क्या इस हफ़्ते के आखिर में बारिश होने वाली है

  1. Weather Forecast: यूपी
  2. वर्षा के बारे में रोचक तथ्य और जानकारी
  3. हरियाणा ने कुरुक्षेत्र में धरने पर बैठे किसानों की मानी बात, हाईवे से हटेंगे आंदोलनकारी
  4. Hay fever Or Allergic Rhinitis In Hindi: बारिश में होने वाली गंभीर बीमारी है 'हे फीवर'
  5. जानिए,आखिर क्या होता है शादी में बारिश होने का मतलब
  6. Why is it raining in summer in India weather news imd forecast mausam ki jankari baarish


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Weather Forecast: यूपी

• • India Hindi • Weather Forecast: यूपी-बिहार में होने वाली है बारिश, बिजली गिरने की भी है संभावना Weather Forecast: यूपी-बिहार में होने वाली है बारिश, बिजली गिरने की भी है संभावना IMD की मानें तो सुबह दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, यूपी के अलग अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम तीव्रता के साथ व गरज के साथ तेज बारिश की संभावना जताई गई है. UP-Bihar Weather Forecast: शुक्रवार के दिन देश के कई हिस्सों में बारिश देखने को मिली. इसी कड़ी में हरियाणा यूपी में भी अब बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. IMD की मानें तो सुबह दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, यूपी के अलग अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम तीव्रता के साथ व गरज के साथ तेज बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. अमरोहा रामपुरा, मुरादाबाद में गरज के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है. वहीं बिहार की अगर बात करें तो यहां पिछले महीने से खूब बारिश देखने को मिल रही है. अबतक बारिश का सिलसिला पूरी तरह रूका नहीं है. बारिश रूक रूक कर हो रही है. इस बीच संभावना जताई गई है कि बिहार के कई इलाकों में अगले कुछ घंटे में बारिश देखने को मिल सकती है. वहीं कुछ स्थानों पर बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है. हारियाणा, पंजाब और राजस्थान का मौसम IMD द्वारा हरियाणा और राजस्थान में बारिश की संभावना जताई गई है. हरियाणा में नरवाणा, बरमाला, रेवाड़ी इत्यादि स्थानों पर अगले 2 घंटों में बारिश होने वाली है. वहीं पंजाब में दोबार से मॉनसून सक्रिय होने जा रहा है और कई स्थानों पर बारिश देखने को मिल सकती है.

वर्षा के बारे में रोचक तथ्य और जानकारी

वहीं वर्षा के साथ बर्फ के टुकड़े गिरना ओलों का गिरना कहलाता है। इसके अलावा सर्दियों में ओस भी नजर आती है। मानसून जैसे ‘सिस्टमों’ के कारण होती है वर्षा बात अगर केवल बारिश की करें तो यह हर जगह नहीं होती और एक-सी भी नहीं होती है। पृथ्वी पर बहुत सारी प्रक्रियाएं हैं जिनके कारण किसी स्थान पर बारिश होती है। इनमें भारत में सबसे जानी-मानी प्रक्रिया है मानसून जिसकी वजह से एक ही इलाके में एक से तीन-चार महीने तक लगातार या रुक-रुक कर वर्षा होती है। वहीं कई बार बेमौसम बारिश होती है जिसे स्थानीय वर्षा कहा जाता है। कई बार समुद्र से चक्रवाती तूफान बारिश लाकर तबाही तक ला देते हैं। वहीं लम्बे समय तक बारिश न होना सूखा ला सकता है। वर्षा की अलग-अलग वजहें वर्षा की वजह एक नहीं होती है। समुद्र स्थल से दूरी, इलाके में वर्षा के बारे में कुछ रोचक तथ्य • रंगीन वर्षा भी होती है जिसमें काफी मात्रा में धूल होती है। केरल के कोट्टयम क्षेत्र में • • अधिकांश को लगता है कि बारिश की बूंदें • गिरने वाली बारिश की अधिकतम गति 18 से 22 मील प्रति घंटे होती है। यह वायुमंडलीय घर्षण के वजह से कम हो जाती है। ऐसा न हो तो प्रत्येक बूंद बहुत ज्यादा गति से नीचे आ जाएगी और बहुत नुक्सान हो सकता है। • एक निश्चित समय दौरान एक विशेष क्षेत्र में वर्षा के माप को मापने के लिए ‘रेन गेज’ नामक उपकरण का उपयोग किया जाता है। माना जाता है कि भारत में इसका उपयोग कई सौ साल पहले से किया जा रहा है। कौटिल्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र में इसके उपयोग के बारे में लिखा मिलता है। • सौरमंडल के अन्य ग्रहों पर भी वर्षा होती है। हालांकि, यह धरती पर होने वाली बारिश से अलग है। वहां यह मिथेन, नीयन औरसत्ययूरिक एसिड आदि से हो सकती है। शुक्र ग्रह पर बारिश सल्फ...

