कम्बोडिया का मंदिर

  1. भारत नहीं पर जानें कहाँ है दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर, 800 साल से भी ज्यादा पुराना है इसका इतिहास, जानें विशेषताएं
  2. अंकोरवाट मंदिर
  3. दुनिया का सबसे प्राचीन मंदिर अंगकोर वाट मंदिर
  4. कंबोडिया का हिन्दू सम्राज्य, जहां है विश्व का सबसे बड़ा मंदिर
  5. विराट् रामायण मंदिर


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भारत नहीं पर जानें कहाँ है दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर, 800 साल से भी ज्यादा पुराना है इसका इतिहास, जानें विशेषताएं

भारत में विश्व के कई प्राचीन और भव्य मंदिर स्थित हैं लेकिन क्या आप जानते हैं भव्य और प्राचीन मंदिर केवल भारत में ही नहीं विश्व के अन्य देशों में भी मिलते हैं. आज हम आपको विश्व के एक ऐसे ही 800 वर्ष पुराने और भव्य मंदिर के बारे में बताते हैं जो अपनी सुन्दरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहाँ हम बात कर रहे हैं अंकोरवाट मंदिर की. ये मंदिर दुनिया के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है. ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. आइये जानें इस मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें कम्बोडिया में स्थित है ये अंकोरवाट मंदिर अंकोरवाट मंदिर को यूनेस्को में अपनी विश्व धरोहरों में से एक घोषित किया है. ये मंदिर कम्बोडिया के अंकोरयोम नाम के शहर में मीकांक नदी के किनारे पर स्थित है और हिन्दू देवता भगवान विष्णु को समर्पित है. इस नगर में 9वीं शताब्दी से 13वीं शताब्दी तक कई निर्माण परियोजनाएं शुरू की गईं थी, जिनमें से एक सबसे प्रसिद्ध ये अंकोरवाट मंदिर है इस मंदिर की स्थापना कम्बुज राजा सूर्य वर्मन द्वितीय ने 12वीं शताब्दी में करवाई थी, इस मंदिर के चारों ओर एक गहरी खाई है जिसकी लम्बाई 2.5 मील और चौड़ाई 650 फुट है. जिसे पत्थर के एक पुल द्वारा पार किया जा सकता है. ऐसा विश्वास है कि इस मंदिर के निर्माण में लगभग 3 दशकों का समय लगा. इस मंदिर में भगवान विष्णु के अलावा भगवान शिव और ब्रह्मा की भी मूर्त्तियां हैं. भगवान विष्णु को समर्पित है ये मंदिर अंकोरवाट का मंदिर मुख्यत भगवान विष्णु को समर्पित है. ये मंदिर एक ऊँचे स्थान या चबूतरे पर बना है और 3 खण्डों में विभाजित है. इस मंदिर के 5 शिखरों को मेरु पर्वत का प्रतीक माना जाता है, ये पर्वत विशाल महासागर से घिरा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि, ये देवताओं का निवास स्थ...

