कपिल धारा का मेला

  1. हरिद्वार महाकुंभ: आदि शंकराचार्य , दशनामी परम्परा और अखाड़ा
  2. Kapil dhara Amarkantak
  3. मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात
  4. राजस्थान की जनजातियां
  5. राजस्थान के प्रमुख मेले
  6. राजस्थान के प्रमुख मेले, स्थान एवं तिथि
  7. UP Uttarakhand Top 5 News Headlines Today 14 June 2023 Brij Bhushan Sharan Singh Love Jihad Purola


Download: कपिल धारा का मेला
Size: 77.35 MB

हरिद्वार महाकुंभ: आदि शंकराचार्य , दशनामी परम्परा और अखाड़ा

Views: 1,892 आस्था के कुंभ में विश्वास की डुबकी लगाते करोड़ों श्रद्धालु… जब गंगा मैया में स्नान कर बाहर निकलते हैं तो उनके अंदर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है. यह संचार दुनिया में कहीं नहीं होता है. सदियों से यह परंपरा चली आ रही है, लेकिन हर 12 साल बाद लगने वाले कुंभ में आस्था का विहंगमय रूप जो दिखाई देता है, उसे दुनिया एकटक देखती रहती है. कुंभ की बात हो और अखाड़े के महत्व के बारे में बात न हो, ऐसा संभव नहीं है. ‘अखाड़ा’ शब्द ‘अखण्ड’ शब्द का अपभ्रंश है जिसका अर्थ न विभाजित होने वाला है. आदि गुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा हेतु साधुओं के संघों को मिलाने का प्रयास किया था. अखाड़ा सामाजिक व्यवस्था, एकता और संस्कृति तथा नैतिकता का प्रतीक है. समाज में आध्यात्मिक महत्व मूल्यों की स्थापना करना ही अखाड़ों का मुख्य उद्देश्य है. यह भी पढ़ें- जगदगुरु शंकराचार्य का प्रादुर्भाव नवीं शताब्दी में जगदगुरु आध्य शंकराचार्य जी का प्रादुर्भाव हुआ. इन्होंने दो बार पूरे देश का भ्रमण किया. अपने दार्शनिक सिद्धांत अद्वैतवाद का प्रचार किया. इस प्रकार वैदिक सनातन धर्म की पुनः प्रतिष्ठा की. एक विराट भारतीय हिंदू समाज की स्थापना की और जगतगुरु कहलाये. इन्होंने लोकहित में वैदिक धर्म की धारा अहर्निश बहती रहे, इसे सुनिश्चित करते हुई देश की चारों दिशाओ में चार मठ – ज्योतिर्मठ, श्रृंगेरीमठ, शारदामठ तथा गोवर्धन मठ कायम किये. इसके साथ ही सनातन धर्म के सरंक्षण हेतु एवं उसे गतिमान बनाये रखने की दृष्टि से पारिवारिक बंधन से मुक्त, नि:स्वार्थ, निस्पृह नागा साधुओं/संन्यासियों का पुनर्गठन किया. इनके संगठनो में व्यापक अनुशासन स्थापित किया और देश में दशनाम संन्यासी प्रणाली शुरू की. इसका विधान “ मठाम्नाय” नाम से अ...

Kapil dhara Amarkantak

कपिलधारा जलप्रपात मध्य प्रदेश में स्थित है। यह एक खूबसूरत जलप्रपात है। यह जलप्रपात मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित है। यह अमरकंटक से 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जलप्रपात नर्मदा नदी पर बना हुआ। यह नर्मदा नदी पर बना हुआ पहला जलप्रपात है। यहां पर नर्मदा नदी एक ऊंची चट्टान से गिरती है। यह जलप्रपात करीब 100 फीट ऊंचा है और यह चारों तरफ जंगल खूबसूरत जंगल है। कपिल धारा झरना प्रकृति की गोद में स्थित है। आप इस झरने के नीचे स्नान का आनंद भी ले सकते हैं। झरने के आसपास बहुत घना जंगल है। जिसके कारण यहां पर विभिन्न प्रकार के पेड़ों और पक्षियों की भी कई प्रजातियां आपको देखने मिलती है। अगर आपको प्रकृति की गोद में बैठकर शांति महसूस करना चाहते हैं, तो आपको इस जगह पर आना होगा। कपिलधारा जलप्रपात अमरकंटक में स्थित है। अमरकंटक अनूपपुर में स्थित है। अनूपपुर मध्य प्रदेश का एक जिला है। आप कपिलधारा जलप्रपात में आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप अमरकंटक ट्रेन से आते हैं, तो यहां पेंड्रा नाम का एक स्टेशन अमरकंटक के नजदीक है। पेंड्रा रेल्वे स्टेशन अमरकंटक 25 से 30 किलोमीटर की दूरी पर पडता है। आप रेलवे स्टेशन से गाड़ी या टैक्सी के द्वारा कपिलधारा जलप्रपात पहुंच सकते हैं। नर्मदा नदी अमरकंटक से निकलती है। नर्मदा नदी का उद्गम अमरकंटक में हुआ है। नर्मदा नदी के उद्गम स्थल से अमरकंटक करीब 7 से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कपिलधारा जलप्रपात नर्मदा नदी बना पहला जलप्रपात है। आपको यहां पर जरूर जाना चाहिए। अमरकंटक आने वाले लोग पहले यहां पर नर्मदा नदी के उद्गम स्थल एवं मंदिर के दर्शन करते है। नर्मदा उद्गम स्थल के दर्शन करने के बाद कपिलधारा के दर्शन किया जाता है। यहां पर जलप्रपात की खूबसूरती निहारने के ल...

मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात

यहाँ हमने मध्य प्रदेश की विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपातों (Major waterfalls of Madhya Pradesh) की जानकारी प्रस्तुत की है जो आप सभी को आने वाली विभिन्न्न -2 परीक्षाओं में उपयोगी सिद्ध होगी। यदि आप मध्य प्रदेश की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है तो आपको मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपातों के बारे में जानकारी होना चाहिए। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • ✎ मध्य प्रदेश के प्रमुख जलप्रपात (Major waterfalls of Madhya Pradesh)– ● चचाई जलप्रपात– ➢ चचाई जलप्रपात रीवा, मध्य प्रदेश के पास बीहड़ नदी पर 130 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित हैं। ➢ यह झरना मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे ऊँचा झरना हैं और भारत में सबसे अधिक एकल-बूंद वाले झरनों में गिना जाता हैं। ● कपिलधारा जलप्रपात– ➢ यह जलप्रपात मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित है। कपिलधारा जलप्रपात अनूपपुर जिले में अमरकंटक से 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ➢ यह नर्मदा नदी पर बना हुआ पहला जलप्रपात है। यहां पर नर्मदा नदी एक ऊंची चट्टान से गिरती है। यह जलप्रपात करीब 100 फीट ऊंचा है। ● धुआँधार जलप्रपात– ➢ धुआंधार जलप्रपात मध्य प्रदेश के जबलपुर के निकट स्थित एक बहुत ही सुंदर जलप्रपात है। यह प्रपात भेड़ाघाट क्षेत्र का प्रमुख दर्शनीय स्थान है। ➢ भेड़ाघाट में जब नर्मदा नदी की ऊपरी धारा विश्व प्रसिद्ध संगमरमर के पत्थरों पर गिरती है तो जल सफेद धुंए के समान उड़ने लगता है। इसी कारण इसे ‘धुंआधार’ कहते हैं। इसी कारण से इस से धुआंधार जलप्रपात के नाम से जाना जाता है। ➢ धुआंधार जलप्रपात की ऊँचाई लगभग 18 मीटर है। जबलपुर शहर से 25 किमी दूर स्थित यह जलप्रपात अपनी मनमोहक सुंदरता के कारण एक चर्चित पर्यटन स्थल है। ● दुग्ध धारा जलप्...

