कोविड 19 इंडिया

  1. Coronavirus (COVID
  2. Dk Shivakumar को कोविड
  3. कोविड-19 और घरेलू कामगार के रूप में काम कर रही महिलाओं की चुनौतियां
  4. यूनिसेफ इंडिया कोविड
  5. Coronavirus India Latest News, पढ़ें Covid


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Coronavirus (COVID

कोरोनावायरस क्या है? बहुत से वायरस हैं, जो जानवरों और इंसानों में बीमारी को जन्म देते हैं. इंसानों में कोरोनावायरस से सांस लेने संबंधी दिक्कतें होती हैं, जिनमें सामान्य खांसी, जुकाम और ज्यादा से ज्यादा मिडिल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (Middle East Respiratory Syndrome) शुरू होता है. साथ ही मरीज को सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (Severe Acute Respiratory Syndrome) होने की भी संभावना रहती है. जिस कोरोनावायरस का प्रकोप इस समय फैला हुआ है, वह हाल में ही पाया गया है. इस वायरस से कोरोनावायरस नाम की बीमारी होती है. इसे COVID-19 के नाम से भी जाना जाता है. • COVID-19 के लक्षण क्या हैं? COVID-19 के लक्षणों की बात की जाए, तो इसमें बुखार, थकान, सूखी खांसी शामिल है. साथ ही मरीजों को दर्द होता है और सांस लेने में दिक्कत होती है. इसके अलावा नाक बहती रहती है, गला खराब रहता है और डायरिया होने की भी उम्मीद रहती है. शुरू में ये लक्षण कम रहते हैं, लेकिन धीरे-धीरे वक्त के साथ बढ़ते जाते हैं. हालांकि कुछ लोगों में संक्रमित हो जाने के बाद लक्षण नहीं पाए जाते हैं और वह अस्वस्थ महसूस भी नहीं करते हैं. कोरोनावायरस से अधिकतर 80 फीसदी मरीज ठीक हो जाते हैं, जिनमें किसी खास तरह की देखभाल की आवश्यकता भी नहीं रहती है. हर छह में से एक व्यक्ति, जिसे कोरोनावायरस होता है, वह गंभीर रूप से बीमार होता है और उसे सांस लेने में खासी दिक्कत पेश आती है. बुजुर्ग व्यक्तियों, जिन्हें हाई ब्लडप्रेशर, हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानियां हों, इससे गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं. जिन लोगों को बुखार है, गले में बलगम रहता है और सांस लेने में दिक्कत आती है, उन्हें अपना इलाज करवाने की आवश्यकता ...

Dk Shivakumar को कोविड

Last Updated: June 10, 2023 20:23 IST Dk Shivakumar को कोविड-19 संबंधी नियमों के उल्लंघन मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय से मिली राहत Karnataka HCने मेकेदातु पदयात्रा के दौरान पिछले साल कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के खिलाफ दर्ज एक मामले को खारिज किया।

कोविड-19 और घरेलू कामगार के रूप में काम कर रही महिलाओं की चुनौतियां

इंटरनैशनल लेबर ऑर्गनाइज़ेशन के मुताबिक घरेलू कामगार लॉकडाउन और सामाजिक सुरक्षा की कवरेज की कमी के कारण अपना रोज़गार खोने की कगार पर हैं। आईएलओ के अनुमान के मुताबिक इन घरेलू कामगारों में 37 मिलियन महिलाएं हैं। महिला कामगारों को कार्यस्थल पर मैटर्निटी और पीरीयड लीव जैसी सुविधाओं की कमी के कारण अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि पिछले साल लॉकडाउन के कारण इनकी आर्थिक तंगी और परेशानियों को दिखाने की कोशिश की गई थी लेकिन अब लगातार दूसरे साल भी वैसी ही परिस्थिति झेलते घरेलू श्रमिकों की कहानी कहीं खो चुकी है। इस क्षेत्र में पुरुषों की एक बड़ी संख्या माली या ड्राइवर के रूप में काम करती है, लेकिन यह एक महिला प्रधान क्षेत्र है। सभी घरेलू कामगारों में से लगभग 76 फ़ीसद महिलाएं हैं। दुनिया भर में यह महिला श्रमबल का 4.5 प्रतिशत और महिला कामगारों का लगभग 9 प्रतिशत है। भारत में घरेलू कामगारों पर कोविड-19 का प्रभाव आईएलओ के अनुसार हर 22 महिला कामगारों में से एक महिला घरेलू श्रमिक के रूप में काम करती है। कोरोना महामारी से पहले घरेलू काम से होने वाली आय महिलाओं के लिए आय का एक स्थिर स्रोत था, जिससे वे घर के नियमित ज़रूरी खर्चों को पूरा करती थीं। आईएलओ के अनुसार केवल 10 फ़ीसद घरेलू कामगारों की सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच है यानि बीमार होने पर मिलनेवाली छुट्टियां, स्वास्थ्य और चिकित्सा तक सुनिश्चित पहुंच, काम के दौरान घायल होने पर सुविधा या लाभ और बेरोजगारी के दौरान बीमा जैसी सुविधाएं इन्हें नहीं मिलती। आईएलओ के आंकड़े के अनुसार कई घरेलू कामगार औसत मज़दूरी का 25 फ़ीसद कमाते हैं। ऐसे में किसी आपातकालीन स्थिति में उनके पास कोई जमापूंजी होना असंभव सी बात है। वहीं, राजस्थान महिला कामगार यून...

