानसिक विकास लिखिए। उत्तर : 1. किशोरावस्था की अवधि में होने वाले शारीरिक विकास। 1.इस अवस्था मे द्वितीयक लंगिक लक्षणों का विकास होने लगता है। 2. इस अवस्था में किशोरियों में मासिक चक्र प्रारंभ हो जाता है। 3. इस अवस्था में किशोरियों में अण्डाणु जनन की क्रिया प्रारंभ हो जाती है। । जससे अण्डाणुओं का निर्माण होने लगता है। 4. इस अवस्था में किशोरों मे शुक्राणु जनन की किया प्रारंभ हो जाती है। जिससे शुक्राणुओं का निर्माण होने लगता है। 5. किशोरियाँ, किशोरो की अपेक्ष...

[Solved] किशोरावस्था की विशेषताएँ हैं

अवधारणा: • किशोरावस्था बचपन से वयस्कता तक का संक्रमणकालीन चरण है जो लगभग 11 और 18 वर्ष की आयु के बीच होता है • किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तन अक्सर पहले से, पूर्व किशोर या "ट्वीन" वर्षों के दौरान: 9 से 12 वर्ष के बीच शुरू होते हैं। • डब्ल्यूएचओ 'किशोरों' को 10-19 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्तियों और 15-24 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं के रूप में परिभाषित करता है। जबकि 'यंग पीपल' की आयु सीमा 10-24 वर्ष है। व्याख्या: किशोरों की विशेषताएँ हैं • जीव विज्ञान संबंधी विकास और विकास • शारीरिक और मनोवैज्ञानिक संक्रमण अर्थात् तीव्र शारीरिक, मनोवैज्ञानिक संज्ञानात्मक विकास • व्यवहार परिवर्तन और विकास • रूप-चेतना • विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण Important Points विकास के चरण हैं : चरण वर्ष अवधि 1 शैशवकाल और बाल्यावस्था 0-2 वर्ष 2 प्रारंभिक बचपन 2-6 वर्ष 3 मध्य बचपन 6-11 वर्ष 4 किशोरावस्था 11-18 वर्ष 5 वयस्कता 18 वर्षों के बाद