कोटा बैराज की आज की ताजा खबर

  1. Stock Limits on Wheat: मार्च 2024 तक के लिए गेहूं की भंडारण सीमा तय
  2. Alert: कोटा बैराज के 14 गेट खोले, बस्तियों को खाली करने की सलाह
  3. Indian Army Agniveer Rally Dates: Agniveer bharti rally schedule in kota rajasthan check documents list pst pet
  4. child laborer now get big achievement shubham rathod story gives hope in difficult times
  5. Rakasthan weather situation worsened due to rain in Kota water up to 4 5 feet filled in many areas
  6. Maharashtra Student Commits Suicide In Kota, Was Preparing For JEE Mains Exam
  7. Rakasthan weather situation worsened due to rain in Kota water up to 4 5 feet filled in many areas
  8. Maharashtra Student Commits Suicide In Kota, Was Preparing For JEE Mains Exam
  9. child laborer now get big achievement shubham rathod story gives hope in difficult times
  10. Alert: कोटा बैराज के 14 गेट खोले, बस्तियों को खाली करने की सलाह


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Stock Limits on Wheat: मार्च 2024 तक के लिए गेहूं की भंडारण सीमा तय

June 16, 2023महामारी और आयुष्मान योजना का असर, छोटे शहरों में दवा और इलाज की बढ़ी मांग June 16, 2023IBC में पेट्रोलिययम संपत्तियों पर स्थगन नहीं : MCA June 16, 2023RBI ने किया बैंक निदेशक मंडलों को आगाह June 16, 2023Opinion: तुर्की में महंगाई, दुनिया के लिए संदेश June 16, 2023Democracy: लोकतंत्र चलने की कला सीखने के लिए मुंबई में जमा हुए देशभर के विधायक June 16, 2023मध्यस्थता कानून में संशोधन के लिए सरकार ने गठित किया समिति June 16, 2023Editorial: सामाजिक सुरक्षा की कीमत June 16, 2023मॉनसून की देरी से बोआई को मिल सकती है मदद June 16, 2023रेलवे सुरक्षा में करेगी सुधार, माल ढुलाई कॉरिडोर को मिलेगा ‘कवच’ June 16, 2023Air India उड़ान में देरी पर देगी ध्यान, लीडिंग-एज सॉफ्टवेयर में कर रही निवेश • होम • बजट 2023 • अर्थव्यवस्था • बाजार • शेयर बाजार • म्युचुअल फंड • आईपीओ • समाचार • कंपनियां • स्टार्ट-अप • रियल एस्टेट • टेलीकॉम • तेल-गैस • एफएमसीजी • उद्योग • समाचार • पॉलिटिक्स • लेख • संपादकीय • आपका पैसा • भारत • उत्तर प्रदेश • महाराष्ट्र • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ • बिहार व झारखण्ड • राजस्थान • अन्य • मल्टीमीडिया • वीडियो • टेक-ऑटो • विविध • मनोरंजन • ट्रैवल-टूरिज्म • शिक्षा • स्वास्थ्य • अन्य • विशेष • आज का अखबार • ताजा खबरें • अंतरराष्ट्रीय • वित्त-बीमा • फिनटेक • बीमा • बैंक • बॉन्ड • समाचार • कमोडिटी • खेल • BS E-Paper केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए करीब 15 वर्ष में पहली बार आज इसकी भंडारण सीमा तय कर दी, जो 31 मार्च, 2024 तक लागू रहेगी। यह सीमा ट्रेडरों, थोक विक्रेताओं, खुदरा बिक्री वाली बड़ी श्रृंखलाओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू होगी। किसानों को...