हरियाणा ने कुरुक्षेत्र में धरने पर बैठे किसानों की मानी बात, हाईवे से हटेंगे आंदोलनकारी

सारांश • सूरजमुखी के एमएसपी की मांग को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिल्ली चंडीगढ़ हाईवे को जाम किए किसानों को आखिरकार हरियाणा सरकार से आश्वासन मिल गया. • नेपाल के व्यापारियों ने भारत से आलू, प्याज आयात करना बंद किया. नेपाल सरकार ने इन पर वैट बढ़ाया था, उसी के विरोध में लिया फ़ैसला • पाकिस्तान में साइक्लोन बिपरजोय के कारण एक लाख लोगों को निकालने के लिए सेना तैनात • लोगों को ज़्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है जापान सरकार • इक्वाडोर की एक बुज़ुर्ग महिला के अंतिम संस्कार में जुटे लोग उस वक्त हैरान रह गए, जब वह अपने ताबूत में सांसें ले रही थी. उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. • सरकार का रोज़गार मेले में 70 हज़ार नौकरियां और नौ सालों में लाखों लोगों को नौकरियां देने का दावा, कांग्रेस ने मेले को बताया 'विश्वगुरु का तमाशा' • उत्तर भारत में भूकंप के झटके, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर के डोडा में रहा और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.4 रही. • भोपाल के सतपुड़ा भवन में भीषण आग, हादसे में कोई घायल तो नहीं लेकिन आदिवासी कल्याण और उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े कई दस्तावेज़ राख. • पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है-यह दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच एक गहरे संबंध को दिखाता है. • बिपरजोय तूफ़ान : मौसम विभाग ने गुजरात के ज़िलों में बड़े नुकसान की आशंका जताई Getty Images Copyright: Getty Images स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन के परमाणु ज़खीरे में बड़ी बढ़ोतरी हुई है और इसके बढ़ते रहने की उम्मीद है. सिपरी ने सोमवार को...

Hay fever Or Allergic Rhinitis In Hindi: बारिश में होने वाली गंभीर बीमारी है 'हे फीवर'

Written by |Updated : June 22, 2021 6:37 PM IST • • • • • यह हम सभी जानते हैं कि जैसे ही मानसून सीजन शुरू होता है, यह अपने साथ बहुत सी बीमारियों को भी साथ लाता है। खांसी, जुकाम या सामान्य बुखार होना तो इस मौसम में आम बात होती है लेकिन इस मौसम में 'हे फीवर' (Hay Fever) नाम का भी एक बुखार फैलता है जो आमतौर पर अन्य बीमारियों से ज्यादा खतरनाक होता है, और अगर एक बार यह किसी को हो जाता है तो बहुत सी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। आज हम बात करेंगे 'हे फीवर' के बारे में और जानेंगे किस प्रकार आप इससे खुद को ठीक भी कर सकते हैं। 'हे फीवर' क्या होता है और यह कैसे फैलता है? बारिश के मौसम के दौरान हवा में बहुत सारे बैक्टीरिया और कीटाणु फैल जाते हैं जिनके कारण हमें कुछ बीमारियां होने का डर रहता है। जिस प्रकार मच्छर के कारण डेंगू और मलेरिया हो सकता है उसी तरह हवा के कारण हमें हे फीवर होने के चांस होते हैं। हवा में ऐसे छोटे छोटे कण होते हैं जिन्हें अगर हम सूंघ लेते हैं तो वह हमारे नाक के द्वारा हमारे गले और फिर शरीर में पहुंच जाते हैं और हम बीमार हो जाते हैं। इन्हीं कणों की वजह से हमें एलर्जी भी हो जाती है। 'हे फीवर' के लक्षण - Hay Fever Symptoms In Hindi अगर आपको यह लक्षण देखने को मिलते हैं तो समझ जाइए आपको सामान्य बुखार नहीं बल्कि 'हे फीवर' हुआ है जिसका इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। Also Read • • नाक का बहना • खांसी आना • नाक से पानी निकलना • नाक का बंद हो जाना • बार बार छींक आते रहना • आंखों में पानी आना • आंखों में खुजली होना • साइनस • आंखों के निचे डार्क सर्कल्स हो जाना • थकान महसूस होना जानवरों के संपर्क में आने से हो सकता है यह फीवर 'हे फीवर' होने का कारण ...

