लक्ष्मी जी की आरती लिखी हुई

  1. Laxmi Ji Ki Aarti : ॐ जय लक्ष्मी माता… इस आरती को गाकर धन की देवी को करें प्रसन्न
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  3. आरती श्री लक्ष्मी जी
  4. Aarti Laxmi Ji Ki Lyrics
  5. लक्ष्मी जी की आरती
  6. लक्ष्मी जी की आरती और उसका अर्थ
  7. लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में लिखा हुआ Laxmi Ji Aarti Lyrics In Hindi
  8. श्री लक्ष्मी जी की आरती । Laxmi Ji Ki Aarti
  9. Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata Aarti Benefits


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Laxmi Ji Ki Aarti : ॐ जय लक्ष्मी माता… इस आरती को गाकर धन की देवी को करें प्रसन्न

Laxmi Aarti And Chalisa : हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इनकी पूजा से घर में बरकत आती है। पौराणिक आख्यानों के मुताबिक देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। माना जाता है कि लक्ष्मी की जिस घर में कृपा रहती है वहां हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है। मां को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। लेकिन आप धन की देवी मां लक्ष्मी को इनकी आरती उतार कर और चालीसा का पाठ करके प्रसन्न कर सकते हैं। लक्ष्मी की पूजा के बाद आरती जरूरी माना जाता है तभी पूरा फल प्राप्त होता है। लक्ष्मी माता की आरती (Laxmi Ji Ki Aarti) : उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय… तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता॥ ॐ जय… तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय… जिस घर तुम रहती, तहं सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता॥ ॐ जय… तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता। खान-पान का वैभव सब तुमसे आता॥ ॐ जय… शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता॥ ॐ जय… महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता। उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता॥ ॐ जय… • मुखपृष्ठ • चुनाव 2023 • भारत न्यूज़ • ब्रेकिंग न्यूज़ • वीडियो • अंतरराष्ट्रीय • व्यापार • बजट • खेल • क्रिकेट • फ़ुटबॉल • IPL 2023 • विशेष • राज्य • नई दिल्ली • मुंबई • पुणे • लखनऊ • कोलकाता • बेंगलुरु • जयपुर • अहमदाबाद • चेन्‍नई • नोएडा • चंडीगढ़ • गुड़गांव • पटना • वाराणसी • कानपुर • भोपाल • भागलपुर • विचार • ब्लॉग • संपादकीय • राजनीति • दुनिया मेरे आगे • समांतर • ...

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आरती श्री लक्ष्मी जी

आरती श्री लक्ष्मी जी ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ • ॐ जय जगदीश हरे • श्री गणेशजी की आरती • आरती गजबदन विनायक • आरती श्री गणपति जी • आरती कुंजबिहारी की • श्री बाँकेबिहारी की आरती • आरती श्री हनुमानजी • आरती श्री रामचन्द्रजी • श्री रामायणजी की आरती • शिवजी की आरती • आरती श्री सत्यनारायणजी • आरती श्री सूर्य जी • श्री पुरुषोत्तम देव की आरती • शनिदेव की आरती • श्री नरसिंह भगवान की आरती • आरती श्री गोवर्धन महाराज की • श्री चित्रगुप्त जी की आरती • आरती श्री अम्बा जी • आरती श्री लक्ष्मी जी • आरती श्री सरस्वती जी • आरती श्री वैष्णो देवी • आरती श्री गंगा जी • आरती श्री दुर्गाजी • आरती अहोई माता की • एकादशी माता की आरती • श्री पार्वती माता जी की आरती • आरती ललिता माता की • श्री तुलसी जी की आरती • गायत्री माता आरती • श्री खाटू श्यामजी की आरती • रविवार आरती • मंगलवार आरती • बु...

