कोरोना वायरस कब आया था

  1. Coronavirus New Variant Omicron Havoc China How Many More Covid 19 Variants Explained Abpp
  2. कोरोनावायरस
  3. कौन सी वैक्सीन सबसे अच्छी
  4. कोरोनावायरस
  5. Coronavirus New Variant Omicron Havoc China How Many More Covid 19 Variants Explained Abpp
  6. कौन सी वैक्सीन सबसे अच्छी


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Coronavirus New Variant Omicron Havoc China How Many More Covid 19 Variants Explained Abpp

चीन में डेढ़ साल बाद नए वेरिएंट के साथ कोरोना वायरस की फिर वापसी हुई है. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 सबसे अधिक कहर बरपा रही है. एयरफिनिटी के एक रिसर्च के हवाले से ब्लूमबर्ग में दावा किया गया है कि कोरोना के नए वेरिएंट की वजह से चीन में रोजाना 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. चीन में कोरोना कहर को देखते हुए WHO ने कहा है कि अभी कोरोना खत्म होने की कोई संभावनाएं नहीं है. भारत समेत कई देशों ने भी ऐलान किया है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. लोग कोरोना नियमों का पालन करें. ऐसे में दुनिया भर में सवाल उठने लगा है कि कोरोना कब तक रहेगा और इसके अभी कितने वेरिएंट आने बाकी है? आइए इसे विस्तार से जानते हैं... कब तक कोरोना रहेगा? इसका अभी तक कोई डेडलाइन सामने नहीं आया है. सितंबर में WHO चीफ ने कहा था कि कोरोना अभी फिनिशिंग लाइन के करीब पहुंच गया है. उन्होंने मौत के घटते आंकड़ों को लेकर भी बयान दिया था. इधर, WHO चीफ के बयान के 2 महीने बाद ही लैटिन अमेरिका और चीन में कोरोना का कहर शुरू हो गया है. कई यूरोपीय देश भी इसकी चपेट में आ गया है. कैसे होता है कोरोना का नामकरण? कोरोना एक RNA वायरस है. वायरस समय-समय पर वेरिएंट बदलते रहता है. इसी वेरिएंट को पहचानने के लिए नामकरण की जरूरत होती है. मार्च 2020 से लेकर जून 2021 तक जिस देश में कोरोना के वैरिएंट मिलते थे, उसी देश के नाम से जाना जाता था. जून 2021 में भारत में डेल्टा वेरिएंट आने के बाद नामाकरण को लेकर बवाल शुरू हो गया. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल किया. अब तक कितने वेरिएंट? दुनियाभर में कोरोना वायरस के अब तक 15 वेरिएंट सामने आ चुके हैं, लेकिन 5 वेरिएंट सबसे खतरनाक साबित हुए हैं. कोरोना की ...

Covid

भारत में एक दिन में कोरोना वायरस (Covid-19) संक्रमण के 92 नए मामले सामने आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,49,92,880 हो गई है. वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 2,350 रह गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, भारत में संक्रमण से मौत का कोई नया मामला सामने नहीं आया और मृतक संख्या 5,31,891 पर स्थिर है. देश में 14 फरवरी को संक्रमण के 74 दैनिक मामले सामने आए थे. अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में अभी कोरोना वायरस संक्रमण 2,350 उपचाराधीन मरीज हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है. वहीं, देश में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी तक कुल 4,44,58,639 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 2,20,67,30,614 खुराक लगाई जा चुकी हैं. गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी. संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे. Listen to the देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे. चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी. पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार चले गए थे. (इस ...