Alert: कोटा बैराज के 14 गेट खोले, बस्तियों को खाली करने की सलाह

भारी बारिश के चलते सोमवार को राजस्थान के कोटा बैराज के 14 गेट खोले गए हैं. कोटा बैराज से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है. पानी छोड़े जाने के बाद आगे के इलाकों में भी अलर्ट जारी किया गया है. नदी किनारे की बस्तियों को खाली करने की सलाह दी गई है. ये भी पढ़ें- लगातार बारिश के बाद कोटा बैराज के साथ ही जवाहरसागर और राणाप्रताप सागर जैसे हाड़ौती अंचल के बड़े बांध पानी से लबालब हो गए हैं. इधर दोनों ही बांधों के गेट खोलने के बाद कोटा बैराज का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक बढ़ गया हैं,जिसके चलते बैराज के 14 से 15 गेट तक खोलकर भारी जल निकासी की जा रही हैं. फिलहाल करीबन ढाई लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा हैं,जिसके चलते चंबल नदी का जलस्तर बढ़ रहा हैं और आगे के इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया हैं. इधर, कोटा एसपी सवाई सिंह गोदारा ने भी जिले की पुलिस को सतर्क रहने के लिये कहा हैं औऱ आगे के लिए अलर्ट जारी करते हुए संबंधित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की हैं. स्कूलों की छुट्‌टी, तटीय इलाकों में मुनादी: पानी की भारी आवक के चलते कोटा बैराज से पानी की निकासी जारी है. इससे निचली बस्तियों में पानी भराव की स्थिति बन गई है. नगर निगम की टीम अब यहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मुनादी कर रही है. किनारे पर बसी दो दर्जन से अधिक कॉलोनियां इस से प्रभावित हो रही हैं. लगातार बारिश के बाद आज कई निजी स्कूलों ने दी बच्चों को राहत देते हुए अवकाश की घोषणा की है. यहां सिर्फ अध्यापकों को बुलाया गया है. . Tags: , ,

Indian Army Agniveer Rally Dates: Agniveer bharti rally schedule in kota rajasthan check documents list pst pet

Indian Army Agniveer Rally Dates 2023: राजस्थान में कोटा में 1 से 8 जुलाई को प्रस्तावित सेना अग्निवीर भर्ती श्रीनाथपुरम स्टेडियम में की जाएगी, जिसमें 17 जिलों के अभ्यर्थी भाग लेंगे। सेना भर्ती के लिए सोमवार को अतिरक्ति कलक्टर (शहर) बृजमोहन बैरवा, सेना भर्ती निदेशक कर्नल इन्द्रजीत सिंह के नेतृत्व में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने मौका निरीक्षण तैयारियों को अन्तिम रूप दिया। सेना भर्ती निदेशक श्री सिंह ने बताया कि 26 जून से सम्पूर्ण स्टेडियम को अग्निवीर सेना भर्ती तैयारियों के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा। आम नागरिकों का 26 जून से 8 जुलाई तक प्रवेश बंद रहेगा। उन्होंने बताया कि 17 जिलों के अभ्यर्थी अलग-अलग तिथियों को दौड़ में भाग लेने के लिए आएंगे। सफल अभ्यर्थी अन्य शारीरिक दक्षता परीक्षा में भाग लेंगे, 8 जुलाई को सफल अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण होगा। इस बार सेना भर्ती अग्निवीर में भाग लेने वाले युवाओं की दौड़ श्रीनाथपुरम स्टेडियम के सिंथेटिक ट्रैक पर होगी जिसके लिए सेना भर्ती में भाग लेने वाले युवाओं को स्पोर्ट शूज पहनकर आने होंगे। अभ्यर्थियों को सेना भर्ती कार्यालय द्वारा जारी दिशा-नर्दिेशों की पालना करते हुए आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित होना होगा। ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स के साथ उनकी फोटोकॉपी भी लानी होगी। दो प्रति में सीएलसी जिस पर जिला या प्रखंड शिक्षा अधिकारी का काउंटर साइन होना अनिवार्य है। एसएसपी, एसपी या सरपंच से जारी चरित्र प्रमाणपत्र की एक प्रति, डीएम, एसडीओ या सरपंच से जारी स्थाई निवास प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र, अविवाहित प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता की कॉपी लेकर आना है। इसके अलावा शपथ प्रमाणपत्र, पासपोर्ट साइज 20 रंगीन फोटो भी ले...

child laborer now get big achievement shubham rathod story gives hope in difficult times