अंकोरवाट मंदिर

पश्चिम के सीमावर्ती थाई लोग पहले कंबुज के समेर साम्राज्य के अधीन थे परंतु १४वीं सदी के मध्य उन्होंने कंबुज पर आक्रमण करना आरंभ किया और अंग्कोरथोम को बारबार जीता और लूटा। तब लाचार होकर ख्मेरों को अपनी वह राजधानी छोड़ देनी पड़ी। फिर धीरे-धीरे बाँस के वनों की बाढ़ ने नगर को सभ्य जगत् से सर्वथा पृथक् कर दिया और उसकी सत्ता अंधकार में विलीन हो गई। नगर भी अधिकतर टूटकर खंडहर हो गया। १९वीं सदी के अंत में एक फ्रांसीसी वैज्ञानिक ने पाँच दिनों की नौका यात्रा के बाद उस नगर और उसके खंडहरों का पुनरुद्धार किया। नगर तोन्ले सांप नामक महान सरोवर के किनारे उत्तर की ओर सदियों से सोया पड़ा था जहाँ पास ही, दूसरे तट पर, विशाल मंदिरों के भग्नावशेष खड़े थे। आज का अंग्कोरथोम एक विशाल नगर का खंडहर है। उसके चारों ओर ३३० फुट चौड़ी खाई है जो सदा जल से भरी रहती थी। नगर और खाई के बीच एक विशाल वर्गाकार प्राचीर नगर की रक्षा करती है। प्राचीर में अनेक भव्य और विशाल महाद्वार बने हैं। महाद्वारों के ऊँचे शिखरों को त्रिशीर्ष दिग्गज अपने मस्तक पर उठाए खड़े हैं। विभिन्न द्वारों से पाँच विभिन्न राजपथ नगर के मध्य तक पहुँचते हैं। विभिन्न आकृतियों वाले सरोवरों के खंडहर आज अपनी जीर्णावस्था में भी निर्माणकर्ता की प्रशस्ति गाते हैं। नगर के ठीक बीचोबीच शिव का एक विशाल मंदिर है जिसके तीन भाग हैं। प्रत्येक भाग में एक ऊँचा शिखर है। मध्य शिखर की ऊँचाई लगभग १५० फुट है। इस ऊँचे शिखरों के चारों ओर अनेक छोटे-छोटे शिखर बने हैं जो संख्या में लगभग ५० हैं। इन शिखरों के चारों ओर समाधिस्थ शिव की मूर्तियाँ स्थापित हैं। मंदिर की विशालता और निर्माण कला आश्चर्यजनक है। उसकी दीवारों को पशु, पक्षी, पुष्प एवं नृत्यांगनाओं जैसी विभिन्न आकृतियों ...

दुनिया का सबसे प्राचीन मंदिर अंगकोर वाट मंदिर

Angkor Wat Temple दुनिया में हर जगह पर, हर देश में किसी ना किसी रूप में भगवान की पूजा की जाती। कोई चर्च में जाता है तो कोई मशीद में जाता है, कोई मंदिर में जाता है तो कोई गुरुद्वारा में जाता है। सबका पूजा करने का तरीका अलग होता है लेकिन सभी का उद्देश एक ही रहता है। लेकिन कुछ जगह पर कुछ मंदिर ऐसे होते जो बहुत प्रसिद्ध होने की वजह से लोग बड़ी संख्या में जाते है। एक ऐसे ही मंदिर के बारे में हम आपको बतानेवाले है। वो हैं अंगकोर वाट मंदिर – Angkor Wat Temple यह मंदिर कम्बोडिया में स्थित है और यह दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है। साथ ही इस मंदिर से जुडी बहुत सारी रोचक कहानिया भी है। इन सभी कहानियो के बारे में हम आपको जरुर बताएँगे इसीलिए आप निचे दी गयी सारी जानकारी को विस्तार से पढ़े। दुनिया का सबसे प्राचीन मंदिर अंगकोर वाट मंदिर – Angkor Wat Temple दुनिया के दो सबसे प्राचीन और सबसे बड़े मंदिर दक्षिण पूर्व एशिया में मौजूद है उसमेसे पहला मंदिर बर्मा के बागन में है और दूसरा कम्बोडिया का Angkor Wat Temple – अंगकोर वाट मंदिर। यह मंदिर कम्बोडिया देश में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण सन सन 802 से 1220 के दौरान खमेर वंश के समय में किया गया था। शुरुआत में इस मंदिर को खमेर साम्राज्य में भगवान विष्णु के लिए बनवाया गया था लेकिन बाद में 12 वी सदी में इस मंदिर में भगवान गौतम बुद्ध की पूजा की जाने लगी थी। यहापर जो पहला राजा था वह शैव पंथ के अनुयायी था लेकिन उसके बाद में जो राजा बना वह भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था। जब से यह मंदिर बना है तबसे यह मंदिर उस जगह का प्रमुख है। अंगकोर वाट मंदिर की वास्तुकला – Angkor Wat Temple Architecture इस मंदिर को खमेर वास्तुकला में बनाया गया था। यह मंदिर 162।6 हेक्टर म...

