लक्ष्मी जी की स्तुति

  1. मां लक्ष्मीजी की स्तुति, स्तोत्र, चालीसा और आरती, यहां पढ़ें
  2. श्री लक्ष्मी चालीसा हिन्दी अर्थ सहित
  3. Mahalaxmi Stuti
  4. श्री लक्ष्मी चालीसा
  5. Mahalaxmi Stuti: महालक्ष्मी स्तुति हिंदी अर्थ सहित
  6. लक्ष्मी स्तुति पढ़ें


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मां लक्ष्मीजी की स्तुति, स्तोत्र, चालीसा और आरती, यहां पढ़ें

हर व्यक्ति के जीवन में अच्छा समय भी आता है और बुरा समय भी। कई बार बुरे समय के आने के पहले ही हमें अहसास होने लगता है कि कोई होनी अनहोनी होने वाली है। हालांकि पारंपरिक विश्‍वास के आधार पर भी यह जाना जाता है कि बुरा वक्त कब आने वाला है। ऐसे 5 संकेत हैं जिससे यह जाना जा सकता है कि बुरा समय आने वाला है। इसे जानकर पहले ही सतर्क हो जाएं। हालांकि इसकी हम पुष्टि नहीं करते हैं। Amarnath Yatra 2023 : वर्ष 2023 में अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई 2023 से शुरू होने की संभावना है जोकि 31 अगस्त को समाप्त होगी। यदि आप भी अमरनाथ यात्रा करना चाहते हैं तो अमरनाथ यात्रा के पंजीकरण के लिए करीब 542 बैंक शाखाओं में 17 अप्रैल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो गया है। यदि आप यात्रा की दुर्गमता को जानकर या रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण अमरनाथ यात्रा नहीं जा पा रह हैं तो यहां चले जाएं। Kalava in hindi : कई लोग हाथ की कलाई पर काला या लाल धागा बांधते हैं। पीला धागा अक्सर मांगलिक कार्य के दौरान बांधा जाता है लेकिन काला या सफेद धागा ज्योतिष की मान्यता या लोकमान्यता के अनुसार कलाई पर बांधा जाता है। कहते हैं कि 2 राशियों के लोगों को काला और अन्य 2 राशियों के जातकों को काला धागा या नाड़ा नहीं बांधना चाहिए। Akhand Samarajya Rajyog 2023 : अगले हफ्ते ग्रहों के परिवर्तन से महत्वपूर्ण योग और राजयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस बार अखंड साम्राज्य योग के साथ ही नव पंचम राजयोग का निर्माण भी हो रहा है जिसके चलते 4 राशियों को वर्षों तक लाभ होता रहेगा। बस उन्हें एककाम करना है तो फायदा ही फायदा होगा। Chanakya niti about woman : चाणक्य नीति में महिला और पुरुषों के गुण और व्यवहार को लेकर बहुत कुछ लिखा है...

श्री लक्ष्मी चालीसा हिन्दी अर्थ सहित

देवी लक्ष्मी जी को धन, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है। लक्ष्मी जी की नित्य पूजा करने से मनुष्य के जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती है। देवी लक्ष्‍मी एक बार खुश हो जाती हैं तो आप पर धन की बारिश भी हो सकती है। मां लक्ष्मी के पूजन का शुभ दिन शुक्रवार को माना गया है। श्री लक्ष्मी चालीसा की रचना रामदास ने की थी। लक्ष्मी जी की आराधना के लिए निम्न श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Lakshmi Chalisa) का पाठ करना चाहिए। अर्थ: हे मां लक्ष्मी दया करके मेरे हृदय में वास करो हे मां मेरी मनोकामनाओं को सिद्ध कर मेरी आशाओं को पूर्ण करो। ॥ सोरठा॥ यही मोर अरदास , हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास , जय जननि जगदंबिका॥ अर्थ: हे मां मेरी यही अरदास है, मैं हाथ जोड़ कर बस यही प्रार्थना कर रहा हूं हर प्रकार से आप मेरे यहां निवास करें। हे जननी, हे मां जगदम्बिका आपकी जय हो। ॥ चौपाई ॥ सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही ॥ अर्थ: हे सागर पुत्री मैं आपका ही स्मरण करता हूं, मुझे ज्ञान, बुद्धि और विद्या का दान दो। तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥ जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥ अर्थ: आपके समान उपकारी दूसरा कोई नहीं है। हर विधि से हमारी आस पूरी हों, हे जगत जननी जगदम्बा आपकी जय हो, आप ही सबको सहारा देने वाली हो, सबकी सहायक हो। तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥ जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥ अर्थ: आप ही घट-घट में वास करती हैं, ये हमारी आपसे खास विनती है। हे संसार को जन्म देने वाली सागर पुत्री आप गरीबों का कल्याण करती हैं। विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥ केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥ ...