कोरोनावायरस

यह लेख कोरोनावायरस समूह के बारे में है। महामारी फैलाने वाले कोरोनावायरस के लिए, कोरोनाविषाणु Coronavirus ██लाल: स्पाइक प्रोटीन ██भूरा: ██पीला: आवरणीय प्रोटीन उभार ██नारंगी: Group: Group IV ( (Virus) (Riboviria) अनिश्चित (Aniścit) (Nidovirales) (Coronaviridae) (Orthocoronavirinae) • (Alfacoronavirus) • (Betacoronavirus) • (Gammacoronavirus) • (Deltacoronavirus) कोरोनाविषाणु कई प्रकार के अनुक्रम • 1 नामोत्पत्ति • 1.1 सार्स-कोव २ (नोवल कोरोनावायरस) • 2 जैविकी • 2.1 पदविज्ञान • 2.2 जीनोम • 3 रोकथाम • 3.1 भारत • 3.1.1 टीम ११ • 3.1.2 आवश्यक पहल • 3.2 चीन • 3.3 संयुक्त राज्य अमेरिका • 3.4 सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची • 3.5 सन्दर्भ • 3.6 यह भी देखें • 3.7 बाहरीकड़ियाँ नामोत्पत्ति [ ] (लातीनी भाषा) में "कोरोना" का अर्थ "मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से सार्स-कोव २ (नोवल कोरोनावायरस) [ ] यह विषाणु भी प्राणियों से आया है। अधिकतर लोग जो जैविकी [ ] पदविज्ञान [ ] ये बड़े गोलाकार कणों के रूप में होते हैं। betacoronavirus उपसमूह A के सदस्य) हेमग्लगुटिनिन एस्टरेज़ नामक एक छोटा स्पाइक जैसी सतह भी कैप्सूल के अंदर जीनोम [ ] इस विषाणु में एकल आरएनए युक्त रोकथाम [ ] भारत [ ] टीम ११ [ ] कोरोना महामारी से बचाव के लिए आवश्यक पहल [ ] चीन [ ] चीन में बीमारी को रोकने के लिये हुबेई प्रांत के वुहान में ७६ दिनों की बंदी रखी गई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका [ ] कोरोना के कारण अमेरिका को सबसे अधिक नुकसान का सामना करना पड़ा। अमेरिका में एक लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई है। अब कोरोनावायरस के कारण अमेरिका को पूरी तरह से लॉक डॉउन करना पड़ा। अमेरिका...

कौन सी वैक्सीन सबसे अच्छी

कोरोना की दूसरी लहर को काबू करने और जल्द से जल्द पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने की दिशा में 1 मई से 18+ को वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो गई है। राज्यों में वैक्सीन डोज के अभाव में एक-दो दिन में शुरुआत होगी। पर जो वैक्सीन इस्तेमाल हो रही है या लगने वाली है, उसके बारे में जानना भी जरूरी है। इस बीच, यह बहस भी शुरू हो गई है कि कौन-सी वैक्सीन ज्यादा बेहतर है- कोवीशील्ड या कोवैक्सिन? फिर तीसरी रूसी वैक्सीन- स्पुतनिक V भी तो उपलब्ध होगी ही। तीनों ही वैक्सीन भारत के कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में शामिल होंगी। वैसे भी कोवीशील्ड और कोवैक्सिन तो 16 जनवरी से ही इस्तेमाल हो रही है। अच्छी बात यह है कि तीनों ही वैक्सीन कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचाने और मौत टालने में 100% इफेक्टिव हैं। इसी वजह से दुनियाभर के वैज्ञानिक कह रहे हैं कि जो भी वैक्सीन उपलब्ध हो, उसका डोज लगवा लें। यह आपकी जान बचाने के लिए जरूरी है। पर फिर भी तीनों वैक्सीन के बारे में यह जानकारी आपको होना चाहिए… तीनों में कौन-सी वैक्सीन बेहतर है? तीनों ही अच्छी हैं। जो मिले, लगवा लो। भारत के कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान में 16 जनवरी से ही कोवैक्सिन और कोवीशील्ड का इस्तेमाल हो रहा है। कोवैक्सिन को पूरी तरह से भारत में ही विकसित और बनाया जा रहा है। कोवीशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया और अब पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है। वहीं, 1 मई को कोरोना के खिलाफ युद्ध में शामिल होने भारत पहुंची रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V को मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट ने रशियन डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ मिलकर बनाया है। भारत में हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैबोरेटरी की निगरानी में 6 कंपनियां इसका...