कंबोडिया का हिन्दू सम्राज्य, जहां है विश्व का सबसे बड़ा मंदिर

विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर परिसर तथा विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक कंबोडिया में स्थित है। यह कंबोडिया के अंकोर में है जिसका पुराना नाम 'यशोधरपुर' था। इसका निर्माण सम्राट सूर्यवर्मन द्वितीय (1112-53ई.) के शासनकाल में हुआ था। यह विष्णु मन्दिर है जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकों ने प्रायः शिवमंदिरों का निर्माण किया था। कंबोडिया में बड़ी संख्या में हिन्दू और बौद्ध मंदिर हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि कभी यहां भी हिन्दू धर्म अपने चरम पर था। पौराणिक काल का कंबोजदेश कल का कंपूचिया और आज का कंबोडिया। पहले हिंदू रहा और फिर बौद्ध हो गया। सदियों के काल खंड में 27 राजाओं ने राज किया। कोई हिंदू रहा, कोई बौद्ध। यही वजह है कि पूरे देश में दोनों धर्मों के देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बिखरी पड़ी हैं। भगवान बुद्ध तो हर जगह हैं ही, लेकिन शायद ही कोई ऐसी खास जगह हो, जहाँ ब्रह्मा, विष्णु, महेश में से कोई न हो और फिर अंगकोर वाट की बात ही निराली है। ये दुनिया का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर है।

विराट् रामायण मंदिर

अनुक्रम • 1 स्थिति • 2 आकार एवं निर्दिष्टीकरण • 3 नामकरण • 4 पृष्ठभूमि • 5 विरोध • 6 वर्तमान स्थिति • 7 इन्हें भी देखें • 8 सन्दर्भ स्थिति [ ] यह मंदिर आकार एवं निर्दिष्टीकरण [ ] योजनानुसार इस मंदिर को मुख्यतः कम्पूचिया के विश्व के बृहदतम् नामकरण [ ] संकल्पतः प्राथमिक तौर पर इस मंदिर का नाम विराट अंकोरवाट मंदिर रखा गया था। इसकी योजना के आन्वरण एवं प्रचलित चर्चा होने के बाद, विराट रामायण मंदिर का नाम दे दिया गया। पृष्ठभूमि [ ] इस पूरी परियोजना के सूत्रधार विराट अंकोरवात मंदिर, नामक एक भव्य मंदिर बनाने की थी, जिस्का आकार, संकल्पतः, असल मंदिर का दुगना हो। इसी संदर्भ में न्यास ने कुछ भूमी अधीगृत की च्येठटा में थी। विरोध [ ] वर्तमान स्थिति [ ] यह मंदिर निर्माणाधीन है। मंदिरनिर्मिण का कार्य जून २०१५ को शुरू हो गया था। इन्हें भी देखें [ ] • • सन्दर्भ [ ] • . अभिगमन तिथि 22 May 2015. • 'Donate a sq feet' scheme for Viraat Ramayan Mandir - Times Of India". Articles.timesofindia.indiatimes.com. 2013-05-19. मूल से 29 अक्तूबर 2013 को . अभिगमन तिथि 2013-10-03. • • Justine Drennan and Phak Seangly (2012-08-10). . अभिगमन तिथि 2013-10-03. • A. Srivathsan (2012-08-10). . अभिगमन तिथि 2013-10-03. • . अभिगमन तिथि 2014-04-29. • . अभिगमन तिथि 2013-10-03. • . अभिगमन तिथि 2014-04-29. • . अभिगमन तिथि 8 फ़रवरी 2016.