Aarti Laxmi Ji Ki Lyrics

5/5 - (2 votes) Aarti Laxmi Ji Ki Lyrics:- हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहारों और उत्सव के साथ-साथ दैनिक जीवन में भी सुबह तथा शाम भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और इस पूजा अर्चना में आरती महत्वपूर्ण भाग होता है इसलिए अगर आप “Aarti Laxmi Ji Ki” लिखी हुई आरती ढूंढ रहे हैं तो यहां पर आपको पूरी लिखी हुई आरती मिलने वाली है। परंतु हर किसी को संपूर्ण आरती याद हो ऐसा नहीं होता है इसलिए बहुत सारे लोग Aarti Laxmi Ji Ki Lyrics को पढ़कर अच्छी तरह भगवान की आरती करते हैं जिससे उन पर भगवान की विशेष कृपा बनी रहे और यही पूजा अर्चना करने का उत्तम तरीका माना जाता है। और कई बार आरती करते समय हम आरती भूल जाते हैं इसलिए भी हम पहले से लिखी हुई आरती अपने सामने रखते हैं ताकि हम से किसी प्रकार की कोई चूक न हो और हम विधि-विधान से भगवान की पूजा कर सके जिसके बाद ही हमें पूजा का फल मिलता है तो चलिए हम आपको Aarti Laxmi Ji Ki Lyrics हिंदी और इंग्लिश दोनों में प्रदान कर रहे हैं आपको जो ज्यादा आसान और सरल लगे आप उसका इस्तेमाल करके अपनी प्राथना कर सकते हैं। लक्ष्मी जी की आरती.. ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निस दिन सेवत, मैया जी को निस दिन सेवत हर विष्णु विधाता || ॐ जय लक्ष्मी माता || उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ओ मैया तुम ही जग माता सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता || ॐ जय लक्ष्मी माता || दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता ओ मैया सुख सम्पति दाता जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता || ॐ जय लक्ष्मी माता || तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता ओ मैया तुम ही शुभ दाता कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता || ॐ जय लक्ष्मी माता || जिस घर तुम रहती तहँ सब सदगुण आता ओ मैया सब सदगुण आता सब सम्ब्नव हो जात...

लक्ष्मी जी की आरती

दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता… तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभ दाता। कर्म-प्रभाव प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥ ओ३म् जय लक्ष्मी माता… जिस घर में तुम रहतीं, तहँ सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ओ३म् जय लक्ष्मी माता… यह भी पढ़ें – तुम बिन यज्ञ न होते, बरत न हो पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता… एक अमेज़न एसोसिएट के रूप में उपयुक्त ख़रीद से हमारी आय होती है। यदि आप यहाँ दिए लिंक के माध्यम से ख़रीदारी करते हैं, तो आपको बिना किसी अतिरिक्त लागत के हमें उसका एक छोटा-सा कमीशन मिल सकता है। धन्यवाद! विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर लक्ष्मी माता की आरती (Lakshmi Mata Ki Aarti) हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें लक्ष्मी माता की आरती रोमन में– Read Lakshmi Ji Ki Aarti oma jaya lakṣmī mātā, maiyā jaya lakṣmī mātā। tumako niśadina sevata, hara viṣṇu dhātā॥ oma jaya lakṣmī mātā… umā, ramā, brahmāṇī, sūrya-candramā dhyāvata, nārada ṛṣi gātā॥ oma jaya lakṣmī mātā… durgā rūpa niraṃjani, sukha sampatti dātā। jo koī tumako dhyāvata, ṛddhi-siddhi dhana pātā॥ oma jaya lakṣmī mātā… tuma pātāla-nivāsini, tuma hī śubha dātā। karma-prabhāva prakāśini, bhavanidhi kī trātā॥ o3m jaya lakṣmī mātā… jisa ghara meṃ tuma rahatīṃ, taha~ sadguṇa ātā। saba sambhava ho jātā, mana nahīṃ ghabarātā॥ o3m jaya lakṣmī mātā… tuma bina yajña na hote, barata na ho pātā। khāna-pāna kā vaibhava, saba tumase ātā॥ oṃ jaya lakṣmī mātā… śubha guṇa mandira sundara...

