लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में pdf

  1. लक्ष्मी आरती – Laxmi Aarti PDF Hindi – InstaPDF
  2. श्री लक्ष्मी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
  3. सिया रघुवर जी की आरती (हिंदी) & (English Lyrics) PDF
  4. Laxmi Aarti Om Jai Lakshmi Mata Aarti Worshiping At Home On Friday Solves The Problem Of Money
  5. लक्ष्मी जी की आरती । Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics PDF Hindi
  6. Laxmi Aarti PDF


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लक्ष्मी आरती – Laxmi Aarti PDF Hindi – InstaPDF

Laxmi Aarti Lyrics (लक्ष्मी माता की आरती) PDF Hindi Laxmi Aarti Lyrics (लक्ष्मी माता की आरती) Hindi PDF Download Download PDF of Laxmi Aarti Lyrics (लक्ष्मी माता की आरती) in Hindi from the link available below in the article, Hindi Laxmi Aarti Lyrics (लक्ष्मी माता की आरती) PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content. लक्ष्मी आरती - Laxmi Aarti Hindi Laxmi Aarti Lyrics (लक्ष्मी माता की आरती) हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप लक्ष्मी आरती - Laxmi Aarti हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं Laxmi Aarti Lyrics (लक्ष्मी माता की आरती) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक। हर कोई घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं । धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार के दिन पूजा करने विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के मुताबिक, शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा और आरती करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है । लक्ष्मी माता की आरती – Laxmi Aarti Lyrics ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 जिस घर में ...

श्री लक्ष्मी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित

॥ श्री लक्ष्मी स्तोत्र / स्तोत्रम् ॥ सिंहासनगतः शक्रस्सम्प्राप्य त्रिदिवं पुनः । देवराज्ये स्थितो देवीं तुष्टावाब्जकरां ततः ॥1॥ अर्थ – इन्द्र ने स्वर्गलोक में जाकर फिर से देवराज्य पर अधिकार पाया और राज सिंहासन पर आरूढ़ हो पद्महस्ता श्रीलक्ष्मी जी की इस प्रकार स्तुति की – ॥1॥ [ इन्द्र उवाच ] नमस्ये सर्वलोकानां जननीमब्जसम्भवाम् । श्रियमुन्निद्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम् ॥2॥ अर्थ – [ इन्द्र बोले ] सम्पूर्ण लोकों की जननी, विकसित कमल के सदृश नेत्रोंवाली, भगवान विष्णु के वक्षःस्थल में विराजमान कमलोद्भवा श्रीलक्ष्मी देवी को मैं नमस्कार करता हूँ ॥2॥ पद्मालयां पद्मकरां पद्मपत्रनिभेक्षणाम् । वन्दे पद्ममुखीं देवीं पद्मनाभप्रियामहम् ॥3॥ अर्थ – कमल ही जिनका निवास स्थान है, कमल ही जिनके करकमलों में सुशोभित है तथा कमलदल के समान ही जिनके नेत्र हैं, उन कमलमुखी कमलनाभ प्रिया श्रीकमला देवी की मैं वन्दना करता हूँ ॥3॥ त्वं सिद्धिस्त्वं स्वधा स्वाहा सुधा त्वं लोकपावनी । सन्ध्या रात्रिः प्रभा भूतिर्मेधा श्रद्धा सरस्वती ॥4॥ अर्थ – हे देवि ! तुम सिद्धि हो, स्वधा हो, स्वाहा हो, सुधा हो और त्रिलोकी को पवित्र करने वाली हो तथा तुम ही सन्ध्या, रात्रि, प्रभा, विभूति, मेधा, श्रद्धा और सरस्वती हो ॥4॥ यज्ञविद्या महाविद्या गुह्यविद्या च शोभने । आत्मविद्या च देवि त्वं विमुक्तिफलदायिनी ॥5॥ अर्थ – हे शोभने ! यज्ञविद्या ( कर्मकाण्ड ), महाविद्या ( उपासना ) और गुह्यविद्या ( इन्द्रजाल ) तुम्हीं हो तथा हे देवि ! तुम्हीं मुक्ति फल दायिनी आत्मविद्या हो ॥5॥ आन्वीक्षिकी त्रयी वार्ता दण्डनीतिस्त्वमेव च । सौम्यासौम्यैर्जगद्रूपैस्त्वयैत्तद्देवि पूरितम् ॥6॥ अर्थ – हे देवि ! आन्वीक्षिकी ( तर्कविद्या ), वेदत्रयी, वार्...

