किसी भी राजनीतिक दल के क्या गुण होते हैं

  1. किसी भी राजनीतिक दल के क्या गुण होते हैं ?
  2. Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल
  3. प्रत्यक्ष निर्वाचन क्या हैं? गुण एवं दोष
  4. भारत के राजनीतिक दलों की सूची
  5. राजनीतिक दल किसे कहते हैं? राजनीतिक दल की परिभाषा क्या है?
  6. NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 6


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किसी भी राजनीतिक दल के क्या गुण होते हैं ?

एक राजनीतिक दल में निम्नलिखित गुण होते हैं (i) एक ऐसे लोगों का समूह होता है जो एक साथ चुनाव लड़ते हैं तथा सत्ता में भागीदारी रखते हैं (ii) एक राजनीतिक दल के सभी सदस्य कुछ विशेष नीतियों एवं कार्यक्रमों पर सहमत होते हैं। पार्टी पर दल के प्रत्येक सदस्य अपनी भूमिका तथा उत्तरदायित्व के प्रति सजग होते हैं। (iii) सभी राजनीतिक दल इस बात पर सहमत होते हैं कि चुनावों के समय प्रतिस्पर्धा पूर्णतः स्वतंत्र व निष्पक्ष होनी चाहिए। (iv) प्रत्येक राजनीतिक दल का अपना एक झंडा तथा चुनावी प्रतीक होता है। (v) निर्धारित शर्ते पूरी करने वाला प्रत्येक दल चुनाव आयोग द्वारा पंजीकृत होता है।

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

• राजनीतिक दल लोकतंत्र की सफलता हेतु चुनावों की व्यवस्था को सम्भव बनाते हैं। • वे चुनावों के लिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को लोगों के समक्ष लाते तथा चुनावी कार्यक्रम को पूरा करने में सहायता करते हैं। • वे चुनावों के पश्चात्, सरकार के गठन व उसके विपक्ष बनाने में भूमिका निभाते हैं। • वे लोकतांत्रिक व्यवस्था को पूरा रूप देने के लिए में सहयोग देते हैं अर्थात सरकार के संचालन में मदद करते हैं। • लोकतंत्र के सफल संचालन हेतु राजनीतिक दल लोगों में राजनीतिक चेतना जाग्रत करते हैं। • शासक दल शासन करतो है तथा विपक्ष शासक दल की नीतियों व सरकार की आलोचना करते हैं। प्रश्न 2. राजनीतिक दलों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं? . उत्तर- राजनीतिक दलों के सामने की चुनौतियों को निम्नलिखित बताया जा सकता है: पहली चुनौती है पार्टी के अन्दर आन्तरिक लोकतंत्र को बनाना। अब यह प्रवृत्ति बन गई है कि सारी ताकत एक या कुछेक नेताओं के हाथ में सिमट जाती है। पार्टियों के पास न सदस्यों की खुली सूची होती है, न नियमित रूप से सांगठनिक बैठकें होती हैं। इनके आंतरिक चुनाव भी नहीं होते। कार्यकर्ताओं से वे सूचनाओं का आदान-प्रदान भी नहीं करते। सामान्य कार्यकर्ता अनजान ही रहता है कि पार्टी के अंदर क्या चल रहा है। उसके पास न तो नेताओं से जुड़कर फैसलों को प्रभावित करने की ताकत होती है न ही कोई और माध्यम। परिणामस्वरूप पार्टी के नाम पर सारे फैसले लेने का अधिकार उस पार्टी के नेता हथिया लेते हैं। चूँकि कुछेक नेताओं के पास ही असली ताकत होती है इसलिए जो उनसे असहमत होते हैं उनका पार्टी में टिके रह पाना मुश्किल हो जाता है। पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों से निष्ठा की जगह नेता से निष्ठा ही ज्यादा महत्त्वपूर्ण बन जाती है। दूसरी चुनौती ...