शुभम राठौड़ की कहानी राजस्थान के प्रतापगढ़ से शुरू होती है, जो समय के चक्र में फंसकर मंदसौर के एक ढाबे में एक बाल मजदूर बनने को विवश हो जाते हैं। बाद में वह बचपन बचाओ आंदोलन के लोगों के द्वारा मुक्त कराए जाते हैं। इसके बाद उनकी जिंदगी पटरी पर लौटती है। जयपुर स्थित बाल आश्रम में मिली सुविधाओं की बदौलत आज शुभम ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। वह प्रतिष्ठित अशोका यूनिर्सिटी में इंफोएज सेंटर फॉर आंत्रप्रेन्योरशिप में डिप्टी मैनेजर के पद पर हैं। एक झटके में बदल गए थे हालात साल 2007 की बात है। शुभम की उम्र महज 11 साल थी। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई वैभव था। परिवार को चलाने की जिम्मेदारी उनके मजदूर पिता के कंधों पर थी। समय का पहिया ऐसा घूमा कि पिता की तबीयत बिगड़ने के साथ-साथ शुभम के परिवार की स्थिति खराब हो गई। शुभम बताते हैं कि इस स्थिति के लिए उनके दादा और चाचा की रूढ़िवादी सोच भी जिम्मेदार थी। शुभम कहते हैं कि उनकी मां शिक्षित महिला थीं और उनकी आंगनबाड़ी में नौकरी भी लग गई, लेकिन परिवार के बड़े-बुजुर्गों ने उन्हें नौकरी करने से रोक दिया। इसके बाद परिवार की स्थिति और खराब होती गई। ढाबे पर थे बाल मजदूर, मेहनताना केवल भरपेट भोजन इन मुश्किल परिस्थितियों में उनकी मां अपने दोनों बच्चों को लेकर अपने माता-पिता के पास मंदसौर चली गईं, लेकिन वहां भी उन्हें कोई खास मदद नहीं मिल पाई। यहां तक की शुभम और वैभव की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी किसी ने नहीं उठाई। इस परिस्थिति में शुभम को कोई रास्ता नहीं दिखा तो वह मंदसौर के एक ढाबे में काम करने लगे। यह ढाबा रात में खुला रहता था, जिसकी वजह से शुभम को पूरी रात जगकर काम करना पड़ता था। इसके बदले उन्हें पैसे नहीं मिलते थे, केवल खाना दिया...

Rakasthan weather situation worsened due to rain in Kota water up to 4 5 feet filled in many areas

राजस्थान केकोटा जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद कई इलाको मे बाढ़ के हालात बन गए है। शहर के नीचले इलाको में 4-5 फीट तक पानी भर गया। वहीं पहाड़ी इलाको में हो रही जोरदार बारिश के कोटा बैराज सहित कई बांध लबालब भर गए जिसके बाद कोटा बैराज के 8 गेटो को खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी गई। इस दौरान बैराज से 68 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया। कोटा बैराज की कुल क्षमता 854 फीट है। ऐसे में अभी बैराज का जलस्तर अभी 851.50 फीट पर बना हुआ है। वहीं कई इलाको में जलभराव की स्थिति होने के बाद जनजीवन भी बूरी तरह से प्रभावित हो गया है। दो साल पहले आई बाढ़ आज भी है लोगो के जहन में चम्बल नदी पर बना कोटा बैराज आज भी अपनी मजबूती के लिए जाना जाता है। कोटा शहर में 2 साल पहले आई बाढ़ से हुए नुकसान को आज तक कोई नहीं भूल पाया और न ही कभी भूल पाएगा। उस समय की बाढ ने एक बार फिर यादो को ताजा कर दिया। इतना पुराना होने के बाद भी कोटा बैराज चंबल के उफान को भी झेल गया। इससे पहले साल 1986 में 6 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उसके बाद साल 2019 तक कभी 6 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी नहीं हुई। लेकिन चम्बल नदी के निचले इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए। यहां से लोगो को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गाय। वर्ष 1954 में हुआ था कोटा बैराज का निर्माण शुरू चंबल नदी पर कोटा बैराज के निर्माण का काम साल 1954 में शुरू हुआ। साल 1960 में यह बनकर तैयार हो गया। इस बैराज को बनाने के लिए मिट्टी और कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था। बैराज का आधा हिस्सा मिट्टी का बना हुआ है। पानी की निकासी के लिए गेट वाले हिस्से कंक्रीट से बने हुए हैं। इसमें 19 गेट हैं। कोटा बैराज के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर भरत रत्न गौड़ ने बताया कि 62 ...