जानिए,आखिर क्या होता है शादी में बारिश होने का मतलब

विवाह हर इंसान के जीवन का सबसे खास दिन होता है। लेकिन यदि इसी बीच में बारिश हो जाती है, तो उसकी पूरी व्यवस्था भंग हो जाती है व कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न हो जाती है। किन्तु यदि ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से देखा जाए, तो बारिश वर वधु के प्रेम का प्रतीक होती है। ज्योतिष शास्त्र में विवाह के समय बारिश का होना बहुत शुभ माना गया है। • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी के विवाह में बारिश होती है, तो यह आपसी रिश्तों के मजबूत होने का संकेत होती है। जब बारिश का पानी वर-वधु को आपस में जोड़ने वाली कन्यादान की गांठ पर गिरता है, तो इससे उनके रिश्तों में मजबूती आती है। • यदि विवाह में बारिश हो जाती है, तो इससे विवाहित दम्पति के जीवन में संतान सुख की प्राप्ति शीघ्र ही होती है, क्योंकि विवाह में होने वाली बारिश को प्रजनन का प्रतीक माना जाता है। • जब किसी के विवाह में बारिश होती है, तो यह उस विवाहित जोड़े के दाम्पत्य जीवन के खुशहाल होने का संकेत देती है, तथा विवाह में बारिश होने का अर्थ उसके संतान सुख प्राप्ति से भी जोड़ा जाता है। ABOUT US Rahul Mehta Editor in Chief (Epatrakar.com) 18, College Road, Ratlam (M.P.) Mob. 7000543551 E-Mail: [email protected] Epatrakar एक हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है, यहाँ पर आप मध्यप्रदेश, देश, विदेश, व्यापार, राजनीति, खेल, तकनीक, मनोरंजन आदि से जुडी ताज़ा खबरे रोज पढ़ सकते है. Whatsapp पर रोजाना न्यूज़ प्राप्त करने के लिए हमारे नंबर +91 7000543551 को अपने मोबाइल में सेव करके हमें इस नंबर पर Whatsapp मेसेज करें |

Why is it raining in summer in India weather news imd forecast mausam ki jankari baarish

उत्तर पश्चिमी राज्यों में मई के दूसरे सप्ताह में भी गर्मी ठीक से दस्तक नहीं दे पाई है। इसकी वजह लगातार कई मजूबत पश्चिम विक्षोभ का आना है और उसके चलते स्थानीय मौसमी सिस्टम का मजबूत होना है। मौसम विभाग का कहना है कि इस प्रकार की स्थिति तीन दशक में एक बार देखने को मिलती है। पर इसके कोई दूरगामी नतीजे नहीं होते हैं। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चमी राज्यों में अप्रैल आखिर और मई की शुरूआत में तापमान में 8-13 डिग्री तक की कमी देखी गई है। सबसे ज्यादा कमी 25 अप्रैल से चार अप्रैल के बीच रही। मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर जेनामणि के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता ज्यादा होना, कम ऊंचाई पर होना तथा उनका दायरा व्यापक होना उत्तर पश्चिमी राज्यों में बारिश होने की प्रमुख वजह हैं। अप्रैल और मई की शुरुआत तक कुछ-कुछ अंतराल के बाद आए पश्चिमी विक्षोभ इतने व्यापक थे कि उनका एक सिरा अरब सागर तक फैला हुआ था, जिससे उन्हें नमी प्राप्त होती रही और उनका प्रभाव उत्तर-पश्चिमी राज्यों के साथ-साथ मध्य भारत तक रहा। इन शक्तिशाली विक्षोभ ने स्थानीय स्तर पर निर्मित होने वाले मौसमी सिस्टम को भी मजबूती प्रदान की जिससे कुछ-कुछ अंतराल में बारिश हुई है। इसका असर यह रहा है कि तापमान में कमी बनी हुई है। आमतौर पर इन दिनों उत्तर-पश्चिमी राज्यों में अधिकत तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है। जबकि इस बार यह मुश्किल से कहीं-कहीं 40 डिग्री तक पहुंच पाया है। लू का दौर नहीं चला आर जेनामणि के अनुसार अप्रैल-मई में राजस्थान के मरुस्थलीय इलाकों में भीषण लू का दौर शुरू हो जाता है लेकिन अभी तक वहां लू नहीं चली है। मार्च के शुरुआत में तेलंगाना, गोवा तथा अप्रैल में पूर्वी हिस्से में कुछ स्थानों पर लू चली लेकिन मई में अभी तक ...