राजस्थान की जनजातियां

राजस्थान की जनजातियां 1. मीणा निवास स्थान- जयपुर के आस-पास का क्षेत्र/पूर्वी क्षेत्र "मीणा" का शाब्दिक अर्थ मछली है। "मीणा" मीन धातु से बना है। मीणा जनजाति के गुरू आचार्य मुनि मगन सागर है। मीणा पुराण- आचार्य मुनि मगन सागर द्वारा रचित मीणा जनजाति का प्रमुख ग्रन्थ है। जनजातियों में सर्वाधिक जनसंख्या वाली जनजाति है। बाहुल्य क्षेत्र - जयपुर है। मीणाओं का कुल देवता भूरिया बाबा/गोतमेश्वर है। मीणा जाति के लोग जीणमाता (रेवासा, सीकर) को अपनी कुल देवी मानते है। जयपुर में कछवाहा वंश का श्शासन प्रारम्भ होने से पूर्व आमेर में मीणाओं का शासन था। जनजातियों में सबसे सम्पन्न तथा शिक्षित जनजाति मीणा है। मीणा वर्ग चैकीदार मीणा:- राजकीय खजाने की सुरक्षा करने वाले। जमीदार मीणा:- खेती व पशुपालन का कार्य करने वाले। चर्मकार मीणाः- चमडे़ से संबंधित व्यवसाय करने वाले। पडिहार मीणा:- भैंसे का मांस खाने वाले (टोंक व बूंदी क्षेत्र में रहते है।) रावत मीणाः- स्वर्ण राजपूतों से संबंध रखने वाले सुरतेवाला मीणाः- अन्य जातियों से वैवाहिक संबंध रखने वाले। मीणा जाति के गांव ढाणी कहलाते है। गांव का मुखिया पटेल कहलाता है। भूरिया बाबा का मेला अरणोद (प्रतापगढ़) में वैषाख पूर्णिमा को आयोजित होता है। जीणमाता का मेला रेवासा (सीकर) में नवरात्रों के दौरान आयोजित होता है। चैरासी - मीणा जाति की सबसे बड़ी पंचायत चैरासी पंचायत होती है। बुझ देवता:- मीणा जाति के देवी-देवताओं को बुझ देवता कहते है। नाता (नतारा) प्रथा:- इस प्रथा में विवाहित स्त्री अपने पति, बच्चो को छोड़कर दूसरे पुरूष से विवाह कर लेती है। छेडा फाड़ना - तलाक की प्रथा है, जिसके अन्तर्गत पुरूष नई साड़ी के पल्लू में रूपया बांधकर उसे चैड़ाई की तरफ से फाड़कर पत्नी को ...

राजस्थान के प्रमुख मेले

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • चैत्र मास मेला स्थान तिथि विशेष तथ्य ब्यावर (अजमेर) चैत्र कृष्णा प्रतिपदा – फूलडोल मेला रामद्वारा (शाहपुरा, भीलवाड़ा) चैत्र कृष्णा प्रतिपदा से पंचमी तक रामस्नेही संप्रदाय से संबंधित धनोप माता का मेला धनोप गाँव (भीलवाड़ा) चैत्र कृष्णा एकम् से दशमी तक – शील डूँगरी (चाकसू, जयपुर) चैत्र कृष्णा अष्टमी – ऋषभदेव (धुलेव, उदयपुर) चैत्र कृष्णा अष्टमी- नवमी – चित्तौड़गढ़ दुर्ग (चित्तौड़गढ़) चैत्र कृष्णा एकादशी – तिलवाड़ा (बाड़मेर) चैत्र कृष्णा एकादशी से चैत्र शुक्ला एकादशी तक – बाँसवाड़ा चैत्र अमावस्या – उदयपुर चैत्र अमावस्या – चैत्र शुक्ला एकम् से दशमी (प्रमुख रूप से अष्टमी को) जयपुर व उदयपुर चैत्र शुक्ला तृतीया गुलाबी गणगौर के लिए चैत्र शुक्ला तृतीया मारवाड़ शासक गुलाबी गणगौर चैत्र शुक्ला पंचमी नाथद्वारा श्री महावीरजी मेला चैत्र शुक्ला त्रयोदशी से वैशाख कृष्णा द्वितीया तक जैन धर्म का सबसे बड़ा मेला। जिनेन्द्र रथ यात्रा मुख्य आकर्षण सालासर (सुजानगढ़, चूरू) चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती बीजासणी माता का मेला चैत्र पूर्णिमा – वैशाख मास धींगागवर बेंतमार मेला जोधपुर वैशाख कृष्णा तृतीया – गोर मेला सियावा (आबूरोड, सिरोही) वैशाख शुक्ला चतुर्थी – वैशाख शुक्ला एकादशी – वैशाख पूर्णिमा – राशमी (हरनाथपुरा, चित्तौड़गढ़) वैशाख पूर्णिमा – ज्येष्ठ मास – सीतामाता (प्रतापगढ़) ज्येष्ठ अमावस्या – सीताबाड़ी केलवाड़ा (बाराँ) ज्येष्ठ अमावस्या श्रावण मास हरियाली अमावस्या – गंगानगर श्रावण अमावस्या – लोटियों का मेला मण्डौर (जोधपुर) श्रावण शुक्ला पंचमी – सादड़ी (पाली) श्रावण शुक्ला सप्तमी – वीरपुरी मेला श्रावण का अंतिम सोमवार – भ...