Mahalaxmi Stuti

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श्री लक्ष्मी चालीसा

लक्ष्मी जी हमारे घर में सुख संपदा शांति और समृद्धि लेकर आती है जो व्यक्ति लक्ष्मी माता की चालीसा रोजाना करता है उसके घर में धन की कभी भी कमी नहीं होती तथा जीवन भर वह सुख तथा समृद्ध बना रहता है. माँ लक्ष्मी जिस व्यक्ति पर अपनी कृपा बना लेती है उसे गरीब से अमीर बना लेती है हालांकि धन को प्राप्त करने मात्र से ही किसी भी व्यक्ति को सुखी नहीं कहा जा सकता जब किसी व्यक्ति के पास अधिक धन आता है तो वह व्यक्ति अहंकारी बन जाता है इसीलिए मां लक्ष्मी ऐसा आशीर्वाद देती है जिससे कि उस व्यक्ति में धन भी रहे तथा वह व्यक्ति सुखी भी रहे आवश्यकता से अधिक धन व्यक्ति को कुसंस्कारी तथा वह धन का दुरुपयोग करने लगता है। लक्ष्मी को सौंदर्य की देवी भी कहा गया है क्योंकि लक्ष्मी माता वहां निवास करती है जहां स्वच्छता तथा प्रसन्नता बनी रहती है लक्ष्मी जी की सवारी उल्लू को कहा जाता है लक्ष्मी चालीसा को प्रतिदिन पढ़ना चाहिए क्योंकि चालीसा को पढ़ने से आपके घर में लक्ष्मी सदा निवास करेगी इसके अलावा लक्ष्मी आरती सभी पाठ जरूर करें। See also RSS 360 Book PDF (Demystifying Rashtriya Swayamsevak Sangh) Chalisa Lyrics in Hindi ।। दोहा ।। मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्घ करि, परुवहु मेरी आस॥ ।। सोरठा ।। यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं। सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥ ।। चौपाई ।। सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥ तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥ जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥ तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥ जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥ विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥ केहि व...

Mahalaxmi Stuti: महालक्ष्मी स्तुति हिंदी अर्थ सहित

Mahalaxmi Stuti: महालक्ष्मी स्तुति हिंदी अर्थ सहित Mahalaxmi Stuti मां लक्ष्मी की आराधना धन की देवी के रूप में की जाती है। मानव जीवन में लगभग सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये धन का बड़ा महत्व है। शिक्षा, व्यापार तथा यात्रा आदि सभी कार्यां में अर्थ की उपयोगिता सर्वमान्य है। यही कारण है कि महालक्ष्मी स्तुति Mahalaxmi Stuti की रचना महर्षि अगस्त्य के द्वारा की गयी है। इस स्तुति के भक्तिपूर्वक पाठ से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और दरिद्रता का नाश होता है। साथ ही साधकों के सभी प्रकार के दुःख-संताप दूर हो जाते हैं और उन्हें सर्वत्र विजय की प्राप्ति होती है। यहां मां लक्ष्मी की स्तुति Mahalaxmi Stuti संस्कृत श्लोक के साथ-साथ हिन्दी में अर्थ सहित दी गयी है जिससे पाठक मंत्रों का अर्थ भी सरलता से समझ सकें। कहा जाता है कि किसी भी मंत्र का यदि अर्थ भी हमें ज्ञात होता है तो भक्ति का फल भी कई गुना बढ़ जाता है। तो आईये, हम भी Mahalaxmi Stuti माता की स्तृति करके सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें तथा अपने जीवन को खुशहाल बनायें। Mahalaxmi Stuti॥ महालक्ष्मी स्तुति ॥ मातर्नमामि कमले कमलायताक्षि श्रीविष्णुहृत्कमलवासिनि विश्वमातः । क्षीरोदजे कमलकोमलगर्भगौरि लक्ष्मि प्रसीद सततं नमतां शरण्ये ॥१॥ अर्थ – कमल के समान विशाल नेत्रोंवाली माता कमले ! मैं आपको प्रणाम करता हूँ। आप त्वं श्रीरूपेन्द्रसदने मदनैकमात – र्ज्योत्स्नासि चन्द्रमसि चन्द्रमनोहरास्ये । सूर्ये प्रभासि च जगत्त्रितये प्रभासि लक्ष्मि प्रसीद सततं नमतां शरण्ये ॥२॥ अर्थ– मदन ( प्रद्युम्न ) की एकमात्र जननी रुक्मिणी रुप धारिणी माता ! आप भगवान विष्णु के त्वं जातवेदसि सदा दहनात्मशक्ति – र्वेधास्त्वया जगदिदं विविधं विदध्यात् । विश्वम्भरोऽ...

लक्ष्मी स्तुति पढ़ें

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते। धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥5॥ मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि। प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥6॥ गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि। अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥7॥ धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि। वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥8॥ जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे। जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥9॥ भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि। भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥10॥ कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते। कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥11॥ आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि। आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥12॥ सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि। सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥13॥ सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते। रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥14॥ साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि। मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे॥15॥ मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे। मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा॥16॥ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते॥17॥ विदेशों में बसे कुछ हिंदू स्वजनों के आग्रह पर लक्ष्मी स्तुति को हम रोमन में भी प्रस्तुत कर रहे हैं। हमें आशा है कि वे इससे अवश्य लाभान्वित होंगे। पढ़ें लक्ष्मी स्तुति रोमन में– Read Lakshmi Stuti ādi lakṣmi namaste’stu parabrahma svarūpiṇi। yaśo dehi dhanaṃ dehi sarva kāmāṃśca de...