यूनिसेफ इंडिया कोविड

• में उपलब्ध: • • हिंदी मुख्य आकर्षण • भारत में 65 करोड़ से अधिक बच्चों और उनके परिवारों तक कोविड - 19 से कैसे सुरक्षित रहें, की सही जानकारी पहुंचाई जा चुकी है | • प्रचलित फीडबैक पद्धति के माध्यम से 2 करोड़ 29 लाख लोग कोविड - 19 पर निरंतर अपनी चिंताएं साझा करते रहे हैं और स्पष्टीकरण प्राप्त करते रहे हैं | • 6 करोड़ 2 लाख लोग डिजिटल या गैर डिजिटल प्लेटफार्म द्वारा दो तरफा संचार कर कोविड - 19 पर स्थानीय स्तर पर कार्रवाई के लिए सार्थक रूप से भाग लेते रहे हैं | • पूरे भारत में 3 करोड़ 10 लाख लोगों तक आवश्यक वाश सामग्रियां (स्वच्छता सम्बन्धी वस्तुओं सहित) और सेवाएं पहुंचे जा चुकी हैं | • कुल 2 करोड़ 30 लाख स्वास्थ्य सुविधा कर्मियों और सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण रोकथाम एवं नियंत्रण पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है | • स्वास्थ्य सुविधाओं और समुदाय में 34,700 स्वास्थ्य कर्मियों को निजी सुरक्षा उपकरण (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट - पी पी ई) दिए जा चुके हैं | • 16 राज्यों में लगभग 4 करोड़ 10 लाख बच्चे यूनिसेफ और उसके सहयोगियों द्वारा शुरू किए गए शैक्षणिक प्रयासों के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं | • 284,000 से अधिक बच्चों और उनके देखभाल करने वालों को मनो-सामाजिक सहयोग प्रदान किया गया | • अब तक परिवार या अपने माता-पिता से बिछुड़े 4,600 बच्चों को समुचित वैकल्पिक देखभाल व्यवस्था उपलब्ध कराई गई | • यूनिसेफ के 120,500 कर्मियों और सहयोगियों ने लिंग-आधारित हिंसा जोखिम न्यूनीकरण और बचे लोगों के लिए रेफेरल पर प्रशिक्षण पूरा किया | • लगभग 1 करोड़ 97 लाख बच्चे और महिलाएं यूनिसेफ समर्थित सुविधाओं में प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव पश्चात् देखभाल, आवश्यक नवजात देखभाल, टीकाकरण, बचप...

Coronavirus India Latest News, पढ़ें Covid

क्वॉरंटीन का मतलब है कि आपको और दूसरे लोगों से अलग-थलग कर दिया जाए. क्वॉरंटीन उन लोगों को किया जा रहा है, जिनमें या तो कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं या इस बात की आशंका है कि वो लोग कोरोना से पीड़ित किसी मरीज के संपर्क में आए हैं. ऐसे लोगों को अस्पतालों में भी बिल्कुल अलग वॉर्ड में रखा जा रहा है, जहां जाने वाले डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी पूरे एहतियात के साथ जा रहे हैं. हाथ में ग्लव्स और मुंह पर मास्क लगाए बिना किसी को भी उस जगह पर जाने की इजाजत नहीं होती है. हालांकि क्वॉरंटीन में रहने का ये बिल्कुल भी मतलब नहीं है कि वो आदमी कोविड 19 से पीड़ित ही हो. • डॉक्टर बार-बार इस बात की ताकीद कर रहे हैं कि अगर किसी में कोरोना के लक्षण दिख रहें हों, तो उसे क्वॉरंटीन करना चाहिए या फिर उसे सेल्फ आइसोलेशन में चले जाना चाहिए. ऐसे में कोरोना से संक्रमित कोई आदमी दूसरे आदमी के संपर्क में आता है, तो उसे भी कोरोना के संक्रमण का खतरा होता है. अगर नज़दीकी सेक्स की तो ये खतरा और भी ज्यादा हो सकता है.