प्रत्यक्ष निर्वाचन क्या हैं? गुण एवं दोष

प्रश्न; प्रत्यक्ष निर्वाचन किसे कहते हैं? इसके गुण और दोषों का वर्णन कीजिए। अथवा" प्रत्यक्ष निर्वाचन की व्याख्या कीजिए। इसके गुण-दोषों का विवेचन कीजिए। उत्तर-- प्रत्यक्ष निर्वाचन क्या हैं? (pratyaksh nirvachan pranali ka arth) लोकतंत्रात्मक शासन पद्धित का प्रमुख आधार निर्वाचन और मतदान होता हैं। इसमें जनता स्वयं अपने शासक का निर्वाचन करती है। किन्तु निर्वाचन की अनेक पद्धितियाँ होती हैं, प्रत्यक्ष निर्वाचन उन पद्धतियों में से एक प्रमुख पद्धित हैं। प्रत्यक्ष निर्वाचन का तात्पर्य ऐसी पद्धित से होता है जिसमें जनता स्वयं अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती हैं, जिस पद्धित में जनता अपने प्रतिनिधियों को स्वयं चुनती हैं, उसे प्रत्यक्ष निर्वाचन कहते हैं। व्यवस्थापिका के सदस्यों तथा मुख्य कार्यपालिका का चुनाव स्वयं जनता ही करती हैं। डाॅ. ओम नागपाल के अनुसार," प्रत्यक्ष निर्वाचन का सिद्धांत एकदम सरल और स्पष्ट हैं-- हमें जो भी पदाधिकारी चुनना हैं, उसे हम स्वयं चूनें, हमारे नाम पर कोई और नहीं। जब राष्ट्रपति का निर्वाचन सीधे-सीधे जनता के मतों द्वारा हों, तो उस राष्ट्रपति को प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति कहते है और संसद के सदस्य कौन हों, इसका निर्धारण भी स्वयं जनता करे तो उसे प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित संसद कहते हैं।" भारत व इंग्लैण्ड में निम्न सदन का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होता है तथा अमेरिका में भी प्रतिनिधि सभा तथा सीनेट के सदस्यों का निर्वाचन जनता प्रत्यक्ष रूप से करती हैं। प्रजातांत्रिक देशों में चूँकि निम्न सदन प्रायः प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा चुना जाता हैं, अतः उसे लोकप्रिय सदन भी कहा जाता हैं। फ्रांस में मुख्य कार्यपालिका अर्थात् राष्ट्रपति का चुनाव जनता प्रत्यक्ष...

भारत के राजनीतिक दलों की सूची

अनुक्रम • 1 सर्वदलीय • 2 बहुमत • 3 गठबंधन • 4 राष्ट्रीय दल • 5 राज्यीय दल • 5.1 राज्य दल/पार्टियाँ • 5.2 सूची • 6 पंजीकृत दल • 6.1 क • 6.2 द • 6.3 ए • 6.4 फ • 6.5 ग • 6.6 ह • 6.7 इ • 6.8 ज • 6.9 क • 6.10 ल • 6.11 म • 6.12 न • 6.13 उ • 6.14 प • 6.15 र • 6.16 स • 6.17 त • 6.18 यू • 6.19 व • 6.20 व • 6.21 यू • 6.22 अन्य दल • 6.23 भूतपूर्व दल • 7 प्रत्याशी/निर्दलीय • 8 लुप्त/राज्यीय गठबंधन • 9 सत्रहवीं लोक सभा • 10 इन्हें भी देखें • 11 आधिकारिक पार्टी • 12 अन्य साइट्स • 13 बाहरी कड़ियाँ • 14 आगे पढ़ने के लिए • 15 सन्दर्भ सर्वदलीय बहुमत गठबंधन • NDA+: भाजपा शामिल/समर्थित • UPA+: कांग्रेस शामिल/समर्थित राष्ट्रीय दल यदि कोई पंजीकृत दल निम्न शर्तों में कोई एक शर्त पूरी करता है तो उसे राष्ट्रीय स्तर की मान्यता भारतीय चुनाव आयोग देता है ; • कोई पंजीकृत दल तीन विभिन्न राज्यों में लोक सभा की कुल सीटों की कम से कम २% सीटें हासिल की हों। • कोई दल ४ अलग अलग राज्यों में लोक सभा या विधान सभा चुनाव में कम से कम ६% मत पाये हों और लोक सभा में कम से कम ४ सीटें हासिल की हों। • किसी भी दल को कम से कम चार या उससे अधिक राज्यों में राज्यीय दल की मान्यता प्राप्त हो। ०७ जून २०१९ की स्थिति के अनुसार भारत में निम्नलिखित दल "राष्ट्रीय दल" के रूप में मान्यता प्राप्त हैंः राष्ट्रीय दल स्थापना वर्ष संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव चिह्न पार्टी मुख्यालय १९८० • • ६-अ, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, मण्डी हाउस, नई दिल्ली- ११०००१ १८८५ • • • २४, अकबर रोड, नई दिल्ली- ११०००१ १९९९ • • • १०, बिशम्भर मार्ग, नई दिल्ली- ११०००१ १४ अप्रैल १९८४ १२, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड, नई दिल्ली- ११०००१ १९२५ अजॉय भवन, १५, इंद्रजीत गुप्ता मार...

राजनीतिक दल किसे कहते हैं? राजनीतिक दल की परिभाषा क्या है?