Maharashtra Student Commits Suicide In Kota, Was Preparing For JEE Mains Exam

जयपुर: कोटा में एक और कोचिंग स्टूडेंट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्र भार्गव केशव महाराष्ट्र के कामनाथ नगर का रहने वाला था, जो कोटा में राजीव गांधी नगर के फलोदी रेजीडेंसी में रहकर जेईई मेंस परीक्षा की तैयारी कर रहा था. पुलिस के मुताबिक, आज सुबह ही छात्र के माता-पिता उससे मिलने के लिए आए थे, जब वह छात्र के कमरे से निकलकर बाहर नाश्ता करने के लिए गए तो इस बीच छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि छात्र के परिजन वापस कमरे पर लौटे तो छात्र का शव फंदे पर लटका हुआ मिला. यह मंजर देखकर परिजनों के रोंगटे खड़े हो गए और हॉस्टल में चीख-पुकार मच गई. छात्र को तत्काल निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां ड्यूटी डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. कोटा के जवाहर नगर थाने के एएसआई कुंदन कुमार ने कहा कि छात्र भार्गव केशव 2 महीने पहले ही कोटा आया था और यहां एलन कोचिंग संस्थान से जेईई मेंस परीक्षा की तैयारी कर रहा था.

Rakasthan weather situation worsened due to rain in Kota water up to 4 5 feet filled in many areas

राजस्थान केकोटा जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद कई इलाको मे बाढ़ के हालात बन गए है। शहर के नीचले इलाको में 4-5 फीट तक पानी भर गया। वहीं पहाड़ी इलाको में हो रही जोरदार बारिश के कोटा बैराज सहित कई बांध लबालब भर गए जिसके बाद कोटा बैराज के 8 गेटो को खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी गई। इस दौरान बैराज से 68 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया। कोटा बैराज की कुल क्षमता 854 फीट है। ऐसे में अभी बैराज का जलस्तर अभी 851.50 फीट पर बना हुआ है। वहीं कई इलाको में जलभराव की स्थिति होने के बाद जनजीवन भी बूरी तरह से प्रभावित हो गया है। दो साल पहले आई बाढ़ आज भी है लोगो के जहन में चम्बल नदी पर बना कोटा बैराज आज भी अपनी मजबूती के लिए जाना जाता है। कोटा शहर में 2 साल पहले आई बाढ़ से हुए नुकसान को आज तक कोई नहीं भूल पाया और न ही कभी भूल पाएगा। उस समय की बाढ ने एक बार फिर यादो को ताजा कर दिया। इतना पुराना होने के बाद भी कोटा बैराज चंबल के उफान को भी झेल गया। इससे पहले साल 1986 में 6 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उसके बाद साल 2019 तक कभी 6 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी की निकासी नहीं हुई। लेकिन चम्बल नदी के निचले इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए। यहां से लोगो को दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गाय। वर्ष 1954 में हुआ था कोटा बैराज का निर्माण शुरू चंबल नदी पर कोटा बैराज के निर्माण का काम साल 1954 में शुरू हुआ। साल 1960 में यह बनकर तैयार हो गया। इस बैराज को बनाने के लिए मिट्टी और कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया था। बैराज का आधा हिस्सा मिट्टी का बना हुआ है। पानी की निकासी के लिए गेट वाले हिस्से कंक्रीट से बने हुए हैं। इसमें 19 गेट हैं। कोटा बैराज के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर भरत रत्न गौड़ ने बताया कि 62 ...

Maharashtra Student Commits Suicide In Kota, Was Preparing For JEE Mains Exam

जयपुर: कोटा में एक और कोचिंग स्टूडेंट ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. छात्र भार्गव केशव महाराष्ट्र के कामनाथ नगर का रहने वाला था, जो कोटा में राजीव गांधी नगर के फलोदी रेजीडेंसी में रहकर जेईई मेंस परीक्षा की तैयारी कर रहा था. पुलिस के मुताबिक, आज सुबह ही छात्र के माता-पिता उससे मिलने के लिए आए थे, जब वह छात्र के कमरे से निकलकर बाहर नाश्ता करने के लिए गए तो इस बीच छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने बताया कि छात्र के परिजन वापस कमरे पर लौटे तो छात्र का शव फंदे पर लटका हुआ मिला. यह मंजर देखकर परिजनों के रोंगटे खड़े हो गए और हॉस्टल में चीख-पुकार मच गई. छात्र को तत्काल निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां ड्यूटी डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. कोटा के जवाहर नगर थाने के एएसआई कुंदन कुमार ने कहा कि छात्र भार्गव केशव 2 महीने पहले ही कोटा आया था और यहां एलन कोचिंग संस्थान से जेईई मेंस परीक्षा की तैयारी कर रहा था.

child laborer now get big achievement shubham rathod story gives hope in difficult times