राजस्थान के प्रमुख मेले, स्थान एवं तिथि

Table of Contents • • राजस्थान के प्रमुख मेले, स्थान एवं तिथि | Rajasthan ke Pramukh Mele चैत्र माह मेला स्थान तिथि फूलडोल मेला रामद्वारा (शाहपुरा, भीलवाड़ा) चैत्र कृष्णा प्रतिपदा से पंचमी तक धनोप माता का मेला धनोप गाँव (भीलवाड़ा) चैत्र कृष्णा एकम से दशमी तक शीतला माता मेला शील डूंगरी (चाकसू, जयपुर) चैत्र कृष्णा अष्टमी ऋषभदेव मेला ऋषभदेव (धुलेव, उदयपुर) चैत्र कृष्णा अष्टमी – नवमी जौहर मेला चितोड़गढ़ दुर्ग (चितोड़गढ़) चैत्र कृष्णा एकादशी मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा (बाड़मेर) चैत्र कृष्णा 11 से चैत्र शुक्ला 11 तक घोटिया अम्बा मेला घाटिया (बारीगामा, बांसवाड़ा) चैत्र अमावस्या विक्रमादित्य मेला उदयपुर चैत्र अमावस्या सोनाणा खेतलाजी सोनाणा (तह. देसूरी, पाली) चैत्र शुक्ला एकम से दशमी (विशेषतः अष्टमी) कैलादेवी मेला कैलादेवी (करोली) चैत्र शुक्ला एकम से दशमी तक गणगौर जयपुर, उदयपुर चैत्र शुक्ला तीज घुड़ला का मेला मारवाड़ चैत्र शुक्ला तीज राम रावण मेला बड़ीसादड़ी (चितोड़गढ़) चैत्र शुक्ला दशमी सेवड़िया पशु मेला रानीवाड़ा (जालोर) चैत्र शुक्ला एकादशी श्री महावीर जी मेला महावीर जी (करोली) चैत्र शुक्ला त्रयोदशी से वैशाख कृष्णा द्वितीया मेहंदीपुर बालाजी मेला मेहंदीपुर बालाजी (दौसा) चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जयंती) सालासर बालाजी मेला सालासर (सुजानगढ़, चुरू) चैत्र पूर्णिमा (हनुमान जयंती) वैशाख माह धींगागवर बेंतमार जोधपुर वैशाख कृष्णा तृतीया गोर मेला सियावा (आबूरोड़, सिरोही) वैशाख शुक्ला चतुर्थी नारायणी माता का मेला सरिस्का (अलवर) वैशाख शुक्ला एकादशी बाणगंगा मेला विराटनगर (जयपुर) वैशाख पूर्णिमा गोमती सागर मेला झालरापाटन (झालावाड़) वैशाख पूर्णिमा गौतमेश्वर मेला गौतमेश्वर (अरनोद, चितोड़गढ़) वैशाख पूर्णिमा ज्येष्ठ माह सीता...

UP Uttarakhand Top 5 News Headlines Today 14 June 2023 Brij Bhushan Sharan Singh Love Jihad Purola

मंत्री की हिरासत पर कपिल सिब्बल का जवाब ईडी ने तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी (Senthil Balaji) को धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बुधवार को हिरासत कर लिया है. उनकी हिरासत के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इसपर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) प्रतिक्रिया दी है. Read More मस्जिद विवाद पर बोले संजय निषाद संगम नगरी प्रयागराज के तीर्थ स्थल श्रृंगवेरपुर में निषाद राज के किले में मस्जिद का विवाद अब एक बार फिर से तूल पकड़ने लगा है. इस बारे में निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर संजय निषाद ने फिर से नाराजगी जताते हुए मस्जिद को हटाए जाने की बात कही है. Read More पुरोला में धारा 144 लागू उत्तराखंड के पुरोला में 15 जून को हिंदू महापंचायत होने वाली है. इस महापंचायत का एलान उत्तराखंड में आ रहे लव जिहाद के मामलों के बाद किया गया है. हिंदुओं की महापंचायत के बाद मुस्लिमों ने भी महापंचायत करने का एलान कर दिया. लेकिन अब प्रशासन ने प्रस्तावित महापंचायत की अनुमति देने से इनकार कर दिया. वहीं पुरोला में धारा 144 लागू कर दी गई है. Read More सपा सांसद बर्क ने योग दिवस का किया बॉयकॉट हर साल की तरह इस बार भी 21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा. लेकिन इससे पहले ही भारत में इसपर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. संभल (Sambhal) से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए योगी सरकार के मदरसों और दरगाह में योग दिवस का बॉयकॉट किया है. Read More सीएम धामी बोले- 'माहौल बिगाड़ने की कोशिश' उत्तराखंड के पुरोला में 15 जून को हिंदू महापंचायत होने वाली है. इस महापंचायत का एल...