लक्ष्मी जी की आरती और उसका अर्थ

हर शुक्रवार को सुबह और शाम लक्ष्मी जी की आरती करने से सुख, संपत्ति और ऐश्वर्य मिलता है। सभी तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। लक्ष्मी जी की आरती तो कई लोग करते हैं, लेकिन बिना अर्थ जाने और अशुद्ध उच्चारण की वजह से उसका फल नहीं मिल पाता है। लक्ष्मी जी की आरती 16 पंक्तियों की है। जिनमें मां लक्ष्मी जी की उत्पत्ति से लेकर उनकी कृपा से मिलने वाले फल का वर्णन है। इस अारती में लक्ष्मी जी की महिमा और उनके गुणों का गान किया गया है। आरती का अर्थ जानने के बाद देवी लक्ष्मी जी का महत्व और प्रभाव के बारे में अच्छे से पता चल जाता है। इससे मन में भक्ति-भाव जागृत होते हैं। हम आपको लक्ष्मी जी की आरती और उसकी हर लाइन का अर्थ बता रहे हैं। जिससे लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे। ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता | तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता.... अर्थ - हे लक्ष्मी मां, भगवान विष्णु हर दिन आपका ही ध्यान करते हैं। आपको प्रणाम है। श्री लक्ष्मीजी की आरती उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम जग की माता | सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता.... अर्थ - आप उमा, रमा और ब्रह्माणी के रुप में जगत का पालन-पोषण करती हो। सूर्य-चंद्रमा भी आपका ध्यान करते हैं और नारद ऋषि भी आपकी स्तुति गाते हैं। आपको प्रणाम है। दुर्गारुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता | जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता.... अर्थ - आप मां दुर्गा का ही रुप हैं और सुख-संपत्ति देने वाली हो। जो भी आपका ध्यान करता है और पूजा करता है उसे ऋद्धि, सिद्धि और धन सब कुछ मिल जाता है। आपको प्रणाम है। तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता | कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता.... अर्थ - प...

लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में लिखा हुआ Laxmi Ji Aarti Lyrics In Hindi

माता लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है, यह श्री हरि विष्णु की प्रिया है उनके चरणों में सदैव सेवारत रहती हैं। अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं भक्तों के घर सुख-संपत्ति, धन-वैभव आदि से परिपूर्ण करती हैं।जिस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है उस घर में दुख दरिद्रता नहीं होती। वहां के लोग स्वस्थ निरोगी तथा दीर्घायु होते हैं। भगवान विष्णु की प्रिय होने के कारण भक्त श्री विष्णु के भी अनुकंपा के पात्र होते हैं। प्रस्तुत लेख में आप मां लक्ष्मी की आरती पढ़ेंगे। Table of Contents • • • ॐ जय लक्ष्मी माता (Laxmi Ji Aarti Lyrics In Hindi) महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे । सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता । सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता । कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता । सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता । खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता । उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥ ॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया...

श्री लक्ष्मी जी की आरती । Laxmi Ji Ki Aarti

जिस जगह की नया व्यापार शुरू किया जाता है उस जगह प्रतिदिन महालक्ष्मी जी की आरती होती है हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की मान्यता है कि मां लक्ष्मी की आरती करने से उनका व्यापार फलता फूलता है। महालक्ष्मी की आरती दीपावली के दिन विशेष तौर पर की जाती है। हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि दीपावली के दिन अगर कोई मां लक्ष्मी की पूजा करता है तो उसका घर से सब कष्ट, दरिद्रता दूर हो जाती है और सबकी मनोकामना पूर्ण होती है। विषय-सूची 1 • • Laxmi Ji ki Aarti in Hindi ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ ओम जय लक्ष्मी माता॥ सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय। Laxmi Ji ki Aarti in Hindi Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics Om Jai Laxmi Mata, Maiya Jai Laxmi Mata. Tumako Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhata. Om Jai Laxmi Maata. Uma, Rama, Brahmaani, Tum Hee Jag-Mata. Soory-Chandrama Dhyaavat, Naarad Rsh...

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata Aarti Benefits

Lakshmi Ki Aarti : शास्त्रों में लक्ष्मी जी धन की देवी बताया गया है. लक्ष्मी जी का संबंध वैभव, सुख-समृद्धि से है. माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जब प्राप्त होता है तो सुखों में वृद्धि होती है. मान सम्मान प्राप्त होता है. यही कारण है कि हर कोई लक्ष्मी जी का आशीर्वाद चाहता है. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी का प्रिय दिन है. आज विशेष संयोग बना है. पंचांग के अनुसार 17 जून 2022, शुक्रवार को आषाढ़ मास की तृतीया तिथि है. जिसका समापन प्रात: 6 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है. इसके बाद चतुर्थी की तिथि प्रारंभ होगी. ये तिथि गणेश पूजा के लिए उत्तम मानी गई है. इस दिन लक्ष्मी जी के साथ विघ्नहर्ता की पूजा का भी संयोग बना हुआ है. इस दिन इस आरती का पाठ घर में सुख-समृद्धि लाता है और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. आइए यहां पढ़ते हैं लक्ष्मी जी की आरती- लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ki Aarti) ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता। सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता। कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।। ओम जय लक्ष्मी माता। जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता। सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।। ओम जय लक्ष्मी माता। तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता। खान पान का वैभव सब तुमसे आता।। ओम जय लक्ष्मी माता। शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता। उर आनंद समा...