शुभम राठौड़ की कहानी राजस्थान के प्रतापगढ़ से शुरू होती है, जो समय के चक्र में फंसकर मंदसौर के एक ढाबे में एक बाल मजदूर बनने को विवश हो जाते हैं। बाद में वह बचपन बचाओ आंदोलन के लोगों के द्वारा मुक्त कराए जाते हैं। इसके बाद उनकी जिंदगी पटरी पर लौटती है। जयपुर स्थित बाल आश्रम में मिली सुविधाओं की बदौलत आज शुभम ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। वह प्रतिष्ठित अशोका यूनिर्सिटी में इंफोएज सेंटर फॉर आंत्रप्रेन्योरशिप में डिप्टी मैनेजर के पद पर हैं। एक झटके में बदल गए थे हालात साल 2007 की बात है। शुभम की उम्र महज 11 साल थी। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई वैभव था। परिवार को चलाने की जिम्मेदारी उनके मजदूर पिता के कंधों पर थी। समय का पहिया ऐसा घूमा कि पिता की तबीयत बिगड़ने के साथ-साथ शुभम के परिवार की स्थिति खराब हो गई। शुभम बताते हैं कि इस स्थिति के लिए उनके दादा और चाचा की रूढ़िवादी सोच भी जिम्मेदार थी। शुभम कहते हैं कि उनकी मां शिक्षित महिला थीं और उनकी आंगनबाड़ी में नौकरी भी लग गई, लेकिन परिवार के बड़े-बुजुर्गों ने उन्हें नौकरी करने से रोक दिया। इसके बाद परिवार की स्थिति और खराब होती गई। ढाबे पर थे बाल मजदूर, मेहनताना केवल भरपेट भोजन इन मुश्किल परिस्थितियों में उनकी मां अपने दोनों बच्चों को लेकर अपने माता-पिता के पास मंदसौर चली गईं, लेकिन वहां भी उन्हें कोई खास मदद नहीं मिल पाई। यहां तक की शुभम और वैभव की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी किसी ने नहीं उठाई। इस परिस्थिति में शुभम को कोई रास्ता नहीं दिखा तो वह मंदसौर के एक ढाबे में काम करने लगे। यह ढाबा रात में खुला रहता था, जिसकी वजह से शुभम को पूरी रात जगकर काम करना पड़ता था। इसके बदले उन्हें पैसे नहीं मिलते थे, केवल खाना दिया...

Alert: कोटा बैराज के 14 गेट खोले, बस्तियों को खाली करने की सलाह

भारी बारिश के चलते सोमवार को राजस्थान के कोटा बैराज के 14 गेट खोले गए हैं. कोटा बैराज से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है. पानी छोड़े जाने के बाद आगे के इलाकों में भी अलर्ट जारी किया गया है. नदी किनारे की बस्तियों को खाली करने की सलाह दी गई है. ये भी पढ़ें- लगातार बारिश के बाद कोटा बैराज के साथ ही जवाहरसागर और राणाप्रताप सागर जैसे हाड़ौती अंचल के बड़े बांध पानी से लबालब हो गए हैं. इधर दोनों ही बांधों के गेट खोलने के बाद कोटा बैराज का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक बढ़ गया हैं,जिसके चलते बैराज के 14 से 15 गेट तक खोलकर भारी जल निकासी की जा रही हैं. फिलहाल करीबन ढाई लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा हैं,जिसके चलते चंबल नदी का जलस्तर बढ़ रहा हैं और आगे के इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया हैं. इधर, कोटा एसपी सवाई सिंह गोदारा ने भी जिले की पुलिस को सतर्क रहने के लिये कहा हैं औऱ आगे के लिए अलर्ट जारी करते हुए संबंधित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की हैं. स्कूलों की छुट्‌टी, तटीय इलाकों में मुनादी: पानी की भारी आवक के चलते कोटा बैराज से पानी की निकासी जारी है. इससे निचली बस्तियों में पानी भराव की स्थिति बन गई है. नगर निगम की टीम अब यहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मुनादी कर रही है. किनारे पर बसी दो दर्जन से अधिक कॉलोनियां इस से प्रभावित हो रही हैं. लगातार बारिश के बाद आज कई निजी स्कूलों ने दी बच्चों को राहत देते हुए अवकाश की घोषणा की है. यहां सिर्फ अध्यापकों को बुलाया गया है. . Tags: , ,