साधारण बोलचाल की भाषा में व्यक्तियों के किसी भी समूह को जो एक समान उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्य करता है, दल कहते हैं। यदि उस दल का उद्देश्य राजनीतिक हो तो उसे राजनीतिक दल कहते हैं। यह अपने विचारों का प्रचार कर जनता को अपना अनुयायी बनाता है तथा अपने ही विचारों के अनुसार सरकार का निर्माण करना चाहता है। समाज में ऐसे अन्य संगठन भी होते हैं जैसे-धार्मिक संगठन, व्यावहारिक संगठन, जातीय संगठन, सांस्कृतिक संगठन इत्यादि। लेकिन इन्हें राजनीतिक दल नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इनका उद्देश्य राजनीतिक नहीं होता है। ये सरकार का निर्माण करना नहीं चाहते हैं, अपितु केवल विशेष वर्ग का हित चाहते हैं। अतः राजनीतिक दल का आशय नागरिकों केऐसे समूह से है जो सार्वजनिक प्रश्नों केविषय में समान विचार रखता है और राजनीतिक इकाई केरूप में कार्य करते हुए अपनी कल्पित नीति को विस्तार देने केलिए शासनतन्त्रा को हस्तगत करना चाहता हो। राजनीतिक दलो का मुख्य उद्देश्य होता है राजनीतिक सत्ता प्राप्त करना। जो राजनीतिक दल सरकार चलाता है उसे सत्ता पक्ष कहते है तथा जो दल विपक्ष में बैठते है सत्ता पक्ष की आलोचना करते है तथा सरकार में हिस्सा नहीं लेते उन्हें विपक्षी दल कहते है। 1. एडमंड बर्क के अनुसार -‘‘राजनीतिक दल कुछ लोगों का एक ऐसा समूह है जो कुछ सिद्धांतों पर एकमत होकर अपने संयुक्त प्रयासों द्वारा जनहितों को आगे बढाने का प्रयास करता है।’’‘‘राजनीतिक दल से हमारा तात्पर्य नागरिकों के उस न्यूनाधिक संगठित समुदाय से होता है जो एक ही साथ एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करते है।’’ 4. प्रोफसर लीकाॅक के शब्दों में,‘‘राजनीतिक दल से हमारा तात्पर्य नागरिकों के उस संगठित समूह से होता है जो एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य कर...

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 6

NCERT Solutions for Class 10th: पाठ 6 - राजनीतिक दल (Rajnitik Dal) Loktantrik Rajniti पृष्ठ संख्या:87 अभ्यास 1. लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं की चर्चा करें। उत्तर लोकतंत्र में राजनीतिक दल विभिन्न कार्य करते हैं: • चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवारों के नामों को राजनीतिक दलों द्वारा आगे किया जाता है। इन उम्मीदवारों का चयन शीर्ष नेताओं या पार्टी के सदस्यों द्वारा किया जाता है। • पार्टियाँ मतदाताओं को उन्हें चुनने के लिए अपनी नीतियों और कार्यक्रमों प्रस्तुत करते हैं। • राजनीतिक दल देश के लिए कानून बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। कोई भी कानून तब तक बिल नहीं बन सकता जब तक कि बहुमत वाली दल उसका समर्थन नहीं करते। • राजनीतिक दल सरकारें बनाते हैं और चलाते हैं। • चुनाव हारने वाली पार्टियां विपक्ष की भूमिका निभाती हैं। पार्टी सत्ता में। • पार्टियाँ जनता की राय को एक मूर्त रूप देती हैं। • राजनीतिक दल सरकार और लोगों के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। जनता के लिए सरकारी अधिकारी की तुलना में अपने स्थानीय नेता से संपर्क करना आसान है। स्थानीय नेता को जनता की मांग को सुनना पड़ता है अन्यथा वह अगला चुनाव हार सकता है। 2. राजनीतिक दलों के सामने क्या चुनौतियाँ है? उत्तर राजनीतिक दलों के सामने विभिन्न चुनौतियाँ निम्न लिखित हैं: • आंतरिक लोकतंत्र का अभाव: → पार्टी के प्रत्येक सदस्य को निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने का मौका नहीं मिलता है। → निर्णय लेने से पहले हर सदस्य से परामर्श नहीं किया जाता है। → सदस्यों के पंजीकरण का कोई उचित संगठन या नियम नहीं है। → सत्ता कुछ शीर्ष नेताओं के हाथों में होती है, जो सामान्य सदस्यों से परामर्श नहीं लेते हैं। → प्राथमिक सदस्यों को पार्टी के आ...