कोरोनावायरस

यह लेख कोरोनावायरस समूह के बारे में है। महामारी फैलाने वाले कोरोनावायरस के लिए, कोरोनाविषाणु Coronavirus ██लाल: स्पाइक प्रोटीन ██भूरा: ██पीला: आवरणीय प्रोटीन उभार ██नारंगी: Group: Group IV ( (Virus) (Riboviria) अनिश्चित (Aniścit) (Nidovirales) (Coronaviridae) (Orthocoronavirinae) • (Alfacoronavirus) • (Betacoronavirus) • (Gammacoronavirus) • (Deltacoronavirus) कोरोनाविषाणु कई प्रकार के अनुक्रम • 1 नामोत्पत्ति • 1.1 सार्स-कोव २ (नोवल कोरोनावायरस) • 2 जैविकी • 2.1 पदविज्ञान • 2.2 जीनोम • 3 रोकथाम • 3.1 भारत • 3.1.1 टीम ११ • 3.1.2 आवश्यक पहल • 3.2 चीन • 3.3 संयुक्त राज्य अमेरिका • 3.4 सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची • 3.5 सन्दर्भ • 3.6 यह भी देखें • 3.7 बाहरीकड़ियाँ नामोत्पत्ति [ ] (लातीनी भाषा) में "कोरोना" का अर्थ "मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से सार्स-कोव २ (नोवल कोरोनावायरस) [ ] यह विषाणु भी प्राणियों से आया है। अधिकतर लोग जो जैविकी [ ] पदविज्ञान [ ] ये बड़े गोलाकार कणों के रूप में होते हैं। betacoronavirus उपसमूह A के सदस्य) हेमग्लगुटिनिन एस्टरेज़ नामक एक छोटा स्पाइक जैसी सतह भी कैप्सूल के अंदर जीनोम [ ] इस विषाणु में एकल आरएनए युक्त रोकथाम [ ] भारत [ ] टीम ११ [ ] कोरोना महामारी से बचाव के लिए आवश्यक पहल [ ] चीन [ ] चीन में बीमारी को रोकने के लिये हुबेई प्रांत के वुहान में ७६ दिनों की बंदी रखी गई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका [ ] कोरोना के कारण अमेरिका को सबसे अधिक नुकसान का सामना करना पड़ा। अमेरिका में एक लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई है। अब कोरोनावायरस के कारण अमेरिका को पूरी तरह से लॉक डॉउन करना पड़ा। अमेरिका...

Covid

भारत में एक दिन में कोरोना वायरस (Covid-19) संक्रमण के 92 नए मामले सामने आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,49,92,880 हो गई है. वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 2,350 रह गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, भारत में संक्रमण से मौत का कोई नया मामला सामने नहीं आया और मृतक संख्या 5,31,891 पर स्थिर है. देश में 14 फरवरी को संक्रमण के 74 दैनिक मामले सामने आए थे. अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में अभी कोरोना वायरस संक्रमण 2,350 उपचाराधीन मरीज हैं, जो संक्रमण के कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है. वहीं, देश में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी तक कुल 4,44,58,639 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 2,20,67,30,614 खुराक लगाई जा चुकी हैं. गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी. संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे. Listen to the देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे. चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी. पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार चले गए थे. (इस ...