सिया रघुवर जी की आरती (हिंदी) & (English Lyrics) PDF

सिया रघुवर जी की आरती (हिंदी), siya raghuvar ji ki aarti – सिया रघुवर जी की आरती , शुभ आरती कीजै। शीश मुकुट काने कुंडल सोहे -२ राम लखन सिया जानकी, शुभ आरती कीजै। सिया रघुवर जी की आरती , शुभ आरती कीजै। मोर मुकुट माथे पर सोहे -२ राधा सहित घनश्याम की, शुभ आरती कीजै। सिया रघुवर जी की आरती शुभ आरती कीजै। अक्षत चंदन घी की बाती -२ उमा सहित महादेव की, शुभ आरती कीजै। सिया रघुवर जी की आरती शुभ आरती कीजै। मम दुख हरणी मंगल करणी-२ आरती लक्ष्मी गणेश की, शुभ आरती कीजै। सिया रघुवर जी की आरती शुभ आरती कीजै। अलख निरंजन असुर निकन्दन-२ अंजनि लला हनुमान की, शुभ आरती कीजै। सिया रघुवर जी की आरती शुभ आरती कीजै। रामदेव अउरी कुलदेवता -२ माता पिता गुरुदेव की, शुभ आरती कीजै। सिया रघुवर जी की आरती शुभ आरती कीजै। सिया रघुवर जी की आरती PDF डाउनलोड (PDF Download) – सिया रघुवर जी की आरती Siya Raghubar Ji Ki Aarti, Hindi (English Lyrics) – Siya Raghuvir Ji Ki Aarti, Shubh Aarti Kijiye. Sheesh Mukut Kaane Kundal Sohe -2 Ram Lakhna Siya Janaki, Shubh Aarti Kijiye. Siya Raghuvir Ji Ki Aarti, Shubh Aarti Kijiye. Mor Mukut Maathe Par Sohe -2 Radha Sahit Ghan Shyam Ki, Shubh Aarti Kijiye. Siya Raghuvir Ji Ki Aarti, Shubh Aarti Kijiye. Akshat Chandan Ghee Ki Baati -2 Uma Sahit Mahadev Ki, Shubh Aarti Kijiye. Siya Raghuvir Ji Ki Aarti, Shubh Aarti Kijiye. Mam Dukh Harani Mangal Karani -2 Aarti Lakshmi Ganesh Ki, Shubh Aarti Kijiye. Siya Raghuvir Ji Ki Aarti, Shubh Aarti Kijiye. Alakh Niranjana Asur Nikandan -2 Anjani Lala Hanuman Ki, Shubh Aarti Kijiye. Siya Raghuvir Ji Ki Aarti, Shubh Aarti Kijiye. Ramdev Auri Ku...

Laxmi Aarti Om Jai Lakshmi Mata Aarti Worshiping At Home On Friday Solves The Problem Of Money

Maa Laxmi Aarti: शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी को समर्पित है. इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना करने से घर में सुख-शांति आती है, और धन की देवी मां लक्ष्मी आपके घर अपनी कृपा से भर देती हैं. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है. ऐसा माना जाता है इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना के साथ उनकी आरती करने से मां लक्ष्मी जल्द ही प्रसन्न हो जाती है. मां लक्ष्मी की आरती के बिना उनकी पूजा पूरी नहीं मानी जाती. यहां जानिए लक्ष्मी माता की आरती की लिरिक्स इन हिंदी. मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता । सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता । कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता । सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता । खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता । उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ धन और सौभाग्य की देवी मां लक्ष्मी को माना गया है. मां लक्ष्मी भगवार विष्णु के साथ क्षीर सागर में साथ निवास करती हैं. इनकी पूजा के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है. रोज सुबह-शाम ...

लक्ष्मी जी की आरती । Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics PDF Hindi

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics Hindi : माता लक्ष्मी को धन का देवी कहाँ जाता है जो लोग माता लक्ष्मी की ध्यान प्रुवक पूजा अर्चना करते है माता उनको सुख, समृद्धि और धन देती है हिंदी धर्म में बहुत सारे लोग रोज सुबह माता लक्ष्मी की आरती करते है इसके अलावा जिस जगह पर कोई नया बिजनेस शुरू किया जाता है वहां पर पहले माता लक्ष्मी की पूजा, आरती की जाती है। सबसे अधिक हिंदी धर्म में दीपावली के दिन रोज घर में माता लक्ष्मी की आरती पूजा की जाती है जिसमे श्री लक्ष्मी जी की आरती परिवार के सभी सदस्य मिल जुलकर गाते है और माता की श्रदा भाव से पुजा करते है बहुत सारे लोगो को Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics Hindi पूरी तरह से याद नहीं होती है इसलिए वह इन्टरनेट पर लक्ष्मी जी की आरती हिंदी लिरिक्स में खोजते है यहाँ आपको Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics PDF Hindi में उपलब्ध कराये है। जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय। • Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics Om Jai Laxmi Mata, Maiya Jai Laxmi Mata. Tumako Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhata. Om Jai Laxmi Maata. Uma, Rama, Brahmaani, Tum Hee Jag-Mata. Soory-Chandrama Dhyaavat, Naarad Rshi Gata. Om Jai Laxmi Mata. Durga Rup Niranjani, Sukh Sampatti Daata. Jo Koee Tumako Dhyaavat, Rddhi-Siddhi Dhan Pata. Om Jai Laxmi Mata...

Laxmi Aarti PDF

चाहे हम बात करें दीपावली में या फिर अन्य मौकों पर तो मां लक्ष्मी जी की पूजा सबसे पहले की जाती है क्योंकि माना जाता है कि अगर हम लक्ष्मी माता की पूजा करेंगे तो हमारे घर में धन संपदा आएगी मां लक्ष्मी विष्णु भगवान की पत्नी है. और मां लक्ष्मी धन संपदा शांति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं दीपावली में गणेश भगवान जी के साथ उनकी पूजा की जाती है. Om Jai Laxmi Mata Lyrics in Hindi ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय। माँ लक्ष्मी जी की आरती से होने वाले लाभ – • आप पर धन की बरसात होती है. • आपके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है. • आपका काम और अधिक आसान हो जाता है. • जिस भी क्षेत्र में आप काम कर रहे हो उस क्षेत्र में आपको जल्दी सफलता मिलती है. • कभी भी आपके जीवन में धन संबंधित कष्ट नहीं आता है. • आप धन के द्वारा किसी और की मदद कर सकते हैं. नीचे लिंक पर दिए गए बटन पर क्लिक करने से आप Laxmi Aarti PDF Download कर सकते हैं. Download PDF Now • • •