Coronavirus New Variant Omicron Havoc China How Many More Covid 19 Variants Explained Abpp

चीन में डेढ़ साल बाद नए वेरिएंट के साथ कोरोना वायरस की फिर वापसी हुई है. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BF.7 सबसे अधिक कहर बरपा रही है. एयरफिनिटी के एक रिसर्च के हवाले से ब्लूमबर्ग में दावा किया गया है कि कोरोना के नए वेरिएंट की वजह से चीन में रोजाना 5000 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. चीन में कोरोना कहर को देखते हुए WHO ने कहा है कि अभी कोरोना खत्म होने की कोई संभावनाएं नहीं है. भारत समेत कई देशों ने भी ऐलान किया है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है. लोग कोरोना नियमों का पालन करें. ऐसे में दुनिया भर में सवाल उठने लगा है कि कोरोना कब तक रहेगा और इसके अभी कितने वेरिएंट आने बाकी है? आइए इसे विस्तार से जानते हैं... कब तक कोरोना रहेगा? इसका अभी तक कोई डेडलाइन सामने नहीं आया है. सितंबर में WHO चीफ ने कहा था कि कोरोना अभी फिनिशिंग लाइन के करीब पहुंच गया है. उन्होंने मौत के घटते आंकड़ों को लेकर भी बयान दिया था. इधर, WHO चीफ के बयान के 2 महीने बाद ही लैटिन अमेरिका और चीन में कोरोना का कहर शुरू हो गया है. कई यूरोपीय देश भी इसकी चपेट में आ गया है. कैसे होता है कोरोना का नामकरण? कोरोना एक RNA वायरस है. वायरस समय-समय पर वेरिएंट बदलते रहता है. इसी वेरिएंट को पहचानने के लिए नामकरण की जरूरत होती है. मार्च 2020 से लेकर जून 2021 तक जिस देश में कोरोना के वैरिएंट मिलते थे, उसी देश के नाम से जाना जाता था. जून 2021 में भारत में डेल्टा वेरिएंट आने के बाद नामाकरण को लेकर बवाल शुरू हो गया. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल किया. अब तक कितने वेरिएंट? दुनियाभर में कोरोना वायरस के अब तक 15 वेरिएंट सामने आ चुके हैं, लेकिन 5 वेरिएंट सबसे खतरनाक साबित हुए हैं. कोरोना की ...

कौन सी वैक्सीन सबसे अच्छी

कोरोना की दूसरी लहर को काबू करने और जल्द से जल्द पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने की दिशा में 1 मई से 18+ को वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो गई है। राज्यों में वैक्सीन डोज के अभाव में एक-दो दिन में शुरुआत होगी। पर जो वैक्सीन इस्तेमाल हो रही है या लगने वाली है, उसके बारे में जानना भी जरूरी है। इस बीच, यह बहस भी शुरू हो गई है कि कौन-सी वैक्सीन ज्यादा बेहतर है- कोवीशील्ड या कोवैक्सिन? फिर तीसरी रूसी वैक्सीन- स्पुतनिक V भी तो उपलब्ध होगी ही। तीनों ही वैक्सीन भारत के कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान में शामिल होंगी। वैसे भी कोवीशील्ड और कोवैक्सिन तो 16 जनवरी से ही इस्तेमाल हो रही है। अच्छी बात यह है कि तीनों ही वैक्सीन कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचाने और मौत टालने में 100% इफेक्टिव हैं। इसी वजह से दुनियाभर के वैज्ञानिक कह रहे हैं कि जो भी वैक्सीन उपलब्ध हो, उसका डोज लगवा लें। यह आपकी जान बचाने के लिए जरूरी है। पर फिर भी तीनों वैक्सीन के बारे में यह जानकारी आपको होना चाहिए… तीनों में कौन-सी वैक्सीन बेहतर है? तीनों ही अच्छी हैं। जो मिले, लगवा लो। भारत के कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान में 16 जनवरी से ही कोवैक्सिन और कोवीशील्ड का इस्तेमाल हो रहा है। कोवैक्सिन को पूरी तरह से भारत में ही विकसित और बनाया जा रहा है। कोवीशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर विकसित किया और अब पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है। वहीं, 1 मई को कोरोना के खिलाफ युद्ध में शामिल होने भारत पहुंची रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V को मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट ने रशियन डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ मिलकर बनाया है। भारत में हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैबोरेटरी की निगरानी में 6 कंपनियां इसका...